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NAV क्या है

NAV क्या है
NAV (Net Asset Value) क्या है

NAV (Net Asset Value) क्या है – NAV Meaning in Hindi

NAV (Net Asset Value) क्या है , NAV Meaning in Hindi – mutual fund की बात KARE तो NAV का concept को समझना बहुति NAV क्या है जरुरी है। क्युकी जो लोग म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करते है, वो लोग दुविधा मे रहते है NAV (Net Asset Value) को लेके।

तो चलिए आज इस आर्टिकल के जरिये NAV क्या है, NAV कैसे कैलकुलेट किया जाता है एंड क्या हमें low NAV वाला स्कीम लेना चाहिए ? इन सारे सवालो का जबाब देने की कोसिस करेंगे।

देखिये NAV को समझने से पहले UNIT को समझना जरुरी है तो पहले हम यूनिट को समझ लेते है, जैसे की share market मे अलग-अलग कंपनी के शेयर होते हैं, ठीक वेसे ही म्यूच्यूअल फंड मैं यूनिट होते हैं म्यूच्यूअल फण्ड को उस यूनिट के अनुसार BUY और SELL किया जाता है।

जैसे हम शेयर मार्केट में कहते हैं कि मेरे पास इस कंपनी के 100 शेयर है, उसी प्रकार म्यूच्यूअल फंड के रिलेटेड हम कह सकते हैं मेरे पास इस म्यूच्यूअल फंड की इतने यूनिट है।

म्यूच्यूअल फंड स्कीम काफी बड़ी होती है ये स्कीम कोई करोड़ों में हो सकती है इतनी बड़ी अमाउंट एक छोटी इन्वेस्टर को खरीदना पॉसिबल नहीं होता है इसलिए म्यूच्यूअल फंड स्कीम को छोटी-छोटी हिस्सों में बांटा जाता है

मान लीजिए एक म्यूच्यूअल फंड स्कीम की टोटल अमाउंट है 10000 करोड़ और इसको अगर 1000 करोड़ हिस्सों में बांट दें तो हार हिस्सों की कीमत ₹10 हो जाएगी इस एक हिस्से को ही एक यूनिट कहते हैं मतलब यहां पर ₹10 का एक यूनिट है यानी यूनिट हर म्यूच्यूअल फंड का एक छोटा सा हिस्सा है।

NAV (Net Asset Value) क्या है

NAV (Net Asset Value) क्या है

NAV (Net Asset Value) क्या है

देखिए जब आप अपने पैसे को निवेश करते हैं किसी कंपनी के स्टॉक या शेयर में तो उस कंपनी से आपको उस पैसे के बदले में कुछ शेयर मिलते हैं और NAV क्या है आप उस कंपनी के शेयर होल्डर बन जाते हैं।

ठीक इसी तरह से जब आप अपनी पैसे को निवेश करते हैं किसी म्यूच्यूअल फंड में तो उस म्यूच्यूअल फण्ड से आपके पैसे के बदले में कुछ यूनिट्स मिलते हैं और आप उस फंड के यूनिट होल्डर बन जाते हैं।

देखिए कंपनी के शेयर के केस में आपको कितने पैसे इन्वेस्ट करके कितने शेयर मिलेंगे यह डिपेंड करता है कि उस कंपनी के 1 शेयर की प्राइस कितनी है पर म्यूच्यूअल फंड के केस में आपको कितने पैसे इन्वेस्ट करके कितने यूनिट एलोकेट होंगे यह कैसे पता चलेगा?

देखिए बहुत ही सिंपल है यह पता चलता है NAV के माध्यम से, यानी Net Asset Value से। NAV किसी भी म्यूच्यूअल फंड की एक यूनिट की प्राइस होती है,

जिस तरह से हमारे पहले उदाहरण से एक शेयर की प्राइस के बेसिस पे आपको आपके पैसे के बदले में शेयर एलोकेट किए जा रहे थे ठीक उसी तरह म्यूचुअल फंड में NAV के प्राइस के बेसिस पे आपको अपने इन्वेस्टमेंट के बदले में यूनिट्स एलोकेट किए जाते हैं।

एक उदहारण के जरिए समझते हैं, मान लीजिए अपने कुल 1000 रूपीस इन्वेस्ट किए है और NAV का प्राइस था ₹10 तो आपको कूल नंबर ऑफ यूनिट मिलेंगे 1000/10=100 यानी कि 1000 निवेश करके आपको उस फण्ड में कूल 100 यूनिट एलोकेट हुआ है। तो आपको NAV क्या है यह पता चल गया है

