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जब शेयर मार्केट गिरता है

जब शेयर मार्केट गिरता है
जब समुद्र की लहरें तेज़ होती हैं तब आप जानते हैं कि कौन नंगा नहा रहा है. लहर के साथ सवारी करना आसान है, लेकिन इसका सामना करना मुश्किल है.

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

महंगाई और केंद्रीय बैंकों के सख्त रूख से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. बाजार में दबाव के बीच छोटे निवेशक ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनका उन्हे हमेशा पछतावा रहता है. जानिये बाजार में गिरावट के समय किन गलतियों से दूर रहें

बाजार में आई गिरावट में आम निवेशक को भारी पड़ेगी ये गलतियां, उठा लेंगे तगड़ा नुकसान

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Sep 17, 2022 | 11:53 AM

विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट जब शेयर मार्केट गिरता है देखने को मिल रही है. शुक्रवार को ही बाजार में निवेशकों ने 6 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये है. वहीं बाजार के जानकार आगे भी अनिश्चितता के बीच बाजार में दबाव बने रहने की बात कर रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के बीच डर और लालच दोनों ही बढ़ने की आशंका बन गई है. बाजार के अधिकांश जानकार आम निवेशकों से हर स्थिति में सोचसमझ कर फैसला लेने की बात करते हैं. लेकिन डर या लालच हावी होने पर आम निवेशक अक्सर ऐसा फैसला ले लेतें हैं जिससे उनका नुकसान होना तय हो जाता है. जानिए अगर बाजार में गिरावट हावी हो रही हो तो आपको किन गलतियों से दूर रहने की जरूरत है.

घबराहट में बिकवाली करना

शेयर बाजार में गिरावट आने पर बिना सोचे समझे शेयर बेचने से बड़ी गलती कोई नहीं है. हालांकि ये भी सही नहीं है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें. अगर आपने सिर्फ स्टॉक के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं निवेश किया है तो तुरंत निवेश की समीक्षा करें और तेजी के साथ फैसला लें . हालांकि अगर आपने किसी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर सोच समझकर निवेश किया है तो शांत रहें, मजबूत कंपनियों में संभावना होती है कि वो रिकवरी के संकेत दिखते ही न केवल अपने नुकसान की भरपाई करती हैं वहीं इस गति के साथ वो और बढ़त भी दर्ज करती हैं. सलाह दी जाती है कि निवेश सोचसमझ कर करें फिर अपने इस फैसले पर भरोसा बनाए रखें..

बाजार में निवेश बंद करना

छोटे निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो बाजार में गिरावट आते ही उसको लेकर नकारात्मक छवि गढ़ लेते हैं. ध्यान रखें की बाजार एक ऐसी जगह है जहां कई लोग तब भी कमा रहे होते हैं जब बाजार गिर रहा होता है…हालांकि इसके लिए बाजार की काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए. छोटे निवेशकों को चाहिए कि वो किसी भरोसे के मार्केट एक्सपर्ट के संपर्क में बने रहें. और गिरावट के बीच उनसे निवेशक के विकल्प के बारे में सलाह ले सकते हैं. सलाह है कि बाजार को लेकर सकारात्मक या नकारात्मक कोई राय न बनाएं. बेहतर है कि बाजार को समझने की कोशिश करें, जानकारों से बात करें उनसे सलाह लें और निवेश के विकल्प हमेशा खुले रखें

