डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं

डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
We'd love to hear from you
We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800
म्युचुअल फंड निवेशक क्या ये सवाल पूछते हैं?
म्युचुअल फंड के निवेशकों के मन में ढेर सारे सवाल रहते हैं। कभी इसकी अवधारणा को लेकर तो कभी रिटर्न को लेकर। कभी निवेश पैटर्न को लेकर तो कभी रिस्क को लेकर। म्युचुअल फंड में कहीं भी पैसा लगाने से पहले निवेशकों को कुछ सवाल जरूर पूछने चाहिए, उससे फायदा उन्हें ही है।
यहां कुछ सवालों की सूची दी जा रही है, जो एक निवेशक एहतियात बरतने और अपने इत्मिनान के लिए पूछें तो बेहतर होता है-
प्रश्न 1. मैं नया निवेशक हूं, म्युचुअल फंड जोखिम भरा है, यदि बाजार टूटा तो मेरा पैसा डूब जाएगा?
उत्तर- जो निवेशक म्युचुअल फंड को डायरेक्ट इक्विटी की तरह देखते हैं, तो उन्हें लगता है ये भी जोखिम भरे होते हैं। म्युचुअल फंड में कई श्रेणियां हैं, जैसे- इक्विटी, डेब्ट, गोल्ड और कमोडिटी। इन सभी श्रेणियों में अलग-अलग रिस्क और रिटर्न हैं। उसी प्रकार से म्युचुअल फंड स्कीम में भी रहता है। इन श्रेणियों में भी कुछ और वर्गीकरण होता है। उदाहरण के लिए इन स्कीमों में लार्ज कैप, मिड कैप, सेक्टर आधारित, जबकि डेब्ट में अल्ट्रा शॉर्ट टर्म, शॉर्ट टर्म, इंकम और गिल्ट हैं। इसके अलावा हायब्रिड स्कीम इसमें कई श्रेणियां मिश्रित होती है, अलग-अलग अनुपात में।
प्रश्न 2. क्या बैंकिंग, पावर और गोल्ड में अच्छा रिटर्न हैं? तो उसमें क्यों न पैसा लगाया जाए?
उत्तर- किसी भी श्रेणी में रिटर्न के आधार पर पैसा लगाना तय करना ठीक नहीं है। आपके पास उपलब्ध समय और लक्ष्य के आधार पर पैसा लगाना ठीक होता है। साथ ही फाइनेंशियल प्लानिंग में सही तरह पैसा लगाने से ही जोखिम से भी बच सकते हैं। कई बार बाजार अच्छा होने पर खराब स्कीम भी अच्छा पैसा दे जाती है, इसलिए स्कीम चुनते समय कई चीजें परखना होती है।
उत्तर- यह विकल्प न केवल निवेशकों को वरन कंपनियों को भी पसंद है। फिर भी कई निवेशकों को इसे लेकर भ्रामक धारणा है। एसआईपी में दो फायदे हैं, एक तो रुपए का औसत मूल्य दूसरा चक्रवर्ती ब्याज। जब बाजार टूटता है तो निवेशकों को यूनिट के हिसाब से लाभ होता है। इसमें जितने लंबे समय तक पैसा लगाते रहेंगे, यह उतना ही फायदा आपको देता जाएगा।
उदाहरण के लिए यदि आप पांच वर्ष तक पांच हजार रु. का निवेश कर रहे हैं और कोई दूसरा 20 साल तक इतना ही पैसा जमा कर रहा है तो 12 फीसदी के हिसाब से जो रिटर्न है, वह क्रमश: 4 लाख 5 हजार 518 और 45 लाख 99 हजार 287 रु. होगा। इस तरह से आप देख सकते हैं कि जो आपके लगाए पैसे की ग्रोथ है, इसलिए लंबे समय के लिए पैसा लगाने में पैसे की ग्रोथ अच्छी रहती है। इसके अलावा ज्यादा उतार-चढ़ाव भरे बाजार में एसआईपी अच्छे रिज़ल्ट देती है, इसलिए बाजार की टूट पर एसआईपी को बंद करने का विचार नहीं करना चाहिए। बल्कि उस समय बाजार में और निवेश किया जाना चाहिए।
प्रश्न 4. डेब्ट फंड्स को सुरक्षित मानते हैं, क्यों न इसमें निवेश करें?
उत्तर- माना जाता है कि डेब्ट फंड में जोखिम नहीं है, लेकिन यह गलत धारणा है। इसमें गिल्ट फंड की बात करें तो यह सरकारी सिक्युरिटीज में पैसा लगाते हैं, जिसमें ब्याज दर घटने-बढ़ने से तेजी से उतार-चढ़ाव होता है।
प्रश्न 5. क्या ग्रोथ अथवा डिविडेंड ऑप्शन में पैसा लगाना चाहिए?
