फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?

Forex trading क्या होती है? फॉरेक्स ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाए?
अगर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते हो तो आप कैसे स्टार्ट कर सकते हो दोस्तों अगर फॉरेस्ट की जहां तक बात की जाए तो उसका पूरा नाम है forem exchange इसी से इसका नाम फॉरेन एक्सचेंज रखा गया है फॉरेन एक्सचेंज यानी कि दुनिया की सारी करेंसी अगर आप चाहे तो इसमें INR and US यानी दोनों में ट्रेड कर सकते हो इन दोनों में से जिसका डिफरेंस बढ़ता है इसी हिसाब से traders अपनी पोजीशन लेते हैं और बाद में अपना प्रॉफिट कमा लेते हैं या कुछ उसको थेलॉस्ट भी होता है
Forex trading क्या होती है
अगर आपने कोई डॉलर खरीदा 72 रुपए में और उसका रेट 73 हो ज्यादा है तो आपको $1 पर ₹1 का करे प्रॉफिट होगा तो आप इसको बुक कर सकते हो दोस्तों फॉरेस्ट ट्रेडिंग में आप अच्छी ब्रोकर के साथ अपना अकाउंट खुलवा सकते हो आजकल मार्केट में बहुत सारी ऐसी एप्लीकेशन आते हैं जो आपको forex trading का लालच देती हैं लेकिन वह सारी एप्लीकेशन फेक होती है उसमें आपको अपने पैसे बिल्कुल नहीं डालने चाहिए बल्कि जो रजिस्टर बुक ब्रोकर होते हैं NSE मैं ब्रोकर होते हैं उसमें अपना अकाउंट रजिस्टर कराना चाहिए और पता करना चाहिए कि क्या वह ब्रोकर आपको फॉरेस्ट ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं या नहीं जैसे आपने stoke trading के बारे में सुना होगा
जिसमें आप शेयर बाजार में stoke market में काम करते हो ट्रेडिंग करते हो अगर आपको ट्रेडिंग का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है तो आप forex trading में बिल्कुल मत जाइएगा क्योंकि आपको वहां पर सिर्फ लॉस्ट ही होगा अगर आप स्टॉक अकाउंट से भी ट्रेडिंग करना जैसे लोगों नॉर्मल ही करते हैं जैसे सुरवे में कोई स्टॉक को खरीदते हैं और 110 में बेच देते हैं और ₹10 जो होता है वह उनका प्रॉफिट होता है
उसी तरह से लोग कमोडिटी ट्रेडिंग भी करते हैं जब आपको ट्रेडिंग करना समझ आ जाए तो फिर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग भी कर सकते हैं इसके लिए आपको सिर्फ इतना ही करना है किसी अच्छे ब्रोकर के पास अकाउंट खुलवा लेना है
इसके बाद आपको इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए और कौन सा ब्रोकर आपको ट्रेडिंग उपलब्ध कराता है इसके बारे में आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? गूगल पर सर्च करके पता कर लेना है अगर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग की अच्छी नॉलेज हो जाए और आप चाट बनाना सीख जाओ उसी के बाद आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहिए क्योंकि इसमें करेंसी का बहुत डिफरेंट होता है और यह ग्लोबली काम करता है
. Forex trading कैसे काम करता है
फॉरेक्स ट्रेडिंग भी एक equity trading की तरह ही है फर्क सिर्फ इतना है कि इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई और नुकसान में शेयर का मूल्य रिणाक भूमिका में होता है नहीं फॉरेक्स ट्रेडिंग एक्सचेंजिंग का मूल्य रिणाक भूमिका में होता है इनसे कमाई करने के लिए व्यक्ति जानकारी में कोई भी मुद्रा खरीद सकता है माना कि प्रमोद नाम का व्यक्ति डॉलर की बढ़ती हुई कीमत का लाभ उठाना चाहता है यानी डॉलर आज 72 रुपए में काम कर रहा है प्रमोद को लगता है कि अपनी जानकारी के अनुसार डॉलर का भाव 75 के करीब जा सकता है इस स्थिति में वह इसे खरीदना चाहेगा इस तरह अगर पर उसका भाव ₹70 हो जाए तो वे उसे बेचकर प्रीति एक महीना ₹2000 का लाभ प्राप्त कर सकता है
.Forex currency को अकाउंट मैं ट्रांसफर कैसे करें
