दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी

धोखाधड़ी को रोकने और सीमा पार लेनदेन की निगरानी के लिए चेक और बैलेंस भी पेश किए जा सकते हैं। अनियमित डिजिटल संपत्ति के भविष्य के बारे में अनिश्चितता के बावजूद, पिछले दो वर्षों में क्रिप्टोक्यूरेंसी के निवेश में भारी इज़ाफा हुआ है, जिससे भारत सबसे बड़ा निवेशक बन गया है। जिस का मतलब साफ़ है कि भारत में crypto का उज्ज्वल भविष्य साफ़ है अब सरकारें इस पर कब तक और क्या रुख लेती हैं इसका लोग बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं|
दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी
बेंगलुरु में अगले महीने की पांच और छह तारीख को दो दिनों के ब्लॉकचेन हेकाथन का आयोजन किया जाएगा। इस हेथन को बिल्डिंग फ्यूचर सिटीज का नाम दिया गया है। इस हेकाथन का आयोजन क्रिप्टो इंन्वेंस्टिंग ऐप CoinSwitch की ओर से किया जा रहा है। इसके आयोजन में कर्नाटक सरकार की इनिशियेटिव स्टार्टअप कर्नाटका और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या और सिक्यूईया इंडिया कि ओर से भी सहयोग दिया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया है कि इस हैकाथन का उद्देश्य भारत में ब्लॉकचेन के इस्तेमाल और संभावनाओं पर चर्चा करने के साथ-साथ इस पर काम करने वालों को एक मंच उपलब्ध करवाना है। इस हेकाथन के दौरान विजेताओं को तीन लाख रुपये तक इनाम भी दिया जाएगा। हाल के दिनों में पूरी दुनिया में ब्लॉकचेन चर्चा का विषय रहा है। जबसे क्रिप्टोकरेंसी का दौर शुरू हुआ है ब्लॉकचेन और अधिक लाइमलाइट में आ गया है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन की तकनीक पर ही काम करती है। पूरी दुनिया में जिस तरह से क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी (Non Fungible Tokens) का प्रयोग बढ़ रहा है, ब्लॉकचेन तकनीक की महत्ता भी बढ़ी जा रही है। ब्लॉकचेन की तकनीक अब आम आदमी की जिंदगी पर भी अपना असर डालने लगी है। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जिन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं उनमें सेवाएं ब्लॉकचेन की तकनीक पर आधारित हो सकती हैं पर हमें इसके बारे में पता ही नहीं होता है। ऐसे में एक आज के समय में ब्लॉकचेन क्या है और हमारी जिंदगी इससे किस तरह से जुड़ी हुई इस बारे में जानकारी होनी जरूरी है। ब्लॉकचेन है क्या ब्लॉकचेन को हम अलग-अलग ब्लॉक की एक शृंखला कह सकते हैं, इन ब्लॉक्स में सूचनाएं छिपी रहती हैं। ब्लॉकचेन के इस्तेमाल का मकसद डिजिटल दस्तावेज़ों को एक खास समय पर फिक्स करना (Time Stamp) करना होता है ताकि उन्हें बैकडेट करना या उनके साथ छेड़छाड़ करना संभव नहीं हो सके। ब्लॉकचेन की तकनीक हमें सेंट्रल सर्वर का इस्तेमाल किए बिना दो रिकॉर्ड की समस्या से भी निजात दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी दिला सकती है। ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल कर बैंक, सरकार या तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता के बिना धन, संपत्ति, समझौते आदि जैसी वस्तुओं का आसानी से आदान-प्रदान किया जा सकता है। इस तकनीक की खासियत यह है कि एक बार जब कोई डेटा एक ब्लॉकचेन के अंदर दर्ज हो जाता है, तो उसे बदलना मुश्किल ही नहीं लगभग-लगभग नामुमकिन ही होता है। एक आसान उदाहरण से समझिए क्या है ब्लॉकचेन मान लिजिएआप किसी मॉल में शॉपिंग कर रहे हैं। जैसे ही आप काउंटर पर अपनी खरीदी हुई चीज का भुगतान करने जाते हैं आपको पता चलता है कि आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड काम नहीं कर रहा है। आपको यह सूचना मिलती है कि आपके बैंक के सर्वर में खराबी के कारण उस बैंक का कोई भी ग्राहक जिसमें आप भी शामिल हैं अपने कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। तब आप क्या करेंगे जाहिर सी बात है अगरर ऐसी स्थिति में आप कभी फंसते हैं तो आपको परेशानी होगी। अब एक दूसरे पहलू पर गौर कीजिए। मान लिजिए आप जिस मॉल में खरीदारी कर रहे हों उसके पास किसी ऐसे डेटा या लेजर का एक्सेस हो जो आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाली हर लेन-देन को अपडेट कर सकता हो चाहे उस बैंक का सर्वर काम करे या न करे। अगर ऐसा होता है तो आप अपने बैंक का सर्वर डाउन रहने के बावजूद अपने कार्ड्स का इस्तेमाल कर पाएंगे। क्योंकि, मॉल अपने डेटा में आपकी खरीदारी की राशि को अपडेट कर देगा और जब आपके बैंक का सर्वर ठीक हो जाएगा यह वहां भी अपडेट हो जाएगा। ऐसे में आप बिना की किसी परेशानी के सर्वर डाउन रहने की स्थिति में भी खरीदारी कर