भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

परकीय चलन

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आषाढ शु. 10 के दिन स्वयं ईश्वर ने विश्वंभरबाबा को सपने में आकर दर्शन दिया और स्वयं के देहू ग्राम में आने की सूचना दी तथा वे आमके बगीचे में निद्रिस्त हुए । सुबह होते ही स्वप्न-सूचन के अनुसार विश्वंभरबाबा कुछ ग्रामवासियों समेत अमराई पहुँचे । वहाँ उन्हें भगवान विठ्ठल तथा रखमादेवी की स्वयंभू मूर्तियाँ प्राप्त हुईं । वे मूर्तियाँ घर लाकर बाबा ने पूजाघर में स्थापित कीं ।

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भक्त तुकाराम संक्षिप्‍त चरित्र

लेखक : श्रीधर मोरे
अनुवादक : डॉ. शैला ललवाणी

“ये तु धर्म्यामृतमिदम्” (गीता 12.20)

ईश्वरचरित्र परमामृत कहलाता है और भक्तों का चरित्र धर्मामृत माना जाता है । भक्तों ने ईश्वर लीलाओं का गान किया ; पर भक्तों की महानता या चारित्र्य का वर्णन करना हमारे लिए कठिन कार्य है । कारण भक्त जैसे दिखाई देते हैं, वैसे होते नहीं हैं और जैसे होते हैं, वैसे दिखाई नहीं देते । उनके होने और दिखने में जो अंतर है, उसे समझना आम मनुष्य के बस की बात नहीं है । वे वर्णनातीत है और हमारी शब्दशक्ति ससीम है ।

उनका कर्तृत्‍व बयान करें । वह शब्दसृष्टि बनी ही नहीं ।

अगर उनसे कोई उनके बारे में पूछे, कि वे कौन हैं ? कहाँ के हैं ? कहाँ से आए हैं ? कहाँ जाएँगे ? उनका नाम क्या है ? रूप क्या है ? तो उत्‍तर

''ना मैं कुछ हूँ, ना मेरा कोई गाँव । हूँ यहाँ अकेला ।

इथेनॉल निर्मिती उद्योग ( How to setup ethanol business )

How to setup ethanol business

औद्योगिकीकरण के कारण देश में यातायात बढ गई। यातायात जैसी परकीय चलन वाहतूक की सुविधा के साथ ही वाहनों की भी संख्या बहुत बढ गई। रास्ते विकास महामंडल ने किए रास्तों के चौपदरीकरण के साथ केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत ग्रामीण भागों में भी पक्की सडकों की एक तादाद निर्माण हुआ है।

गाँवो में राज्य परिवहन महामंडल के बसेस के अलावा जाने के लिए वाहन नहीं था। ऐसा चित्र बीस से पच्चीस साल पहले होता था। वहीं आज अनेक फोर व्हीलर वाहनों के साथ घर-घर में दोपहियों वाहनें दिखने लगे हैं। नौकरी, कामध व्यापार, व्यवसाय इनके लिए जैसे वाहनों को उपयागे होने लगा वैसे वाहन का उपयोग करना यह एक प्रतिष्ठा, फैशन समझने जाने के कारण वाहनों की आज बहुत संख्या दिखती हैं।

मार्केट :

हर पेट्रोल पंप बिक्रेता को इथेनॉल बेचने आयेगा। इसके साथ ही इथेनॉल की परकीय चलन बिक्री करनेवाले होलसेल व्यापारी और रिटेल व्यापारी भी हैं। उन्हें भी माल दे सकते हैं। प्रयोगशाला में भी इथेनॉल की आवश्यकता होती हैं।

शक्कर कारखानों में शक्कर और अल्कोहोल निर्मिती के लिए लगनेवाली सभी रासायनिक द्रव्ये यह कच्चा माल लगेगा।

Devta Life Foundation | विजयादशमीला नागपुरात दाखल होणार वंदे मातरम रक्तदान महारॅली

नागपूर ब्यूरो : देवता लाईफ फाउंडेशनतर्फे 2 ऑक्टोबरपासून सुरू झालेली वंदे मातरम रक्तदान महारॅली विजयादशमी, 15 ऑक्टोबरला नागपुरात परतणार आहे. या रॅलीअंतर्गत राज्यातील जिल्ह्या-जिल्ह्यात घेण्यात आलेल्या रक्तदान शिबिराला उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिळाला. नागपुरात 2 ऑक्टोबरला वंदे मातरम रॅलीला केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांनी हिरवी झेंडी दाखविली. त्यानंतर वर्धा, यवतमाळ, अमरावती, अकोला, बुलडाणा या मार्गे आणि जिल्ह्या-जिल्ह्यात ठिकठिकाणी रक्तदान शिबिर घेण्यात.

AIR FEST AT HEADQUARTERS MAINTENANCE COMMAND, NAGPUR ON

Aatmnirbhar Khabar

In the year 2020, when India’s Prime Minister Narendra Modi announces the "Atmnirbhar Bharat" concept, A group of परकीय चलन youth from India thought that it should become a movement now. So start a news web portal "aatmnirbharkhabar.com". We want to see a dream of free India forward and tried to make it as whole. Thats why we start our website in three major languages, English, Hindi and Marathi.

Our Vision

“aatmnirbharkhabar.com” is started for the indian people,who are proving themselves self dependent in their perticular field. aatmnirbharkhabar’s steadfast vision, and through all our businesses we are for a sustainable environment and an unprejudiced socio-economic growth.

परकीय चलन

पेट्रोल, डिझेल, घरगुती गॅस आणि सीएनजी या सगळ्यांचेच भाव आकाशाला भिडल्यामुळे चलन फुगवटा होणार आहेच. पण त्यामुळे लोकांची मागणी घटणार आहे आणि त्याचा देशाच्या जीडीपीवर प्रतिकूल परिणाम होण्याची भीती आहे. पेट्रोलनंतर भारताची परकीय गंगाजळी सर्वाधिक खर्ची पडते, ती खाद्यतेलांवर. खाद्यतेलांचं उत्पादन वाढावं, यासाठी केंद्र सरकारचे प्रयत्न असून, त्याला गती मिळायला हवी.

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महँगाई मार गयी असं म्हणण्याची वेळ सर्वसामान्यांवर का आलीय?
हेमंत देसाई
२८ मार्च २०२२

पेट्रोल, डिझेल, घरगुती गॅस आणि सीएनजी या सगळ्यांचेच भाव आकाशाला भिडल्यामुळे चलन फुगवटा होणार आहेच. पण त्यामुळे लोकांची मागणी घटणार आहे आणि त्याचा देशाच्या जीडीपीवर प्रतिकूल परिणाम होण्याची भीती आहे. पेट्रोलनंतर भारताची परकीय गंगाजळी सर्वाधिक खर्ची पडते, ती खाद्यतेलांवर. खाद्यतेलांचं उत्पादन वाढावं, यासाठी केंद्र सरकारचे प्रयत्न असून, त्याला गती मिळायला हवी.

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