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कारखाना विदेशी मुद्रा पश्चिम बंगाल

कारखाना विदेशी मुद्रा पश्चिम बंगाल

भारत के सूती वस्त्र उद्योग की विवेचना निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत कीजिए – (i) स्थानीयकरण के कारक, (ii) उद्योग के क्षेत्र, (iii) कोई दो समस्याएँ।

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अग्रिम खोज परिणाम

मुख्य पृष्ठ

बैंगलोर सीमा शुल्क विभाजन निर्धारण और सीमा शुल्क पहल लागू की गई है। प्रयोक्‍ता सामान के नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, या विदेशी मुद्रा, विशेष शाखा मूल्यांकन (एसवीबी), संकल्‍पना दस्तावेजों, एयर कार्गो जटिल, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो और नागरिक चार्टर के गठन की विनिमय रूपांतरण की दर, आयुक्तालय और अपने क्षेत्राधिकार पर सूचना भी उपलब्ध हैं। तटरक्षक कार्यालय पर विवरण, आँकड़े, बजट, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और कस्टम डिवीजनों की जानकारी भी दी गई है। निविदाओं, सार्वजनिक नोटिस, कस्टम समाचार और परिपत्रों के लिए लिंक उपलब्ध हैं।

पश्चिम बंगाल में बैरकपुर की सिविल रक्षा

पश्चिम बंगाल में बैरकपुर के सिविल रक्षा पर जानकारी प्राप्त करें। प्रयोक्‍ता कंचरापारा, हलीसहर, नईहाटी, भाटपारा, गारुलिया, सिविल डिफेंस (सीडी) बुनियादी प्रशिक्षण, पुलिस प्रशिक्षण, एचएएल प्रशिक्षण और सीडी प्रशिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के रूप में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण के बारे में विवरण तथा विभिन्न सिविल डिफेन्स कस्बों पर विवरण भी प्राप्‍त कर सकते हैं। सिविल डिफेन्स फार्म (फार्म - ए) और शपथ का प्रपत्र (प्रपत्र ख) भी प्राप्‍त कर सकते हैं।

महाराष्ट्र पोस्टल सर्किल पर जानकारी

प्रशासनिक ढांचा और औरंगाबाद, गोवा, मुंबई, नागपुर और पुणे जैसे पांच क्षेत्रों पर जानकारी सहित महाराष्ट्र पोस्टल सर्किल पर जानकारी लें। कोर मेल सेवाओं और प्रीमियम डाक सेवाओं जैसी मुख्य सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई हैं। पोस्टिंग या सहायक छँटाई के कैडर में भर्ती के परिणाम देखे जा सकते हैं। सभी डाक उत्पादों की टैरिफ देखें। प्रयोक्‍ता पिन कोड, डाक टिकट संग्रह आदि के लिए खोजें। प्रयोक्‍ता स्पीड पोस्ट को ट्रैक कर सकते हैं, वितरण और सभी आइटम भेजा की प्रगति। पूर्व भुगतान, व्यापार उत्तर सेवा और सेवा डाक टिकट के बिना डाक और शुल्क, मशीन फ्रंक, अखबार के पोस्टिंग बारे में परिणाम खोजें। डाक.

पंजाब के बठिंडा जिले में स्थानों की यात्रा

पंजाब के बठिंडा में यात्रा करने के लिएस्थानों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। दमदमा साहिब मैसर खाना, प्राणी उद्यान, किला मुबारक, रोज गार्डन, राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड, गुरु नानक देव थर्मल प्लांट और गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट के बारे में विवरण उपलब्ध हैं। प्रयोक्‍ता को भी इतिहास और इन स्थानों की भौगोलिक स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं।

