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खाता क्या हैं?

खाता क्या हैं?
  • खाता खोलने के लिए न्यूनतम धनराशि 20 रुपये है
  • व्यक्तिगत / संयुक्त खातों पर 4.0% वार्षिक​ ब्याज मिलता है
  • खाता केवल नकदी के द्वारा खोला जा सकता है
  • गैर-चेक सुविधा वोले खाते में आवश्‍यक न्यूनतम शेष धनराशि 50/- रुपए है​​
  • 500 रुपये के साथ खाता खोलने पर चेक सुविधा उपलब्ध है और इसलिए ऐसे खाते में न्यूनतम शेष धनराशि 500 रुपये का होना आवश्‍यक है
  • किसी मौजूदा खाते में भी चेक सुविधा ली जा सकती है​
  • वित्तीय वर्ष २12-13 से अर्जित ब्याज प्रति वर्ष 10000 रुपये तक कर मुक्त है​
  • नामांकन की सुविधा खाता खोलने के समय तथा खाता खोलने के बाद भी उपलब्ध है
  • यह खाता एक डाकघर से दूसरे डाकघर में स्थानांतरित किया जा सकता है
  • एक डाकघर में एक खाता खोला जा सकता है​
  • किसी नाबालिग व्‍यक्ति के नाम से भी खाता खोला जा सकता है और 10 साल और उससे अधिक आयु के नाबालिग व्‍यक्ति खाता खोल भी सकते हैं और संचालित भी कर सकते हैं
  • संयुक्त खाता दो या तीन वयस्कों द्वारा खाता क्या हैं? खोला जा सकता है​
  • खाते को सक्रिय रखने के लिए तीन वित्तीय वर्षों में जमा या निकासी का कम से कम एक लेनदेन आवश्यक है​
  • एकल खाता संयुक्त खाते में और संयुक्त खाता एकल खाते में परिवर्तित किया जा सकता है​
  • बालिग होने के बाद नाबालिग व्‍यक्ति को अपने नाम पर खाते के स्थानांतरण के लिए आवेदन करना पड़ेगा
  • सीबीएस डाकघरों में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से जमा और निकासी की जा सकती है
  • एटीएम की सुविधा भी मिलती है।

चालू खाता (Current Account) क्या होता है

जब आप बैंक में अपना बैंक अकाउंट ओपन (Bank Account Open) करने जाते है तो आपको एक फॉर्म दिया जाता है जिसे आपको भरना होता है और इसे अपने डाक्यूमेंट्स के साथ बैंक को सबमिट करना होता है जिससे आपका बैंक अकाउंट खुल जाता है लेकिन जब बैंक अकाउंट का फॉर्म भरा जाता है तब आपसे फॉर्म में हमेशा पूछा जाता है की आपको सेविंग अकाउंट (Saving Account) ओपन करना है या करंट अकाउंट (Current Account) ? तो यहाँ पर सवाल आता है की आखिर ये करंट अकाउंट क्या होता है (What is Current Account ?) चालू खाता का मतलब (Meaning of Current Account in hindi) और बैंक में चालू खाता ओपन कैसे करे और इसके लिए क्या क्या डाक्यूमेंट्स चाहिए पूरी जानकारी.

बचता खाता एक ऐसे चीज़ है जो की आम इंसान के लिए नही बल्कि ऐसो लोगो के लिए बनाना गया है जो रोजाना लेन देन का काम करते है और ये लेन देन काम हजारो लाखो यहाँ तक करोडो में किया जाता है और इसके लिए कोई लिमिट यानि सीमा नहीं है आप जितना मर्जी लेन देन कर सकते है लेकिन अगर आप एटीएम (ATM) से निकाशी करते है यानि पैसे निकालते है तो इसकी सीमा (Limit) की सही जानकारी आपके बैंक वाले दे सकते है करंट अकाउंट (Current Account) में चलिए विस्तार में जानते है की आखिर ये बचत खाता क्या है (What is Current Account information in hindi) बचत खाता की पूरी जानकारी हिंदी में .