. दोस्तों फॉरेक्स करंसी का मतलब होता है विदेशी मुद्रा यानी कि वह पैसे जो विदेश से तुम्हारे बैंक में आ रहे हैं
. दोस्तों विदेशी मुद्रा को आपकी बैंक अकाउंट मैं आने के लिए कम से कम 5 दिन का वक्त लगता है और ज्यादा से ज्यादा 20 दिन का भी समय लग सकता है क्योंकि यह wire transfer के द्वारा होता है
. तो फॉरेन करेंसी को wire transfer के जरिए एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजा जाता है जिसमें आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? एक सूट कोट की जरूरत पड़ती है स्विफ्ट कोड आपको बैंक द्वारा प्राप्त होता है जिससे आप विदेशी मुद्रा आपके बैंक खाते में भेजी जाती है
. अगर आपके अकाउंट मैं बाय ट्रांसफर के जरिए पैसे आ रहे हैं तो उसमें 5 दिन से लेकर जाता ज्यादा 20 दिन तक लग सकते हैं
Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने
आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।
फॉरेक्स मार्केट क्या होता है –
फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।
Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI
जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में concept है उसको जानेंगे।
India में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे होती है
भारत में यह दो तरीके से हो सकती है
- इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
- International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.
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औरSEBI के गाईडलाइन के अनुसार NSE और BSE एक्सचेंज को दिए गये निर्देश के अनुसार सिर्फ पंजीकृत ब्रोकरों को ही यह ट्रेडिंग कराने की अनुमति है। यह ट्रेडिंग कानूनी रूप से लीगल है।
- कुछ ही सालों में भारत में बाहरी फॉरेन एक्चेंज ने काफी दिलचस्पी दिखाई है और वह भारत में ट्रेडिंग कराने लगे है।
भारत में Forex Trading के कॉन्सेप्ट –
- ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है Money Management, Risk Managment और Pyscology यही ट्रेडिंग का आधार है।
- फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा जोड़ो में होती है। जैसे – USD/INR ,GBP/INR, EUR/INR
- भारत में करेंसी ट्रेडिंग दो तरह से होती है ऑप्शन ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग
करेंसी हमेशा Pairs Me ट्रेड होती है।Pairs की कीमत हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है।करेंसी Pairs के लिए फार्मूला होता है।
बेस करेंसी/कोटेशन करेंसी = Price (कीमत)
- बेस करेंसी – बेस करेंसी हमेशा किसी देश करेंसी के एक बराबर माना जाता है। जैसे – 1 डॉलर 1 रुपया 1 जापानी येन
- कोटेशन करेंसी – कोटेशन करेंसी वह करेंसी जो बेस करेंसी के मुकाबले बताया जाता है
- Price – कीमत उसे कहते जो बेस करेंसी के मुकाबले कोटेशन की कीमत होती है
मान लीजिए की USD (अमेरिकी डॉलर)/INR (भारतीय रुपए) एक पेयर है जिसकी कीमत = 79 है।
यहां USD अमेरिकी डॉलर एक बेस करेंसी है और INR भारतीय रुपया एक कोटेशन करेंसी है। इसकी कीमत 79 है जिसका मतलब है 1 डॉलर लेने के लिए 79 रुपया देना होगा।
भारत में ट्रेडिंग करने के कुछ नियम –
Lot – फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा Lot साइज में होती है।भारत में एक Lot 1000 करेंसी का होता है यानी 1000 बेस करेंसी का। JPY/INR में यह 10000 का होता है।
Pips या Tick– पेयर्स में प्राइस की सबसे छोटी movment को pip या tick कहते है। भारत में 1 Pip = 0.0025 होता है।
मार्जिन – मार्जिन शब्द हमेशा ट्रेडिंग में इस्तेमाल होता है।जैसे हम कोई ट्रेड में एंटर करते है तो हमे पूरा पैसा न देकर कुछ परसेंट पैसा देकर ट्रेड में एंटर कर सकते है जैसे USD/INR का एक lot buy करना है तो 79000 रुपए का होता है क्यों होता क्योंकि lot 1000 का था lot हमेशा बेस करेंसी के बराबर होता है लेकिन हमे लेवरेज मिलता जिसके कारण हमे सिर्फ 2000 ya 2200 में आप ट्रेड कर सकते है। इसी को मार्जिन कहते है।