उत्तर- इन दोनों विकल्पों में से किसी एक को चुनने में असमंजस होता है। ये दोनों अलग हालातों में निवेशक को लाभ देते हैं। इसमें से एक लगातार प्रॉफिट बुकिंग कराता है, तो दूसरा वैल्थ क्रिएशन कराता है। यदि आपके पास समय है, साथ ही आप रेगुलर प्रॉफिट बुकिंग चाहते हैं तो डिविडेंड ऑप्शन में निवेश करना ठीक होगा।
म्युचुअल फंड में पैसा लगाना तीन बातों पर निर्भर करता है। आपका मकसद क्या है, आपके पास समय कितना है और आप जोखिम कितना उठा सकते हैं। इसके बाद ही आप अपने अनुकूल श्रेणी का म्युचुअल फंड चुन सकते हैं।
- फैक्ट : पिछले वित्त वर्ष में इक्विटी म्युचुअल फंड में 39 लाख से ज्यादा नए फोलियो अर्थात इन्वेस्टर अकाउंट बढ़ गए थे।
What is Mutual Fund ? क्या होता है म्यूच्यूअल फंड
आपने अक्सर सुना होगा कि म्यूच्यूअल फंड सही है तो मन में सवाल उठता है क्या कि म्यूचुअल फंड होता क्या है? और म्यूचुअल फंड में निवेश करना कितना सुरक्षित होता है? इसमें निवेश करने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है?
आज के समय में निवेशकों के पास शेयर बाजार में निवेश करने के बहुत से तरीके हैं. म्यूच्यूअल फंड भी निवेशकों को बाजार में निवेश करने का एक मौका देता है. अगर निवेशक म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, तो एक अच्छा खासा रिटर्न म्यूच्यूअल फंड के द्वारा बनाया जा सकता है. तो चलिए बात करते हैं कि म्यूच्यूअल फंड क्या होता है?
म्यूच्यूअल फंड का इतिहास
भारत का पहला म्यूच्यूअल फंड 1963 में UTI (यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के द्वारा लाया गया था. उदारीकरण के दौर में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और संस्थानों को म्यूचल फंड लाने की अनुमति दी. 1992 में SEBI ने एक विधेयक पास किया जिसके तहत बाजार में निवेशकों के पैसे की सुरक्षा प्रदान की जाए तथा सिक्योरिटी बाजार को नियंत्रित किया जाए. जहां तक म्यूच्यूअल फंड का संबंध है सेबी ने 1995 में म्यूचुअल फंड को लेकर नियमन एवं अधिसूचना जारी की. इसके बाद से ही निजी क्षेत्र की कंपनियों को म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवेश करने की इजाजत दी गई. SEBI समय-समय पर निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग नियम बनाती है.
क्या होता है म्यूच्यूअल फंड
म्यूचुअल फंड को हिंदी में पारस्परिक निधि कहते हैं.यह एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है.म्यूचुअल फंड के जरिये ना सिर्फ शेयर बाजारे में, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश की कई विकल्प बाजार में मौजूद हैं. म्यूचुअल फंड मे एक फंड मैनेजर होता है जो फंड को मैनेज करता है नफा नुकसान का हिसाब रखता है और फंड से हुए प्रॉफिट या लॉस को निवेशकों में बांट दिया जाता है
म्यूच्यूअल फंड छोटे छोटे निवेशकों से एक निवेश राशि लेकर इकट्ठा करते हैं और उस राशि को शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इसके बदले कंपनी कुछ सर्विस चार्ज लेती है. म्यूच्यूअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं निवेशकों को इस बात की चिंता नहीं होती कि वह कौन से शेयर खरीदे या बेचे. क्योंकि म्यूच्यूअल फंड का एक Fund मैनेजर होता है. जिसका काम होता है कि वह अच्छे शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में लेकर एक अच्छा फंड बनाएं और अपने निवेशकों को फायदा दे.
म्यूचुअल फंड में छोटे-बड़े निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया जाता है और इस पैसे को शेयरों और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है. निवेशक को उसके पैसे के लिए यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं. अब इन यूनिट के अनुपात में शेयर या बॉन्ड खरीदने-बेचने पर होने वाले मुनाफे को म्यूचुअल फंड हाउसेज फंड (यूनिट) धारकों में बांट देते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसमें महज 500 डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं रुपये महीना निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. मासिक निवेश के लिए SIP प्लान लेना होता है. इसमें एक तय राशि हर महीने आपके बैंक खाते से सीधे फंड में ट्रांसफर होती रहती है.