एसआईपी को बंद करना

बाजार में गिरावट के बीच ये एक और बड़ी गलती है जिसे छोटे निवेशक करते है. बाजार अगर गिरता है तो कई स्कीम के रिटर्न निगेटिव दिखने लगते हैं. ऐसे में कई लोग एसआईपी बंद करा देते हैं. हालांकि वो नहीं समझ पाते कि उन्होने दोगुना नुकसान उठाया है. पहला वो निवेश का चक्र तोड़ देते हैं वहीं निचले स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स की खरीद का फायदा गंवा देते हैं. साल 2008 में आए क्रैश के दौरान कई लोगों ने अपनी एसआईपी बंद कर दी थी. हालांकि जिन लोगो ने निवेश जारी रखा उन्हें बाजार में रिकवरी के साथ तगड़ा मुनाफा मिला. बाजार में एसआईपी के जरिए निवेश किसी भी छोटे निवेशक के लिए सबसे कारगर तरीका होता है हर महीने छोटी रकम के साथ निवेशक बाजार के एक्सपर्ट्स की रणनीतियों का फायदा उठाते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि आप स्कीम पर नजर रखना ही छोड़ दें. आपको अपने निवेश की जानकारी होनी जरूरी है. ध्यान रखें कि एसआईपी समय से पहले बंद करने के नुकसान होते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही इस पर निर्णय लिया जाना जरूरी है.

बड़ी मात्रा में निवेश करना

शेयर बाजार के लुढ़कने के दौरान एक शब्द काफी चलन में आ जाता है. वो है buying at dip यानि गिरावट पर खरीदारी. अधिकांश छोटे निवेशक भी इसके फेर में आ जाते हैं क्योंकि उन्हें भी ये गणित काफी सीधा लगता है जिसमें कम कीमत पर खरीदना और ज्यादा कीमत पर बेचने की सोच होती है. लेकिन ये उतना सीधा नहीं है जितना ये लगता है.

पहला छोटे निवेशक नहीं जानते कि किसी स्टॉक में आई गिरावट के मायने क्या हैं. क्या वो अपने सही कीमत से गिर कर नीचे आया है या फिर वो गिरावट के बाद अपनी सही कीमत पर पहुंचा है. दूसरा छोटे निवेशकों को पता नहीं होता कि स्टॉक कितना गिरेगा और इसमें रिकवरी कब तक आएगी. इन सभी सवालों के बीच बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करना गलत कदम साबित हो सकता है.

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रिसर्च फर्म सीएनआई रिसर्च (CNI Research) के सीएमडी किशोर ओस्तवाल (Kishor Ostwal) का मानना है कि अभी आई गिरावट ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का बढ़िया अवसर दिया है. ओस्तवाल ने ये दावा भी किया कि इंटेरेस्ट रेट बढ़ने के बाद भी अब बाजार ऊपर चढ़ेगा.

अभी शेयर खरीदने का बढ़िया मौका

सुभाष कुमार सुमन

  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2022,
  • (अपडेटेड 16 जून 2022, 8:59 AM IST)
  • इस साल करीब 2000 अंक टूट चुका है निफ्टी
  • अक्टूबर के बाद बिकवाली की चपेट में बाजार

दुनिया भर के शेयर बाजार (Share Market) अभी बिकवाली की चपेट में हैं. भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) भी इससे अछूते नहीं हैं. विदेशी निवेशकों (FPI) की भारी बिकवाली, बढ़ती महंगाई, मंदी की आशंका आदि जैसे फैक्टर्स बाजार को संभलने का कोई मौका नहीं दे रहे हैं. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों आज भी प्रेशर में कारोबार कर रहे हैं. पिछले पांच दिन में निफ्टी करीब 4 फीसदी टूटा है. इस साल अब तक निफ्टी करीब 2000 अंक यानी 11 फीसदी के नुकसान में है. लगातार आई गिरावट के चलते कई इन्वेस्टर्स घबराकर अपनी होल्डिंग्स बेच रहे हैं. हालांकि कई एक्सपर्ट बाजार में आए इस डिप को क्वालिटी स्टॉक्स खरीदने का बढ़िया मौका मान रहे हैं. उनका मानना है कि यह समय होल्ड करने और नया खरीदने का है.