Current account

Current Account क्या होता है ? बचत खाता का मतलब

करंट अकाउंट जिसे हम चालू खाता भी कहते है जैसा की आपको नाम से ही पता चल रहा है करेंट का मतलब होता है अभी फ़िलहाल जो चल रहा है अगर आप ऐसा खाता चाहते है जहा पर पैसे का लेन देन रोजाना हर समय होता है तो इसके लिए आप करंट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते है ये अकाउंट किसी कंपनी (Company), पब्लिक इंटरप्राइजेज (Public enterprises), बिजिनेसमेन (Businessmen) के लिए होता है जहा पर पैसे का लेन देन यानि ट्रांजेक्शन (transaction) एक बड़े पेमाने पे होता है ऐसे लोग करंट अकाउंट यानि चालु खाता का इस्तेमाल करते है

जैसा की आप जानते है ये एक चालू खता है जिसमे आपने जितने मर्जी चाहे एक दिन में पैसे का लें देन कर सकते है इसमें कोई लिमिट नही है इसी के चलते यहाँ पर आरबीआई (RBI) ने रूल यानि नियम बना रखा है की किसी भी तरह के करंट अकाउंट में आपको ब्याज नही मिलेगा यानि को कोई इंटरेस्ट नही मिलेगा भले ही आपके कितने भी पैसा जमा कराये या लेन देन करे

चालू खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशी कितनी चाहिए ?

अगर आपको बैंक में करंट अकाउंट ओपन करने है यानि मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) तो इसके लिए करंट अकाउंट में कम से कम 10 हजार होनी चाहिए ये राशी कुछ लोगो के अलग अलग हो सकती है बैंक केआधार में राशी तय होती है

चालू खाता खोलने के लिए कितने पैसे की जरुरत होती है ?

जब आप बैंक अकाउंट खोलने जाते है तो सवाल मन में जरुर आता है की आखिर एक करंट अकाउंट (Current Account) खोलने के लिए मिनिमम चार्ज (Minimum Charge) कितना है तो ज्यादातर बैंक में बचत खाता खोलने के लिए आपके पास कम से कम 10 हजार होने चाहिए

चालू खाता (Current Account) ओपन करने के लिए जरुर डाक्यूमेंट्स

जैसा की आप जानते है की बैंक में आपको एक आइडेंटिटी प्रूफ देना होता है जो आपकी पहचान बताता है की आपका नाम क्या है उम्र क्या है आप कहा रहते है कहा से हो तो जब भी आप बैंक अकाउंट ओपन करोगे किसी भी तरह का चाहे वो करंट अकाउंट हो या फिर सेविंग अकाउंट (Saving Account) आपको अपने कुछ डाक्यूमेंट्स जमा करने होते है तभी आपका अकाउंट ओपन होता है और निचे कुछ डाक्यूमेंट्स दिए गए है जिसे आप करंट अकाउंट खोलें के लिए यूज़ कर सकते है

  • वोटर आईडी कार्ड (Voter id Card) : जी हा अगर आप एक भारतीय नागरिक है और सेविंग अकाउंट ओपन करना चाहते है तो एक एड्रेस प्रूफ (Address Proof) के तोर पे पहचान पत्र इस्तेमाल कर सकते है
  • Photo (पासवर्ड साइज़ फोटो) : आपको दो कलर फोटोज चाहिए को की हाल ही लिए गए फोटोज हो जिसे आपको पहचान हो
  • आधार कार्ड (Aadhar Card) : आधार कार्ड आज क समय में एक बहोत ही जरुरी डॉक्यूमेंट बन गया है हर जगह आधार कार्ड माँगा जाता है तो बांको में भी आप आधार कार्ड को एक एड्रेस प्रूफ (Address Proof) की तरह इस्तेमाल खाता क्या हैं? कर सकते है सेविंग अकाउंट ओपन करने के लिए
  • पैन कार्ड (Pan Card) : आज कल ज्यादातर बैंक अकाउंट खोलने के लिए आपसे आपका पैन कार्ड डिटेल्स जरुरी मांगती है ये भी एक जरुरी डाक्यूमेंट्स है जो आपके बैंक खता खोलते वक्त माँगा जाता है
  • ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) : आप ड्राइविंग लाइसेंस को बैंक में अपनी पहचान और एड्रेस प्रूफ की तरह इस्तेमाल कर सकते है
  • पासपोर्ट (Passport) : अगर आपके इंडियन पासपोर्ट (indian Passport) है तो इसका इस्तेमाल भी आप बैंक अकाउंट में एड्रेस के लिए कर है