NAV कैसे कैलकुलेट किया जाता है

देखिये NAV को कैलकुलेट करने के लिए एक बहुति सरल तरीको को उपयोग मे लिए जाते है जोकि है

किसी भी फण्ड की ऐसेट होते हैं उस फंड के पास मौजूद स्टॉक्स, बांड्स, सिक्योरिटी, डिपॉजिट etc और किसी भी फण्ड की लायबिलिटी हो सकती है उस फंड का money payable interest payable etc

किसी भी फण्ड के अलग-अलग expenses होते हैं जैसे कि फण्ड मैनेजमेंट एक्सपेंसेस, ऑफिस एक्सपेंसेस, ब्रांडिंग एक्सपेंसेस etc किसी भी फंड के total number of units होते है कूल यूनिट जो कि उस फंड में एलोकेट की है अपने इन्वेस्टर को।

तो चलिए इसको एक उदहारण से समझते हैं, मान लीजिए किसी ABC फण्ड के पास कूल एसेट है 50 करोड़ और लायबिलिटीज है 27000 और टोटल एक्सपेंसेस 400 और total number of units है 2 करोड़ तो उस फण्ड की NAV हो जायेगा 500000000-27400/20000000 = Rs.24.99

क्या हमें low NAV वाला स्कीम लेना चाहिए ?

हमें अक्सर ऐसा लगता है कि low NAV बाले स्कीम सस्ते होते हैं, पर ऐसा नहीं है तो चलिए इसे भी हम एक उदाहरण से समझते हैं,

मान लीजिए दो म्युचुअल फंड स्कीम है स्कीम X और स्कीम Y स्कीम X की NAV ₹10 है और स्कीम Y की NAV ₹100 है और अपने साल के शुरुआत में दोनों ही स्कीम में 10000 करके इन्वेस्ट किए हैं

NAV के हिसाब से स्कीम X में आपको 1000 यूनिट्स मिलेंगे और स्कीम Y में आपको 100 यूनिट्स मिलेंगे। 1 साल बाद दोनों म्युचुअल फंड स्कीम में अच्छा परफॉर्म करने के बाद दोनों स्कीम की NAV 20% बढ़ जाता है।

NAV बढ़ने के कारण स्कीम X के 1000 यूनिट्स की वैल्यू (1000*12) = ₹12000 हो जाता है और स्कीम Y की 100 यूनिट की वैल्यू भी (100*120) = ₹12000 हो जाता है।

तो आपको समझ आ गया होगा NAV के कम या ज्यादा होने से उसके म्युचुअल फंड स्कीम के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता है NAV के ग्रोथ के ऊपर ही सब डिपेंड होता है

NAV म्युचुअल फंड स्कीम का परफॉर्मेंस दिखाती है मतलब अगर किसी म्यूच्यूअल फंड स्कीम की NAV अभी 28 रूपया है और 1 साल पहले उस फण्ड की NAV ₹20 थी तो उस म्यूच्यूअल फंड स्कीम ने 40% का ग्रोथ दिखाया है मतलब कोई म्यूच्यूअल फंड स्कीम अच्छा परफॉर्म कर रही है या नहीं यह उसकी NAV वैल्यू को देख कर हम समझ सकते हैं।

आशा करते है आपको NAV (Net Asset Value) क्या है – NAV Meaning in Hindi समझ आया होगा। ऐसे इन्वेस्टमेंट और शेयर मार्किट रिलेटेड आर्टिकल पड़ने के लिए हमारे ब्लॉग को visit करते रहिये।

Mutual Fund में आपने भी लगाया है पैसा? कैसे निकालते हैं फंड की NAV, जान लें फॉर्मूला

Mutual fund Investment: किसी भी फंड की NAV काफी अहम होती है. क्‍योंकि एनएवी के आधार पर तय होगा कि आपको स्‍कीम की कितनी यूनिट अलॉट होगी.