रिसर्च फर्म सीएनआई रिसर्च (CNI Research) के सीएमडी किशोर ओस्तवाल (Kishor Ostwal) का मानना है कि अभी आई गिरावट ने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट का बढ़िया अवसर दिया है. ओस्तवाल ने ये दावा भी किया कि इंटेरेस्ट रेट बढ़ने के बाद भी अब बाजार ऊपर चढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसे सेक्टर हैं, जिनके स्टॉक्स खरीदने से आने वाले समय में बढ़िया रिटर्न मिल सकता है. उन्होंने कहा कि चीनी और गेहूं से जुड़े स्टॉक्स को खरीदना फायदे का सौदा है. उन्होंने पांच ऐसे शेयरों के बारे में भी बताया, जिनमें अभी इन्वेस्ट करना सही साबित हो सकता है.

टाइटन (Titan): टाटा समूह की इस कंपनी का शेयर आज के कारोबार में मामूली मजूबती में रहा है. हालांकि यह पिछले पांच दिन, एक महीने, छह महीने और इस साल अब तक के हिसाब से गिरा हुआ है. पिछले छह महीने में यह स्टॉक करीब 10 फीसदी गिरा है. इस साल जनवरी से अब तक इसके भाव में 16 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. इसका 52-वीक हाई 2,768 रुपये है, जबकि अभी यह 2,100 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है. इस तरह यह स्टॉक 'Buy The Dip' की लिस्ट में पसंदीदा बन जाता है.

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एशियन पेंट्स (Asian Paints): इस ब्लूचिप स्टॉक का भाव अभी ऑल टाइम हाई से करीब 1000 रुपये नीचे आया हुआ है. कभी यह स्टॉक 3,590 रुपये के हाई तक गया था, लेकिन अभी 2,650 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है. इस साल अब तक इसका भाव 22 फीसदी से ज्यादा गिरा है, जबकि बीते छह महीने में इसमें 19.50 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले एक महीने में ही इस स्टॉक में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.

इंफोसिस (Infosys): भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड इन्वेस्टर्स की पसंदीदा रही है. आज भी इस आईटी कंपनी का स्टॉक करीब 1.50 फीसदी तक की गिरावट में है और 1,420 रुपये के आस-पास है. एक समय इस स्टॉक का भाव 1,953.90 रुपये के हाई तक पहुंचा था. इस साल जनवरी से अब तक इंफोसिस का शेयर 25 फीसदी से ज्यादा गिरा है. इसी तरह बीते छह महीने में इसमें करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है.

रेणुका शूगर (Renuka Sugar): ग्लोबल फूड क्राइसिस के मौजूद दौर में गेहूं के बाद सबसे ज्यादा भाव चीनी के ही बढ़े हैं. इसी कारण भारत सरकार ने गेहूं के बाद चीनी के एक्सपोर्ट पर भी पाबंदियां लगा दी हैं. सरकार चाहती है कि घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे और कीमतें अधिक न बढ़ें. इसके अलावा इथेनॉल पर सरकार के फोकस से भी चीनी कंपनियों के स्टॉक आने वाले समय के लिए बेहतर संभावनाएं दिखा रहे हैं. आज इस स्टॉक का भाव करीब एक फीसदी मजबूती के जब शेयर मार्केट गिरता है साथ 50 रुपये के आस-पास है. यह भी अपने पीक से करीब 23 फीसदी नीचे है.

सेल (Sail): स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की गिनती नवरत्नों में होती है. बदली भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने भी मेटल खासकर स्टील स्टॉक्स की जब शेयर मार्केट गिरता है अहमियत बढ़ा दी है. सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए एक्सपोर्ट पर शुल्क बढ़ाया है. आज के कारोबार में इसका भाव भी करीब एक फीसदी गिरा हुआ है. दूसरी ओर ऑल टाइम हाई से इसकी कीमत 50 फीसदी से ज्यादा टूटी हुई है. कभी 145.90 रुपये तक पहुंचा यह स्टॉक अभी 70 रुपये के आस-पास ट्रेड कर रहा है.