तो इन सभी चीजों में से आप कोई सा भी डाक्यूमेंट्स इस्तेमाल कर सकते है बचत खाता (Current Account) ओपन करने के लिए बस इसके बाद आपको जिस भी बैंक (Bank) में जाना है वह जाके आपको उनसे एक फॉर्म लेना होगा और उसे भर के बैंक में जमा करा देना है इस चीज़ के बारे में ज्यादा जानकारी आपको बैंक वाले देंगे

नाममात्र का खाता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनाममात्र खाता क्या है? एक नाममात्र खाते में शेष राशि लेखा वर्ष के अंत में बंद हो जाती है। नतीजतन, एक नाममात्र खाता प्रत्येक लेखांकन वर्ष को शून्य शेष के साथ शुरू करता है। चूंकि शेष राशि अगले लेखा वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ती है, इसलिए नाममात्र खाते को does के रूप में भी संदर्भित किया जाता हैअस्थायी खाता’.

लाभ हानि खाता कौन सा खाता है?

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय वर्ष के अंत में शुद्ध लाभ या हानि ज्ञात करने के लिए व्यापारी द्वारा जो खाता बनाया जाता है। उसे लाभ – हानि खाता (Profit and Loss Account) कहते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं। व्यवसाय कोई भी हो व्यापारी का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना ही होता है।

What is a real account एक वास्तविक खाता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंवस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account) – वह खाते जो किसी वस्तु या संपत्ति से संबंधित होते हैं वस्तुगत (Real) खाते कहलाते कहलाते हैं। इस खाते में वस्तुओं का लेनदेन तथा खरीदना और बेचना शामिल होता है।

लाभ हानि खाता कैसे बनाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंProfit and loss अकाउंट में दो पक्ष होते है एक डेबिट पक्ष और दूसरा क्रेडिट पक्ष | डेबिट पक्ष में व्यापार के सभी अप्रयक्ष व्यय (Indirect expenses) लिखे जाते है तथा क्रेडिट पक्ष में समस्त अप्रत्यक्ष आय (Indirect income) लिखी जाती है | इसके बाद दोनों पक्षों का योग लगाया जाता है,अगर डेबिट साइड का योग क्रेडिट से कम होता है …

व्यक्तिगत खाता कितने प्रकार के होते हैं?

1. Personal accounts ( व्यक्तिगत खाते )

  • Personal accounts example.
  • Types of personal accounts ( व्यक्तिगत खातों के प्रकार )
  • प्राकृतिक वयक्तिगत खाते ( Natural personal accounts )
  • कृत्रिम व्यक्तिगत खाते ( Artificial personal accounts )
  • प्रतिनिधित्व व्यक्तिगत खाते ( Representative personal accounts )

लाभ हानि खाते का अधिक खाता क्या हैं? क्या प्रदर्शित करता है?

इसे सुनेंरोकेंलाभ-हानि खाता (Profit And Loss Accounts) इसमें व्यापार या संस्था के समस्त आगम (आयगत) एवं अप्रत्यक्ष खर्चो को डेबिट पक्ष की ओर दर्शाया जाता है एवं आगम (आयगत) एवं अप्रत्यक्ष आय जैसे प्राप्त कमीशन, प्राप्त छूट, प्राप्त ब्याज आदि को क्रेडिट पक्ष की ओर दर्शाया जाता है।