Mutual Funds Net Asset Value Formula: म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स (mutual fund schemes) में निवेश करना आज के समय में काफी आसान हो गया है. आप मोबाइल ऐप की भी मदद से SIP शुरू कर सकते हैं. बहरहाल, म्‍यूचुअल फंड में निवेश से पहले हमें कुछ बेसिक बातों को जरूर ध्‍यान में रखना चाहिए. जैसेकि, जिस फंड को आप चुन रहे हैं उसका बीते सालों का रिटर्न कैसा है, रिस्‍क फैक्‍टर कैसा है, एक्‍सपेंश रेश्‍यो कितना है, किस एसेट क्‍लास में निवेश है, NAV (नेट एसेट वैल्‍यू) कितनी है. इसमें किसी भी फंड की NAV काफी अहम होती है. क्‍योंकि एनएवी के आधार पर तय होगा कि आपको स्‍कीम की कितनी यूनिट अलॉट होगी. अब हमें यह समझना जरूरी है कि यह NAV क्‍या है और इसे कैसे निकालते हैं?

क्‍या है NAV निकालने का फॉर्मूला?

म्‍यूचुअल फंड्स (mutual fund) में निवेश पर आपको NAV (नेट वैल्यू असेट) की समझ कर लेनी चाहिए. NAV म्यूचुअल फंड यूनिट की वैल्‍यू होती है. दरअसल, एनएवी आपको किसी भी समय पर फंड की प्रति यूनिट वैल्‍यू को बताती है. यानी, किसी समय पर एक यूनिट की कीमत कितनी है, यही एनएवी है. प्रत्‍येक फंड की NAV ट्रेडिंग सेशन खत्‍म होने के बाद रोज एक बार अपडेट की जाती है. NAV निकालने का एक फॉर्मूला होता है. NAV = (वैल्‍यू ऑफ एसेट्स - वैल्‍यू ऑफ लायबिलिटीज)/ नंबर ऑफ यूनिट आउटस्‍टैडिंग

यहां यह बात ध्‍यान देने वाली है कि लॉन्‍ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्‍पाउंडिग का फायदा मिलता है. अगर फंड का NAV लगातार बढ़ता है, तो SIP के बजाय एकमुश्‍त निवेश ज्‍यादा फायदा दे सकता है.

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म्‍यूचुअल फंड: निवेश का अच्‍छा ऑप्‍शन

म्‍यूचुअल फंड (mutual fund) एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए आप किसी भी एसेट क्‍लास में निवेश कर सकते हैं. गोल्‍ड खरीदने का प्‍लान है तो आपको गोल्‍ड फंड का ऑप्‍शन मिलेगा. इसी तरह, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के लिए डेट फंड, रीयल एस्‍टेट के लिए इंफ्रा फंड जैसे ऑप्‍शन आपको मिल जाएंगे. म्‍यूचुअल फंड निवेश में आपको एक प्रोफेशनल की सलाह मिलती है. एक फंड मैनेजर की ओर से आपके पैसे का मैनेजमेंट किया जाता है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश दो तरीके से किया जा सकता है. एक है कि आप किसी फंड में एकमुश्‍त (lump sum) पैसा लगा दें. दूसरा तरीका SIP का है. SIP यानी सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान, इसमें रेग्‍युलर मंथली निवेश करना होता है. SIP के जरिए 100 रुपये से भी निवेश शुरू किया जा सकता है.

NAV क्या होता है जानकारी हिंदी में NAV full form in Hindi

यदि आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट करते है तो आपको NAV बारे में पता होगा क्योंकि म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टर में NAV के बारे में तो सारा दिन बाते होती है लेकिन यदि आपको NAV के बारे नहीं पता है और आप म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो आपको NAV के बारे में जरूर पता होना चाहिए क्योंकि इसके बिना आपको प्रॉब्लम हो सकती है आपको अच्छे स्टॉक को सेलेक्ट करने में तो आपको आसान तरीके से NAV क्या है बताते है की NAV क्या होता है आसान भाषा में बताया जाए तो इसका मतलब Net Asset Value और यह की किसी भी कंपनी के करंट टाइम के एसेट्स के मार्किट वैल्यू में से टोटल liabilities को Less कर के फिर से उस दिन की टोटल नंबर से डिवाइड करके निकाला जाता है.