महाराष्ट्र राज्य पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट

मुख्यालय, डीजीएसपी, पदानुक्रम, अपराध राजपत्र, पुलिस रैंकों, पुलिस झंडे, स्टार प्लेटें, पदक और सजावट पर जानकारी सहित महाराष्ट्र राज्य पुलिस की जानकारी प्राप्त करें। राज्य खुफिया विभाग, आपराधिक जांच विभाग, आतंकवाद निरोधक दस्ते, राज्य रिजर्व पुलिस बल आदि जैसे एमपीडी की विशेष इकाइयों के बारे में सूचना प्रयोक्‍ता ग्राम रक्षा दल, मोहल्ला समितियों आदि पर उपलब्ध जानकारी प्राप्त करें। आंतरिक सुरक्षा जैसे सुरक्षित यात्रा, कार्यस्थल में और राजमार्ग यातायात साइनेज, यातायात दिशानिर्देश, अन्‍य के बीच यातायात नक्शे सहित यातायात जानकारी के बारे में सुझावों देखें। कमिश्‍नरियों और जिलों के बारे में विवरण.

महाराष्ट्र के वन विभाग

महाराष्ट्र के वन विभाग के बारे में जानकारी प्राप्त करें। वनों के संरक्षण और विकास और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने और संरक्षण और वन विभाग के बारे में सूचना प्रदान की गई है। प्रयोक्‍ता लकड़ी डिपो, ईंधन की लकड़ी, तेंदु पत्ते, आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। वन उत्पादों, बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों, वन और वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, औषधीय पौधों के संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करें। जिले वार वन क्षेत्र, ट्री कवर, वन प्रकार और वनस्पति देखें। प्रशासनिक ढांचे, राजस्व, व्यय, और बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं जैसे वित्तीय संसाधनों के बारे में.

बेलगाम में उद्योग और वाणिज्य

उद्योग और वाणिज्य (डीआईसी) के विभाग बेलगाम जिले में कई भावी उद्यमियों को प्रोत्साहन और रियायतें प्रदान करके उद्योग एवं वाणिज्य को बढ़ावा देता है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), मार्जिन मनी स्कीम और प्रधानमंत्री रोजगार योजना (पीएमआरवाई) योजना जैसी योजनाओं से संबंधित जानकारी खोजें। बेलगाम संकल्‍पना, शिक्षा, संस्कृति आदि के बारे में उद्योगों, कारीगर क्लस्टर और चीनी के बारे में आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

महाराष्ट्र के लातूर में स्थानों की यात्रा

लातूर, महाराष्ट्र में सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। लातूर शहर के बीचोंबीच गंज गोलाई चौक, सोने के गहने, फुटवेयर्स, खाद्य पदार्थों मिर्च से गुड़ तक के रूप में पारंपरिक स्थानीय बर्तन के सभी प्रकार के सामान बाजारों के बारे में विवरण उपलब्ध हैं। सिधेश्‍वर मंदिर, रामलिंगेश्‍वर के मंदिर, भूतेश्‍वर, केशवराज, राम, दत्ता, अष्‍टविनायक के मंदिरों और पार्श्‍वनाथ मंदिरों जैसे शहर में मदिरों के बारे में सूचना प्रदान की जाती है। लातूर तक पहुंचने के लिए और महापुर में नामानंद महाराज के आश्रम के बारे, उदयगिर, देवनी बुल हत्तिवेत-देवर्जन और गंगाराम महाराज की समाधि के विवरण.

कर्नाटक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा बोर्ड

कर्नाटक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा बोर्ड एसएसएलसी और अन्य परीक्षाएं आयोजित करता है। परीक्षा पर सूचना उपलब्ध कराई गई है, प्रयोक्‍ता पूर्व परीक्षा गतिविधियां, शिक्षा अधिनियम आदि पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र और उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। समय तालिका, परीक्षा परिपत्र और अधिसूचना विवरण पर पहुंचा जा सकता है। प्रयोक्‍ता विभिन्न आवेदन फार्म डाउनलोड कर सकते हैं। संपर्क जानकारी और अन्य संबंधित लिंक भी उपलब्ध हैं।

