टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है?

यह Indicator हमे किसी भी स्टॉक के ट्रेंड की जानकारी देता ही है की uptrend है या downtrend या फिर sideways है इसके साथ–साथ यह indicator हमे यह भी बताता है कि ट्रेन्ड कितना मजबूत है और कितनी देर तक स्टॉक में यह ट्रेन्ड बना रह सकता है ।
Market A-Z Show: Technical Analysis क्या है और इसके में अहम इंडिकेटर क्या है?
Market Analysis को मुख्य रूप से Fundamental Analysis और Technical Analysis में विभाजित किया गया है। Technical Analysis को विशेष रूप से Stock Market में Short Term की Trading करने के लिए किया जाता है। Technical Analysis की मदद से Share Price टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है? Movements, Trends, Trading Volume इत्यादि का विश्लेषण कर सकते हैं। Institutional Equity KR Choksey Stocks & Securities के Senior VP Hemen Kapadia ने Jagran Business के Market A-Z Show पर टेक्निकल एनालिसिस बारे में विस्तार से बताया।
Technical Analysis का उपयोग Financial Market की चाल को आसानी से समझने के लिए किया जाता है। यह ऐतिहासिक वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के आंकड़ों के आधार पर Financial Market की कीमतों की दिशा का पहले से अनुमान लगाने का एक मेथड है । इसके माध्यम से पुराने आंकड़ों के आधार पर शेयर की चाल का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। शेयर के उतार-चढ़ाव के चार्ट का विश्लेषण कर सकते हैं।
आरओसी और बोलिंगर बैंड्स संग मोमेंटम बर्स्ट ट्रेडिंग
पहले के एक आर्टिकल में हमने पढ़ा कि पुलबैक्स को ट्रेड करने के लिए कैसे आरएसआई को बॉलिंगर बैंड्स के साथ कम्बाइन किया जाता है। इस हफ्ते देखते हैं कैसे बॉलिंगर बैंड्स को दूसरे लोकप्रीय मोमेंटम ऑसिलेटर- आरओसी(रेट ऑफ चेंज) के साथ कम्बाइन किया जा सकता है।
रेट ऑफ चेंज (आरओसी) इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में सबसे प्रसिद्ध ऑसिलेटर है रेट ऑफ चेंज (आरओसी) इंडिकेटर। यह मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण मेजर है।यह उस रेट का वर्णन करता है जिस पर प्राइज़ में परिवर्तन होते हैं। आरओसी को रिलेटिव चेंज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसमें बहुत ज़्यादा भविष्यसूचक शक्ति है और यह आश्चर्यजनक नहीं है कि यह एक बहुत लोकप्रिय इंडिकेटर बन गया है।
यह अब की प्राइज़ और टी पीरियड पहले की प्राइज़ के बीच का पर्सेंटेज अंतर है।
क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? किसी शेयर में निवेश से पहले जानें इसकी अहमियत
शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है। इसके लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के एनालिसिस होते हैं। पहला फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाता है व कभी एक एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति को अपनाया जाता है।
टेक्निकल एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में अधिक कांप्लेक्स है। इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर का एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है? में स्टॉक की मजबूती और रुझानों ध्यान में रखकर का अनुमान लगाया जाता है।
इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं। अब अगर जैसे P/E Ratio की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की बहूत उम्मीद है जब P/B Ratio कम होता है तो स्टॉक अंडरवैल्यूड है। साथ ही, इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी ध्यान देखते हैं जो अगर एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है। जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली होती हैं और कर्ज से मुक्त होती हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत होते हैं।
Trading Indicator क्या हैं | 5 Best Trading Indicator in 2022
Best Trading Indicator 2022 – Trading Indicator का मतलब शेयर मार्केट में शेयर का प्राइस ज्यादा है या कम प्राइस है यह एकदम सही बताने के लिए किया जाता है शेयर मार्केट में ऐसे 5 बेस्ट ट्रेंडिंग इंडिकेटर है जिससे हमें ट्रेंड करने में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं
ज्यादातर व्यापार इसका दावा करते नजर आते हैं।
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Trading Indicator क्या हैं ? टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है?
