क्रूड ऑयल ट्रेडिंग

'Crude oil'
भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है. यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से महज 0.2 फीसदी आयात करता था.
कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर (Dollar) सूचकांक में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा (American ) के मुकाबले रुपया गुरुवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.
देश में सबसे महंगा फ्यूल (Fuel) राजस्थान के श्रीगंगानगर में है. श्रीगंगानगर की तुलना में पोर्टब्लेयर (Port Blair) में पेट्रोल 29.39 रुपये सस्ता है, वहीं डीजल भी 18.50 रुपये सस्ता है. बता दें पोर्ट ब्लेयर में 84.10 रुपये है और डीजल ₹79.74 लीटर है.
भारत (India) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के शासन काल में 2019 में ईरान से कच्चे तेल (Crude oil) का आयात बंद कर दिया था.
Petrol Diesel Price 24 September : आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये हैं. महाराष्ट्र और मेघायलय को छोड़ राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों में लगातार 126वें दिन से कोई बदलाव नहीं हुआ है.
घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट और विदेशी बाजारों में डॉलर (Dollar) के मजबूत होने के कारण अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 26 पैसे की गिरावट के साथ 80 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुई.
Petrol Diesel Price Today : देश में 21 मई के बाद से अभी तक पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. आज 20 सितंबर को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का भाव 96.72 रुपये और एक लीटर डीजल का भाव 89.62 रुपये पर ही टिका है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude oil) की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहने के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol and Diesel Prices) रविवार को भी यथावत रहे. कच्चे तेल की कीमतें लगभग एक सप्ताह से 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज लंदन ब्रेंट क्रूड 91.35 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 85.40 डॉलर प्रति बैरल पर रहा.
सरकार (Government) ने पांचवें पखवाड़े की समीक्षा में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल(Crude oil) पर कर 13,300 रुपये प्रति टन से घटाकर 10,500 रुपये प्रति टन कर दिया.
अर्थशास्त्री वेद जैन कहते हैं कि 7 फ़ीसदी की खुदरा महंगाई दर आम आदमी के लिए काफी ज्यादा है. जुलाई में जब महंगाई दर नीचे आयी तो लगा कि सरकार ने जो कदम उठाये हैं वो कामयाब होंगे.
असर: क्रूड की गिरावट से कारोबारियों और एक्सचेंज को हुआ भारी नुकसान, मल्टी कमोडिटीज एक्सचेंज पर कारोबार के समय में बदलाव
क्रूड में मचे हाहाकार से ट्रेडर और एक्सचेंज को हुए भारी नुकसान के बाद एमसीएक्स पर ट्रेडिंग के टाइम में बदलाव करना पड़ा है। एमसीएक्स पर अब नॉन- एग्री कमोडिटीज ट्रेडिंग सिर्फ 9 बजे सुबह से 11:30 बजे तक ही होगी। नया ट्रेडिंग टाइम 23 अप्रैल से लागू होगा। बता दें कि सेटलमेंट प्राइस में दिक्कत की वजह से ट्रेडिंग समय बदला गया है।
कारोबारियों को हुआ था भारी नुकसान
बता दें कि क्रूड के निगेटिव में जाने से ट्रेडर, एक्सचेंज को भारी नुकसान का सामाना करना पड़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि लॉन्ग पोजिशन में 418 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिसे देखते हुए नॉन-एग्री कमोडिटीज ट्रेडिंग और अन्य कमोडिटीज के वक्त में बदलाव किया गया है। नॉन-एग्री कमोडिटीज ट्रेडिंग 9 बजे सुबह से 11:30 बजे रात तक होगी जबकि अन्य कमोडिटीज में ट्रेडिंग का वक्त सूबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
25 को भी बदला था समय