NAV full form in Hindi

NAVफंड की पर यूनिट होती है और हर दिन बिजनेस के लास्ट में Asset मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के द्वारा इसकी कैलकुलेशन की जाती है किसी भी दिन यदि म्यूच्यूअल को को बंद कर दिए जाये और म्यूच्यूअल फण्ड होल्डर को जो पैर यूनिट के बदले जी कीमत दी जाती है.एक यूनिट को उस दिन का NAV कहा जाता है इस तरह NAV को म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट की बुक वैल्यू भी कहा जाता है. और म्यूच्यूअल फण्ड में ज्यादातर यूनिट की की बैस वैल्यू Rs. 10 रुपये या 100 रुपये होती है. हर कोई व्यवसाय में दिन के अंदर NAV उपर नीचे जाता रहता है NAV in Hindi

NAV फण्ड किसी म्यूच्यूअल फण्ड के यूनिट के ग्रोथ का introductory होता है.यदि आप किसी फण्ड में 12 रुपया पर यूनिट इन्वेस्ट करते है NAV में इन्वेस्टमेंट करते है और एक साल बाद यदि उस यूनिट का NAV 15 रुपये हो जाता है तो उसे फण्ड ने 25% ग्रोथ की है

एनएवी का अर्थ क्या है ? NAV full form in Hindi

NAV की फुल फॉर्म है Net Asset Value यानी NAV का अर्थ है कुल संपत्ति का मूल्य है किसी भी म्यूचुअल फण्ड में नेट एसेट वैल्यू , या NAV का मतलब नकदी सहित पोर्टफोलियो के सभी शेयरों के बाजार मूल्य के कुल योग में से देनदारियों को घटाने के बाद बकाया जो भी बचे उसे इकाइयों की कुल संख्या से विभाजित करके NAV निकाला जाता है

एनएवी की गिनती कैसे की जाती है ?

NAV फंड की प्रति यूनिट की कुल परिसंपत्ति मूल्य है और हर दिन के कारोबार के अंत में उस फण्ड की एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा इसकी गणना की जाती है। किसी भी दिन यदि उस म्यूचुअल फण्ड को समाप्त कर दिया जाए तो उस म्यूचुअल फण्ड में यूनिट धारक को प्रत्येक यूनिट के बदले जो कीमत मिलेगी वही उस यूनिट का उस दिन का NAV होता है. एक तरह से कह सकते हैं कि NAV किसी भी म्यूचुअल फण्ड की यूनिट की Book Value होती है.

एनएवी के फायदे NAV in Hindi

1. यह एक इंडीकेटर्स होता है. जो म्यूच्यूअल फण्ड की परफॉरमेंस ग्रोथ को दर्शाता है जैसे उदहारण ;- एक म्यूच्यूअल फण्ड Rs.10 रूपये का था तो उस म्यूच्यूअल फण्ड ने 50% का प्रॉफिट किया कम NAV वाला फण्ड ज्यादा प्रॉफिट देगा और ज्यादा NAV वाला कम प्रॉफिट देगा NAV क्या है यह बिलकुल गलत है क्योंकि NAV कैलकुलेशन से पिछले साल्वेशन का पता चलता है और भविष्य में म्यूच्यूअल फण्ड अच्छा भी हो सकता है और काम भी हो सकता है

2.आसान भाषा में कहा जाये तो किसी म्यूच्यूअल फण्ड में नेट एसेट वैल्यू उस NAV का मतलब कैश पोर्टफोलियो टैक्स शेयर के मार्किट प्राइस के टोटल में से क्रेडिटर को लेस्स करने के बाद जो बकाया बचता है उसे टोटल यूनिट से डिवाइड करके याद किया जा सकता है.

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जब आप स्कीम को भुनाते हैं या दूसरे शब्दों में इसे बेचते हैं तो एक्जिट लोड भी लगता है. यह एक तरह की फीस है जो बढ़ी हुई एनएवी पर लगती है. मान लीजिए कि एक फीसदी की दर से एक्जिट लोड लगता है तो आपको अब 12,375 रुपये ही मिलेंगे | इसका फॉर्मूला यह है: 50 यूनिट * 247.50 रुपये एनएवी – एक्जिट लोड.

इस तरह एनएवी म्यूचुअल फंड स्कीम के एसेट का मूल्य है, जिसे प्रति यूनिट देनदारी को घटाकर निकाला जाता है.