Trading Indicator का मतलब किसी भी वस्तु को कम दाम में खरीदने और ज्यादा दाम में बेचना। यह एक ऐसा जरिया है जिससे हमें यह पता चलता है कि बाजार में शेयर भाव कब कितने ऊपर जाएगा और कब कितने नीचे आएगा? यह सूचना एकदम सही हो सकती है और नहीं भी बाजार में ऐसे बहुत से ट्रेंडिंग इंडिकेटर उपलब्ध है जो एकदम सही होने का दावा करते हैं
हर व्यापारी आपको यह सलाह देगा कि शेयर बाजार में ट्रेनिंग करते समय शेयर मार्केट इंडिकेटर चुनना महत्वपूर्ण लेकिन सही Trading Indicator कौन सा है इस बारे मैं अलग-अलग व्यापारी की अलग-अलग राय ट्रेंडिंग का मुख्य मकसद किसी टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है? भी वस्तु को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना।
अलग-अलग ट्रेंडिंग। इंडिकेटर।
अपने अलग-अलग प्रकार से शेयर भाव दर्शाते हैं
कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस इंडीकेटर्स का उपयोग करें
कम से कम दो टेक्निकल एनालिसिस। इंडिकेटर का प्रयोग टेक्निकल इंडिकेटर में बोलिंजर बैंड्स क्या है? करें। ट्रेंडिंग इंडिकेटर टेक्निकल इंग्लिश इसका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भाग है। टेक्निकल इंडिकेटर का प्रयोग चार्ट पेटर्न। और कैंडलेस्टिक पेटर्न के साथ किया जाता है। इन तीनों के प्रयोग से यह पता लगाया जा सकता है कि स्टॉप किस दिशा में जा सकता है। यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
Trading Indicator का प्रयोग कैसे किया जाता है –
बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। क्योंकि ज्यादातर लोग यही बताते हैं कि किसी एक या अधिक इंडिकेटर को अपने चार्ट पर लगा लो और ट्रेडिंग से पैसे कमाना शुरू कर दो।
कुछ लोग तो एक साथ 12 से 15 इंडिकेटर लगा लेते हैं। लेकिन जब ट्रेडिंग करते हैं तो काफी दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि कुछ इंडिकेटर संकेत देते हैं कि भाव बढ़ने वाला है, और कुछ इंडिकेटर कहते हैं कि भाव गिरने वाला है।
ट्रेडर जब तक किसी नतीजे पर पहुँचता है तब तक स्टॉक का भाव या तो बढ़ चुका होता है या घट चुका होता है।
एलिगेटर इंडिकेटर से शेयरों को खरीदना और बेचना
एलीगेटर इंडिकेटर से निवेशक मार्केट में शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए संकेत की सहायता लेते है।
शेयर कब ख़रीदे : जब एलीगेटर जागता है तो शिकार के लिए अपना मुँह खोलता है। जब एलीगेटर अपना मुँह खोलता है तो चार्ट में सभी रेखाएं अलग-अलग हो जाती है।
जब हरी लाइन, लाल रेखा के ऊपर और लाल रेखा नीली मूविंग एवरेज से ऊपर आती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू होने लगता है। जिसका मतलब है की आप अभी शेयर को खरीद सकते है।
शेयर कब बेचे : जब एलीगेटर इंडिकेटर में हरी रेखा ,लाल रेखा और नीली रेखा के नीचे होती है तो उस समय आपको अपने शेयरों को बेच देना चाहिए। क्योंकि उस समय मार्केट sideways की स्थिति में चली जाती है।
शेयर कब होल्ड करे: जब तीनो रेखाएं एक दूसरे के काफी नज़दीक होती है तो उस समय किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहिए और अगर आपने स्टॉक ख़रीदा हुआ है तो इस समय उसे बेचने का निर्णय नहीं लेना चाहिए ।