बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं

कितने पैसे करना है निवेश
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की एक रिपोर्ट में मसाला बनाने की यूनिट लगाने का पूरा खाका तैयार किया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मसाला बनाने की यूनिट लगाने में 3.50 लाख रुपये का खर्च होंगे. जिसमें 300 वर्ग फुट बिल्डिंग शेड पर 60,000 रुपये और इक्विपमेंट पर 40,000 रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा, काम शुरू होने पर होने वाले खर्च के लिए 2.50 लाख रुपये की जरूतत होगी. इतनी रकम में आपका बिजनेस शुरू हो जाएगा.
आटा चक्की सेटअप करने की सभी जानकारिया Atta Chakki Business Hindi
हम अपने दैनिक जीवन में रोटी खाने के लिए गेहूं के आटे का प्रयोग करते हैं। आटा का बिजनेस फायदेमंद बिज़नेस में से एक है, क्योंकि चाहे गाँव हो या शहर हर जगह आटे की डिमांड है. आज देश के हरेक घर में एक टाइम रोटी तो बनती ही है और तो आटे की डिमांड होटल, रेस्टुरेंट, ढाबा आदि पर भी रहती है।
आटा मशीनों के द्वारा बड़ी मात्रा में आटे की manufacturing की जाये और उस आटे से लोगों के जरूरतों की पूर्ति हो उसे आटा मिल कहते हैं । आटा मिल लगाने के बाद आप विभिन्न प्रकार के अनाज एवं मसालों की पिसाई आधुनिक मशीनों के द्वारा कर सकते हैं ।
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आटा बिजनेस के लिए चक्की
आज से कुछ वर्ष पूर्व में आटा चक्की की मशीनें आती थीं उसमे पत्थर लगा होता था जिसमें उद्दमी को बार-बार चक्की को छीनना पड़ता था लेकिन अब के समय में आटा चक्की की मशीन आती है तो उसमे कोई पत्थर छेनी का झंझट नहीं होता है।
आटा एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे कोई भी बिना खाए नहीं रह सकता वर्तमान समय में बाजार में पैक किये हुए आटे बिक रहे हैं जो भविष्य में भी बिकेंगे ।
बड़े पैमाने पर ही आटे का प्रयोग बेकरी के प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, बिस्कुट, केक आदि को बनाने में भी किया जाता है एवं पिज्जा बेस, बर्गर के लिए बन्स, डोनट्स, नूडल्स, दलिया आदि भी बनाये जाते हैं तो इन सभी बातों को ध्यान में रखें ये आटा मिल या आटा बिज़नेस आपका ठप्प कभी नहीं होगा।
आटा बिजनेस के लिए कच्चा माल
आटा का बिज़नेस शुरू करने के लिए सबसे जरूरी चीज है कच्चा माल के रूप में आपको गेहूं खरीदना पड़ता है । इसलिए गेहूं की खरीददारी आप गेहूं तैयार होने के समय में ही खरीदें जिससे आपको कुछ सस्ते रेट में गेहूं मिल जायेगा । आप कच्चा माल कहीं से भी खरीदें लेकिन उच्च गुणवत्ता का ही खरीदें खराब माल खरीदने पर आपको भारी हानि उठाना पड़ सकता है. आप चाहें तो कच्चा माल भारत के इन सभी राज्य के उत्तरप्रदेश , पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से भी गेहूं की खरीद दारी कर सकते हैं।
आपको कच्चा माल स्टोर रखने के लिए गोदाम वहाँ पर बनायें ध्यान रखें की नमी आदि न पहुँचने पाए और नमी पहुँचने पर गेहूं में फफूंद लग सकता है जिससे की कच्चा माल ख़राब हो सकता है। गोदाम में रखे माल को बीच-बीच में निरीक्षण करते रहें यदि कहीं चूहे दिखते हैं तो कोई दवा रखें जिससे चूहे ना आयें।
फ्लौर मिल लगाने के लिए जगह
आटा मिल बिज़नेस आप दो तरीके से शुरुआत कर सकते हैं एक तो आप छोटे स्तर से और दूसरा बड़े स्तर से , छोटे स्तर पर आप छोटी मशीन लेकर आटा मिल बिज़नेस शुरू कर सकते हैं, जिसमे आपका 300 से 500 Square फिट जगह की जरूरत होगी और यदि आप बड़े स्तर पर शुरुआत कर रहे हैं तो आपको बड़ी मशीन लगानी होगी ।