लाभ हानि खाते के जमा आधिक्य को क्या कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकेंसकल लाभ / सकल हानि : यह शुद्ध विक्रय से आगम का बिक्री की गई वस्तुओं की लागत पर आधिक्य है। सकल लाभ शुद्ध बिक्री और बिक्री की गई वस्तुओं के लागत की अन्तर राशि के बराबर होता है। यदि जमा पक्ष का योग नाम पक्ष के योग से अधिक है तो आधिक्य राशि को सकल लाभ कहेंगे तथा इसे व्यापार खाते के नाम पक्ष में दिखाया जाएगा।

उचन्त खाता क्यों तैयार किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंउचन्त खाता बनाने की आवश्यकता क्यों? जब ट्रायल बैलेंस (तलपट) के दोनों साइड बैलेंस नहीं कर रहे हो तब उचन्त खाता खाते को खोला जाता है। इसका मुख्य उपयोग बैलेंस शीट में भूल की वजह से हुई देरी से बचने के लिए ही किया जाता है।

अंतिम खाते से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवर्ष भर के निष्कर्ष निकालने के लिए लाभ-हानि व व्यापारिक स्थिति ज्ञात करने के लिए जो खाते तैयार किए जाते हैं उन्हें “अंतिम खाते” कहा जाता हैं।

लाभ हानि विवरण क्यों तैयार किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक व्यवसाय एक विशिष्ट अवधि के दौरान अर्जित आय और किए गए खर्चों को जानने के लिए तत्पर रहता है। इस प्रकार की गणना आमतौर पर वर्ष के अंत में होती है। और, इस परिदृश्य में कंपनियों की मदद करने के लिए, एक लाभ और हानिबयान या लाभ और हानि दिखाने वाले खाते खेल में आते हैं।

लाभ हानि नियोजन खाता क्यों बनाया जाता है इसमें दर्शायी जाने वाली मदों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंलाभ-हानि खाता (Profit And Loss Accounts) संक्षेप में हम कह सकते हैं कि अवास्तविक खातों से संबंधित समस्त खातों के शेष लाभ-हानि खाते में लिखा जाता है यदि क्रेडिट शेष हो तो उसे शुद्ध लाभ लिखकर डेविट पक्ष में दर्शाया जाता है। इसके विपरीत यदि डेबिट शेष हो तो शुद्ध हानि लिखकर क्रेडिट पक्ष में लिखा जाता है।

व्यक्तिगत खाते से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजिन खातों का सम्बन्ध किसी विशेष व्यक्ति से होता है, वे व्यक्तिगत खाते कहलाते हैं। व्यक्ति का अर्थ स्वयं व्यक्ति, फर्म, कम्पनी और अन्य किसी प्रकार की व्यापारिक संस्था होता है। दूसरे शब्दों में, सब लेनदारों तथा देनदारों के खाते व्यक्तिगत खाते होते हैं।

Account कितने प्रकार की होती है?

खाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं।

  • व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
  • वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account)
  • अवस्तुगत या आय व्यय से संबंधित या नाम मात्र का खाता (Nominal Account)

व्यक्तिगत खाते कितने प्रकार के होते है?

  • व्यक्तिगत खाते,
  • वास्तविक खाते, और
  • नाममात्र के खाते;

खाते से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंखाता (Account) खाता बही (लेजर) का वह भाग है जिसमें व्यक्ति, वस्तुओं अथवा सेवाओं के सम्बन्ध में किए हुए लेनदेनों का सामूहिक विवरण लिखा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक खाते की स्थिति का पता लग जाता है कि वह खाता लेनदार (Creditor) है तथा देनदार (Detor)।

व्यक्तिगत खाते का उदाहरण क्या है?

इसे सुनेंरोकें1. Personal accounts ( व्यक्तिगत खाते ) ये वो खाते होते है , जो की किसी फर्म , व्यक्ति या संस्था के नाम से खोला जाता है , personal accounts कहलाते है। जैसे राम का खाता , रवि का खाता , पंजी लिमिटेड का खाता , बैंक खाता capital accounts स्वामी का ,व्यवसाय के स्वामी का drawing account आदि।

बैंकों में कितने प्रकार के खाते होते हैं?