हरियाणा के भिवानी जिले में श्रम कल्याण गतिविधियां

श्रम विभाग राज्य में औद्योगिक शांति और सदभाव बनाए रखने, औद्योगिक और कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने और विभाग एवं श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा शुरू की गई श्रम कल्याण योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदारी है। श्रम विभाग के दो प्रभाग है: श्रम और कारखाना प्रभाग जो श्रम आयुक्त के अधीन कार्य करते हैं। पंजाब श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1965 के अंतर्गत श्रम कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है। श्रम आयुक्त जो श्रम कल्याण बोर्ड के प्रधान कार्यकारी अधिकारी हैं वह पदेन कल्याण आयुक्त हैं। प्रयोक्‍ता विभिन्न जिलों में हो रही श्रम कल्याण गतिविधियों के साथ-साथ पर्यटन स्थलों, जिले के मानचित्र.

भारत के खनिज पदार्थ | Minerals of India

भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले प्रमुख भारत के खनिज पदार्थ लोहा, कोयला, खनिज तेल (पेट्रोलियम), सोना, तांबा, मैंगनीज़, अभ्रक, संगमरमर, जस्ता एंव सीसा, बॉक्साइट, मोनेज़ाइट बेरिलियम, थोरियम और पाइराइट्स हैं।

Table of Contents

भारत के खनिज पदार्थ | Minerals of India

लोहा

प्रमुख उत्पादक राज्य – बिहार, झारखण्ड, प. बंगाल,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान।

आर्थिक महत्व – लोहा हर प्रकार की मशीनरी और कल-कारखाना निर्माण में काम आता है। सभी-धंधे उद्योग इसी पर निर्भर है।

प्रमुख उत्पादक राज्य – झारखण्ड (झरिया), छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल (रानीगंज), मध्य प्रदेश (पंचघाटी), असम (माकुम), मेघालय, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात तट।

आर्थिक महत्व – कोयला दैनिक जीवन के साथ-साथ रे ल के इंजन, कारखाने, जहाज़ आदि चलाने ताप बिजलीघरों और रसोई आदि के काम आता है।

खनिज तेल (पेट्रोलियम)

प्रमुख उत्पादक राज्य – असम (डिगबोई, सुरमाघाटी), मेघालय, गुजरात (खम्भात, अंकलेश्वर), मुम्बई-हाई और अरुणाचल प्रदेश।

आर्थिक महत्व – खनिज तेल का उपयोग यातायात के वाहन, जहाज़, मशीनें चलाने के काम आता है; रोशनी करने के कारखाना विदेशी मुद्रा पश्चिम बंगाल लिए इस्तेमाल किया जाता है।

प्रमुख उत्पादक राज्य – कर्नाटक (कोलार, हट्टी) और आंध्र प्रदेश (रामगिरि)। इसकी बिहार और झारखण्ड राज्य में खोज की जा रही है।

आर्थिक महत्व – अत्याधिक मूल्यवान धातु, आभूषण आदि बनाने एवं अंतरराष्ट्रीय विनिमय में प्रयोग किया जाता है।

तांबा

प्रमुख उत्पादक राज्य – झारखण्ड (सिंहभूम), राजस्थान (खेतड़ी, दरीबो), मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश (अग्निगुण्डल), उत्तराखण्ड (गढ़वाल), पश्चिम बंगाल (दार्जिलिंग), महाराष्ट्र (दौंड), कर्नाटक, गुजरात।

आर्थिक महत्व – बिजली की तारें बनाने तथा मुद्राऐं, बरतन और मशीनों के कल पुर्जे आदि बनाने के काम आता है।

मैंगनीज़

प्रमुख उत्पादक राज्य – मध्य प्रदेश (झाबुआ, छिन्दवाड़ा, बालाघाट), महाराष्ट्र (नागपुर), गुजरात (पंचमहल), आंध्र प्रदेश (विशाखापट्नम), कर्नाटक, गोवा, ओडिशा, बिहार, झारखण्ड, राजस्थान।

