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आंतरिक व्यापार

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Piyush Goyal

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अमृत विचार – दैनिक समाचार पत्र
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बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार कितना है, क्या है आईएमएफ़ की आपत्ति?

अमेरिकी डॉलर

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने कहा है कि बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार का जिस तरह हिसाब लगाया जा रहा है वह सही नहीं है. आईएमएफ़ जिस तरीके से हिसाब लगाने को कह रहा है उसके मुताबिक़ देश का मौजूदा भंडार 26 अरब डॉलर है. बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रऊफ़ तालुकदार ने बीते नौ नवंबर को आईएमएफ़ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि देश में फ़िलहाल विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा 34.3 बिलियन डॉलर है. उसमें से आठ बिलियन डॉलर घटा कर जो रक़म बचेगी वही नेट विदेशी मुद्रा भंडार है. इस लिहाज से नेट भंडार की मात्रा 26.3 बिलियन डॉलर है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ''आईएमएफ़ ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा ग्रॉस की बजाय नेट में दिखाने को कहा है. हमें इसमें आपत्ति नहीं है.''

विदेशी मुद्रा भंडार आंतरिक व्यापार का हिसाब कैसे किया जाता था?

दुनिया के तमाम देशों में केंद्रीय बैंक के पास मौजूद विदेशी मुद्रा के भंडार को ही देश का नेट भंडार माना जाता है. लेकिन बांग्लादेश में अब तक भंडार का हिसाब लगाते समय नेट भंडार के साथ ही विभिन्न मद में निवेश या भंडार से क़र्ज़ के तौर पर दिए गए डॉलर को भी जोड़ लिया जाता था. बांग्लादेश बैंक के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, देश में सकल विदेशी मुद्रा भंडार की मात्रा 34.23 अरब डॉलर है. आईएमएफ़ ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक़, बांग्लादेश बैंक को भंडार के तौर पर वही रक़म दिखानी चाहिए जो उसके पास इस्तेमाल के लिए रखी है. ऐसा नहीं होने आंतरिक व्यापार की स्थिति में भंडार के मुद्दे पर सही संदेश नहीं जाएगा. बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता अबुल कलाम आज़ाद ने रविवार को बीबीसी बांग्ला से कहा, "हम तो ग्रॉस और नेट, दोनों तरीकों से हिसाब रखते थे. लेकिन भंडार को ग्रॉस के रूप में दिखाया जाता था. अब संबंधित विभाग इसे नेट भंडार के तौर पर दिखाने की दिशा में काम कर रहे हैं. फ़िलहाल यह प्रक्रिया जारी है." बांग्लादेश बैंक के गवर्नर ने बीते बुधवार को पत्रकारों से कहा था, “हमने कई मदों में लगभग आठ अरब डॉलर का निवेश किया है. उसे घटा देने पर नेट भंडार 26.3 बिलियन डॉलर हो जाएगा. जब हमारा भंडार 48 बिलियन डॉलर था, तब भी हमने इसी तरीके से हिसाब लगाया था.”