देश के सबसे बड़े जिंस वायदा बाजार प्लेटफॉर्मएमसीएक्स ने लॉकडाउन से अब कुछ रियायत मिलने के बाद यह कदम उठाया है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) ने देश भर में 25 मार्च से बंद से पहले जिंस बाजारों से मार्च के मध्य से ही कोविड-19 के कारण व्यापक स्तर पर उतार-चढ़ाव रोकने के लिए कारोबारी समय कम करने को कहा गया था। इसके बाद 14 अप्रैल तक कारोबारी समय 9.00 बजे से रात 11.30 बजे तक को घटाकर सुबह 9.00 बजे से शाम 5.00 बजे कर दिया गया। बंद का पहला चरण 14 मार्च को ही समाप्त होना था, क्रूड ऑयल ट्रेडिंग लेकिन इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया। अब सरकार ने एहतियाती उपायों के साथ 20 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों में बंद से थोड़ी राहत दी है।
अन्य कमोडिटीज में 5 बजे तक होगा कारोबार
बयान के अनुसार बाजार प्रतिभागियों से मिली जानकारी और सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद 23 अप्रैल से कारोबारी समय संशोधित करने का फैसला किया गया है। इसके तहत गैर-कृषि जिंसों का कारोबार सुबह 9.00 बजे रात 23.30 तक होगा, जबकि अन्य कमोडिटीज (कपास, सीपीओ और आरबीडी पॉमोलीन समेत) के मामले में कारोबार अगले नोटिस तक शाम 5.00 बजे तक होगा।
petrol and diesel के दाम स्थिर, कच्चा तेल 85 डॉलर के करीब
नई दिल्ली। दुनियाभर में कच्चे तेल (Crude oil) की मांग बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गयी है। हालांकि, घरेलू बाजार में इसका असर अभी देखने को नहीं मिला है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (public sector oil marketing companies) ने लगातार छठे दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम (price of petrol and diesel) में कोई बदलाव नहीं किया है। राजधानी दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 103.87 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा।
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इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के अन्य महानगरों मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 109.98 रुपये, 104.67 रुपये तथा 101.40 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं, इन महानगरों में डीजल भी क्रमश: 94.14 रुपये, 89.79 रुपये और 91.43 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। नोएडा में पेट्राल 95.51 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, जबकि डीजल 87.01 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। गौरतलब है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल सबसे महंगा 116.34 रुपये प्रति लीटर है।
उल्लेखनीय है कि इस समय दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग बढ़ने से इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को ब्रेंट क्रूड एक बार फिर 85 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया। हालांकि, कारोबार की समाप्ति पर ब्रेंट क्रूड 1.14 डॉलर चढ़कर 84.78 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया, जबकि पिछले हफ्ते इसमें 2 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल 2.01 डॉलर की तेजी के साथ 84.15 डॉलर पर पहुंच गया है।
जानिए – तेल की कीमतें गिर गई, फिर भी इंग्लैंड के व्यापारियों ने 660 मिलियन डॉलर कैसे कमाए?
बाजार में गिरावट आना आर्थिक चक्र का संतुलन बनाये रखने की लिए अत्यावश्यक है। बाजार के सभी उतार-चढ़ाव अस्थायी होते है। ऐतिहासिक आंकड़ों का अभ्यास करने से पता चलता है कि, समृद्ध अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद शेयर बाजार तेजी से आगे बढ़ता है। व्यापारियों के लिए, कुछ बाजार क्रैश जैकपॉट की तरह काम करते हैं। बाजार का कारोबार किस दिशा में जा रहा है, उस पर आधारित अपनी रणनीति बनाकर व्यापारी अपना लाभ कमा सकते है।
इस लेख में, हम एसेक्स, लंदन के व्यापारियों के एक समूह के कहानी पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने 20 अप्रैल, 2020 को तेल की कीमत में गिरावट के समय $660 मिलियन (~ 4,950 करोड़ रुपये) का लाभ कमाया था। यह इतनी बड़ी गिरावट थी कि, कच्चे तेल का वायदा भाव भी शून्य से नीचे आ गया!