आर्थिक महत्व – यह इस्पात बनाने में तथा रासायनिक उद्योग में काम आता है। इसके निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित की जाती है।

Note: भारत और राज्यों के सरकारी विभागों द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भारत के खनिज बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। भारत के खनिज विषय से सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न अवश्य पूछे जाते है।

अभ्रक

प्रमुख उत्पादक राज्य – झारखण्ड (हज़ारीबाग), बिहार (मुंगेर, गया), आंध्र प्रदेश और राजस्थान।

आर्थिक महत्व – यह बिजली का सामान, दवाइयाँ, गैस-लैंप की चिमनियाँ आदि बनाने में प्रयुक्त होता है। भारत में संसार भर का 75 प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है।

संगमरमर

प्रमुख उत्पादक राज्य – मध्य प्रदेश (जबलपुर), राजस्थान (अलवर, मकराना, जयपुर, अजमेर, जोधपुर)। राजस्थान का संगमरमर विश्व विख्यात है।

आर्थिक महत्व – सुन्दर और कीमती इमारतों तथा मूर्तियों के निर्माण में संगमरमर का उपयोग किया जाता है।

नमक

प्रमुख उत्पादक राज्य – राजस्थान (साँभर झील), हिमाचल प्रदेश (सेंधा नमक की खानें), गुजरात (कच्छ और खम्भात की खाड़ी), तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल (समुद्र कारखाना विदेशी मुद्रा पश्चिम बंगाल तट के साथ-साथ)।

आर्थिक महत्व – नमक हमा रे भोजन में नित्य प्रयोग की वस्तु है। इसे पशुओं को भी खिलाते हैं। इसका उपयोग अनेक रासायनिक पदार्थ, अम्ल आदि बनाने में भी किया जाता है।

सीसा एवं जस्ता

प्रमुख उत्पादक राज्य – राजस्थान (उदयपुर), ओडिशा।

आर्थिक महत्व – मुख्यतया सीसे एवं जस्ते का उपयोग बर्तनों, बैट्रियों और छपाई में होता है। इसके अलावा लोहे की चादरों पर जंग लगने से बचाने के काम आता है।

बॉक्साइट

प्रमुख उत्पादक राज्य – आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, गोवा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश।

आर्थिक महत्व – यह एल्यूमीनियम धातु बनाने के काम आने वाला प्रमुख अयस्क है।

मोनेज़ाइट बेरिलियम, थोरियम और पाइराइट्स

प्रमुख उत्पादक राज्य – झारखण्ड, केरल, राजस्थान।

आर्थिक महत्व – अणु शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

महंगाई अगर बदतर नहीं तो कोविड जितनी ही बुरी

ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया के लिए, कम से कम निकट भविष्य के लिए, उच्च मुद्रास्फीति नया सामान्य होने जा रही है। अप्रैल 2022 में, आई.एम.एफ. के विश्व आॢथक आऊटलुक ने भविष्यवाणी की थी कि 2022 के दौरान उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत और उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 8.7 प्रतिशत होगी, जो जनवरी में इसके पहले के अनुमानों की तुलना में क्रमश: 1.8 और 2.8 प्रतिशत अधिक है। रूस-यूक्रेन युद्ध, जो अब अपने चौथे महीने में प्रवेश करने वाला है, के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व आपूर्ति व्यवधान काफी समय से कमोडिटी की कीमतों को बढ़ा रहा है तथा स्थिति उत्तरोत्तर बिगडऩे की उम्मीद है।

इस बढ़ती मुद्रास्फीति के चालक- युद्ध, प्रतिबंध, चीन में कोविड के पुनरुत्थान के कारण तालाबंदी और इन सभी के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आपूर्ति-शृंखला व्यवधान केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से बाहर है। इसलिए अकेले मौद्रिक नीतियां मुद्रास्फीति के खतरे को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकतीं, हालांकि ऐसी नीतियों के लिए विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएं उनकी स्थितियों और उनके मूल सिद्धांतों की ताकत के आधार पर अलग-अलग होंगी। इस उभरते परिदृश्य में, विकास पूरी दुनिया के लिए फिलहाल पृष्ठभूमि में चला जाएगा।