एनएवी कैश के साथ रखी गयी सभी प्रतिभूतियों की कुल कीमत दर्शाता है , जैसा कि आपने देखा कि इसकी गणना यूनिट के आधार पर होती है जिसमें सभी देनदारियों को घटा दिया जाता है. अगर स्कीम की अधिकांश प्रतिभूतियों के दाम बढ़ते हैं, तो एनएवी भी बढ़ेगी. अगर घटेंगे तो एनएवी घट जाएगी. यानी एनएवी स्कीम की प्रतिभूतियों की कीमतों के साथ बढ़ती-घटती है. प्रतिभूतियों का मतलब इक्विटी और डेट दोनों तरह के साधनों से है | इसमें इक्विटी शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, कॉमर्शियल पेपर इत्यादि शामिल हैं |

Mutual Fund Net Asset Value Calculation With Example (NAV in Hindi)

NAV = (assets – liabilities) / number of outstanding shares
For example, a mutual fund has $100 million of investments, based on the day’s closing prices for each individual asset. It also has $7 million of cash NAV क्या है and cash equivalents on hand, as well $4 million in total receivables. Accrued income for the day is $75,000. The fund has $13 million in short-term liabilities and $2 million in long-term liabilities. Accrued expenses for the day are $10,000. The fund has 5 million shares outstanding. The NAV is calculated as:NAV = (($100,000,000 + $7,000,000 + $4,000,000 + $75,000) –

($13,000,000 + $2,000,000 + $10,000)) / 5,000,000 = ($111,075,000 – $15,010,000) / 5,000,000 = $19.21

Note;- लेकिन NAV ये वैल्यू डेली चेंज होती रहती है. क्योकि सिक्योरिटीज का मार्किट वैल्यू डेली चेंज होता रहता है स्कीम का NAV भी डेली चेंज होता रहता है

उम्मीद है की हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके काम आएगी और जानकरी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों को भी शेयर करे.

बाजार में बिकवाली का Mutual Fund पर कैसे पड़ रहा असर, यहां समझें

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंडों को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है। यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल अनिवार्य सीमा के भीतर किया जा सकेगा।

बाजार में बिकवाली का Mutual Fund पर कैसे पड़ रहा असर, यहां समझें

सप्ताह के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भले ही भारतीय शेयर बाजार में रौनक रही हो लेकिन अब भी संकट के बादल कम नहीं हुए हैं। सालभर के निचले स्तर तक जाने के बाद शेयर बाजार में गिरावट का असर Mutual Fund NAV (नेट एसेट वैल्यू) पर भी देखने को मिल रहा है।

यह उन निवेशकों के लिए थोड़ा झटका है, जिन्होंने पहले से Mutual Fund पर दांव लगा रखा है। हालांकि, नए निवेशकों के लिए कहीं ना कहीं फायदे का सौदा है क्योंकि उनके लिए ज्यादा मुनाफा कमाने का अवसर होगा। बहरहाल, Mutual Fund NAV क्या होता है, पहले ये समझ लेते हैं।

क्या है Mutual Fund NAV: दरअसल, Mutual Fund स्कीम में कई Units होती हैं। इन Units को अलग-अलग निवेशकों द्वारा सामूहिक रूप से आयोजित किया जाता है। हर Unit के मान को नेट एसेट वैल्यू के रूप में जाना जाता है। हर शेयर की कीमत के समान, NAV प्रत्येक म्यूचुअल फंड Unit की कीमत को संदर्भित करता है। बाजार में उतार-चढ़ाव वाले किसी भी शेयर की कीमत की तरह म्यूचुअल फंड का NAV भी बदल जाता है। हर दिन क्लोजिंग के वक्त NAV अपडेट किया जाता है।

निवेशकों पर कैसे पड़ रहा असर: जिन निवेशकों ने Mutual Fund स्कीम्स में दांव लगाया है, उन्हें शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की कीमत चुकानी पड़ रही है। मई में Mutual Fund के एएमसी यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट करीब 2 फीसदी कम रहा है। इसकी वजह डेट फंड में बिकवाली है।

दरअसल, आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है, इसके बाद से ही डेट फंड में बिकवाली का दौर देखने को मिल रहा है। जानकारों के मुताबिक यह पैटर्न बताता है कि निवेशक अपने काम के लिए बैंकों से लोन लेने की बजाए Mutual Fund में छोटी अवधि के लिए निवेश की गई रकम को निकाल रहे हैं।

