Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन

ज्ञापन में पीएम मोदी से आग्रह किया गया है कि वह जल्द से जल्द एक ई-कॉमर्स पॉलिसी घोषित करें. इसमें Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन सुदृढ़ एवं अधिकार संपन्न एक ई-कॉमर्स रेगुलेटरी Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन अथॉरिटी के गठन, लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को अमलीजामा पहनाने के लिए देश भर में व्यापारियों एवं अधिकारियों की एक संयुक्त समिति केंद्रीय स्तर पर, राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर गठित की जाए. इन समितियों में सरकारी अधिकारी एवं व्यापारियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए.
कोरोना से डरे निवेशक; सेंसेक्स 214 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 11251 पर; बैंक शेयरों में जोरदार बिकवाली
Stock Market Update Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन In Hindi: शेयर बाजार में एक बार फिर कोरोना वायरस का डर हावी हो गया है. भारत में बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली. मिले जुले ग्लोबल संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार आज दायरे में खुला था. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन कोरोना के 28 मामलों की पुष्टि के बाद बाजार में भगदड़ मच गई. इंट्राडे कारोबार में सेंसेक्स करीब 750 अंक टूटकर 37846 के स्तर पर आ गया. वहीं, निफ्टी भी करीब 215 अंकों की गिरावट के साथ 11100 के नीचे चला गया. हालांकि कारोबार के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी में निचले सतरों से रिकवरी आई. सेंसेक्स 214 अंक टूटकर 38409 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 52 अंक मजोर होकर 11251 के सतर पर बंद हुआ. आज के कारोबार में बैंक, फाइनेंशियल और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही.
15 दिसंबर को ट्रेडर्स मनाएंगे रिटेल डेमोक्रेसी डे, हर जिले में निेकलेगा ‘रिटेल प्रजातंत्र मार्च’
देश के सभी राज्यों के अंतर्गत Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन जिलों के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों को स्थानीय व्यापारी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपेंगे.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 15 दिसंबर को “रिटेल डेमोक्रेसी डे” के रूप में मनाये जाने की घोषणा की है. देश में कुछ बड़ी एवं प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के ई-कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार में आर्थिक आतंकवाद जैसी गतिविधियों को लगातार जारी रखने के खिलाफ यह दिवस घोषित किया गया है. इस दिन देश के सभी राज्यों के अंतर्गत जिलों के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टरों को स्थानीय व्यापारी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपेंगे. ज्ञापन सौंपने से पहले प्रत्येक जिले में व्यापारियों द्वारा “रिटेल प्रजातंत्र मार्च” निकाला जाएगा.
कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार तोड़ रहीं नियम
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कुछ बड़ी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने मनमाने रवैये को चालू रखा है और सरकार की ई-कॉमर्स पालिसी के प्रावधानों का लगातार घोर उल्लंघन किया है. इनमें विशेष रूप से लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, पोर्टल पर बिकने वाले सामान की इन्वेंटरी पर नियंत्रण रखना, माल बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई करना, विभिन्न ब्रांड कंपनियों से समझौता कर उनके उत्पाद एकल रूप से अपने पोर्टल पर बेचना आदि शामिल हैं. ये सभी स्पष्ट रूप से सरकार की एफडीआई पॉलिसी के प्रेस नोट 2 में बिल्कुल प्रतिबंधित हैं. लेकिन उसके बावजूद भी ये कंपनियां खुले रूप से ये माल बेच रही हैं, जिससे भारत के ई-कॉमर्स व्यापार में ही नहीं बल्कि रिटेल बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा का वातावरण बना हुआ है. इसके चलते देश के छोटे व्यापारी जिनके साधन सीमित हैं, उनका व्यापार चलाना बेहद मुश्किल Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन हो गया है.
भारतीय रिटेल बाजार पर जमाना चाहती हैं कब्जा
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो आने वाले समय में देश के करोड़ों व्यापारियों को अपने व्यापार से हाथ धोना पड़ेगा और व्यापारियों के कर्मचारियों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा. देश का रिटेल व्यापार वर्तमान में लगभग 950 अरब डॉलर वार्षिक का है. रिटेल व्यापार में लगभग 45 Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है और देश में कुल खपत में रिटेल बाजार का हिस्सा 40 फीसदी है. इतने बड़े और विशाल भारतीय रिटेल बाजार पर कब्जा जमाने के लिए विश्व भर की कंपनियों की नजर है और इसी छिपे उद्देश्य Share Market में कारोबार करने वाले प्रमुख आर्थिक साधन को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में हर तरह का अनैतिक व्यापार करते हुए रिटेल बाजार पर अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहती हैं.
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