भारत में, सी.पी.आई. द्वारा मापी गई खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई, जो मार्च में 7 प्रतिशत थी, जो पिछले 8 वर्षों में सबसे अधिक है। शहरी मुद्रास्फीति जहां 7.1 प्रतिशत थी, वहीं ग्रामीण मुद्रास्फीति बढ़कर 8.4 प्रतिशत हो गई। सी.पी.आई. बास्केट में, खाद्य और पेय पदार्थों का भारांक 45.9 प्रतिशत है और अन्य 6.8 प्रतिशत ईंधन है, अगर हम इन्हें हटा भी दें, तो भी मुख्य मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर बनी हुई है, जो ऊपरी बैंड में आर.बी.आई. के 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य से काफी ऊपर है। मार्च 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आई.आई.पी.) में केवल 1.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, कारखाना उत्पादन भी सुस्त रहा, जो अप्रैल 2021 में दर्ज किए गए 134.4 प्रतिशत के शिखर से नीचे था, जिसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र का कम प्रदर्शन था।

मुद्रास्फीति का भी एक हिस्सा आयात किया जाता है, क्योंकि हमारे 80 प्रतिशत से अधिक ईंधन और 60 प्रतिशत खाद्य तेल उन देशों से आयात किए जाते हैं जो खुद गंभीर मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं और बढ़ा हुआ आयात बिल हमारे विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर रहा है जो कि नीचे आ गया है। पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों में मुद्रास्फीति के आंकड़े पहले से ही 9 प्रतिशत से अधिक हैं। एक बड़ी उम्मीद है कि जून में ब्याज दरों के साथ-साथ सी.आर.आर. दोनों में एक और तेज बढ़ौतरी होगी। क्रिसिल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति लगभग 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह भी उम्मीद है कि आर.बी.आई. वित्त वर्ष-2023 के दौरान रेपो दरों को 0.75 प्रतिशत बढ़ाकर 1 प्रतिशत कर देगा। अर्थशास्त्रियों और कॉरपोरेट नेताओं को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 के मध्य तक ब्याज दर अंतत: 5.5 प्रतिशत के आसपास हो जाएगी। लेकिन ब्याज दर में हर वृद्धि सरकार की राजकोषीय गतिशीलता के लिए जगह कम करती है और विकास अंतिम शिकार बन जाता है।

डब्ल्यू.पी आई. द्वारा मापी गई थोक मुद्रास्फीति पूरी सी.पी.आई. मुद्रास्फीति की तुलना में बहुत अधिक रही है। यह मार्च 2022 में 4 महीने के उच्च स्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो फरवरी में 13.11 प्रतिशत थी। खाद्य पदार्थों की लागत में मामूली कमी के बावजूद सभी खंडों में कीमतों में तेजी आई। विनिर्मित उत्पादों के लिए 10.71 प्रतिशत, मूल धातुओं के लिए 25.97 प्रतिशत, ईंधन और बिजली के लिए 34.52 प्रतिशत और प्राथमिक वस्तुओं के लिए 15.54 प्रतिशत। मासिक आधार पर, थोक कीमतों में मार्च में 2.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई, 2004 में शृंखला शुरू होने के बाद से सबसे अधिक। डब्ल्यू.पी आई. और सी.पी.आई. के बीच इस तरह के विचलन का कारण आंशिक रूप से उनके संबंधित बास्केट में अलग-अलग भारोत्तोलन के कारण है-डब्ल्यू.पी आई. बास्केट में, विनिर्मित वस्तुओं को 64.2 प्रतिशत भारांक मिलता है जो कि सी.पी.आई. की तुलना में बहुत अधिक है, जबकि प्राथमिक वस्तुओं को 22.6 प्रतिशत भारांक मिलता है, इसके बाद 13.2 प्रतिशत ईंधन व ऊर्जा को।