जिसमे कच्चा माल और आटा रखने के लिए गोदाम की जरुरत पड़ती है जिसके लिए बड़े जगह की होनी चाहिए और आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की जिस जगह पर आप आटा मिल लगा रहे हैं , मार्किट के नजदीक हो और फैक्ट्री तक आने जाने के लिए आवाजाही की सुविधा एवं बिजली और पानी की भी सुविधा उपलब्ध हो ।
लिक्विड ETF की मदद से शेयर बाजार में बढ़ाएं अपनी कमाई, ऐसे करें स्मार्ट इनवेस्टमेंट
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Oct 08, 2022 | 2:19 PM
सभी जानते हैं कि निवेश का रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है आप अपने पैसे पर कितना जोखिम उठा रहे हैं. बाजार में ऐसे सैकड़ों इंस्ट्रूमेंट्स हैं जहां जोखिम के अलग अलग स्तरों पर अलग अलग रिटर्न मिलता है. स्मार्ट इनवेस्टर बाजार में मौजूद इन सभी विकल्पों का इस्तेमाल इस तरह से करते हैं जिससे वो पैसे की सुरक्षा से लेकर ऊंचे रिटर्न दोनो का ही फायदा उठा सकें. आज हम आपको एक ऐसी ही स्मार्ट रणनीति बताने जा रहे हैं जहां आप ऐसे ही बाजार के दो अलग अलग निवेश विकल्पों का इस्तेमाल कर अपने पैसों को पहले से ज्यादा तेजी के साथ बढ़ते हुए देख सकते हैं.
क्यों जरूरी है स्मार्ट इनवेस्टमेंट
बाजार में आम निवशक निवेश ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए करते हैं जो डीमैट अकाउंट और सेविंग अकाउंट से अटैच होता है. आप का कैश सेविंग अकाउंट में रहता है वहीं स्टॉक डीमैट अकाउंट में रहते हैं. यानि साफ है कि जब आपका पैसा स्टॉक मार्केट में नहीं होता तो उसपर सबसे कम रिटर्न मिल रहा होता है. दरअसल सेंविग्स अकाउंट में ब्याज दरें सबसे निचले स्तरों पर रहती है. वहीं शेयर बाजार में स्टॉक की बिकवाली करने पर पैसा भी 2 दिन में मिलता है. यानि इन दो दिन आपका कैश वास्तव में कोई कमाई नहीं कर रहा होता.
कई बार आपको स्टॉक में निवेश के मौके नहीं मिलते. ऐसे में आपका पैसा लंबे समय तक सेविंग्स अकाउंट में ही पड़ा रहता है. दूसरी तरफ समस्या ये है कि बाजार में मौकों की तलाश में इस पैसे की एफडी भी नहीं करा पाते. अगर रकम बड़ी है और वो ज्यादा समय तक सेविंग्स अकाउंट में पड़ी रहती है तो आपको पता ही नहीं चलता कि आपने कितनी कमाई का मौका गंवा दिया.. लेकिन अगर आप लिक्विड ईटीएफ की मदद लेते हैं तो आप अपनी कमाई कहीं ज्यादा बढ़ा सकते हैं. जानिए क्या है ये इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी.
क्या है लिक्विड ईटीएफ
लिक्विड ईटीएफ यानि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड निवेश के ऐसे विकल्प होते हैं जो शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीदे और बेचे जा सकते हैं. वहीं बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं दूसरी तरफ ये फंड्स बेहद छोटी अवधि के जमा में निवेश करते हैं. यानि सीधे शब्दों में कहें तो लिक्विड ईटीएफ कम जोखिम और सेविंग्स से ज्यादा रिटर्न तो देते ही हैं ये नकदी की तरह तेजी से कैश भी कराए जा सकते हैं. बाजार में ढेरों लिक्विड ईटीएफ हैं. लिक्विड फंड ईटीएफ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल केवल 0.25% पर कुल खर्च अनुपात के साथ सबसे सस्ता ईटीएफ प्रदान करता है, इसके साथ ही कई और बेनेफिट्स भी मिलते हैं.
