ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

Buying US Stocks: क्या आप खरीदना चाहते हैं अमेरिकी शेयर, यहां जानें यूएस स्टॉक मार्केट में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
US Stocks Market Trading: विदेशी स्टॉक उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है. निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 27 Sep 2021 10:17 PM (IST)
US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं, इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का विकल्प दिया गया है.
इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.
विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.
यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.
बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है.
फिलहाल ग्लोबल इक्विटी लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. लेकिन, इससे निवेशकों को सभी क्षेत्रों में लंबी अवधि के अवसरों की तलाश करने से नहीं रुकना चाहिए. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के लिए यहां जानिए आसान तरीके
अगर आप कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग (Trading) करना चाहते हैं तो आपको बाजार की सही जानकारी का होना बहुत ही जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट को लेकर जानकारी का अभाव है और यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में डर बना रहता है. आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में कमोडिटी मार्केट की बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे. तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.
कमोडिटी वायदा में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
निवेशकों को कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. निवेशक इस ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद और बिक्री कर सकते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट किसी ब्रोकिंग फर्म के साथ खुलवा जा सकता है. हालांकि ब्रोकर्स को MCX, NCDEX, BSE और NSE का सदस्य जरूर होना चाहिए. एक्सचेंज की वेबसाइट से ब्रोकर्स के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का होना जरूरी है. MCX पर नॉन-एग्री कमोडिटी ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. NCDEX पर एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. हालांकि BSE और NSE पर भी कुछ कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. नॉन-एग्री कमोडिटी में सोना-चांदी, क्रूड और मेटल शामिल हैं. वहीं एग्री कमोडिटी में ग्वार, चना, तिलहन, मसाला और शुगर में ट्रेडिंग होती है.
खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय
कमोडिटी बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि कुछ रकम देकर पूरे सौदे को उठाना मार्जिन कहा जाता है. वहीं दूसरी ओर हाजिर बाजार में सौदे का पूरा भुगतान करना पड़ता है. हर कमोडिटी की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय है. आमतौर पर मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है. उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन भी लगाता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग में शेयर बाजार की तरह लंबी अवधि नहीं होती है. कमोडिटी मार्केट में दो से तीन सीरीज में ही कारोबार होता है. निवेशकों को खरीद-बिक्री एक निश्चित अवधि में करना जरूरी है. शुरुआत में मिनी लॉट में ट्रेड करना समझदारी भरा कदम माना जाता है. बाजार की समझ बढ़ने के बाद बड़े लॉट में ट्रेड करना चाहिए और हर सौदे में स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए. निवेशकों को कई लॉट में ट्रेडिंग के लालच में नहीं फंसना चाहिए. जानकारों का कहना है कि लिक्विड कमोडिटी में ट्रेड करना फायदेमंद रहता है.
जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए आपको देश दुनिया की खबरों पर नजर बनाए रखनी होगी. कमोडिटी मार्केट पर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के फैसले का असर साफतौर पर देखा जाता है. साथ ही एग्री कमोडिटी की बात करें तो फसल और उत्पादन अनुमान का असर भी दिखाई पड़ता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड और बोनस नहीं मिलता है और ट्रेडर्स को सौदा कटने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