(Disclaimer: शेयर बाजार में पैसे लगाने पर कई तरह के रिस्क होते हैं. स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने से पहले आप खुद से रिसर्च जरूर करें या अपने पर्सनल फाइनेंस एडवाइजर की सलाह लें.)

8% गिरा Powergrid स्टॉक, बिखर गया बाजार, Sensex 1000 अंक से ज्यादा डाउन

इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 337.06 अंक (0.57 फीसदी) के नुकसान के साथ 59,119.72 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 88.55 अंक (0.50 फीसदी) गिरकर 17,629.80 अंक पर रहा था. बुधवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 262.96 अंक (0.44 फीसदी) गिरकर 59,456.78 अंक पर और निफ्टी 97.90 अंक (0.55 फीसदी) लुढ़ककर 17,718.35 अंक पर रहा था.

रेट हाइक के बाद गिर रहा बाजार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 सितंबर 2022, 4:33 PM IST)

Stock Market Today: अमेरिका में महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर में एक बार फिर से तेज बढ़ोतरी करने के बाद शेयर बाजारों में लगातार गिरावट जारी है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दर को 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था. इसके बाद दुनिया भर के बाजारों में जमकर बिकवाली हो रही है. इस कारण आज शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों बिख गए. सेंसेक्स तो आज 1000 अंक से ज्यादा गिर गया.

प्री-ओपन सेशन में इतनी गिरावट

घरेलू बाजार आज प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) में गिरा हुआ था. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स करीब 115 अंक की गिरावट के साथ 59,000 अंक के पास कारोबार कर रहा था. एनएसई निफ्टी करीब 36 अंक कमजोर होकर 17,700 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था. वहीं, सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) का फ्यूचर कांट्रैक्ट सुबह के नौ बजे 83 अंक की गिरावट के साथ 17,557 अंक पर कारोबार कर रहा था. इससे संकेत मिल रहा था कि घरेलू बाजार आज कारोबार की खराब शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:25 बजे सेंसेक्स करीब 255 अंक के नुकसान के साथ 58,865 अंक से नीचे कारोबार कर रहा था था. वहीं निफ्टी करीब 65 अंक गिरकर 17,565 अंक के पास आ चुका था.

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ज्यादातर बड़ी कंपनियां लाल

आज के कारोबार में बाजार को कभी भी संभलने का मौका नहीं मिला. सेंसेक्स की ज्यादातर कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा. 30 कंपनियों में से महज 03 सन फार्मा, टाटा स्टील और आईटीसी ही फायदे में रहे. पावरग्रिड कॉरपोरेशन के शेयरों में तो 7.93 फीसदी की गिरावट आई. इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा में तीन फीसदी की गिरावट आई. एसबीआई, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े शेयरों में 2-2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 1,020.80 अंक (1.73 फीसदी) गिरकर 58,098.92 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी जब शेयर मार्केट गिरता है 302.45 अंक (1.72 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,327.35 अंक पर रहा.

ऐसा रहा है इस सप्ताह का हाल

इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 337.06 अंक (0.57 फीसदी) के नुकसान के साथ 59,119.72 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 88.55 अंक (0.50 फीसदी) गिरकर 17,629.80 अंक पर रहा था. बुधवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 262.96 अंक (0.44 फीसदी) गिरकर 59,456.78 अंक पर जब शेयर मार्केट गिरता है और निफ्टी 97.90 अंक (0.55 फीसदी) लुढ़ककर 17,718.35 अंक पर रहा था. मंगलवार को सेंसेक्स 578.51 अंक (0.98 फीसदी) की बढ़त के साथ 59,719.74 अंक पर और निफ्टी 194 अंक (1.10 फीसदी) मजबूत होकर 17,816.25 अंक पर बंद हुआ था. सप्ताह के पहले दिन सोमवार के कारोबार में उथल-पुथल के बाद बाजार ने शानदार रिकवरी की थी. एक समय बाजार ठीक-ठाक गिरावट में था, लेकिन कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 300.44 अंक यानी 0.51 फीसदी मजबूत होकर 59,141.23 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 91.40 अंक (0.52 फीसदी) की बढ़त लेकर 17,622.25 अंक पर रहा था.