पाएंगे। यही ब्लॉकचेन तकनीक है। ब्लॉकचेन का वो उदाहरण जिसका हम इस्तेमाल करते हैं हम लोगों में से ज्यादातर लोगों ने कभी ना कभी Google स्प्रेडशीट का इस्तेमाल किया है। अगर हम सोचकर देखें तो पाएंगे कि हम जिस गूगल स्प्रेडशीट का इस्तेमाल कर रहे हैं वह एक ऐसा दस्तावेज या लेजर है जो दुनिया के हर दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी कंप्यूटर पर साझा की जा सकती है और इंटरनेट से जुड़ी होती है। हम अगर इस स्प्रेडशीट में कोई भी बदलाव करते हैं तो वह इसकी एक पंक्ति में दर्ज हो जाता है। मोबाइल डिवाइस या कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाला कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से इस स्प्रेडशीट से कनेक्ट हो सकता है और इसके डेटा तक पहुंच सकता है। इंटरनेट से जुड़ा कोई भी व्यक्ति इस स्प्रैडशीट में दर्ज किए गए आंकड़ों को देख सकता है पर इसमें पहले से मौजूद आंकड़ों को बदल नहीं सकता है। मूल रूप से यही एक ब्लॉकचेन है। फर्क सिर्फ इतना है स्प्रेडशीट में अलग-अलग पंक्तियों में आंकड़े होते हैं और ब्लॉकचेन में अलग-अलग ब्लॉक्स में आंकड़े संग्रहित किए जाते हैं। ऐसे में हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ब्लॉकचेन का एक ब्लॉक डेटा का एक संग्रह है जिसमें छोटे-छोटे ब्लॉक्स को जिसमें डेटा या सूचनाएं होती हैं, को chronological तरीके से एक के बाद रखकर जोड़ा जाता है। जब कई ब्लॉक आपस में जुड़ की ब्लॉक्स की एक शृंखला बन जाती है तो उसे ही ब्लॉकचेन कहते हैं। ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी का क्या रिश्ता है दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी चाहे वह बिटकॉइन हो या इथेरियम सभी ब्लॉकचेन की तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। ब्लॉकचेन पर आधारित सबसे पहला और सबसे प्रसिद्ध एप्लिकेशन बिटकॉइन है, दुनिया दुनिया की सबसे प्रसिद्ध पीयर-टू-पीयर डिजिटल करेंसी है। बिटकॉइन को ब्लॉकचेन की तकनीक पर ही बनाया और नियंत्रित किया जाता है। पारंपरिक मुद्रा के उलट आप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित बिटकॉइन को बैंकों या सरकारों से अनुमति लिए बिना किसी को भी और कहीं भी भेज सकते हैं। ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिट करेंसी बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन में इस बात की भी परवाह नहीं करती है कि आप इंसान हैं या मशीन। ब्लॉकचेन तकनीक के आधार पर एक ही समय में हजारों बिटकॉइन समान रूप से पेमेंट की वैधता को वेरीफाई करने में सक्षम होते हैं इसलिए इसके परिचालन के लिए बैंकों या किसी तीसरे पक्ष के बिचौलिये की जरूरत नहीं पड़ती है। बिटकॉइन के ब्लॉकचेन में, 1 एमबी ब्लॉक मौजूद हैं जिनमें पीयर-टू-पीयर लेनदेन होते हैं। इन ब्लॉक्स को एक इनबिल्ट consensus mechanism की मदद से cryptominers द्वारा वेरीफाई किए जाने के बाद हर 10 मिनट में जोड़ा जाता है। इन ब्लॉकों में प्रत्येक एंट्री cryptographic maths का इस्तमाल करते हुए सुरक्षित की जाती है जो इसे अपरिवर्तनीय बनाती है। आरबीआई की digital rupee की लॉन्चिंग में ब्लॉकचेन की क्या भूमिका होगी आपको बता दें कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 के बजट भाषण के दौरान घोषणा की थी कि आने वाले वित्तीय वर्ष में सरकार एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को विकसित करेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक इस CBDC को लॉन्च करेगा जो बिटकॉइन या इथेरियम जैसी किसी क्रिप्टोकरेंसी की भांति ही ब्लॉकचेन की तकनीक पर आधारित होगी। CBDC या डिजिटल मुद्रा आरबीआई की ओर से डिजिटल रूप में जारी एक legal tender होगा। ब्लॉकचेन का खराब पक्ष क्या है ब्लॉकचैन तकनीक की मूल समस्या है इसको नियंत्रित करना। किसी भी केंद्रीय बैंक का मुद्रा पर पूर्ण नियंत्रण रहीं रहता है क्योंकि ब्लॉकचेन की प्रकृति विकेंद्रीकृत होती है। ऐसे में अगर आरबीआई भविष्य में डिजिटल करेंसी लेकर आती है दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी तो यह देखना दिलचस्प होगा कि यह इसकी गोपनीयता बनाए रखने और इसकी निगरानी करने के लिए कौन सी तकरीब अपनाता है। अगर आरबीआई इस डिजिटल करेंसी के आंकड़ों पर अपना नियंत्रण रखता है तो फिर से एक डिजिटल करेंसी होकर भी डिजिटल करेंसी के स्वभाव से अलग हो जाएगा, क्योंकि डिजिटल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी की मूल खासियत ही यही है कि इस पर कोई नियंत्रण या इसकी निगरानी नहीं कर सकता है।