म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)
इक्विटी फंड (Equity Funds)
म्यूचुअल फंड में सबसे पॉपुलर फंड, इक्विटी फंड होता है. इक्विटी फंड में अधिकतर लोग ज्यादा रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर अपना सारा निवेश स्टॉक मार्केट में करते हैं.
इक्विटी फंड को चार भागों में बांटा जा सकता है
डेट फंड (Debts Funds)
डेट फंड एक ऐसा फंड होता है, जहां पर एक निश्चित Return मिलता है. डेट फंड में कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है.
गिल्ट फंड (Gilt Fund)
गिल्ट फंड अपना पैसा सिर्फ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में ही निवेश करते हैं. सरकार को पैसा देने की वजह से इस प्रकार के डेब्ट फंड में रिस्क ना के बराबर होती है.
लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)
लिक्विड फंड वे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो किसी भी समय Redeem करवाए जा सकते हैं. रिडेम्पशन का आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है.
म्यूच्यूअल फंड से करोड़ों का रिटर्न बनाया जा सकता है?
जी हां,अगर कोई व्यक्ति म्युचुअल फंड में रोजाना ₹100 यानी कि ₹3000 महीने का निवेश डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं करें तो वह व्यक्ति करोड़पति बन सकता है. उसके लिए उसे इस निवेश को लगातार 30 साल तक करना होगा और अगर उसे औसत 12 परसेंट का रिटर्न मिलता है, तो ऐसे में ₹3000 का मासिक निवेश ₹10000000 बन जाएगा.
सेबी (SEBI) की भूमिका
म्यूचुअल फंड के रेगुलेशन का काम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) करती है। ऐसे में सेबी (SEBI) की ओर से बनाई गई गाइडलाइन का म्यूचुअल फंड कंपनियां को पालन करना होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेशकों को अनुचित और गलत तरीके से मिस गाइड नहीं किया जाए। ऐसे में यह गाइडलाइन निवेशक और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों दोनों के पक्ष में काम करती हैं। म्युचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में और जानकारी के लिए एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया (amfi) की बेवसाइट पर जाकर ली जा सकती है।
म्यूचुअल फंड में इस्तेमाल होने वाली शब्दावली
Mutual Fund Disclaimer
म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं। निवेश करने से पहले कृपया स्कीम की जानकारी और दूसरे ऑफर डॉक्युमेंट्स ध्यान से पढ़ें। पिछला प्रदर्शन फ्यूचर रिटर्न की गारंटी नहीं होता।
म्यूचुअल फंड क्या है? आसान भाषा में जानिए Mutual Fund की पूरी जानकारी!
म्यूचुअल फंड क्या है: आज हमारे देश में निवेश के अनेको तरीके मौजूद है। इन्ही तरीकों में से एक है Mutual Fund. आज भारत जैसे विकासशील देश में लोग तेजी से शेयर बाजार की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसी वजह से म्यूचुअल फंड में निवेश लगातार बढ़ रहा है। आज म्युचुअल फण्ड में निवेश से लोग अच्छा पैसा बना रहे है। आज हम आपको बताएँगे कि म्यूचुअल फंड क्या है? और आसान भाषा में जानिए Mutual Fund की पूरी जानकारी!
म्यूचुअल फंड क्या है?