ग्लोबल मार्केट में गिरावट हावी

अमेरिका में लगातार तीसरी बार ब्याज दर को 0.75 फीसदी बढ़ाए जाने के बाद वॉल स्ट्रीट में जमकर बिकवाली हो रही है. गुरुवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 0.35 फीसदी कमजोर होकर 30,076.68 अंक पर बंद हुआ था. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) 1.37 फीसदी गिरकर 11,066.81 अंक पर रहा था. एसएंडपी500 (S&P 500) सूचकांक में 0.84 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. आज शुक्रवार को एशियाई बाजार भी गिरावट में हैं. जापान का निक्की (Nikkei) 0.58 फीसदी के नुकसान में है. वहीं हांगकांग के हैंगसेंग (Hangseng) में 0.78 फीसदी की और चीन के शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) में 1.08 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है.

गिरते हुए शेयर बाजार के दौरान इन 5 बातों को याद रखें

जब समुद्र की लहरें तेज़ होती हैं तब आप जानते हैं कि कौन नंगा नहा रहा है. लहर के साथ सवारी करना आसान है, लेकिन इसका सामना करना मुश्किल है.

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स्टॉक मार्केट दुनिया में सबसे गतिशील चीज है और सदियों से नाटकीय रूप से बदले हैं. हालांकि, अंतर्निहित यांत्रिकी और बुनियादी निवेश दर्शनशास्त्र समय की परीक्षा में खड़े हैं. लोकप्रिय पीटर लिंच ने कहा, “जानें कि आप क्या हैं, और जानें कि आप इसके स्वामी क्यों हैं.” जब आपका निवेश वर्तमान में नीचे आता है तो यह उद्धरण सबसे उपयोगी होता है. यहां उन 5 चीजों के बारे में बताया जा रहा है जिसे आपको याद रखना चाहिए जब शेयर बाजार गिर रहा हो:

शेयर बाजार और व्यापार एक चीज़ नहीं है

क्या जीवन में कुछ भी रिश्ता, व्यापार या नौकरी है जो 100 फीसदी हो जैसा कि आप चाहते हैं? मैं तुम्हारे बारे में नहीं जानता, लेकिन मुझे यकीन है कि ऐसा नहीं है. प्रगति कभी एक समान जब शेयर मार्केट गिरता है रेखा नहीं होती है क्योंकि रास्ते में कई हिचकी, पस्टॉप, विपत्तियां और जीत आती हैं. यह निवेश सहित सभी चीजों के लिए सच है. कई नौसिखिए निवेशक उम्मीद करते हैं कि बाजार एक ही दिशा में आगे बढ़ेगा और वे पैसे कमाएंगे. यह मानसिकता आपको कल्पना के किसी भी हिस्से से अमीर नहीं बनाती है. इसलिए, आपको इस तथ्य को मान लेना चाहिए कि आपके स्टॉक हमेशा उतार-चढ़ाव करेंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इससे निपटने के लिए क्या कर रहे हैं.

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बीज को फल बनने में वक्त लगता है

जब कभी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं आप उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाते हैं. जिस कीमत पर आप इसे लगभग हमेशा खरीदते हैं, वह कमाई, परिसंपत्तियों का मूल्यांकन आदि जैसी अंतर्निहित वास्तविकताओं को दर्शाता है. इसलिए, स्टॉक खरीदने का आपका निर्णय उम्मीद के साथ है कि भविष्य में कंपनी का कारोबार बढ़ने जा रहा है और नतीजतन, स्टॉक की कीमत काफी बढ़ जाएगी. यह वैसा ही है जब आप एक बीज लगाने और उस पौधे के बड़े होने का इंतजार करते हैं फिर एक पेड़ और अंततः फल देता है. सिर्फ इसलिए कि बाजार थोड़ा नीचे चला जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि उम्मीद बदलनी चाहिए.