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इनमें निर्यातकों को विभिन्न सामग्रियों के निर्यात की सुविधा देने के लिए विदेशी मुद्रा में क़र्ज़ लेने की ख़ातिर एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फ़ंड (ईडीएफ़) में 60 करोड़ डॉलर, पर्यावरण मित्र उद्योगों में निवेश के लिए गठित ग्रीन ट्रांसफ़ॉर्मेशन फ़ंड (जीटीएफ़) में 20 करोड़ डालर, लॉन्ग टर्म फ़ाइनेंशियल फ़ैसिलिटी फ़ंड में 3.85 करोड़ डॉलर और सोनाली बैंक के ज़रिए बांग्लादेश विमान को दिए गए 5.80 करोड़ डालर की रक़म को भी बांग्लादेश के सकल विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है. गवर्नर ने कहा है कि 'हम ईवीएफ़ के तहत 120 दिनों के लिए क़र्ज़ देते हैं. इसे जब चाहें वापस ले सकते हैं.' आर्थिक संकट से निपटने के लिए वर्ष 2021 के अगस्त में बांग्लादेश के रिज़र्व से श्रीलंका को 20 करोड़ डॉलर का क़र्ज़ दिया गया था. पहले इसे लगातार तीन मासिक किस्तों में लौटाने की बात थी. लेकिन बाद में यह समय-सीमा बढ़ा दी गई थी. इस बारे में उनका कहना था, "हम श्रीलंका को दिए गए 20 करोड़ डॉलर के क़र्ज़ की वापसी की दिशा में काम कर रहे हैं. श्रीलंका के गवर्नर के साथ बैठक हुई है. उन्होंने इस क़र्ज़ को लौटाने का भरोसा दिया है." लेकिन निवेश किए गए कोष की रक़म या कर्ज की वापसी नहीं होने के कारण बांग्लादेश के भंडार की मात्रा 26.3 अरब डॉलर रहेगी. ब्रिटेन से बड़ी हुई भारत की अर्थव्यवस्था, लेकिन क्या ये ख़ुश होने की बात है?

26 अरब डॉलर के रिज़र्व का क्या मतलब है?

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निर्यात और रेमिटेंसेज़ ही बांग्लादेश की विदेशी मुद्रा आय के प्रमुख स्रोत हैं. लेकिन बीते अक्तूबर से इन दोनों मदों में होने वाली आय में गिरावट आई है. अक्टूबर में रेमिटेंसेज़ के जरिए 164.70 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा देश में आई जो बीते डेढ़ वर्षो में सबसे कम है. इसके साथ ही बीते साल की इसी अवधि के मुक़ाबले निर्यात से होने वाली आय भी 7.85 प्रतिशत घट कर 4.35 बिलियन डॉलर हो गई. इसके कारण बैलेंस ऑफ़ पेमेंट का घाटा और बढ़ गया है. बांग्लादेश बैंक के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, जुलाई से सितंबर तक के तीन महीनों के दौरान विदेशी लेन-देन का चालू व्यापार संतुलन घाटा 3.61 करोड़ डॉलर रहा. यानी जितनी रक़म की चीजों का निर्यात हुआ उससे 3.61 बिलियन डॉलर ज़्यादा की वस्तुओं का आयात किया गया. लेकिन कुल व्यापार घाटा 7.55 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यानी इस दौरान बांग्लादेश के निर्यात और रेमिटेंसेज़ से 1180 करोड़ डॉलर की आय हुई. लेकिन आयात का ख़र्च और विदेश जाने वाली आंतरिक व्यापार मुद्रा की कुल मात्रा 1935 करोड़ डॉलर रही. यानी कुल व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 2022-2023 का वित्त वर्ष 18.70 अरब डॉलर के बड़े भुगतान संतुलन घाटे के साथ शुरू हुआ था. हालांकि विदेशी क़र्ज़ और आर्थिक सहायता मिलने और आयात खर्च घटने पर कुछ हद तक इस घाटे की भरपाई हो जाती है. लेकिन बांग्लादेश का व्यापार घाटा जिस तरह लगातार बढ़ रहा है उससे अर्थशास्त्रियों को इस घाटे की भरपाई की संभावना नहीं नज़र आ रही है. बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना आंतरिक व्यापार ने बीते छह नवंबर को कहा था, "हमारे पास जितना भंडार है उससे कम से कम पांच महीने तक आयात के ख़र्च का भुगतान संभव है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक़ तीन महीने के आयात ख़र्च के बराबर भंडार रहना ही पर्याप्त है."