बैंक खाते चार प्रकार के होते हैं-

एक खाते के कितने पक्ष होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: प्रत्येक लेनदेन में दो पहलू या पक्ष होते हैं। खाता-बही (Ledger) में प्रत्येक पक्ष का एक खाता बनाया जाता है।

बैंक में कितने प्रकार का खाता खोला जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंखातों के प्रकार कुछ खाते केवल ऋण लेने के लिए खोले जाते हैं जिनसे आवश्यक होने पर पैसा निकाला जा सके। ऐसे खाते ऋण खाते (loan account) कहलाते हैं। जब कोई व्यक्ति कोई राशि को एक निश्चित समय के लिए जमा कर देता है तो ऐसे खाते को सावधि खाता (fixed deposite) कहते हैं। ऐसे खातों का पैसा उस निश्चित अवधि के बाद ही मिलता है।

व्यापार खाता क्या है? व्यापार खाते एवं लाभ-हानि खाते में अन्तर स्पष्ट कीजिए। व्यापार खाते का नमूना दीजिए।

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जानें पोस्ट ऑफिस में खाता खोलने के फायदे, बस रखना होगा इस बात का ध्यान

घर की गुल्लक में पैसे बचाने वालें लोगों के लिए पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुलवाने फायदे का सौदा है। यहां सेविंग अकाउंट 20 रुपये में खुल जाता है और एटीएम की सुविधा भी मिलती है। हालांकि, अब पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस खाता क्या हैं? बनाए रखने से जुड़ा नियम बदल चुका है। पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये बनाए रखना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते तो 100 रुपये रोज का शुल्क काटा जाएगा और शेष राशि जीरो हो जाएगी, तो आपका खाता बंद हो जाएगा। आइए जानते हैं पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुलवाने के फायदें और सीमाएं..

पोस्ट ऑफिस ऑफर कर रहा है ये स्कीम

इंडिया पोस्ट कई छोटी बचत योजनाएं ऑफर करती हैं। पोस्ट ऑफिस बैंकों की तुलना में बेहतर ब्याज दरें भी ग्राहकों को ऑफर करता है। पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), 5 साल के लिए पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, किसान विकास पत्र (KVP) और सीनियर सिटीजन सेविंग्स आदि शामिल है।

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  • 500 रुपये के साथ खाता खोलने पर चेक सुविधा उपलब्ध है और इसलिए ऐसे खाते में न्यूनतम शेष धनराशि 500 रुपये का होना आवश्‍यक है
  • किसी मौजूदा खाते में भी चेक सुविधा ली जा सकती है​
  • वित्तीय वर्ष २12-13 से अर्जित ब्याज प्रति वर्ष 10000 रुपये तक कर मुक्त है​
  • नामांकन की सुविधा खाता खोलने के समय तथा खाता खोलने के बाद भी उपलब्ध है
  • यह खाता एक डाकघर से दूसरे डाकघर में स्थानांतरित किया जा सकता है
  • एक डाकघर में एक खाता खोला जा सकता है​
  • किसी नाबालिग व्‍यक्ति के नाम से भी खाता खोला जा सकता है और 10 साल और उससे अधिक आयु के नाबालिग व्‍यक्ति खाता खोल भी सकते हैं और संचालित भी कर सकते हैं
  • संयुक्त खाता दो या तीन वयस्कों द्वारा खोला जा सकता है​
  • खाते को सक्रिय रखने के लिए तीन वित्तीय वर्षों में जमा या निकासी का कम से कम एक लेनदेन आवश्यक है​
  • एकल खाता संयुक्त खाते में और संयुक्त खाता एकल खाते में परिवर्तित किया जा सकता है​
  • बालिग होने के बाद नाबालिग व्‍यक्ति को अपने नाम पर खाते के स्थानांतरण के लिए आवेदन करना पड़ेगा
  • सीबीएस डाकघरों में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से जमा और निकासी की जा सकती है
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BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी खाता क्या हैं? आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.

2. बचत खाता- Savings Account

नाम से ही खाता क्या हैं? स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.

3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account

आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर सूद के साथ कुल राशि का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है. सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.

4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account

सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.

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