शेयर मार्केट अकाउंट क्या है

शेयर मार्केट अकाउंट क्या है
सेबी के विनियमन 40 (लिस्टिंग बाध्यता और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) विनियम, 2015 के संशोधन की अधिसूचना दिनांक 8 जून, 2018 और 3 दिसंबर, 2018 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में संशोधन किया गया है कि प्रतिभूतियों का अंतरण केवल डीमैटरियलाइज्ड रूप से 1 अप्रैल, 2019 से किया जाएगा.
भविष्य में शेयरों के निर्बाध अंतरण की सुविधा के लिए और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, भौतिक रूप में शेयरों को रखने वाले शेयरधारकों से अनुरोध है कि वे कंपनी में अपने शेयर होल्डिंग को डीमैटरियलाइज्ड करें.
इस आधार पर कि क्या शेयरधारक के पास पहले से ही डीमैट खाता है या अभी खोलने की इच्छा है, शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन के लिए चरण निम्नानुसार हैं :-
Post office की इस स्कीम में निवेश करें, 200 मिलेंगे 6 लाख से भी ज्यादा
Post office scheme:आज भी कई लोग पोस्ट ऑफिस में निवेश करना चाहते हैं क्योंकि यहां का निवेश सुरक्षित माना जाता है. वैसे तो शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड से अच्छा रिटर्न मिलता है लेकिन वहां रिस्क भी उतना ही रहता है. इसलिए अगर आप बिना रिस्क के पैसे कमाना चाहते हैं तो ये जगह आपके लिए बेस्ट है. आप यहां इंवेस्ट कर सकते हैं, जहां आपका पैसा 100 फीसदी सुरक्षित रहता है और आप बिना किसी रिस्क के अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं. अगर आप ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं जहां आपको तगड़ा मुनाफा मिले, तो शेयर मार्केट अकाउंट क्या है आप पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. यहां आप अकाउंट खुलवा कर लाखों का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस की इस स्मॉल सेविंग स्कीम में बहुत कम राशि जमा कर निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है. इस स्कीम में आप 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और अधिकतम जितना चाहे उतना निवेश कर सकते हैं, उसकी कोई लिमिट तय नहीं रहती है. रेकरिंग डिपॉजिट योजना में आप सुविधा के मुताबिक एक साल, दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए भी निवेश कर शेयर मार्केट अकाउंट क्या है सकते हैं. इस स्कीम में पोस्ट ऑफिस की तरफ से हर तीन माह पर ब्याज भी दिया जाता है.
पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र का कोई भी शख्स अपना अकाउंट ओपन करा सकता है. नाबालिग बच्चे का खाता माता या पिता खुलवा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम से आप लोन भी ले सकते हैं. अगर आप लोन लेना चाहते हैं तो अपनी पोस्ट ऑफिस ब्रांच में संपर्क करें. इस लोन को आप 12 किस्त में जमा कर सकते हैं.
ऐसे मिलेंगे 6 लाख रुपये से भी ज्यादा
Post office scheme:रेकरिंग डिपॉजिट योजना में अगर आप हर महीने 6,000 रुपये यानी 200 रुपये की राशि जमा करते हैं, तो 90 माह बाद यानी 7.5 साल बाद आपको 6 लाख 76 हजार रुपये से भी शेयर मार्केट अकाउंट क्या है ज्यादा की रकम मिलेगी. मान लीजिए कि आप हर महीने 6,000 रुपये जमा करते हैं, तो एक साल में आप 72 हजार रुपये जमा करेंगे. ऐसे ही आपको 90 माह या 7.5 साल तक निवेश करना होगा.
यह छोटा सा काम करके शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों
नोएडा. हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में शेयर मार्केट अकाउंट क्या है निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक शेयर मार्केट अकाउंट क्या है साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए पैन (PAN Card) , आधार कार्ड (Aadhar Card) या एक अन्य ID के अलावा बैंक अकाउंट (Bank Account) का डिटेल देना होता है। ये सभी शेयर मार्केट अकाउंट क्या है दस्तावेज देने के बाद निवेशक का डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुल जाता है। अजकल ऑनलाइन डीमैट खाते खुलवाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी ब्रोकिंग कंपनी की वेबसाइट पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेज आपको अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी करने शेयर मार्केट अकाउंट क्या है के बाद आपको 24 घंटे के बाद आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आईडी और पासवर्ड दे दी जाएगी। इसके बाद अप अपने मोबाइल या डेस्क टॉप पर कंपनी का ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद दिए गए लॉगइन आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर ट्रेड और निवेश शुरू कर सकते हैं। यानी अकाउंट खोलने के 72 घंटे के भीतर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप कंपनी के कस्टोमर केयर नम्बर पर कॉल करके भी शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