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी)स्टार्टअप इंडिया नवाचार सप्ताह आयोजित करेगा

स्टार्टअप इंडिया नवाचार सप्ताह

देश भर में उद्यमिता के प्रसार और उसकी पहुंच को प्रदर्शित करने के लिए नवाचार सप्ताह का आयोजन

हितधारकों के लिए पंजीकरण जारी

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) 10 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक स्टार्टअप इंडिया नवाचार सप्ताह का आयोजन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वर्चुअल तरीके से सप्ताह भर चलने वाले इस नवाचार उत्सव का उद्देश्य भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाना है और इसे पूरे भारत में उद्यमिता के प्रसार और उसकी पहुंच को प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्टार्टअप इंडिया नवाचार सप्ताह में बाजार तक पहुंच के अवसरों को बढ़ाना,उद्योग जगत की हस्तियों के साथ चर्चा,राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्कृष्ट कार्य प्रणालियों, सक्षम लोगों का क्षमता निर्माण,इन्क्यूबेटरों की नई भूमिका,प्रौद्योगिकी प्रदर्शनियों, कॉर्पोरेट से जुड़ाव और ऐसे ही कई विषयों को लेकर कई सत्र आयोजित किए जाएंगे।

भारतीय कंपनियों एवं निवेशकों के सामने यूएई में आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए यूएई में भारत फास्ट ट्रैक तंत्र स्थापित किया जाएगा

Piyush Goyal

निवेशों पर भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल (‘संयुक्त कार्य बल’) की आंतरिक व्यापार 10वीं बैठक आज मुंबई में आयोजित हुई। इसकी सह-अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य शेख हमीद बिन जाएद अल नाहयान द्वारा की गई।

संयुक्त कार्य बल की स्थापना 2013 में भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश तथा आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए जाने तथा फरवरी, 2022 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान के बीच वर्चुअल समिट के दौरान संयुक्त भारत-यूएई विजन वक्तव्य के अनावरण के बाद संयुक्त कार्य बल की यह पहली बैठक थी।

सीईपीए द्विपक्षीय आर्थिक, व्यापार तथा निवेश संबंधों को रूपांतरित करने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए निर्धारित एक प्रमुख व्यापार समझौता है। ये दोनों ऐतिहासिक उपलब्धियां त्वरित गति से दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझीदारी को निरंतर मजबूत बनाने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करते है।

संयुक्त कार्य बल की इस 10वीं बैठक के दौरान, दोनों सह-अध्यक्षों ने मई 2022 में इसके प्रभावी होने के बाद से, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पर ऐतिहासिक भारत-यूएई सीईपीए के सकारात्मक प्रभाव के आरंभिक रुझानों को स्वीकार किया। दोनों सह-अध्यक्षों ने दोनों तरफ के व्यावसायियों आंतरिक व्यापार से सीईपीए के तहत सृजित अनुकूल व्यापार इकोसिस्टम से ईष्टतम लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया। सह-अध्यक्षों ने सीईपीए संयुक्त समिति एवं संबंधित उप-समितियों की स्थापना सहित सीईपीए के विभिन्न पहलुओं पर प्रगति का भी उल्लेख किया।

दोनों प्रतिनिधि मंडलों ने भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश समझौते की वार्ता की स्थिति की समीक्षा की। अभी तक संवाद के 12 दौरों का आयोजन किया जा चुका है। दोनों पक्षों ने नोट किया कि बातचीत की शुरुआत के बाद से अभी तक और अधिक प्रगति दर्ज की जा सकती थी और इसलिए उन्होंने संतुलित और परस्पर लाभदायक समझौते को शीघ्रता से संपन्न कर लेने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, अवसंरचना, ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। इस परिप्रेक्ष्य में, यह सहमति हुई कि दोनों देशों में संबंधित प्राधिकारी व्यापार एवं निवेश संबंधित प्रक्रियाओं में लगने वाले समय और लागत में कमी लाने के लिए दक्ष और समेकित सिंगल विंडो सॉल्यूशंस एवं वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर की स्थापना की खोज करने का प्रयास करेंगे। यूएई की तरफ से, इस पर सहमति हुई कि अबू धाबी का आर्थिक विकास विभाग एक पारस्परिक रूप से लाभदायक कार्यान्वयन दृष्टिकोण पर सहमत होने के लिए भारत में संबंधित समकक्षों के साथ सहयोग के इस क्षेत्र की खोज करेंगे।