Easy Trip Planners में 2 दिन में 33% की रैली, जानिए क्यों शेयर भर रहा उड़ान
Easy Trip Planners share price : बोनस इक्विटी शेयर के अलॉटमेंट पर विचार करने और मंजूरी देने के लिए कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 23 नवंबर, 2022 को होनी है
इजी ट्रिप प्लानर्स के शेयर मंगलवार, 22 नवंबर को बीएसई पर इंट्राडे में 17 फीसदी की दमदार रैली के साथ 67.10 रुपये के स्तर पर पहुंच गए, जो उसका 52 हफ्ते का हाई है
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Easy Trip Planners share price : इजी ट्रिप प्लानर्स के शेयर मंगलवार, 22 नवंबर को बीएसई पर इंट्राडे में 17 फीसदी की दमदार रैली के साथ 67.10 रुपये के स्तर पर पहुंच गए, जो उसका 52 हफ्ते का हाई है। पिछले दो ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर में 33 फीसदी बढ़त देखने को मिली है। दरअसल, स्टॉक के एक्स-स्प्लिट और एक्स-बोनस ट्रेड होने का शेयर पर असर दिख रहा है। बोनस इक्विटी शेयर (bonus equity shares) के अलॉटमेंट पर विचार करने और मंजूरी देने के लिए कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग 23 नवंबर, 2022 को होनी है। दोपहर 1.45 बजे शेयर 15.50 फीसदी मजबूती के साथ 66 रुपये के स्तर पर बना हुआ है।
शेयरहोल्डर्स को मिलेंगे बोनस शेयर
Easy Trip Planners ने 10 अक्टूबर, 2022 को बताया था कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने निवेशकों को 3:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने और 1:2 के अनुपात में शेयरों को विभाजित करने की मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि ईजी ट्रिप प्लानर्स के शेयरधारकों को प्रत्येक 3 शेयर के बदले में 1 अतिरिक्त शेयर बोनस के रूप में जारी किया जाएगा। वहीं कंपनी अपने 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले 2 शेयरों में बांटेगी।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में स्टैंडआउट के लिए 7 प्रैक्टिकल टिप्स
ऑनलाइन ट्रेडिंग इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न वित्तीय साधनों के लिए लेनदेन खरीदने और बेचने के बारे में है। सबसे मुश्किल काम यह जानना है कि ट्रेडों में प्रवेश करने और बाहर निकलने का सबसे अच्छा समय कब है। लेकिन इसके साथ बहुत कुछ है। अच्छी खबर यह है कि हमारे पास आपके लिए कुछ उपयोगी सुझाव हैं जो आपके ट्रेडिंग प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए 7 व्यावहारिक सुझाव
1. पता करें कि क्या ऑनलाइन ट्रेडिंग आपके लिए है
ऑनलाइन ट्रेडिंग करके एक स्वतंत्र आय करना संभव है। यह पैसा निवेश करने का एक अल्पकालिक तरीका है, कुछ ऐसा है पॉल ट्यूडर जोन्स 'मार्केट विजार्ड' के रूप में जाना जाता है। यह वारेन बफेट के दृष्टिकोण से अलग है जो दीर्घकालिक धन निवेश की वकालत करते हैं। इसलिए इसे अच्छी तरह से सोचें और तय करें कि यह ऐसी चीज है जिसे आप सहज महसूस करेंगे।
2. सबसे अच्छा ऑनलाइन ट्रेडिंग ब्रोकर चुनें
आपको अपने कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफोन पर ऑनलाइन ट्रेडिंग करने में सक्षम होना चाहिए। अधिकांश कंपनियां सभी उपकरणों पर उपलब्ध एप्लिकेशन प्रदान करती हैं, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्रोकर या बैंक को एक सरकारी एजेंसी द्वारा विनियमित किया जाता है, उदाहरण के लिए यूनाइटेड किंगडम में एफसीए या स्विट्जरलैंड में एफएनएमए। कमीशन और अन्य व्यापारिक किराए की तुलना करें और जहाँ भी आप हैं, व्यापार शुरू करें।
3. ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में आवश्यक ज्ञान प्राप्त करें
कई ऑनलाइन पाठ्यक्रम मुफ्त में उपलब्ध हैं। वहाँ भी भुगतान किया संस्करण हैं। आप जो भी चुनते हैं, उम्मीद नहीं करते कि आप इस तरह का कोर्स करने के बाद ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ जान जाएंगे। कुछ कौशल आपको अभ्यास के माध्यम से विकसित करने होंगे। फिर भी, ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने से पहले आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना बुद्धिमानी है। आपको पिप्स, लॉट साइज़, लीवरेज, ऑर्डर रखने और कुछ अन्य बुनियादी विचारों के बारे में सीखना चाहिए। यह अच्छा होगा यदि आपकी पसंद का ट्रेडिंग कोर्स ट्रेडिंग शैलियों और रणनीतियों के बारे में भी सिखाता है।
