विदेशी मुद्रा बाजार

यह किसी आकस्मिक एवं अनिश्चित हानि से संरक्षण प्रदान करता है।
रुपए के मूल्य में गिरावट के मायने
व्यापक व्यापार घाटे के साथ हाल ही विदेशी मुद्रा बाजार में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण भारतीय रुपए के मूल्य में गिरावट दर्ज़ की गई और कुछ ही समय पहले यह अब तक के निचले स्तर पर पहुँच गया। रुपए के मूल्य में हो रही गिरावट आम आदमी से लेकर अर्थव्यवस्था तक सभी के लिये चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में यह जानकारी होना आवश्यक है कि रुपए के मूल्य में हो रही गिरावट के मायने क्या हैं?
- विदेशी मुद्रा भंडार के घटने या बढ़ने का असर किसी भी देश की मुद्रा पर पड़ता है। चूँकि अमेरिकी डॉलर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा माना गया है जिसका अर्थ यह है कि निर्यात की जाने वाली सभी वस्तुओं की कीमत डॉलर में अदा की जाती है।
- अतः भारत की विदेशी मुद्रा में कमी का तात्पर्य यह है कि भारत द्वारा किये जाने वाले वस्तुओं के आयात मूल्य में वृद्धि तथा निर्यात मूल्य में कमी।
- उदहारण के लिये भारत को कच्चा तेल आदि खरीदने हेतु मूल्य डॉलर के रूप में चुकाना होता है, इस प्रकार भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार से जितने डॉलर खर्च कर तेल का आयात किया उतना उसका विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ इसके लिये भारत उतने ही डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात करे विदेशी मुद्रा बाजार तो उसके विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन यदि भारत से किये जाने वाले निर्यात के मूल्य में कमी हो तथा आयात कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही हो तो ऐसी स्थिति में डॉलर खरीदने विदेशी मुद्रा बाजार विदेशी मुद्रा बाजार की ज़रूरत होती है तथा एक डॉलर खरीदने के लिये जितना अधिक रुपया खर्च होगा वह उतना ही कमज़ोर होगा।
RBI Report: रंग आईं Reserve Bank Of India की कोशिशें, विदेशी मुद्रा भंडार घटने की रफ़्तार हुई कम
Written By: Amrish Kumar Yadav @theamrishkumar
Updated on: August 27, 2022 18:41 IST
Photo:PTI RBI
भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा बाजार घटने की दर में कमी आई है। आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है। केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है। केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है। हालांकि, रिजर्व बैंक मुद्रा को लेकर कभी भी लक्षित स्तर नहीं देता है।
भारत का वित्तीय बाजार
NCERT कक्षा- 12 की व्यष्टि अर्थशास्त्र के अध्याय- 5 ( नई व पुरानी NCERT) उपभोक्ता एवं फर्म के व्यवहार को कीमत के रूप में दर्शाया जाता है। वित्तीय बाजार को ऐसी स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है , जहाँ बाजार में सभी उपभोक्ताओं तथा फर्म की योजना को सुमेलित करके बाजार में उतारा जाता हैं।
वित्तीय बाजार के अंतर्गत हम कई प्रमुख वित्तीय संस्थानों के बारे में पढ़ते हैं। जैसे- इरडा- भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का उपक्रम है
वित्तीय बाजार के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं
1. निवेशको एवं ऋणियों के मध्य आपसी समझौता करवाना।
2. वित्तीय विदेशी मुद्रा बाजार संम्पति के लेनदेन को सुरक्षा प्रदान करना।
3. निवेशको के वित्तीय सम्पति के विक्रय को तरलता बनाना।
4. यह लेनदेनों डेव संबधित सूचना की न्यूनतम लागत सुनिश्चित करना।
भारत का वित्तीय बाजार
Money Market New Timings: RBI ने बदला ट्रेडिंग का समय, सोमवार से सुबह 9 बजे से होगा कामकाज
Market Market Timings Update। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ट्रेडिंग के समय में बदलाव कर दिया है।आरबीआई की ओर से जानकारी दी गई है कि वित्तीय बाजार के कारोबार का नया टाइम टेबल 18 अप्रैल, सोमवार से लागू होगा। अभी तक कारोबार का समय सुबह विदेशी मुद्रा बाजार 10 बजे से था, लेकिन अब इसे 18 अप्रैल विदेशी मुद्रा बाजार से 9 बजे से ही कर दिया गया है और 3.30 बजे तक जारी रहेगा। विदेशी मुद्रा बाजार RBI ने बाजार के कारोबारी समय में 30 मिनट बढ़ा दिया है। RBI ने विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि कोविड प्रतिबंधों के विदेशी मुद्रा बाजार खत्म होने और लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों को हटाने और कार्यालयों में कामकाज सामान्य होने के चलते सुबह 9 बजे से वित्तीय बाजारों में कारोबार शुरू करने का फैसला लिया गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार 414.78 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार छठे सप्ताह तेजी दर्ज की गई और 19 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 95.91 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 414.78 विदेशी मुद्रा बाजार अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 2.70 अरब डॉलर बढ़कर यह 413.83 अरब डॉलर पर रहा था। रिजर्व बैंक द्वारा आज यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, 19 जनवरी को समाप्त सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 93.46 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई और यह 390.77 अरब डॉलर पर पहुंच गया। स्वर्ण भंडार 20.42 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि भी 1.41 करोड़ डॉलर बढ़कर सप्ताहांत पर 2.06 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 1.विदेशी मुद्रा बाजार 04 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.53 अरब डॉलर पर रहा।