आपको यहां बता दें कि Mutual Fund में छोटी अवधि के लिए जो निवेशक दांव लगाते हैं, NAV क्या है उसे डेट फंड की कैटेगरी में रखा जाता है। ये वो फंड होता है जो सुरक्षित जगह निवेश किया जाता है और इसका रिटर्न भी सुनिश्चित होता है। इसमें आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि, एक बात ये भी है कि सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और निवेश का आंकड़े में भी इजाफा हो गया है। निवेश का पैटर्न देखने पर मालूम होता है कि यह निवेश लॉन्ग टर्म के लिए है और हाइब्रिड एसेट मैनेजमेंट को चुना जा रहा है।

क्या वजह है: एक्सपर्ट के मुताबिक एसआईपी में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह अच्छा मौका है। शेयर बाजार जब गिरावट के दौर में रहता है तब दांव लगाने पर तगड़ा रिटर्न मिलने की उम्मीद की जाती है।

विदेशी शेयरों में निवेश पर राहत: इस बीच, पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंडों को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है। यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल अनिवार्य सीमा के भीतर किया जा सकेगा। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय शेयरों का मूल्यांकन नीचे आने के मद्देनजर किया गया।

सेबी ने जनवरी में म्यूचुअल फंड घरानों से कहा था कि वे विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नये ग्राहक बनाना बंद कर दें। ग्राहक बनाने पर रोक का निर्देश मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा विदेशी निवेश के लिए तय सात अरब अमेरिकी डॉलर की अनिवार्य सीमा को पार करने के कारण जारी किया गया था।

Net Asset Value: म्यूच्यूअल फंड NAV क्या है? | What is NAV in Hindi | एनएवी कैसे काम करता है?

Net Asset Value: म्यूच्यूअल फंड NAV क्या है? | What is NAV in Hindi | एनएवी कैसे काम करता है?

NAV Meaning in Hindi: म्यूच्यूअल फंड के निवेशक NAV के बारे में जानते होंगे। लेकिन शुरुआती निवेशक ठीक से नहीं जानते कि NAV Kya Hai? (What is NAV in Hindi) इसलिए इस लेख में हम जनेंगे कि म्यूचुअल फंड एनएवी क्या है? (What is Mutual Fund NAV in Hindi?) और एनएवी कैसे काम करता है? (How does NAV work?)

NAV in Hindi: सबसे पहले आपको बता दें कि म्यूच्यूअल फंड में NAV निवेशक के द्वारा खरीदें गए यूनिट्स की संख्या की गणना करता है। एनएवी का मतलब (NAV Meaning in Hindi) शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य है। जिसे अंग्रेजी में Net Asset Value कहा जाता है। NAV म्यूचुअल फंड की प्रत्येक इकाई की कीमत को दर्शाता है। जिसके अनुसार एएमसी और निवेशक दोनों ही निवेशकों की यूनिट्स की संख्या की गणना NAV क्या है करते हैं।

NAV Kya Hai? (What is NAV in Hindi) इसकी थोड़ी बहुत जानकारी तो आपको हो गई होगी। अब आइये और विस्तार से समझते है कि म्यूचुअल फंड एनएवी क्या है? (What is Mutual Fund NAV in Hindi?) और एनएवी कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड एनएवी क्या है? | What is Mutual Fund NAV in Hindi?

Net Asset Value in Hindi: म्युचुअल फंड में किसी भी सिक्योरिटी में किए गए किसी भी निवेश का ओनरशिप नहीं मिलता है। हम एक पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। वोटिंग, राइट इश्यू, डिविडेंड, बोनस आदि के मामले में हमारा कंपनी में कोई अधिकार नहीं है। म्यूचुअल फंड में यूनिट्स को फंड मैनेजर द्वारा खरीदा और बेचा जाता है और एक निवेशक होने के नाते हम फंड मैनेजर द्वारा डिजाइन किए गए पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं।

जैसा कि पोर्टफोलियो सिक्योरिटीज का एक ग्रुप है (इक्विटी, डेट या हाइब्रिड हो सकता है) हमें हमारे द्वारा निवेश किए गए पैसों के एवज में यूनिट्स मिलती हैं। प्रत्येक यूनिट्स का NAV के संदर्भ में वैल्यू होगा।

जब कोई निवेशक म्यूचुअल फंड में खरीद या निवेश करता है, तो उसे वर्तमान NAV या Net Asset Value के आधार पर यूनिट्स आवंटित की जाती हैं, वही यूनिट्स को भुनाने के समय पर लागू होती है। NAV किसी अन्य प्रोडक्ट, कमोडिटी या इन्वेस्टमेंट की कीमत के समान काम करता है।

NAV का परचेस रेट और NAV का रिडेम्पशन रेट के बीच का अंतर निवेशक के लाभ या हानि को परिभाषित करता है। अगर परचेस रेट रिडेम्पशन रेट से अधिक है, तो निवेशक लाभ में होगा और अगर बाद में कम है, तो निवेशक को नुकसान होगा।

एनएवी कैसे काम करता है? | How does NAV work?