Trading Hours – भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ही होती है।
फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक
USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।
- इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
- इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
- RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्ट व इंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? है और एप्रेशियट होने लगता है।
- निर्यात – जब एक्सपोर्ट या निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
- राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR एप्रीसिएशन होता है
- करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है
Forex Trading में जरुरी टिप्स
- ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रोकर को चुनना।कुछ ब्रोकर hidden चार्जेस लेने लगते है।
- ट्रेडिंग करते समय जरूरी है आप इमोशन पर काबू करे नही तो ट्रेडिंग आपकी दुश्मन बन जायेगी। जिसने भी इमोशन को कंट्रोल कर लिया वह ट्रेडर बन गया। ट्रेडिंग में 90% साइकोलॉजी यानी इमोशन और 10% स्किल important है।
- आप हमेशा सीखते रहे और प्रैक्टिस करते है इससे आपकी स्किल improve होगी आप और भी अच्छे ट्रेडर बन पायेंगे।
- एक अच्छा ट्रेडर मार्केट की साइकोलॉजी को समझता है वह यह जानता है अब मार्केट ओवरबॉट या ओवरसेल हो चुका है
- जो ट्रेडर रिस्क नहीं लेता वह ट्रेडर नही होता है ।बिना रिस्क लिए आप प्रॉफिट नहीं कमा सकते है।वो फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? डायलॉग सुना है रिस्क है तो इश्क है।
- टेक्निकल एनालिसिस करे! और उसे ज्यादा से ज्यादा सीखे और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेड करने का निर्णय लीजिए ।
- स्टॉप लॉस ट्रेडिंग सबसे जरूरी हिस्सा है ।जब भी आप ट्रेड में एंटर हो पहले आप अपना स्टॉप लॉस सेट करने के बाद ही किसी ट्रेड में एंटर करे।
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Forex Trading Strategies in Hindi: फॉरेक्स ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के लिए इस तरह बनाएं स्ट्रेटेजी
Forex Trading Tips in Hindi: How To Invest in Foreign Stock: अगर आप भी फॉरेन स्टॉक में निवेश करना चाहते है लेकिन नहीं मालूम कि फॉरेक्स ट्रेडिंग से मुनाफा कमाने के लिए स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? तो ऐसे में यह लेख आपके लिए इस समस्या का समाधान करेगा। यहां हम Forex Trading Strategies in Hindi पर चर्चा करेंगे।
Best Forex Trading Strategy in Hindi: फॉरेक्स एक्सचेंज, ट्रेडिंग या टूरिज्म जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए एक करेंसी को दूसरी मुद्रा में बदलने की प्रक्रिया है। एक FX या फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग ग्लोबल मार्केट स्पेस है जहां मुद्राओं (Currencies) का आदान-प्रदान एक सहमत मूल्य पर किया जाता है। Forex Trading में कई रणनीतियां (Strategy)हैं, लेकिन सवाल यह है कि सबसे अच्छी फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Best Forex Trading Strategies) कौन सी हैं जिनका पालन करने की आवश्यकता है? तो आइए इस लेख में समाझते है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? और अपने लिए सबसे बढ़िया फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? (How to Create a Forex Trading Strategy?)