बाजार के जानकार सलाह देते हैं कि अगर आपको शेयरों में निवेश का मौका मिलता है तो अपने पैसे को उस स्टॉक में लगाए, प्रॉफिट मिलने पर पैसे को सेविंग्स अकाउंट में छोड़ने की जगह सीधे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें. वहीं आने वाले समय में आप फिर से स्टॉक में निवेश का मौका मिलने पर इस लिक्विड ईटीएफ की रकम से सीधे शेयर खरीद लें. यानि आप सेविंग्स अकाउंट में पैसे छोड़ने की जगह उसे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें
दुकान में नहीं आ रहे ग्राहक तो यह करें उपाय
अच्छे बाजार में दुकान होने के बाद भी अगर व्यापार में लाभ के अवसर कम मिल रहे हैं तो कहीं वास्तु दोष इसके लिए जिम्मेदार तो नहीं। ऐसे में दुकान या शोरूम की व्यवस्था पर अवश्य ध्यान दें। दुकान हमारा कार्यस्थल है जहां वास्तु उपाय होना बहुत आवश्यक है।
दुकान को हमेशा स्वच्छ रखें। दुकान के प्रवेश द्वार पर चौखट न बनाएं। दुकान के ठीक सामने बिजली या फोन का खंभा, पेड़ या सीढ़ी नहीं होना चाहिए। दुकान की सफाई करते समय कूड़ा सड़क पर न डालें, न ही इसे किसी दूसरी दुकान की ओर डालें। दुकान में बैठते समय अपना मुख सदैव उत्तर या पूर्व बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं की ओर कर बैठें। सुबह-शाम दुकान में कर्पूर जलाएं। ऐसा करने से नकारात्मकता दूर हो जाती है। दुकान में प्रयुक्त होने वाले उपकरण आग्नेय कोण में रखें। दुकान मालिक को पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। तिजोरी की जगह के ऊपर कोई बीम बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं नहीं होना चाहिए। तिजोरी में कुबेर यंत्र या श्रीयंत्र अवश्य रखें। नगद पेटिका को कभी खाली न रखें। गद्दी पर बैठकर कभी भोजन न करें। न ही सोएं। मेज पर पैर रखकर कभी न बैठें। दुकान खोलते समय और शाम को बिजली जलाने के बाद दान न दें। दुकान में कुल देवता या इष्ट देवी-देवता की तस्वीर लगाएं। दुकान के प्रवेश द्वार के ऊपर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाए। यह मूर्ति दीवार के आगे-पीछे दोनों तरफ लगाएं। सूर्य यंत्र भी लगा सकते हैं।
लिक्विड ETF की मदद से शेयर बाजार में बढ़ाएं अपनी कमाई, ऐसे करें स्मार्ट इनवेस्टमेंट
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Oct 08, 2022 | 2:19 PM
सभी जानते हैं कि निवेश का रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है आप अपने पैसे पर कितना जोखिम उठा रहे हैं. बाजार में ऐसे सैकड़ों इंस्ट्रूमेंट्स हैं जहां जोखिम के अलग अलग स्तरों पर अलग अलग रिटर्न मिलता है. स्मार्ट इनवेस्टर बाजार में मौजूद इन सभी विकल्पों का इस्तेमाल इस तरह से करते हैं जिससे वो पैसे की सुरक्षा से लेकर ऊंचे रिटर्न दोनो का ही फायदा उठा सकें. आज हम आपको एक ऐसी ही स्मार्ट रणनीति बताने जा रहे हैं जहां आप ऐसे ही बाजार के दो अलग अलग निवेश विकल्पों का इस्तेमाल कर अपने पैसों को पहले से ज्यादा तेजी के साथ बढ़ते हुए देख सकते हैं.