कोविड -19 महामारी के कारण लगाए गए वैश्विक लॉकडाउन ने परिवहन(transportation) और विनिर्माण उद्योगों(manufacturing industries) पर अपना गंभीर प्रभाव डाला। जैसा कि हम जानते हैं, ये उद्योग अपने संचालन के लिए उच्च मात्रा में कच्चे तेल की खपत करते हैं। मार्च-अप्रैल 2020 के दौरान बाजार में तेल की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, तेल उत्पादक देशों (oil-producing nations OPEC) के बीच एक व्यापार युद्ध होने के बावजूद तेल की आपूर्ति नहीं रुकी थी, जिसके कारण अनचाहे तेल के बैरल का नुकसान हुआ था।
दुनिया भर के व्यापारियों ने इस घटना के बारे में अनुमान लगाया और तेल की कीमतों क्रूड ऑयल ट्रेडिंग में भारी गिरावट की आशंका जताई। New York Mercantile Exchange (NYMEX) में, फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल पर उपलब्ध हैं। एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में, खरीदार और विक्रेता भविष्य की तारीख के लिए एक निश्चित कीमत पर लेनदेन के लिए सहमत होते हैं। वायदा कीमतों में वृद्धि, हमेशा खरीदार को लाभदायक बनाती है। दूसरी ओर, जब कीमतें गिरती हैं, तो विक्रेता पैसा कमाता है। डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल पर वायदा कॉन्ट्रैक्ट हर महीने की 25 तारीख को समाप्त होता है। भौतिक वितरण से बचने के लिए खुदरा व्यापारियों को समाप्ति से पहले कॉन्ट्रैक्ट से बाहर निकलना चाहिए।
एसेक्स ट्रेडर्स(Essex Traders) का उदय- 20 अप्रैल, 2020
दिन की शुरुआत 18 डॉलर प्रति बैरल हुई थी। समाचार एजेंसियों या विश्लेषकों ने पहले ही तेल की कीमतों के लिए मंदी की भावना निर्धारित की थी, लेकिन शून्य से नीचे कुछ भी अपेक्षित नहीं था। दोपहर 2.08 बजे, कीमतें तेजी से गिरकर – $40 तक पहुंच गईं, जो लगभग -300% तक सिकुड़ गई। दहशत की स्थिति के बीच, लंदन के व्यापारियों का एक समूह था, जिन्होंने वायदा अनुबंधों को गहन रूप से बेचकर गिरावट से लाभ उठाया।
दिन की शुरुआत में, एसेक्स व्यापारियों ने अनुबंध मूल्य की राशि प्राप्त करने के लिए वायदा अनुबंध बेचे। बाद के दिन में, जब तेल की कीमत नकारात्मक हो गई, तो वे वायदा वापस खरीदकर अपनी बिक्री की स्थिति से बाहर निकल गए। कीमत नकारात्मक क्षेत्र में है, इसलिए व्यापारियों को डेबिट के बजाय वायदा अनुबंधों को खरीदने में पैसा दिया जाता है। उनकी योजना में एक साथ बड़ी मात्रा में तेल खरीदना और बेचना और उसके भविष्य की कीमतों पर जुआ(gambling) खेलना शामिल था।
इस समूह में 20 और 50 आयु वर्ग के बीच के 9 स्वतंत्र व्यापारी शामिल हैं। वे एसेक्स में पंजीकृत एक ट्रेडिंग फर्म वेगा कैपिटल लंदन लिमिटेड( Vega Capital London Ltd) से संबंधित हैं। समूह ने 20 अप्रैल को सामूहिक रूप से $660 मिलियन कमाए। दिलचस्प बात यह है कि, वायदा उस दिन बाद में सकारात्मक क्षेत्र में खुला।
निष्कर्ष
संभावित बाजार में हेरफेर होने की अटकलें है, ऐसा समाचार अंततः दुनिया भर में फैल गया था। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस एक जीरो-सम गेम है, यदि एक ट्रेड से लाभ होता है, तो दूसरा उसी के लिए हार जाता है। इस प्रकार, मिश इंटरनेशनल मॉनेटरी(Mish International Monetary) जैसे कई संस्थानों को 20 अप्रैल को एक बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। कई लोगों ने वेगा कैपिटल के खिलाफ पूरी तरह से जांच की मांग की ताकि, कीमतों में जबरन हेरफेर का कोई संकेत मिल सके।
वेगा कैपिटल के वकीलों ने टिप्पणी की, कि प्रत्येक सदस्य ने अपनी पूंजी को जोखिम में डालकर बाजार की दिशा के अनुसार व्यापार किया। देखते है कि, आने वाले समय में स्थिति कैसे सामने आती है।
इस अनोखे धन-कमाने के व्यापार पर आपके क्या विचार हैं? हमें मार्केटफीड मोबाइल ऐप के कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
Crude Oil News Today-जानिये क्यों गिरा आज कच्चा तेल?