देश में कई बड़े शेयर ब्रोकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख ब्रोकरों के वेबसाइट की यूआरएल नीचे दी गई है। इन में से किसी भी वेबसाइट पर जाकर आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। अकाउंट खुलवाने से पहले ब्रोकर हाउस से ब्रोकरेज की पूरी जानकारी ले लें, क्योंकि कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज करती है, जिसकी वजह से आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा ब्रोकर के पास ही चला जाता है।
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देश में डीमैट अकाउंट की सेवाएं NSDL और CDSL दो कंपनियां प्रदान करती है। देशभर शेयर मार्केट अकाउंट क्या है के सभी ब्रोकर इन्हीं दोनों कंपनियों से मिलकर डीमैट अकाउंट की सेवाएं देते हैं। देशभर के सभी निवेशकों के शेयर इन्हीं दोनों कंपनियों NSDL और CDSL की डिपॉजिटरी में रखे जाते हैं। इन के शेयरों के साथ ब्रोकर्स भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। हालांकि, Trading Account ब्रोकर की कंपनी में खोला जाता है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयर की खरीद और बिक्री होती है। इसमें खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रहता है। इसमें यह सभी जानकारी दर्ज होती है कि किस दिन कितने बजे किस रेट पर शेयर खरीदा या बेचा गया। इसका पूरा रिकॉर्ड ब्रोकर्स के पास रहता है। इसके अलावा यह रिकॉर्ड स्टॉक एक्सचेंज के पास भी होता है। इसका लाभ यह है कि दो जगह पर रिकॉर्ड होने के चलते निवेशक या ट्रेडर के साथ धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती शेयर मार्केट अकाउंट क्या है शेयर मार्केट अकाउंट क्या है है।
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में जरूरी नहीं है कि लंबे समय के लिए निवेश करके ही कमाई हो। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में हर दिन कमाई का मौका भी मिलता है। सिर्फ इसके लिए जरूरी है कि स्टॉक मार्केट खुलने के पहले ही कुछ तैयारी कर ली जाए और फिर बाजार खुलते ही पोजिशन ले ली जाए। ज्यादातर ब्रोकर डेली टिप्स जारी करते हैं, जो वह अपने कस्टमर्स को भेजती हैं। कई ब्रोकरेज कंपनियां इन टिप्स के लिए प्रीमियम सर्विस भी देती हैं। रोज कमाई के लिए जरूरी नहीं है कि लोगों के पास बहुत पैसा हो, कुछ हजार रुपए में भी स्टॉक मार्केट से कमाई शुरू की जा सकती है।
स्टॉक मार्केट में एक्स-डेट और रिकॉर्ड-डेट क्या मतलब होता है?
News18 हिंदी 3 दिन पहले News18 Hindi
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पैसा केवल शेयरों की बढ़ती या घटती कीमत से ही नहीं कमाया जाता है. बोनस शेयर और डिविडेंड भी कमाई का एक बहुत बड़ा स्रोत होते हैं. हालांकि, ये लाभ हर शेयरधारक को नहीं मिल जाता है. अगर आप बाजार में नई एंट्री कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बोनस या डिविडेंड की घोषणा कई दिन बाद ही ये आपके डीमैट अकाउंट में नजर आता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने शेयर कब खरीदे हैं. यहीं 2 नई टर्म्स आपके सामने आती हैं, एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.
अगर आपने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू ही किया है या शेयर मार्केट अकाउंट क्या है करने की योजना बना रहे हैं तो इन 2 टर्म्स से आपका आमना-सामना होना तय. अक्सर आप लोग सुनते होंगे कि किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है या बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दी गई है. अगर आप भी इन शब्दों को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है. आज हम बताएंगे कि ये क्या होते हैं और निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है.
एक्स-डेट
बात सबसे पहले एक्स-डेट की, क्योंकि ये रिकॉर्ड डेट से पहले आती है. डिविडेंड के लिए एक्स-डिविडेंड और बोनस के लिए एक्स-बोनस डेट कहा जाता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन तक कंपनी के शेयर खरीदने वाले को डिविडेंड या बोनस का लाभ दिया जाता है. यानी अगर इस तारीख के बाद आप शेयरों की खरीदारी करते हैं तो आप लाभ के हकदार नहीं होंगे. इसे कंपनी द्वारा ही फिक्स किया जाता है.
रिकॉर्ड डेट
ये आमतौर पर एक्स-डिविडेंड के एक दिन बाद वाली तिथि होती है. बशर्ते एक्स-डेट के अगले दिन कोई हॉलीडे न हो. रिकॉर्ड डेट को कंपनी अपने शेयरधारकों की सूची तैयार करती है जिन्हें डिविडेंड या बोनस दिया जाना है. इस सूची में एक्स-डेट तय शेयर खरीदने वाले निवेशकों को शामिल कर लिया जाता है. अक्सर लोग रिकॉर्ड डेट को डिविडेंड का लाभ लेने के लिए शेयर खरीदने की कटऑफ डेट मानकर चलते हैं और डिविडेंड या बोनस का फायदा उठाने से चूक जाते हैं.
निवेशकों के लिए है इसलिए जरूरी
जाहिर तौर पर अब तक आप लोग समझ ही गए होंगे कि एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट क्यों निवेशकों के लिए जरूरी है. अगर उन्हें शेयरों के उतार-चढ़ाव के अलावा बाजार में अन्य तरीकों से भी पैसा कमाना है तो इन दोनों टर्म्स को समझना बेहद जरूरी है. कई दफा निवेशक अपने घाटे की कुछ हद तक भरपाई डिविडेंड के माध्यम से ही कर लेते हैं.