Terror Funding के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने में जुटा भारत, पाकिस्तान ने बनाई आतंक पर चोट करने वाले सम्मेलन से दूरी
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : मानवता के लिए नासूर बने आतंकी संगठनों को होने वाली वित्तीय मदद पर प्रभावी अंकुश के लिए भारत दुनियाभर के देशों को एकजुट करने की कवायद में जुट गया है। इसके तहत इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र की आतंक निरोधी समिति की बैठक के बाद भारत तीसरे बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ की मेजबानी करेगा। दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह साढ़े 9 बजे करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह सम्मेलन में टेरर फंडिंग रोकने के लिए भारत में हुए दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी प्रयासों का खाका प्रस्तुत करेंगे।
ज्ञात हो, केंद्रीय गृह मंत्रालय व नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के तत्वावधान में हो रहे इस सम्मेलन में लगभग 78 देशों के बीस से अधिक मंत्री, राजनयिक और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स व आतंकवाद-विरोधी विशेषज्ञ भाग लेंगे। यह सम्मेलन साल 2020 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल देना पड़ा।
सम्मलेन का उद्देशय
आपको बता दें, सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) में हुए सम्मेलनों में टेरर फंडिंग से निपटने संबंधी एजेंडा को आगे बढ़ाना है। सम्मेलन में आतंकी संगठनों को वित्तपोषण के सभी आयामों के तकनीकी, कानूनी, विनियामक और सहयोग के पहलुओं पर चर्चा होगी। साथ ही टेटर फंडिंग के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल खासतौर पर क्रिप्टो करेंसी, मादक पदार्थों, डार्क बेव, सोशल मीडिया के जरिए क्राउड फंडिंग व अन्य साधनों से धन जुटाने की आतंकी संगठनों की कोशिशों पर अंकुश के लिए विदेशी फंडिंग के रूट्स की तलाश जैसे सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया जाएगा।
आपको बता दें, सम्मेलन के चार सत्रों में ‘आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’, ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ पर चर्चा होगी
पाकिस्तान नहीं लेगा आतंक विरोधी सम्मलेन में हिस्सा
आपको बता दें, इस सम्मेलन से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता व विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने कहा कि सम्मेलन में पाकिस्तान शामिल नहीं होगा। चीन को आमंत्रित किया गया है, लेकिन वहां से भागीदारी की पुष्टि नहीं हुई है।
आपको बता दें , सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। हालाँकि, केंद्र की सख्ती से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन पिछले महीने पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी टास्क फोर्स की निगरानी सूची से बाहर हो जाने से खतरा एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। आपको बात दें, पाकिस्तान को वर्ष 2017 में एफएटीएफ की निगरानी सूची में शामिल किए जाने से भी कुछ अंकुश लगा था। पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकी संगठनों व इनके सरगनाओं की सक्रियता और इन्हें मिल रहे सरकारी समर्थन पर रोक लगी थी। आतंकी शिविरों की संख्या भी घट गई, लेकिन अब एक बार फिर टेरर फंडिंग बढ़ने की आशंका दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी खड़ी हो गई है। सीमा पार से ड्रोन से हथियारों और मादक पदार्थ गिराने की घटनाएं लगातार सामने आने लगी हैं।
Cryptocurrency Rate : बिटकॉइन में आज तगड़ी तेजी, तुरंत करें कमाई
Cryptocurrency Rate: क्रिप्टोकरेंसी का बाजार आजकल काफी चर्चा में है। लोगों ने इसे अमीर बनने का सबसे आसान रास्ता समझ लिया था। लेकिन अचानक दुनियाभर के कई देशों की सरकारों की सख्ती के चलते बिटक्वाइन से लेकर कई क्रिप्टो करेंसी के रेट एकदम से धड़ाम हो गए हैं। दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी हालांकि कई क्रिप्टोकरेंसी के रेट अभी भी ऊपर जा रहे हैं। कुछ क्रिप्टोकरेंसी तो ऐसी हैं, जिनके रेट 2 डॉलर यानी 150 रुपये से भी कम दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी हैं, और अच्छा रिटर्न दिया है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस वक्त बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी, डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी, एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी और एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी के अलावा कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी का लेटेस्ट रेट क्या है।
बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 43,287.43 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 14.10 फीसदी की तेजी है। इस रेट पर बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 821.04 बिलियन डॉलर है। बीते चौबीस घंटे के दौरान बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 44,165.90 डालर और न्यूनतम कीमत 37,502.90 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2022 से अब तक बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी ने 6.37 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। बिटक्वाइन क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 68,990.90 डॉलर रही है। by
Future of Cryptocurrency in India या भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
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जैसा कि हमने देखा crypto न तो गैर कानूनी है और न ही पूरी तरह से नियमित तो फिलहाल यह कहा जा सकता है की भविष्य में crypto को भारत सरकार नियमित कर सकती है|
अब तक की crypto journey के बाद ऐसे संकेत दीखते हैं के crypto को नियमित करने के लिए भारत में बहुत जल्द एक मज़बूत फ्रेमवर्क बनाया जएगा जिससे crypto के लेन देन को पूरी तरह नियमित और सुरक्षित किया जा सके|
संभावना इस बात की भी है, कि सरकार क्रिप्टो को एक asset की category में रखेगी न कि मुद्रा के रूप में। विशेषज्ञों की राय है कि regulation क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाएंगे।
The Beginning of crypto या क्रिप्टो की शुरुआत
Crypto का जन्मदाता जापान के Satoshi Nakamoto नामी एक शख्स को माना जाता है जिनकी पहचान crypto ही की तरह गोपनीय है| असल में यह व्यक्ति कौन है? कोई नहीं जानता जबकि कुछ लोगों का मानना यह है कि यह सिर्फ एक काल्पनिक नाम है और इस नाम के पीछे लोगों का एक ग्रुप है जो crypto के creation की देख रेख करता है|
Crypto की शुरुआत सबसे पहली वर्चुअल currency के रूप में 2008 में हुई और तभी से भारत में इसे लेकर लोगों के भीतर जिज्ञासा पैदा होने लगी| जैसे जैसे भारत digitalization की ओर तेजी से बढ़ रहा है वैसे वैसे Crypto एक नई जरूरत के रूप में सामने आ रही है|
अभी भी भारत में crypto के लिए अभी तक कोई regulatory framework मोजूद नहीं है जिसकी वजह से व्यवसायों में धोखाधड़ी और fraud के chances बढ़ जाते हैं| तो यह कहा जा सकता है कि इसका इस्तेमाल जोखिम से खाली नहीं है|
भारत में Crypto currency और इसका अब तक का सफ़र
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जैसा के पहले भी कहा गया है की भारत में crypto की शुरुआत दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी और अब तक का सफ़र बहुत उतार चढाव वाला रहा है पर इसके बावजूद young generation developers और एक्सपर्ट्स की एक बहुत बड़ी संख्या लगातार crypto दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी को अपनाने और सरकार द्वारा इसके नियमित किये जाने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं|
चलिए डालते हैं एक नज़र crypto के सफ़र पर जो कि निम्नलिखित है|
- 2010 में crypto द्वारा की गयी पहली बिक्री के बाद से दुनियाभर में crypto निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी जिस में भारतीय निवेशकों ने भी हिस्सा लिया|
- 2013 में इसकी बढती लोकप्रियता और अनियमित नेचर की वजह से आर बी आई (Reserve Bank of India) ने crypto के इस्तेमाल से जुड़ी पहली चेतावनी जारी की|
Future of Cryptocurrency in India या भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
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जैसा कि हमने देखा crypto न तो गैर कानूनी है और न ही पूरी तरह से नियमित तो फिलहाल यह कहा जा सकता है की भविष्य में crypto को भारत सरकार दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी नियमित कर सकती है|
अब तक की crypto journey के बाद ऐसे संकेत दीखते हैं के crypto को नियमित करने के लिए भारत में बहुत जल्द एक मज़बूत फ्रेमवर्क बनाया जएगा जिससे crypto के लेन देन को पूरी तरह नियमित और सुरक्षित किया जा सके|
संभावना इस बात की भी है, कि सरकार क्रिप्टो को एक asset की category में रखेगी न कि मुद्रा के रूप में। विशेषज्ञों की राय है कि regulation क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाएंगे।