किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना

Share Market में निवेश के लिए इन 10 बातों को लिख कर रख लो, कई गुना बढ़ जाएगी दौलत
शेयर बाजार (share market) ऐसी जगह है जहां आपकी पूंजी के कई गुना बढ़ने की संभावना हमेशा मौजूद रहती है, बशर्ते आप निवेश के लिए सही कंपनी की पहचान करना जानते हों. बाजार में कई ऐसे शेयर्स की मिसाल भी मिल जाएगी, जिनमें पैसे लगाने वालों को 3, 5 या 10 साल में कई गुना रिटर्न मिला है. लेकिन सिर्फ पिछले रिटर्न को देखकर पैसे लगा देना समझदारी नहीं है. एक गलत फैसला आपके निवेश को आसमान पर ले जाने की जगह रसातल में भी पहुंचा सकता है
ट्रैक रिकॉर्ड को हमेशा बेहतर भविष्य का सिग्नल नहीं माना जा सकता. लगातार हाई रिटर्न देने वाला शेयर भी नुकसान करा सकता है, अगर उसके भविष्य का आउटलुक कमजोर हो. ऐसा भी हो सकता है कि लगातार रिटर्न देने वाला शेयर मौजूदा भाव पर महंगा हो. इसलिए अच्छे शेयर चुनते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें-
1. शेयर का रिटर्न नहीं, कंपनी का बिजनेस देखें
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) कहते हैं कि स्मार्ट इन्वेस्टर्स को किसी शेयर का रिटर्न नहीं, बल्कि कंपनी का बिजनेस देखना किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना चाहिए. यानी शेयर नहीं, कंपनी के बिजनेस में पैसे लगाने चाहिए. जिस कंपनी का बिजनेस सफल होगा, उसका शेयर भी अच्छा रिटर्न देगा. इसलिए उन कंपनी के शेयरों की पहचान करें, जिनमें मजबूत ग्रोथ की क्षमता हो.
2. कंपनी का फ्यूचर आउटलुक देखें
किसी कंपनी का शेयर खरीदते समय देखें कि उसका भविष्य कैसा है. कंपनी का बिजनेस मॉडल लंबे समय तक दमखम के साथ बने रहने वाला है या नहीं. यह भी देखें कि आप जिस कंपनी में निवेश करने की सोच रहे हैं, वह सेक्टर की दूसरी कंपनियों के मुकाबले कितनी इन्नोवेटिव है यानी अपने प्रोडक्ट्स और बिजनेस मॉडल में कितना नयापन ला रही है. हाई रिटर्न स्टॉक बनने के लिए जरूरी है कि कंपनी की लीडरशिप में वक्त से आगे चलने का विजन हो.
3. कंपनी मुनाफा ला रही है या नहीं?
निवेश के पहले यह भी देख लें कि पिछले दौर में मुनाफा कमाने वाली यह कंपनी कहीं हाल के दिनों में मुनाफे के ट्रैक से उतर तो नहीं गई? अगर कंपनी लगातार मुनाफे में है तो वह निवेश के जरिए बिजनेस बढ़ाने की सोचेगी. यह भी देखना जरूरी है कि कंपनी जिस सेक्टर या प्रोडक्ट से अब तक मुनाफा कमाती रही है, उसकी व्यापक और दूरगामी संभावनाएं क्या हैं
कुछ उदाहरण:
RIL, Infosys और Maruti जैसी कंपनियां सामान्य माहौल में ज्यादातर समय मुनाफा दर्शाती हैं. इन कंपनियों में आप हमेशा नयापन देखेंगे
वहीं नए जमाने की बिजनेस वाली कुछ कंपनियां जैसे Paytm, Zomato, Cartrade Tech को अब तक मुनाफे की तलाश है. यही वजह है इन कंपनियों के शेयर लिस्टिंग के बाद ज्यादातर समय दबाव में नजर आते रहे हैं
4. शेयर का सिर्फ बाजार भाव नहीं, वैल्यूएशन भी देखें
किसी शेयर का सिर्फ बाजार भाव नहीं, बल्कि यह भी देखें कि उसका वैल्यूएशन कैसा है. हो सकता है जो शेयर पहली नजर में अपनी कम कीमत की वजह से सस्ता लग रहा है, वह दरअसल किसी ज्यादा भाव वाले शेयर की तुलना में महंगा हो. मौजूदा कीमत पर कोई शेयर कितना महंगा या सस्ता है इसका अंदाजा कुछ हद तक P/E यानी प्राइस/अर्निंग रेशियो से लगाया जा सकता है. मोटे तौर पर यह मान सकते हैं कि P/E जितना ज्यादा होगा, शेयर उतना महंगा है.
5. EPS यानी प्रति शेयर आय
कंपनी का EPS देखने से यह पता चलता है कि कंपनी के रेवेन्यू, मार्जिन और मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हो रही है या किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना नहीं. जिस कंपनी के फाइनेंशियल में ग्रोथ है, उसके शेयर में हाई रिटर्न की गुंजाइश होती है.
6. कंपनी पर ज्यादा कर्ज तो नहीं
शेयर चुनने से पहले यह भी देखें कि कंपनी पर ज्यादा कर्ज तो नहीं है. कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज है, तो उसका असर आगे के कामकाज पर पड़ सकता है. क्योंकि कर्ज की भारी लागत न सिर्फ मुनाफे को कम करती है, बल्कि बिजनेस के विस्तार में अड़चन भी पैदा कर सकती है.
7. कैश फ्लो
अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो (Free Cash Flow) जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना कि आगे ग्रोथ के मौके अच्छे हैं. लगातार कैश फ्लो जेनरेट करने वाली कंपनी पर अगर कर्ज है, तो भी वो उसे आसानी से चुका सकती है.
8. अच्छे ग्रुप का नया वेंचर
बाजार में पहले से मजबूती से टिके किसी अच्छे ग्रुप की नई कंपनी बाजार में लिस्ट हो, तो उस पर नजर रख सकते हैं. ग्रुप का मजबूत सपोर्ट नई कंपनी को कामयाब बना सकता है. जैसे भविष्य में अगर Reliance Jio का शेयर बाजार में लिस्ट हो, तो उसकी सफलता की संभावना बहुत अधिक होगी.
9. मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड
शेयर की तलाश के समय कंपनी के मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखें. जिन कंपनियों के ऑपरेशन में उनके ओनर खुद शामिल होते हैं, उनकी सफलता की संभावना ज्यादा मानी जाती है. RIL, टाटा ग्रुप की कंपनियां, Wipro, Bajaj Finance और Dabur जैसी कई कंपनियां इस बात की मिसाल हैं.
10. प्रतियोगिता में आगे रहने वाली कंपनियां
अगर किसी कंपनी में कोई ऐसी खास बात है, जो उसे इंडस्ट्री की बाकी कंपनियों से दो कदम आगे रखती है, तो उसके शेयर में ग्रोथ की उम्मीद काफी बढ़ जाती है.
शेयर मार्केट में पहली बार कर रहे हैं निवेश तो इन बातों का रखें खास ध्यान, जानिए क्या है निवेश का सही तरीका
किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं देखना चाहिए.
लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 27, 2022, 08:20 IST
हाइलाइट्स
लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है.
शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है.
किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए.
नई दिल्ली. अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी इनकम का कुछ हिस्सा कहीं ऐसी जगह निवेश करें, जो जरूरत पड़ने पर काम आ सके. हमारे देश में ज्यादातर लोग निवेश के लिए ट्रेडिशनल तरीकों को ही अपनाते हैं जो कि रिटर्न के मामले में उतने कारगर नहीं होते हैं. लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझते हुए सही तरीके से निवेश करना जरूरी है.
शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा होता है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखते हुए आप इससे अच्छा रिटर्न ले सकते हैं. शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है. यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और जानकारी के अभाव में अब तक नहीं कर पाए हैं, तो आज हम आपके काम की जानकारी लेकर आए हैं. इस आर्टिकल में हम इसी पर बात करेंगे.
निवेश के लिए स्टॉक कैसे तय करें
शेयर मार्केट में निवेश की शुरूआत में निवेशक को रिटर्न पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए. शुरूआत में ज्यादा उतार चढ़ाव वाले स्टॉक की बजाय ऐसे स्टॉक को चुनना फायदेमंद होता है, जो फंडामेंटली मजबूत होते हैं. स्टॉक का चुनाव कंपनी की ग्रोथ देखकर करना चाहिए. शुरुआती निवेशक को स्मॉलकैप शेयरों की बजाय लार्जकैप शेयरों में पैसा लगाना चाहिए. फिर धीरे-धीरे मार्केट को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
निवेश से पहले टारगेट तय करें
भविष्य में आपको किस काम के लिए और कितने रुपयों की जरूरत पड़ सकती है, उसके मुताबिक अभी से प्लानिंग करके निवेश की शुरुआत करें. निवेश करते समय आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जिस सेक्टर में आप पैसा लगाने जा रहे हैं उसमें अभी कितना रिटर्न मिल रहा है और भविष्य में आगे उसकी क्या संभावनाएं है.
धैर्य रखना बेहद जरूरी
शेयर मार्केट में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसमें आपको कभी फायदा होगा तो कभी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. इसलिए आपको धैर्य से काम लेना पड़ता है, इसमें जल्दबाजी काम नहीं आती. किसी भी स्टॉक में एक बार पैसे लगाने के बाद रुककर मार्केट की गतिविधियों को देखना चाहिए और सही समय पर अच्छे रिटर्न के साथ पैसे को निकालना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आप अपने अनुभव से सीखते हैं और उसी के अनुसार आगे की प्लानिंग करते हैं. इसलिए अपने हर अनुभव से सीखते रहना जरूरी है.
निवेश बदलने से होता है नुकसान
अगर कोई निवेशक एक जगह निवेश करने के बाद, किसी दूसरे सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन को देखकर अपने निवेश को स्विच कर लेता है, तो वह उसे शॉर्ट टर्म के लिए तो लाभ दे सकता है लेकिन बार-बार ऐसा करने से उसको बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है. किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं बल्कि बाकी सब चीजों को भी ध्यान से देखना चाहिए कि वह वास्तव में कितना लाभ दे सकता है.
फ्री की सलाह पर निवेश से बचें
शेयर मार्केट में निवेश के लिए गाइड करने वाली किसी विश्वसनीय वेबसाइट या एक्सपर्ट के अलावा किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए. विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले टिप्स के चक्कर में पड़ने से बचें. किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए. मार्केट के उतार-चढ़ाव से घबराकर पैसे निकालने के बारे में सोचना भी सही नहीं है. इसके अलावा मार्केट की गतिविधियों को ध्यान से देखते हुए अपनी प्लानिंग में बदलाव कर सकते हैं.
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एक्सपर्ट की सलाह: शेयर बाजार या किसी भी इंस्ट्रूमेंट में अच्छे रिटर्न के लिए निवेश के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई जरूर करें
पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?
एंजल ब्रोकिंग के मुख्य सेल्स अधिकारी संदीप भारद्वाज कहते हैं कि न तो बाजार और न ही इसके अलग-अलग क्षेत्रों में एक-सी प्रतिक्रिया होती है। इस वजह से जब आप किसी विशेष सेगमेंट या बड़े स्तर पर बाजार में कोई घटना देख रहे हों, तो किसी क्षेत्र में ज्यादा रुझान दिखता है तो किसी में कम दिखता है। कभी-कभी इसका उलटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति पर विचार करें।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव में होती किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना है मदद
वे कहते हैं कि शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है और पिछले दो महीनों में सभी शेयर्स ने करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। दूसरी ओर, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों ने इसी समय में वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी सेक्टर भी अच्छा खासा बढ़ा है। ऐसे में एक बुद्धिमान निवेशक के रूप में आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। ऐसे में जब रुझान आपके पक्ष में होगा तो आपका रिटर्न भी कई गुना बढ़ चुका होगा।
आपको निवेश कैसे करना चाहिए?
शुरुआत में यह अच्छे से समझ लीजिए कि पोर्टफोलियो बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। हालांकि, इस पर लागू होने वाले फैक्टर आपको पता होना चाहिए। अलग-अलग उद्योगों, वर्टिकल्स व अन्य प्रासंगिक डायनॉमिक्स जैसे रेगुलेटर स्ट्रक्चर, कंपनी प्रबंधन सप्लाई-डिमांड आदि सभी फैक्टर्स को मिलाकर आसानी से बाजार को समझा जा सकता है। आपकी समझ जितनी ज्यादा होगी, आपका मूल्यांकन उतना ही सटीक होगा।
पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लानी चाहिए?
पोर्टफोलियो में विविधता पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत निवेश रणनीति पर निर्भर करती है। सेक्टर्स, बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप / मिड कैप / स्माल कैप), या निवेश साधन के संदर्भ में विविधता लाई जा सकती है। विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो को अच्छा तब कहेंगे जब उसमें सिक्योरिटीज (विभिन्न क्षेत्रों और कंपनी के आकारों से संबंधित) और कमोडिटी (बुलियन और बेस मेटल्स सहित) एवं करेंसी शामिल हो। उदाहरण के लिए भारत में लॉकडाउन 31 मई, 2020 को समाप्त होने वाला है।
एक अच्छे निवेशक के रूप में, आपको हमेशा दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को उसके अनुसार संतुलित करना चाहिए।
लक्ष्य बनाएं और नुकसान को बचाएं
इसमें दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए लेकिन संबंधित लक्ष्य तय करना और नुकसान को रोकना हमेशा याद रखें। इसमें कोई भी फैसला भावनाओं में आकर न लें। इससे आपको अपने निवेश के साथ लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी। आपके अनूठे निवेश पैटर्न और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर विविधीकरण पूरी तरह से आपको तय करना है। याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है।
एक निवेशक होने के नाते आपके पास बाजार और अपने प्रमुख शेयरों या संपत्तियों के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतना बेहतर होगा। आखिर, ज्ञान और सही नजर ही बाजार में सच्चे गेम-चेंजर हैं।
निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प
सचाई यह है कि कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा सकता. वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा.
निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.
निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.
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वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.
हम आपको यहां बता रहे हैं निवेश के शीर्ष 10 विकल्प:
शेयरों में निवेश
हर किसी के लिए शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है, इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है. निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता सबसे अधिक होती है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी शेयरों में निवेश से ही रिटर्न कमाती है. सेबी के निर्देश के मुताबिक जो म्यूचुअल फंड स्कीम अपने फंड का 65% शेयरों में निवेश करती है, वह इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लायक शेयर चुनता है और उसमें निवेश करता है.
इक्विटी स्कीम बाजार पूंजीकरण या सेक्टर के हिसाब से अलग हो सकती हैं. इस समय इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 15फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
डेट म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए सही है जो निवेश से गारंटीड रिटर्न कमाना चाहते हैं. ये म्यूचुअल फंड कॉरपोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर आदि में निवेश से रिटर्न कमाती है. इस समय डेट म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 6.5, 8 और 7.5 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना पेंशन सिस्टम (nps) का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में अच्छा रहा है. बहुत कम फीस स्ट्रक्चर भी इसे निवेश का आकर्षक विकल्प बनाता है. बाजार से जुड़े उत्पादों में देश में यह सबसे कम खर्च वाला प्रोडक्ट है. निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स-छूट की वजह से भी यह निवेशक की पसंद में शामिल हो गया है.
एनपीएस बच्चों की शिक्षा, शादी, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आंशिक निकासी की सुविधा देता है. इसमें हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको निवेश में बने रहना जरूरी होता है. यह वास्तव में शेयर, FD, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड और सरकारी निवेश विकल्प का मिला जुला रूप है.
इस समय NPS का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 9.5, 8.5 और 11 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
पीपीएफ
देश में निवेशकों के बीच पीपीएफ सर्वाधिक लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत किसी एक वित्त वर्ष में आप पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.
निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.
बैंक FD
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.
डिपाजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के हिसाब से आपकी एक लाख रुपये किसी एक शेयर या किसी एक सेक्टर पर निवेश करना तक की जमा रकम बीमित है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
पोस्ट ऑफिस की तरफ से बेस्टसेलर के रूप में यह स्कीम रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा स्रोत है. यह सेवानिवृत लोगों के लिए आय का नियमित स्रोत भी है. इस स्कीम की अवधि पांच साल है जिसे तीन साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
इसमें हालांकि प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा है. यह 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए ही खुली है, हालांकि सेना से रिटायर मेंट लेने वाले लोगों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन भर की बचत को पार्क करने और उस पर कमाई के हिसाब से यह स्कीम बेहतरीन है. यह सेवानिवृत लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है.
रिजर्व बैंक के टैक्सेबल बांड्स
पहले इस स्कीम में आठ फीसदी सालाना का ब्याज मिलता था जिसे सरकार ने बदल कर अब 7.75 फीसदी ब्याज वाला विकल्प बना दिया है. इस बांड में पांच साल के लिए निवेश किया जा सकता है.
रियल एस्टेट
खुद के रहने के हिसाब से घर खरीदना अब निवेश के लिहाज से भी आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है. अगर आपको रहने की जरूरत नहीं है तो आप निवेश के हिसाब से भी दूसरा घर खरीद सकते हैं. निवेश के इस विकल्प में आपको सिर्फ प्रॉपर्टी की लोकेशन और वहां मौजूद सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है.
इसमें निवेश से आप पूंजी में इजाफा और किराये से आमदनी, दो तरीके से रिटर्न कमा सकते हैं.
सोना
निवेश का यह विकल्प सदियों से भारतीयों की पसंद में शामिल है, पहनने के लिए खरीदी जाने वाली ज्वेलरी से लेकर निवेश के रूप में खरीदे गए सिक्के और बार तक, सोना बिना किसी संदेह के भारतीयों की पसंद में सबसे ऊपर है. अब आप पेपर गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश कर सकते हैं.
गोल्ड ETF में निवेश करना और भुनाना दोनों ही शेयर बाजार के जरिये होता है.
आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.
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