भारत में आंतरिक व्यापार यूएई की संप्रभु निवेश संस्थाओं द्वारा बढ़े हुए निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने के एक माध्यम के रूप में, दोनों पक्षों ने विद्यमान यूएई-भारत कर समझौते के तहत यूएई की कुछ संप्रभु निवेश संस्थाओं को कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के संबंध में यूएई के आग्रह तथा भारत के विद्यमान घरेलू कर कानूनों के तहत इसके लिए भारत की प्रतिक्रिया की समीक्षा की। इस पर सहमति जताई गई कि एक आपसी रूप से लाभदायक परिणाम पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय चर्चाएं जारी रहनी चाहिए। इस परिप्रेक्ष्य में, वित्त अधिनियम 2020 के माध्यम से यूएई की संप्रभु संस्थाओं को उपलब्ध सहायता तथा इसके बाद कर छूट के लिए अधिसूचनाएं जारी किए जाने को नोट किया गया तथा इसकी सराहना की गई।

चर्चा का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार करने के लिए एक तंत्र का निर्माण करना था। एक कॉमन डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के रूप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर भारतीय रिजर्व बैंक एवं संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक के बीच चल रही चर्चाओं का उल्लेख करते हुए, दोनों पक्षों ने चर्चाओं को जारी रखने पर सहमति जताई।

भारत और यूएई के बीच व्यापक एवं बढ़ते व्यापार एवं निवेश संबंध द्वारा उपलब्ध कराई गई सकारात्मक पृष्ठभूमि में, दोनों पक्षों ने विशिष्ट मुद्दों एवं एक-दूसरे देश में निवेश करते समय कंपनियों के सामने आने वाली कठिनाइयों के समाधान के लिए एक फोरम के रूप में संयुक्त कार्य बल के महत्व को स्वीकार किया। भारत में यूएई की कंपनियों तथा निवेशकों के सामने आने वाले मुद्दों की पहचान करने, उनका समाधान करने तथा उनमें तेजी लाने के लिए भारत ने 2018 में एक यूएई प्लस डेस्क गठित किया है तथा 2019 में एक फास्ट ट्रैक तंत्र की स्थापना की। भारत में यूएई स्पेशल डेस्क की सभी सेक्टरों में यूएई निवेशों को आगे बढ़ाने एवं उन्हें सुगम बनाने के प्रयासों के लिए सराहना की गई। इस संबंध में, सहमति जताई गई कि भारतीय पक्ष लंबित मुद्दों एवं भारत में प्रचालन करने वाली यूएई की कई कंपनियों तथा बैंकों के सामने आने वाली कठिनाइयों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए भारत में यूएई फास्ट ट्रैक तंत्र को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

इस पर भी सहमति जताई गई कि यूएई में भारतीय निवेशकों से संबंधित मुद्दों के तत्काल समाधान के लिए तथा यूएई में निवेश करते समय भारत कंपनियों को बाजार में प्रवेश और विस्तार में सहायता प्रदान करने के लिए यूएई में भी इसी प्रकार का एक भारत फास्ट ट्रैक तंत्र की स्थापना की जाएगी। इस संदर्भ में, यूएई में कुछ भारतीय कंपनियों से संबंधित मुद्दों को नोट किया गया और इस पर सहमति जताई गई कि यूएई पक्ष इन मुद्दों के त्वरित तथा पारस्परिक संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।

भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री तथा संयुक्त कार्य बल के सह- अध्यक्ष श्री पीयूष गोयल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त कार्य बल की पिछली बैठक के दौरान, हमने सीईपीए की वार्ताओं को फास्ट ट्रैक पर लाने का फैसला किया था एवं हमने अभूतपूर्व 88 दिनों में समझौते को अंतिम रूप दे दिया। मुझे भरोसा है कि खाद्य सुरक्षा तथा राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार जैसे परस्पर लाभप्रद क्षेत्रों पर आज हमने जो चर्चा की है, उनमें दोनों ही पक्षों से समान प्रकार का बल देखने को मिलेगा। भारत-यूएई संबंधों में अभूतपूर्व गति देखी जा रही है। हमारे पास विशेष रूप से फिनटेक जैसे अवसंरचना और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग तथा निवेश बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में अवसर हैं।’’