Crude Oil News Today-ओपेक देशो कि बैठक के बाद आज क्रूड आयल मे गिरावट है कच्चा तेल 100$ प्रति/बैरल के निचे ट्रेड कर रहा है|क्रूड ऑयल अभी 96.26$ प्रति/बैरल पर ट्रेड कर रहा है|कच्चे तेल मे लगातार गिरावट जारी है|पहले क्रूड ऑयल कि ट्रेडिंग कि रेंज 100$ प्रति/बैरल से 118$ प्रति/बैरल थी लेकिन अभी कच्चा तेल उस रेंज से निचे ट्रेड कर रहा है|
किन 4 बड़े कारणों कि वजह से गिरा कच्चा तेल ?आगे केसी रह सकती है खबरों के आधार पर क्रूड आयल कि चाल|
विश्व बाज़ार मे मंदी -अमेरिका चाइना समेत विश्व कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओ मे चल रही मंदी के कारण कच्चे तेल कि मांग लगातार घट रही है|बढती महंगाई से सभी देशो मे कच्चे तेल कि कीमते कमर तोड़ रही है|मंदी के कारण सभी देशो मे मांग घटी है|
चीन मे केसी रहेगी मांग इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नही होना -कच्चे तेल के भावो के गिरने का दूसरा प्रमुख कारण यह भी है कि चीन मे मांग केसी रहेगी इस पर कोई अभी स्पष्ट राय नही बन पा रही है|चीन कच्चे तेल कि बहुत बड़ी मात्रा मे खपत करता है|हालाकि पिछले कुछ महीनो से चीन कि मांग मे लगातार गिरावट तो कभी वापस बढ़ोतरी देखि जा रही है|
ओपेक देशो के द्वारा उत्पादन बढाने का फैसला लेना -ओपेक देशो कि बैठक मे रूस से आयात नही होने के कारण कच्चे तेल कि कीमतों को काबू मे लाने के लिए उन्होंने उत्पादान को बढाने का फैसला लिया है|उत्पादन बढ़ने कि उम्मीद के कारण भी क्रूड आयल के प्राइस मे गिरावट आई है|
डॉलर इंडेक्स कि मजबूती -डॉलर इंडेक्स मे काफी समय से मजबूती देखि जा रही है|निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी के कारण कच्चा तेल गिरा है|
चीन मे विकास दर क्रूड ऑयल ट्रेडिंग कि गिरने कि शंका के कारण बाज़ार मे कच्चे तेल कि गिरावट आगे जारी रहने कि उम्मीद है|कच्चे तेल मे सपोर्ट के लेवल्स कि बात करे तो 93$ प्रति/बैरल के आस पास रुक सकता है|इन स्तरों से कोई बड़ी गिरावट कि उम्मीद नही है|