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या है? | What is Forex Trading Strategy in Hindi
एक विदेशी Forex Trading Strategy एक ऐसा सिस्टम है जिसका उपयोग ट्रेडर यह निर्धारित करने के लिए करता है कि करेंसी का व्यापार कब करना है? लेकिन यह इतना मायने क्यों रखता है? फॉरेन करेंसी की वैल्यू हर दिन बदलती है, और सबसे अच्छी स्ट्रेटेजी व्यापारी को अधिकतम लाभ कमाने की अनुमति देती है।
यह निर्धारित करने के लिए कि फॉरेन करेंसी के लिए कौन सी फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? स्ट्रेटेजी सबसे अच्छी है, व्यापारी कई मानदंडों का उपयोग करके उनकी तुलना करते हैं -
टाइम रिसोर्स की आवश्यकता
व्यापार के अवसरों की फ्रीक्वेंसी
लक्ष्य के लिए विशिष्ट दूरी
फॉरेक्स ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी कैसे बनाएं? | फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? Forex Trading Strategies in Hindi
1) प्राइस एक्शन ट्रेडिंग (Price Action Trading)
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग और अन्य ट्रेडिंग द्वारा उपयोग किए जाने वाले मूल्य भविष्यवाणियों और अटकलों के लिए एक दृष्टिकोण है। इस दृष्टिकोण में ऐतिहासिक डेटा और पिछले प्राइस मूवमेंट में सभी टेक्निकल एनालिसिस टूल शामिल हैं जैसे चार्ट, बार, ट्रेंड लाइन, प्राइस बैंड, हाई और लौ स्विंग, टेक्निकल लेवल शामिल है।
प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में रुझान विभिन्न समय-सीमाओं जैसे कि शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म पर निर्धारित किया जा सकता है। यह व्यापारी को कई समय-सीमाओं का उपयोग करके एनालिसिस करने और बेचने या खरीदने के लिए निष्कर्ष निकालने की सुविधा देता है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में कई support/resistance लेवेक FX ट्रेडर को आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उनमें से कुछ फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट, कैंडल विक्स, ट्रेंड आइडेंटिफिकेशन, इंडिकेटर, ऑसिलेटर्स और अन्य प्रतीकात्मक पहचानकर्ता हैं।
2) रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Range Trading Strategy)
रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी सभी व्यापारिक बाजारों में लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है, और FX ट्रेडर अक्सर इसका इस्तेमाल करते हैं। फॉरेक्स ट्रेडर रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में सपोर्ट और रेसिस्टेंस पॉइंट की पहचान करते हैं और उसी के अनुसार ट्रेड करते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस जैसे कि ऑसिलेटर्स का उपयोग रेंज ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की कुंजी है, और यह स्ट्रेटेजी बिना किसी अस्थिरता या समझ फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? के फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? पूरी तरह से काम करती है, जो इसे बेस्ट फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रैक्टिस में से एक बनाती है। इसका उपयोग प्राइस एक्शन ट्रेडिंग के संयोजन में किया जा सकता है और यह पर्याप्त संख्या में व्यापारिक अवसर प्रदान करता है।
3) ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Trend Trading Strategy)
यह सभी अनुभवी फॉरेक्स ट्रेडर द्वारा उपयोग किया जाता है, ट्रेंड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी गति (Momentum) के सिद्धांत पर काम करती है। फॉरेक्स ट्रेडर्स का मानना है कि सुरक्षा उसी दिशा में गति बनाए रखेगी क्योंकि यह वर्तमान में इस रणनीति में चलन में है। दूसरे शब्दों में यह स्ट्रेटेजी मार्केट डायरेक्शन मोमेंटम का उपयोग करके प्रॉफिट जनरेट करने का प्रयास करती है।
फॉरेक्स ट्रेडर्स को पता है कि इस तरह की स्ट्रेटेजी थोड़े समय के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव होता रहता है। यह एक मध्यम या लंबी समय सीमा के लिए एक अच्छा विकल्प है जहां ज़ूम-आउट फ्रेम में प्रवृत्ति का विश्लेषण किया जा सकता है। इसमें बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो शामिल है, जबकि टेक्निकल एनालिसिस के लिए, RSI और CCI जैसे ऑसिलेटर्स का उपयोग किया जाता है।