Mutual Fund NAV in Hindi: म्यूचुअल फंड एनएवी में उतार-चढ़ाव नहीं होता है क्योंकि शेयरों की कीमत मूवमेंट करती है, इसकी गणना बाजार के घंटों के अंत के बाद हर दिन एक बार की जाती है और दिन के दौरान पोर्टफोलियो में शामिल शेयर की कीमत के मवंनेट पर पूरी तरह निर्भर करता है।

प्रत्येक शेयर को आवंटित वेटेज के आधार पर, एनएवी की गति भी निर्भर करेगी। अगर किसी शेयर के लिए उच्चतम आवंटन 25% से अधिक आवंटन है और शेयर की कीमत बाजार के घंटों के दौरान किसी भी दिशा में चलती है, तो उस दिन के NAV पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ेगा।

एक नए फंड ऑफर का एनएवी 10 से शुरू होता है, शेयर आईपीओ के विपरीत, सभी म्यूचुअल फंड NFO एक ही शुरुआती बिंदु पर दौड़ शुरू करते हैं और फंड मैनेजर के प्रदर्शन के आधार पर और अनुकूल बाजार की स्थिति के साथ उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीतियों में वृद्धि को एनएवी में परिभाषित किया जाएगा।

आमतौर पर समान दिनों की NAV प्राप्त करने के लिए कट ऑफ टाइम दोपहर 2 बजे से 3 बजे के बीच होता है, अगर कोई पोस्ट खरीदने या बेचने का ऑर्डर देता है तो उसे अगले दिन का NAV मिलेगा जो पिछले दिन की तुलना में अधिक या कम हो सकता है।

किसी फंड के एनएवी में फंड प्रबंधन शुल्क जैसे शुल्क भी शामिल होते हैं और अगर निवेशक इसे डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से खरीदते हैं, तो इसमें उनका कमीशन भी शामिल होता है जिसे हम एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं। एग्जिट लोड भी NAV के प्रतिशत के रूप में लिया जाता है

एक नियमित फंड का NAV एक डायरेक्ट फंड के NAV से अधिक होता है, क्योंकि यह सीधे AMC द्वारा प्रदान किया जाता है।

ETF और क्लोज्ड एंडेड फंड में NAV कैसे काम करता है?

चूंकि एतफ3 और क्लोज्ड एंडेड फंड दोनों ही सब्सक्रिप्शन अवधि के बंद होने NAV क्या है के बाद बाजार में लिस्टेड होते हैं, उनका स्टॉक और शेयरों की तरह कारोबार होता है, ईटीएफ का मूल्य और क्लोज एंडेड फंड छूट या प्रीमियम पर हो सकते हैं। इनमें से NAV की गणना इंट्राडे आधार पर भी की जाती है।

एनएवी के बारे में मिथक | Myth About NAV in Hindi

निवेशक आमतौर पर सोचते हैं कि अगर वे NFO अवधि के दौरान कम NAV वाले फंड में निवेश करते हैं, तो उनके पैसे बढ़ने की संभावना उस फंड में निवेश करने की तुलना में बहुत अधिक है जो पहले ही कुछ वर्षों में बढ़ चुका है।

उदाहरण के लिए, यदि आप एनएफओ में निवेश करते हैं तो आपको एनएवी 10 पर आवंटित इकाइयां मिलती हैं, जैसे कि आप किसी ऐसे फंड में निवेश करते हैं जिसे 3 साल पहले लॉन्च किया गया था, लेकिन एनएवी 45 है, तो आप एनएफओ में निवेश करके अधिक लाभ अर्जित करेंगे, जो कि सच नहीं है।

जब 2 फंडों के प्रदर्शन की तुलना करने की बात आती है, तो एनएवी अप्रासंगिक है। आपके पैसे के बढ़ने की संभावना पूरी तरह से बाजार की स्थिति, फंड मैनेजर के प्रदर्शन और रणनीतियों और पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।

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