करेंसी का विनियमन

सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका करेंसी का विनियमन संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
विनियमन के बिना क्रिप्टो करेंसी ‘कैरिबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी : सीईए
नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका करेंसी का विनियमन हमें पछतावा होगा।’’
उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाय कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।
उन्होंने कहा, ‘‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए… इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।’’
डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए- RBI ने कानून में संशोधन का दिया प्रस्ताव
RBI ने डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार को दिया था प्रस्ताव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी के विनियमन को लेकर सरकार को एक अहम प्रस्ताव दिया है. रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. सरकार की ओर से बताया गया है कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency-CBDC) का प्रस्ताव रखा था. CBDCs- डिजिटल या वर्चुअल करेंसी- मूलत: फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी का डिजिटल रूप हैं.
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सोमवार को वित्त मंत्रालय की ओर से लोकसभा में एक लिखित जवाब डाला गया है, जिसमें मंत्रालय ने कहा है कि 'CBDC के आने से कई फायदे होंगे, जैसे कि लोगों की कैश पर निर्भरता घटेगी, ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने से अधिकार बढ़ेगा, सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा.'
मंत्रालय ने करेंसी का विनियमन इस बयान में कहा कि इससे ज्यादा मजबूत, सक्षम, विश्वसनीय नियमित और लीगल टेंडर पर आधारित पेमेंट ऑप्शन तैयार होगा. हालांकि, मंत्रालय ने अपने जवाब में आगे यह भी कहा है कि 'इससे जुड़े कुछ रिस्क भी हैं, जिनका संभावित फायदों की तुलना में आकलन किया जाना जरूरी है.' इसके अलावा एक अलग जवाब में केंद्र ने कहा है कि उसके पास 'देश में बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.'
बता दें कि इस साल फरवरी में NDTV ने खबर दी थी कि RBI एक डिजिटल करेंसी लाना चाहती है, जिसका जिक्र क्रिप्टोकरेंसी पर कैबिनेट के नोट में था.
Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत करेंसी का विनियमन में बढ़ावा देने की योजना नहीं, जानें डिजिटल मुद्रा पर क्या है सरकार का रुख
दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
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दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार करेंसी का विनियमन में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार करेंसी का विनियमन को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने करेंसी का विनियमन एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।
Crypto Currency के नियमों को लेकर मंथन, वित्त मंत्रालय कर रहा गंभीर चर्चा
- नई दिल्ली,
- 31 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 31 अगस्त 2022, 8:55 PM IST)
क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) और इससे संबंधित नियमों को लेकर केंद्र सरकार गंभीर चर्चा (Serious Discussions) कर रही है. वित्त मंत्रालय (करेंसी का विनियमन Fin Min) के सूत्रों से यह जानकारी मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि ज्यादातर देश इस आभाषी मुद्रा को टेरर फंडिंग (Terror Funding) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के स्रोत के रूप में देखते हैं. अगस्त में ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य उल्लंघनों के संबंध में कई क्रिप्टो कंपनियों पर छापे मारे हैं.
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दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और करेंसी का विनियमन डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। करेंसी का विनियमन केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।