4) पोजीशन ट्रेडिंग (Position Trading)
एक लंबी अवधि की स्ट्रेटेजी जो हाई रिटर्न और पॉजिटिव रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो में से एक साबित हुई है, फोरेक्स की सबसे उम्दा ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में से एक है। इसके कांसेप्ट में इलियट वेव थ्योरी का उपयोग शामिल है, और चूंकि यह एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी है, इसलिए छोटे बाजार में उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पोजीशन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी के लिए लंबी अवधि और व्यापक चार्ट पर तकनीकी और मौलिक विश्लेषण की उच्च समझ की आवश्यकता होती है।
यह समझना भी जरूरी है कि आर्थिक या सामाजिक आर्थिक कारक किसी विशेष देश के वातावरण में रुझानों या परिवर्तनों पर निरंतर नजर के माध्यम से व्यापारिक संख्याओं को कैसे प्रभावित करते हैं, व्यापारी लघु, मध्यम और लंबी अवधि में व्यापार कर रहा है।
5) डे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (Day Trading Strategy)
यह न केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग बल्कि अन्य बाजारों जैसे स्टॉक में एक सामान्य स्ट्रेटेजी है। इस स्ट्रेटेजी में दिन के अंत तक निर्णय लिया जाता है, और ट्रेडर बाजार बंद होने से पहले सभी वस्तुओं को बेच देता है। दिन के अंत में दिन का व्यापार एक व्यापार तक सीमित नहीं है, और पूरे दिन के लिए इस रणनीति में कई व्यापार आम हैं। इसके अलावा, कोई यह समझ सकता है कि यह एक शॉर्ट टर्म स्ट्रेटेजी है और आमतौर पर 1:1 रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के साथ समाप्त होती है।
टेक्निकल एनालिसिस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके बिना यह एक अंधा व्यापार होगा और इसमें नुकसान हो सकता है।
Conclusion -
ये सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और अच्छी Forex Trading Strategies in Hindi हैं जिनका उपयोग एक ट्रेडर टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कर सकता है। उपरोक्त बताएं गए स्टेप द्वारा आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर मुनाफा कमा सकते है।
'Forex trading'
शुक्रवार सुबह के सत्र में भारतीय रुपये में 80.75 प्रति डॉलर की दर से कारोबार हो रहा था. शुक्रवार को रुपया 80.6888 पर खुला, जबकि पिछले सत्र में यह 81.8112 पर बंद हुआ था.
कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर (Dollar) सूचकांक में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा (American ) के मुकाबले रुपया गुरुवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे की मजबूती के साथ 81.51 के भाव पर पहुंच गया. विदेशी बाजारों में डॉलर के कमजोर पड़ने और घरेलू शेयर बाजारों में लिवाली का जोर रहने से रुपये को फायदा हुआ.
अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था
अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (interbank forex exchange market) में बृहस्पतिवार को रुपया सीमित दायरे में कारोबार के बीच छह पैसे टूटकर 79.92 प्रति डॉलर पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.80 पर खुला. दिन में कारोबार के दौरान यह 79.80 से 79.93 प्रति डॉलर के बीच रहा. अंत में यह छह पैसे की गिरावट के साथ 79.92 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.86 प्रति डॉलर रहा था.
घरेलू शेयर बाजार में पॉजिटिव ट्रेडिंग के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 23 पैसे की बढ़त के साथ 74.70 प्रति डॉलर पर पहुंच गया.
मजबूत वैश्विक धारणा के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बहुप्रतीक्षित ब्याज दर वृद्धि को लेकर अनिश्चितता बढ़ने से सोमवार को रुपया 67 रुपये प्रति डॉलर से भी नीचे लुढ़ककर 27 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया।
रुपया लगातार गिरावट बरकरार रखते हुए शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले और 24 पैसे टूटकर 65.34 के स्तर पर पहुंच गया।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गुरुवार को छठे दिन गिरावट का रुख रहा। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की तुलना में रुपया 11 पैसे नीचे करीब नौ महीने के निचले स्तर 62.07 प्रति डॉलर पर खुला।