गिरने का मतलब खत्म होना नहीं होता

स्टॉक की कीमतें कई कारणों से नीचे जा सकती हैं जो आंतरिक (ऋण, कोई वृद्धि, विकास, उत्पाद विफलताओं, खराब रणनीति इत्यादि), बाहरी (मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरें, ऋणात्मक धन प्रवाह, समाचार, मुद्रा में गिरावट इत्यादि) हो सकती हैं या फिर दोनों के संयोजन के कारण. सिर्फ इसलिए कि अस्थायी हेडविंड हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कंपनी बंद हो जाएगी या दिवालिया हो जाएगी. आपके द्वारा निवेश की जाने वाली कंपनियों की वित्तीय स्थिति से अवगत होना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने दिमाग में संदेह को न पालें. निकट अवधि के झटके को दीर्घकालिक आपदाओं के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. जिस तरह से कंपनी ऐसी विपत्तियों से निपटती है, वह भविष्य की ताकत का निर्धारण करेगी.

भावनाओं से नहीं तर्क से सोचें

अनगिनत निवेशक हैं जो अपने द्वारा निवेश किए जाने वाले शेयरों के बारे में विस्तृत और विस्तृत शोध करते हैं. वे रातभर जागकर कंपनी के मामलों के बारे में सभी संभावित विवरण प्राप्त करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही निर्णय ले रहे हैं. लेकिन जब शेयर बाजार नीचे जाते हैं, तो वे वास्तव में डर जाएंगे और अपने सभी सावधानीपूर्वक शोध किए गए निवेशों को बेचना शुरू कर देंगे. क्यों?

हालांकि वे जानते हैं कि कंपनी की संभावनाएं अच्छी हैं, वे अनिश्चितता के विचार को संभाल नहीं सकते हैं. लेकिन इसके बारे में सोचने के लिए, कुछ हद तक सब कुछ अनिश्चित है, यह सिर्फ इतना है कि शेयर बाजार दिन के हर पल के दौरान संख्याओं में इसे मापते हैं. निवेश करते समय भावनात्मक रूप से सुस्त होना महत्वपूर्ण है, अगर आप इसे जब शेयर मार्केट गिरता है संभाल नहीं सकते हैं, तो ऐसा न करें. यदि आप कर सकते हैं, तो याद रखें कि अनगिनत धन आपका होगा.

धैर्य बनाएं रखें

सबसे अच्छे और सबसे धैर्यवान निवेशक बाजार के नीचे होने पर तूफान का अधिकतम लाभ उठाएंगे और इस तरह तूफान का सामना करने में सक्षम होंगे. यह या तो धैर्यपूर्वक इंतजार करके, अधिक निवेश और अपनी लागत का औसत करके पूरा किया जा सकता है या आय उत्पन्न करने के लिए विकल्प रणनीतियों को शामिल करके और इस प्रकार आगे के नुकसान के खिलाफ खुद को तैयार किया जा सकता है. हर किसी के पास विपदा से निपटने का साहस नहीं होता है. वॉरेन बफे कहते हैं, “जब समुद्र की लहरें तेज़ होती हैं तब आप जानते हैं कि कौन नंगा नहा रहा है.” लहर के साथ सवारी करना आसान है, लेकिन इसका सामना करना मुश्किल है, जो दूर तैर सकता है.

इसके लेखक तेजस खोडे, FYERS के फाउंडर और सीईओ हैं.