थोक मूल्य में वृद्धि कुछ तिमाहियों के अंतराल के बाद खुदरा कीमतों पर दिखाई देती है क्योंकि कंपनियां उपभोक्ताओं पर बोझ डालती हैं। यह वास्तव में अजीब है कि आर.बी.आर्इ. ने कार्रवाई करने में इतना समय क्यों लगाया और जब उसने आखिरकार ऐसा किया, तो उसे इतने अचानक तरीके से कार्य क्यों करना पड़ा, जिससे बाजार को गंभीर झटका लगा, जिससे विदेशी निवेशकों द्वारा घबराहट में बिक्री हुई, जिससे निरंतर तबाही हुई- शेयर बाजार और रुपए के मूल्य में भारी गिरावट। यदि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है, तो सभी केंद्रीय बैंकों के निर्णयों के लिए किसी न किसी प्रकार के वास्तविक समय के समन्वय की आवश्यकता होती है, एक ऐसा तंत्र जिसके लिए बिना किसी देरी के काम करने और सक्रिय करने की आवश्यकता होती है। विश्व व्यापार संगठन को भी मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में एक साथ शामिल होना चाहिए। महंगाई अगर बदतर नहीं तो कोविड जितनी ही बुरी है, और केवल एक साथ आने से ही दुनिया इससे प्रभावी ढंग से लड़ सकती है।-गोविंद भट्टाचार्य

बंद रहे बाजार, सब्जियों की आपूर्ति ठप

कोयम्बत्तूर. हॉजरी सिटी तिरुपुर में बंद का सर्वाधिक असर व्यवसाय पर पड़ा। एक मोटे अनुमान के मुताबिक बुधवार को करीब एक हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। तिरुपुर शहर सहित आसपास के गांव -कस्बों में बड़ी संख्या में निटवेअर, एपरेयल्स हॉजरी से जुड़े अन्य उत्पादों की छोटी-बड़ी हजारों इकाई है। यहां का बाजार पूरी तरह हॉजरी कम्पनियों के कर्मचारी व श्रमिकों पर टिका है। बाजरों में भी चहल -पहल कम रही। कम्पनियों में उत्पादन ठप होने से 200 करोड़ का व विदेशी मुद्रा व्यापार और बैंकिंग परिचालन ठप होने से 8 00 करोड़ का नुकसान हुआ। तिरुपुर इलाके में करीब 2000 से अधिक बैंक कर्मचारियों ने भी बंद में भाग लिया। कामगारों ने सुबह 10 बजे केंद्रीय डाकघर के सामने सड़क जाम करने की कोशिश भी की। उन्होंने सरकार की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।

Markets closed, supply of vegetables stalled

हॉजरी सिटी तिरुपुर में बंद का सर्वाधिक असर व्यवसाय पर पड़ा। एक मोटे अनुमान के मुताबिक बुधवार को करीब एक हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।

केरल सहित पडोसी राज्यों को बड़ी मात्रा में सब्जी आपूर्ति करने वाले नीलगिरि में बंद का व्यापक असर रहा। ऊटी से रोजाना सैकड़ों ट्रकों से केरल व कर्नाटक तक सब्जियों भेजी जाती है, लेकिन बंद के कारण ट्रकों के चक्के थमे रहे। ऊटी से वायनाड, कोझीकोड, कन्नूर और केरल के अन्य शहरों के लिए जाने वाली सभी बसों को रद्द कर दिया गया। हालांकि मैसूर और बेंगलुरू के लिए रोजाना की तरह बसें उपलब्ध रही। इधर अरुवांगडु कॉर्डाइट कारखाना विदेशी मुद्रा पश्चिम बंगाल कारखाने के 1000 से अधिक कर्मचारियों ने केंद्र की श्रम नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। श्रमिकों ने कुछ देर के लिए कोटगिरी मार्ग पर यातायात जाम कर दिया।

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