Mutual Fund बाजार में निवेश का एक तरीका है। म्यूचुअल फंड में फण्ड हाउस द्वारा अनेकों निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके इन पैसों को शेयरों,गोल्ड और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है। निवेशकों को उसके पैसे के हिसाब से म्युचुअल फण्ड की यूनिट आवंटित की जाती हैं। अगर आप शेयर बाजार का कम ज्ञान रखते है तो भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश के जरिये अच्छा पैसा कमा सकते है। क्योकि आपका निवेश शेयर मार्केट के अनुभवी और पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है। एक्सपर्ट का मानना है कि लंबी अवधि के निवेश पर म्यूचुअल फंड से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
म्यूचुअल फंड के प्रकार
भारत में Mutual Fund के कई प्रकार होते है। आपको बता दें की म्यूचुअल फंड हाउसेज द्वारा निवेश के तरीकों और निवेश की जगह के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार की विवेचना की जाती है। भारत में निम्नलिखित प्रकार के Mutual Fund होते है।
- इक्विटी फंड
- डेट फंड
- बैलेंस फंड
- मनी मार्केट फंड
- गिल्ट फंड
इक्विटी फंड (Equity fund)
Equity fund scheme में म्युचुअल फण्ड हॉउस द्वारा निवेशकों से इकठ्ठा की गई राशि का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी शेयर में निवेश कर देती है। आपको बता दें कि इक्विटी फंड स्कीम सबसे ज्यादा हाई रिस्क वाली होती हैं क्योकि इसमें निवेशकों का ज्यादातर पैसा शेयर बाजार में फंसा रहता है। लेकिन इस स्कीम में फायदा होने की संभावना भी अन्य के मुकाबले अधिक होता है। Equity fund scheme लम्बे समय तक निवेश करने वाले निवेशकों के लिए उपयोगी होती है।
डेट फंड (Debt Funds)
Debt Funds scheme में म्युचुअल फण्ड हॉउस द्वारा निवेशकों से इकठ्ठा की गई राशि का ज्यादातर हिस्सा कॉरपोरेट ऋण स्कीम, सरकारी स्कीम, आदि में निवेश किया जाता है। आपको बता दें की डेट फंड स्कीम उन निवेशकों के लिये सही होती है जो ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते। Debt Funds scheme में आपके पैसे सेफ रहते हैं और आपके पैसा वापस होने की संभावना रहती है।
बैलेंस फंड (balance fund)
Balance Funds scheme को हाइब्रिड फंड स्कीम भी कहा जाता है। इसमें म्युचुअल फण्ड हॉउस द्वारा निवेशकों से इकठ्ठा की गई राशि को इक्विटी और डेब्ट दोनों में निवेश किया जाता है। आपको बता दें की बैलेंस फंड स्कीम का मकसद काम समय में ज्यादा पैसा बनाना होता है। Balance Funds scheme में फण्ड हॉउस जल्दी पैसे बढ़ाने के लिए शेयर मार्केट में पैसा डालती है। और आपका पैसा सेफ रहे इसलिए इसका कुछ हिस्सा कॉरपोरेट ऋण स्कीम, सरकारी स्कीम आदि में निवेश किया जाता है।
मनी मार्केट फंड (money market fund)
Money market mutual funds में म्युचुअल फण्ड हॉउस द्वारा निवेशकों से इकठ्ठा की गई राशि का ज्यादातर हिस्सा सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेज़री एंड कमर्शियाल पेपर, आदि स्कीम में निवेश किया जाता है।मनी मार्केट फंड में निवेशकों का पैसा सुरक्षित व शॉर्ट-टर्म स्कीम में लगाया हटा है।
गिल्ट फंड (gilt fund)
Gilt Funds scheme में म्युचुअल फण्ड हॉउस द्वारा निवेशकों से इकठ्ठा की गई राशि को सरकारी योजनाओं में लगाया जाता है। आपको बता दें कि गिल्ट फंड को सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसका सुरक्षित होने का प्रमुख कारण गिल्ट फंड स्कीम में सरकार की हिस्सेदारी है। इसलिये Gilt Funds scheme का पैसा डूबने का खतरा बहुत काम होता है।
Mutual Fund kya hai?
Mutual Fund की पूरी जानकारी!
म्यूचुअल फंड के जरिये में एक ही फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। म्यूचुअल फंड की किसी भी स्कीम में कई अलग-अलग निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके उसे शेयरों, गोल्ड और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है। निवेशकों को उनके निवेश किये गए पैसे के अनुसार म्युचुअल फंड्स की यूनिट आवंटित की जाती है। आवंटित की गई यूनिट के अनुपात के आधार पर इससे होने वाले मुनाफे को म्यूचुअल फंड हाउसेज द्वारा निवेशकों में बांटा जाता है। आइये जानते है Mutual Fund की पूरी जानकारी!
Mutual Fund निवेश के फायदे
वैसे तो भारत में निवेश के कई तरीके मौजूद है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में म्युचुअल एक बहुत ही अच्छा विकल्प बनाकर उभरा है। क्योकि इसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार निवेश की कोई भी स्कीम ले सकते है। म्यूचुअल फंड में निवेश के निम्नलिखित फायदे है।
- शानदार रिटर्न
- छोटी राशि से निवेश करने की अनुमति
- निवेश के अनेक तरीके
- विविध पोर्टफोलियो
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स से कर लाभ
- किसी विशेष ज्ञान की जरूरत नहीं
म्युचुअल डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं फण्ड निवेश क्यों सही है?
