क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

ज्यादा सुरक्षित
पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित है जिसमें सेंध लगाना काफी मुश्किल है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है. CBDC के उपयोग से कैशलेस अर्थव्यवस्था में और बदलाव आ सकता है. सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा.
हलासन के फायदें जानकर रह जाएंगे हैरान, नहीं होगी किसी भी प्रकार के रोग
Benefits of Halasana: आज कल मोटापे को लकर हर कोई परेशान है। जिसके कारण लोग तरह-तरह के दवाईयों का सेवन करते हैं। लेकिन आज हम आप के लिए लेकर आए हैं। हलासन के फायदे लेकर आए हैं। हलासन का नियमित अभ्यास आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। खास बात ये है कि यह आसन शरीर को लचीला बनाकर उसे मजबूत करने में मददगार है।
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क्या है हलासन
योगा एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हलासन एक मध्यम स्तर का योगासन है, जिसमें जरूरत के अनुसार कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं। नियमित रूप ,से इसका सेवन करने से आप बिमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
समतल स्थान पर मैट अथवा दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
पीठ के बल लेटने के बाद दोनों हाथों को मैट पर रखें।
अब धीरे धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं।
फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं.
इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं, जब तक पैर जमीन को न छू लें।
इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें।
फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं, इस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें।
देश में पहले चरण की शुरुआत इन चार शहरों से
शुरू में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों को कवर किया जाएगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक डिजिटल रुपी विस्तारित होगा। जरूरत के हिसाब से अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
डिजिटल रुपी पायलट प्रोजेक्ट एक क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) में चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा जिसमें भाग लेने वाले ग्राहक और व्यापारी शामिल होंगे। डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है।
कैसे कर सकेंगे डिजिटल रुपी का लेन-देन ?
उपयोगकर्ता भागीदारी निभाने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपी के साथ लेन-देन करने में सक्षम होंगे। यह लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों से किए जा सकेंगे।
व्यापारी स्थानों पर प्रदर्शित QR कोड का इस्तेमाल करके व्यापारियों को बड़ी ही आसानी से डिजिटल रुपी का भुगतान किया जा सकता है। डिजिटल रुपया विश्वास, सुरक्षा क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार और निपटान की अंतिमता जैसी वर्चुअल नकदी की सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किए जाने के मामले में नकदी पर कोई ब्याज नहीं कमाया जा सकेगा, जैसे कि बैंकों में जमा पूंजी के रूप में। यह पायलट प्रोजेक्ट वास्तविक समय में डिजिटल रुपी के निर्माण, वितरण और क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इससे मिली सीख के आधार पर भविष्य के पायलट प्रोजेक्टों में डिजिटल रुपी टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।
क्या है डिजिटल रुपी ?
जैसा कि आरबीआई (RBI) ने समझाया, ई-रुपी डिजिटल टोकन का ही एक रूप है जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है। क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, डिजिटल रुपी कागज की मुद्रा और सिक्के के समान मूल्यवर्ग में जारी किया जाता है।
याद हो, केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए ब्लॉक चेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपी लागू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2022 से जारी किया जा रहा है।
गेहूं की किस्म DBW 296 विकसित एक नई सर्वश्रेष्ठ उपज देने वाली गेहूं की किस्म है (Wheat variety DBW 296 is a new best yielding wheat variety developed)
गेहूं की किस्म DBW 296 (करण ऐश्वर्या) आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित एक नई सर्वश्रेष्ठ उपज देने वाली गेहूं की किस्म है। मुख्य रूप से गेहूं की व DBW 296 (करण ऐश्वर्या) भारत देश के उत्तर-पश्चिमी मैदानों के लिए जारी की गई है।
कई राज्य में गेहूं की इस किस्म का परिक्षण किया है (This variety of wheat has been tested in many states.)
उत्तर पश्चिमी मैदानों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार और उदयपुर डिवीजनों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों (जम्मू और कठुआ जिला), हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों (ऊना जिला और पांवटा घाटी) उत्तराखंड (तराई क्षेत्र) शामिल हैं।
जाने Digital Rupee क्या है यह क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार कैसे करता है काम
नई दिल्ली.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से मंगलवार को दी गई जानकारी में कहा गया है कि रिटेल सेक्शन के लिए डिजिटल रुपये (retail digital rupee) का पायलट प्रोजेक्ट 1 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। बता दें, इससे पहले 1 नवंबर 2022 को होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का ट्रायल शुरू किया गया था।
आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.
आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं. डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है. हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं.
ब्राज़ील क्रिप्टो को भुगतान के तरीके के रूप में वैध करता है
ब्राजील ने बिटकॉइन को कानूनी क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार निविदा के रूप में नामित नहीं किया है, लेकिन इसने अगला सबसे अच्छा काम किया: इसने पूरे देश में भुगतान के साधन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने वाला एक कानून पारित किया, जिससे डिजिटल मुद्राओं को अपनाने और पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार को नियामक बढ़ावा मिला।
ब्राजील के चैंबर ऑफ डेप्युटीज ने देश में भुगतान के साधन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को वैध बनाने वाले एक नियामक ढांचे को मंजूरी दी।