क्यों जरूरी है स्मार्ट इनवेस्टमेंट
बाजार में आम निवशक निवेश ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए करते हैं जो डीमैट अकाउंट और सेविंग अकाउंट से अटैच होता है. आप का कैश सेविंग अकाउंट में रहता है वहीं स्टॉक डीमैट अकाउंट में रहते हैं. यानि साफ है कि जब आपका पैसा स्टॉक मार्केट में नहीं होता तो उसपर सबसे कम रिटर्न मिल रहा होता है. दरअसल सेंविग्स अकाउंट में ब्याज दरें सबसे निचले स्तरों पर रहती है. वहीं शेयर बाजार में स्टॉक की बिकवाली करने पर पैसा भी 2 दिन में मिलता है. यानि इन दो दिन आपका कैश वास्तव में कोई कमाई नहीं कर रहा होता.
कई बार आपको स्टॉक में निवेश के मौके नहीं मिलते. ऐसे में आपका पैसा लंबे समय तक सेविंग्स अकाउंट में ही पड़ा रहता है. दूसरी तरफ समस्या ये है कि बाजार में मौकों की तलाश में इस पैसे की एफडी भी नहीं करा पाते. अगर रकम बड़ी है और वो ज्यादा समय तक सेविंग्स अकाउंट में पड़ी रहती है तो आपको पता ही नहीं चलता कि आपने कितनी कमाई का मौका गंवा दिया.. लेकिन अगर आप लिक्विड ईटीएफ की मदद लेते हैं तो आप अपनी कमाई कहीं ज्यादा बढ़ा सकते हैं. जानिए क्या है ये इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी.बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं
क्या है लिक्विड ईटीएफ
लिक्विड ईटीएफ यानि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड निवेश के ऐसे विकल्प होते हैं जो शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीदे और बेचे जा सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ ये फंड्स बेहद छोटी अवधि के जमा में निवेश करते हैं. यानि सीधे शब्दों में कहें तो लिक्विड ईटीएफ कम जोखिम और सेविंग्स से ज्यादा रिटर्न तो देते ही हैं ये नकदी की तरह तेजी से कैश भी कराए जा सकते हैं. बाजार में ढेरों लिक्विड ईटीएफ हैं. लिक्विड फंड ईटीएफ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल केवल 0.25% पर कुल खर्च अनुपात के साथ सबसे सस्ता ईटीएफ प्रदान करता है, इसके साथ ही कई और बेनेफिट्स भी मिलते हैं.
बाजार के जानकार सलाह देते हैं कि अगर आपको शेयरों में निवेश का मौका मिलता है तो अपने पैसे को उस स्टॉक में लगाए, प्रॉफिट मिलने पर पैसे को सेविंग्स अकाउंट में छोड़ने की जगह सीधे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें. वहीं आने वाले समय में आप फिर से स्टॉक में निवेश का मौका मिलने पर इस लिक्विड ईटीएफ की रकम से सीधे शेयर खरीद लें. यानि आप सेविंग्स अकाउंट में पैसे छोड़ने की जगह उसे लिक्विड ईटीएफ में लगा दें
भारत की रसोई (किचन) में मसालों का अहम स्थान हैं. देश में मसालों की कई किस्मों का लाखों टन का उत्पादन होता है. इसे बनाना . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 17, 2021, 15:41 IST
Business Idea: अगर आप भी अपना बाजार में बिक्री कैसे बढ़ाएं कोई बिजनेस शुरु करना चाहते हैं और वो भी घर से तो यह आइडिया आपके काम आ सकता है. इस बिजनेस की खासियत यह है कि इस की डिमांड हमेशा बनी रहती है. दरअसल, यह बिजनेस है मसाला मेकिंग यूनिट का. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए बहुत कम पैसों की जरूरत है और आपकी शानदार कमाई होगी.
बता दें कि भारत की रसोई (किचन) में मसालों का अहम स्थान हैं. देश में मसालों की कई किस्मों का लाखों टन का उत्पादन होता है. इसे बनाना आसान है और रिजनल टेस्ट और फ्लेवर के आधार पर इसे तैयार किया जाता है. अगर आपको स्वाद और फ्लेवर की समझ और बाजार का थोड़ा सा नॉलेज है तो मसाला मेकिंग यूनिट लगाकर आप मोटी कमाई कर सकते हैं.