Mutual Fund की सबसे अच्छी बात होती है कि इसमें छोटा से छोटा निवेशक भी काम पैसे से निवेश सुरु कर सकता है। म्यूचुअल फंड में आपको फंड का प्रबंधन करने या बाजार के प्रदर्शन की निगरानी करने की आवश्यकता नहीं होती है। ये काम आपके लिए फण्ड हाउस द्वारा अनुभवी फंड मैनेजर करते हैं। नुभवी फंड मैनेजर ही आपका निवेश प्रबंधन करते हैं और निवेश का निर्णय भी लेते हैं। इसलिए म्युचुअल फण्ड सही है।
FAQs: म्यूचुअल फंड क्या है?
Q: म्यूचुअल फंड का अर्थ क्या है?
Ans: जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड होता है जिसमे कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। और इन पैसों को शेयरों, गोल्ड और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है।
Q: म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?
Ans: निवेश के आधार पर म्यूचुअल फंड प्रमुख तीन प्रकार के होते है।(इक्विटी फंड, डेट फंड, हाइब्रिड फंड)
Q: भारत का पहला म्यूचुअल फंड कब आया था?
Ans: भारत का पहला म्यूचुअल फंड 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के रूप में आया था।
Q: Mutual Fund kya hai?
Ans: Mutual Fund बाजार में निवेश का एक तरीका है। इसमें निवेशकों का पैसा फण्ड मैनेजर द्वारा अलग-अलग क्षेत्र में लगाया जाता है जिससे निवेशकों को ज्यादा लाभ मिल सके।
ये भी पढ़े….
NAV क्या है? इसका Mutual Funds से क्या सम्बन्ध है? What is NAV in Hindi
NFO क्या है? जानिए कैसे आप भी कर सकते है जबरदस्त कमाई! | What is NFO in Hindi
2022 के 10 सबसे बेस्ट म्यूचुअल फंड जिसने पिछले 3 वर्षों में किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन!
ये हैं राकेश झुनझुनवाला के TOP 10 Multibagger Stocks 2022
10000 का लोन बिना गारंटी 5 मिनट में! कैशबैक डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं और सब्सिडी भी देगी सरकार!
Disclaimer: The above data is for your information only. Our aim is only to provide you the correct information. We do not recommend buying and selling of any kind. Let us tell you that Mutual Fund investments are subject to market risks. Read all scheme related documents carefully.
म्यूचुअल फंड सही है या गलत / निवेश के पहले समझ डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं लें
म्यूचुअल फंड सही है या गलत, यह आपको अभी जानकारी हो जायेगी, लेकिन सबसे पहले आपको कुछ जरूरी बातें समझनी होगी जैसे म्यूचुअल फंड क्या होता है? इसके अलावा म्यूचुअल फंड लेना हमारे लिए कितना रिस्की हो सकता है और हमें किस फंड में निवेश करना चाहिए आदि।
इसके बाद ही हम इस बात का सही-सही निर्णय ले पायेगें कि, म्यूचुअल फंड सही है या गलत !
म्यूचुअल फंड क्या है ?
म्यूचुअल फंड निवेश करने का तरीका है जिसमें स्पर्ट अलग-अलग फंड में पैसा लगाते हैं।
बहुत आसान भाषा में कहें तो हर व्यक्ति के पास इतना फाइनेंशियल नॉलेज नहीं होता है कि, हर कोई बाजार में ठीक प्रकार से निवेश कर पाये। इसलिए वित्तीय कंपनियां म्यूचुअल फंड लाती हैं जिससे हर कोई अप्रत्यक्ष रूप से बाजार में निवेश कर पाता है।
इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो कि, यह निर्णय लेता है कि, कितना पैसा किस फंड में लगेगा।
म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते है ?
म्यूचुअल फंड 4 प्रकार के होते है।
1 – इक्विटी फंड
2 – डेब्ट फंड
3 – बैलेंस फंड
4 – गिल्ट फंड
इसमें इक्विटी फंड में सबसे ज्यादा रिस्क होता है और गिल्ट फंड में सबसे कम रिस्क होता है।
म्यूचुअल फंड सही है या गलत
यह प्रश्न कि, म्यूचुअल फंड सही है या गलत इसका उत्तर इस पर टिका है कि, आपने निवेश के लिए कौन सी कंपनी को चुना है और उसमें कितना समझदार फंड मैनेजर है।
फंड मैनेजर का एक गलत फैसला आपका पैसा डुबा सकता है और एक अच्छा फैसला आपको सबसे अच्छा रिटर्न भी दिला सकता है।
अधिक जानें : म्यूचुअल फंड क्या है और कौन सा फंड बेस्ट है?
इसलिए इसका उत्तर कि म्यूचुअल फंड सही है या गलत यह आपके विवेक पर ही निर्भर करता है। मुझे इसकी सबसे अच्छी बात लगी कि आप बहुत आसानी से अपनी कम्पनी को बदल सकते हैं।