4. तय करें कि कौन सी ट्रेडिंग शैली आपको सबसे अच्छी लगती है
यह मूल रूप से उस समय पर निर्भर करता है जब आप व्यापारिक व्यवसाय में निवेश कर सकते हैं। यदि आप दिन में कुछ घंटे ट्रेडिंग के लिए समर्पित कर सकते हैं, तो आप डे ट्रेडिंग चुन सकते हैं। यदि आपके पास एक सप्ताह में ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए कुछ घंटे हैं, तो चुनना बेहतर होगा स्विंग ट्रेडिंग या स्थिति व्यापार।
5. एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति बनाएं जिसमें जोखिम प्रबंधन शामिल है
आपकी सफलता के लिए एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति होना आवश्यक है। जरूरी नहीं कि आपको स्क्रैच से ही अपनी रणनीति बनानी होगी। चुनने के लिए बहुत सारी तैयार रणनीति ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? हैं। एक शिक्षक या एक प्रमुख व्यापारिक संरक्षक खोजें जो आपके लिए कुछ अलग रणनीतियों की व्याख्या करेगा।
समय और अनुभव के साथ, आप अपनी आवश्यकताओं के लिए रणनीति को समायोजित करने में सक्षम होंगे, जो आपकी अच्छी तरह से सेवा करता है और जो नहीं करता है उसे छोड़ दें। बाद में, आप अपनी व्यक्तिगत रणनीति भी डिज़ाइन कर सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आपकी रणनीति शामिल है जोखिम प्रबंधन। यह इतना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि आप एक ही व्यापार में बहुत अधिक जोखिम नहीं लेंगे और एक प्रभाव के रूप में, आप अपने सभी पैसे नहीं खोएंगे। उदाहरण के लिए, हार्मोनिक ट्रेडिंग एक रणनीति है जिसमें जोखिम प्रबंधन शामिल है।
6. ट्रेडिंग प्लान से चिपके रहें
एक और चीज जो आपको तैयार करनी चाहिए वह है आपकी ट्रेडिंग योजना। फिर से, आप एक तैयार योजना चुन सकते हैं और फिर इसे अपनी शैली में अनुकूलित कर सकते हैं। इसमें ऐसे मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए कि किस बाजार को चुनना है, आपको जिस ट्रेडिंग खाते में कितना पैसा शुरू करना चाहिए, कैसे बीig आपके निवेश एक दिन में कितने ट्रेड हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी योजना से चिपके रहें। एक ट्रेडिंग जर्नल रखने से आपको अपने कार्यों की निगरानी करने में मदद मिलेगी।
7. अनुशासित रहें
अनुशासित रहें यदि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से पैसा बनाने के बारे में गंभीरता से सोचते हैं। लगातार बने रहने के बिना आपके पास सफलता के बेहतरीन मौके नहीं होंगे। सब कुछ बदलता है, बाजार की स्थिति दिन-प्रतिदिन या कभी-कभी मिनट से मिनट तक भी भिन्न होगी। हालांकि, आपको अपनी रणनीति को बहुत तेजी से नहीं बदलना चाहिए। न ही आपको क्षणिक भावनाओं के आगे झुकना चाहिए। आपकी ट्रेडिंग पत्रिका हाथ में होने से आपको अनुशासित रहने में मदद मिलेगी। अपनी चालों का विश्लेषण करें, जांचें कि क्या अच्छे परिणाम लाता है और क्या नहीं। लगातार अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने पर काम करें।
ऑनलाइन ट्रेडिंग बहुतों को बहुत अच्छी लगती है। लेकिन यह इतना आसान नहीं है जितना कोई सोच सकता है। इसके लिए बहुत तैयारी और समय के निवेश की आवश्यकता होती है। आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में निर्णय लेना चाहिए और आपके लिए सबसे अच्छा समाधान खोजना चाहिए।
इस लेख में चर्चा की गई 7 युक्तियाँ चीजों को थोड़ा स्पष्ट करना चाहिए। अपना शोध करें और केंद्रित रहें।
इसके अलावा, जांचें कि क्या आपका ब्रोकर प्रैक्टिस अकाउंट प्रदान करता है। अधिकांश ऑनलाइन ब्रोकर मुफ्त डेमो अकाउंट प्रदान करते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहां आप अपने कौशल को प्रशिक्षित कर सकते हैं और ट्रेडिंग रणनीतियों का परीक्षण कर सकते हैं, जो आपके ट्रेडिंग खाते के अनुभव के बड़े नुकसान के बारे में चिंता किए बिना कर सकते हैं।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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