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जगह रोक आदेश

जगह रोक आदेश
UP के नोएडा-लखनऊ में धारा-144 लागू
राज्य में शुक्रवार को जगह रोक आदेश नाइट कर्फ्यू के आदेश जारी हो गए हैं। सरकार ने 25 दिसंबर रात से इसे लागू करने के आदेश दिए हैं। ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच उत्तर प्रदेश के नोएडा और लखनऊ में योगी सरकार ने 31 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी है। पढ़ें पूरी गाइडलाइन्स.

क्रिसमस-न्यू ईयर पर ओमिक्रॉन का साया: 12 राज्यों में भीड़ जुटाने पर रोक; MP-UP, गुजरात और हरियाणा में नाइट कर्फ्यू, महाराष्ट्र में धारा 144 लागू

कोरोना संक्रमण पर केंद्र सरकार की चेतावनी ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है। नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए अब तक 12 राज्य क्रिसमस और न्यू ईयर से पहले पाबंदियां घोषित कर चुके हैं। सख्ती बरतते हुए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों ने नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है। राजस्थान में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लागू है.

महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू नहीं लगाया है, लेकिन वहां भी धारा 144 लागू कर रात में एक जगह 5 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली, कर्नाटक, ओडिशा जगह रोक आदेश और छत्तीसगढ़ में क्रिसमस व न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर रोक लगा दी गई है। तेलंगाना के एक गांव ने ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए खुद ही 10 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक पर सरकारी कब्जे के जगह रोक आदेश NCLT के आदेश पर लगाई रोक

Unitech-BCCL

यूनिटेक के खिलाफ प्रदर्श करते बायर्स।

सरकार ने मानी गलती
देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार के एनसीएलटी में जाने पर मंगलवार को नाराजगी जताई थी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगने से ही न्याय का तकाजा पूरा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कल केंद्र सरकार से पूछा था कि यूनिटेक के डायरेक्टरों को निलंबित कर उनकी जगह सरकार की ओर से नियुक्त डायरेक्टरों को लाने के लिए एनसीएलटी में गुहार लगाने से उसकी अनुमति क्यों नहीं ली गई?

यूनिटेक के वकील ने दी यह दलील

यूनिटेक का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और रंजीत कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस जगह रोक आदेश रियल एस्टेट कंपनी के चीफ संजय चंद्रा को संपत्तियां बेचने के लिए जेल से समझौते की अनुमति दी थी ताकि होम बायर्स को पैसे लौटाने के लिए 750 करोड़ रुपये जुटाए जा सकें, लेकिन केंद्र सरकार एनसीएलटी चली गई। रोहतगी ने कहा कि एनसीएलटी ने कंपनी और इसके निदेशकों को नोटिस जारी किए बिना ही अंतरिम आदेश पारित कर दिया जो वास्तव में फाइनल ऑर्डर ही था और केंद्र सरकार को कंपनी को कब्जे में लेने की अनुमति दे दी। इससे पहले कोर्ट ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर जगह रोक आदेश सुनवाई पर सहमति व्यक्त की थी।

8 दिसंबर को आया था NCLT का आदेश
गौरतलब है कि 8 दिसंबर को एनसीएलटी ने यूनिटेक के सभी आठ डायरेक्टरों को निलंबित करते हुए केंद्र सरकार को 10 नए डायरेक्टर्स नियुक्त करने की अनुमति दी थी। एनसीएलटी यह आदेश तब आया जब केंद्र सरकार ने करीब 20,000 फ्लैट बायर्स के हितों की रक्षा के उद्देश्य से उसका दरवाजा खटखटाया।

इंदौर में पंचायत चुनाव निरस्त हो गए तो इसकी वजह से किए स्थानांतरण निरस्त क्यों नहीं किए

इंदौर में पंचायत चुनाव निरस्त हो गए तो इसकी वजह से किए स्थानांतरण निरस्त क्यों नहीं किए

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उच्च न्यायालय ने शासन से पूछा है कि जब पंचायत चुनाव ही निरस्त हो गए तो चुनाव के कारण किए गए स्थानांतरण आदेश निरस्त क्यों नहीं किए गए? जिला पंचायत आगर मालवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा 24 दिसंबर 2021 को जारी पंचायत सचिवों के स्थानांतरण आदेश जगह रोक आदेश पर रोक लगाते हुए मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने शासन से यह सवाल पूछा है।

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने शासन से कहा था कि ग्राम पंचायतों में तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थ पंचायत सचिवों के स्थानांतरण किए जाएं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत आगर-मालवा ने इस संदर्भ में 24 दिसंबर 2021 को एक आदेश जारी किया था। इसमें जिले में तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थ पंचायत सचिवों का स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन 28 दिसंबर 2021 को राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव संबंधी संपूर्ण कार्रवाई को ही निरस्त कर दिया। मप्र पंचायत सचिव संगठन ने स्थानांतरण निरस्त करने के लिए अभ्यावेदन दिए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर ग्राम पंचायत तनोडिया के जगह रोक आदेश पंचायत सचिव लखन सिंह ने एडवोकेट प्रसन्नाा भटनाकर के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की। इसमें कहा कि सचिवों के स्थानांतरण सिर्फ पंचायत चुनाव की वजह से किए गए थे। पंचायत चुनाव ही निरस्त हो गए तो फिर स्थानांतरण निरस्त किए जाने चाहिए। एडवोकेट भटनागर ने बताया कि कोर्ट जगह रोक आदेश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए शासन से मामले में जवाब मांगा है।

1 दिसंबर तक शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक, कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश

1 दिसंबर तक शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक, कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश

Updated on: Nov 18, 2022 | 2:17 PM

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्कूलों में व्यावसायिक और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगा दी. वर्तमान में, राज्य स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) 1 दिसंबर तक कोई भर्ती प्रक्रिया आयोजित नहीं कर पाएगा. जस्टिस बिस्वजीत बोस ने शुक्रवार को यह आदेश दिया. उधर, उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को नाराजगी जताए जाने के बाद आयोग के वकील ने जगह रोक आदेश शुक्रवार को अदालत से कहा कि बर्खास्त किए गए शिक्षकों के लिए आयोग याचना नहीं करेगा.

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राजस्थानः एएनएम के तबादला आदेश पर हाई कोर्ट की रोक

राजस्थानः एएनएम के तबादला आदेश पर हाई कोर्ट की रोक

श्रीगंगानगर, 08 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने परिवादिया एएनएम हरजीत कौर के 14 अक्टूबर 2022 को चिकित्सा विभाग की ओर से किए गए स्थानांतरण आदेश पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। कोर्ट ने परिवादिया को उसके वर्तमान पदस्थापन स्थान पर कार्य ग्रहण करवाए जाने के आदेश भी जारी किए हैं।

निदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग जयपुर ने 14 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर परिवादिया का स्थानांतरण बीसीएमओ श्रीगंगानगर जगह रोक आदेश से बीसीएमओ श्रीकरणपुर करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया था। गांव 11 जैड निवासी एएनएम हरजीत कौर ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर कर दी।

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