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शेयर बाजार खुलते ही चंद मिनटों में 1185 अंक उछला सेंसेक्स, जानिए किन 3 वजहों से आई ये तेजी

शेयर बाजार खुलते ही चंद मिनटों में 1185 अंक उछला सेंसेक्स, जानिए किन 3 वजहों से आई ये तेजी

सोमवार को सेंसेक्स में करीब 638 अंकों कि गिरावट देखने को मिली. वहीं आज मंगलवार को सेंसेक्स करीब 1185 अंक तक उछल गया है. आइए जानते हैं किन वजहों से बाजार में ये तेजी देखने को मिल रही है.

शेयर बाजार (Share Market Latest Update) के लिए इस सप्ताह की शुरुआत भले ही बहुत ही खराब रही हो, लेकिन महानवमी (Navratri) के मौके पर सेंसेक्स (Sensex) में तगड़ा उछाल देखा जा रहा है. बाजार खुलने के महज चंद मिनटों में ही सेंसेक्स 1185 अंक तक उछल गया. हालांकि, उसके बाद इसमें मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला. निफ्टी में भी शानदार तेजी देखने को मिली है और वह करीब 350 अंक तक चढ़ गया. सवाल ये है कि आखिर ये तेजी आई क्यों? आइए जानते हैं किन 3 बड़ी वजहों (Why share market rising) के चलते आज शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है.

1- अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट

आज शेयर बाजार में शानदार तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिका से देखने को मिल रही है. अमेरिकी डॉलर में गिरावट देखी गई है और साथ ही ट्रेजरी यील्ड में भी गिरावट आई है, जिसके चलते भारत का इक्विटी बाजार तेजी के साथ खुला है. बैंकिंग और वित्तीय शेयरों ने शेयर बाजार की तेजी की अगुआई की है.

2- एफआईआई ने की वापसी?

भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की वजह अक्सर रिटेल निवेशक नहीं होते हैं. ठीक उसी तरह बड़ी तेजी का क्रेडिट भी रिटेल निवेशकों को कभी-कभार ही जाता है. बाजार की तेजी की सबसे बड़ी वजह होते हैं विदेशी निवेशक यानी एफआईआई. जब वह बाजार से पैसा निकालने लगते हैं तो बाजार गिरता है, जब खरीदारी करते हैं तो बाजार चढ़ता है. मुमकिन है कि आज सेंसेक्स में तगड़े उछाल की एक बड़ी वजह एफआईआई हों.

3- हर साल अक्टूबर में होता है ऐसा

भारत में अक्टूबर का महीना तमाम त्योहारों से भरा रहता है. इसी महीने नवमी, दशहरा, भैया दूज, दिवाली जैसे कई अहम त्योहार आते हैं. इन सब की वजह से अक्टूबर के महीने में हमेशा ही शेयर बाजार शानदार तेजी दिखाता है. पिछले 10 में से 8 सालों में इस महीने में सेंसेक्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी अक्टूबर का महीना हर साल की तरह शानदार रिटर्न देगा.

एक दिन पहले ही सेंसेक्स में आई थी भारी गिरावट

वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से घरेलू शेयर बाजारों (Stock Markets) में सोमवार को गिरावट रही. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स (BSE Sensex) 638.11 अंक टूटकर 56,788.81 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 743.52 अंक तक नीचे चला गया था. पूरे दिन में सेंसेक्स ने 57,454.84 का उच्च स्तर और 56,683.40 का निम्न स्तर छुआ.

सेंसेक्स के शेयरों में मारुति सुजुकी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडसइंड बैंक, ITC, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. सबसे ज्यादा 3.16 प्रतिशत मारुति का शेयर गिरा है. इसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर है, जो 2.77 प्रतिशत टूटा है. बीएसई पर लिस्टेड 30 कंपनियों में से 4 को छोड़ बाकी 26 कंपनियों के शेयर ​लाल निशान में बंद हुए हैं. डॉ. रेड्डीज, NTPC, भारती एयरटेल और विप्रो लाभ में रहे.

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