बैठक के समापन के अवसर पर, अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य तथा संयुक्त कार्य बल के सह-अध्यक्ष शेख हमीद बिन जाएद अल नाहयान ने कहा, ‘‘अक्टूबर, 2021 में संयुक्त कार्य बल की पिछली बैठक के बाद से, भारत और यूएई के बीच घनिष्ठ, बढ़ रहे तथा रणनीतिक संबंधों में मजबूती लाने के लिए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की जा चुकी हैं। इस व्यापक परिप्रेक्ष्य के भीतर, संयुक्त कार्य बल हमारे दोनों देशों के बीच सकारात्मक संवाद को सुगम बनाना जारी रखता है जब हम उन आर्थिक संपर्कों को सुदृढ़ बनाते हैं, जिन्होंने हम दोनों देशों को एक साथ लाने में हमारी सहायता की है। संयुक्त कार्य बल नए अवसरों का सृजन करने तथा बाधाओं को दूर करने में प्रभावी साबित हुआ है और यह हमारे संबंधित देशों की विकास महत्वाकांक्षाओं की सहायता करने के लिए द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने में लगातार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।’’

इस बैठक में, यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेऔदी, भारत में यूएईके राजदूत डॉ. अहमद ए.आर. अलबन्ना, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव श्री अनुराग जैन तथा संबंधित सरकारी प्राधिकरणों, निवेश संस्थाओं तथा दोनों देशों की कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

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मौसम अपडेट: तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल समेत इन हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 14 नवंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करने का अनुमान है

By Dayanidhi

On: Friday 11 November 2022

मौसम अपडेट: तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल समेत इन हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी और पूर्वोत्तर श्रीलंका के आसपास के क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे संबंधित चक्रवाती प्रसार मध्य स्तरों तक फैला हुआ है। इसके 12 नवंबर की सुबह तक उत्तर-पश्चिम की ओर तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों की ओर बढ़ने का अनुमान है।

वहीं 12 और 13 नवंबर के दौरान इसके तमिलनाडु-पुदुचेरी और केरल में पश्चिम,उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है।

उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने आज यानी 11 नवंबर को उत्तर तटीय तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, उत्तर आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिण तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार जताए हैं।

वहीं आज दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा तथा केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में भी मूसलाधार बारिश होने की आशंका जताई गई है।

12 और 13 नवंबर को भी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, रायलसीमा और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं।

वहीं 11 से 14 नवंबर को केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी वर्षा होने की आशंका जताई गई है।

एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 14 नवंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के मौसम को प्रभावित करने का अनुमान है।

आज कहां पड़ेगी गरज के साथ बौछारें तथा कहां होगा वज्रपात
आज तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में गरज के बौछारें पड़ने तथा वज्रपात होने के आसार हैं।

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
आज दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु-पुडुचेरी और श्रीलंका के तटों, मन्नार की खाड़ी और आसपास के कोमोरिन क्षेत्र में 40 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने की आशंका है।

उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने का सुझाव दिया है।

Source : IMD

कहां रहा न्यूनतम तापमान सामान्य से कम
कल, देश के मैदानी इलाकों में मंडला (पूर्वी मध्य प्रदेश) में न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कहां रहा अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक
कल, देश भर में बुलसर (गुजरात ) और अलीबाग (कोंकण और गोवा) में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें
कल 10 नवंबर को 8:30 से 5:30 के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

कल कहां हुई 1 सेमी या उससे अधिक बारिश
कल 10 नवंबर को 8:30 से 5:30 के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 2 सेमी तथा पूर्वी राजस्थान के जयपुर में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।

कल कहां चली आंधी और कहां गिरी बिजली
कल 10 नवंबर को 8:30 से 5:30 के दौरान हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में बिजली गिरी तथा बौछारों के साथ आंधी चली। आज 5:30 बजे के दौरान भी मौसम की इसी तरह की गतिविधि की आशंका जताई गई है।

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