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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

क्या भारत में Cryptocurrency कभी नहीं बन पाएगी नोट वाली करेंसी, जानिए अब क्या है सरकार की तैयारी

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिलहाल कोई कानून नहीं है और ना ही कोई सिस्टम है, ऐसे में सरकार का स्टैंड भी काफी क्लियर है. जिस तरह से लेन-देन के लिए रुपये का इस्तेमाल होता है, वो दर्जा सरकार क्रिप्टो को देने के लिए तैयार नहीं है

क्या भारत में Cryptocurrency कभी नहीं बन पाएगी नोट वाली करेंसी, जानिए अब क्या है सरकार की तैयारी

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Nov 23, 2021 | 1:14 PM

पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)शब्द काफी चर्चा में है. वहीं, लोगों का रुझान भी इस तरफ लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)के बारे में हर छोटी जानकारी आपको पता होनी बेहद जरूरी है. बता दें, क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. आसान शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश (Digital Money)प्रणाली क्रिप्टोकरेंसी क्या है? है. और इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता यानी की यह नोट और सिक्कों की तरह आपके हाथ में नहीं है. वहीं, यह कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है जो सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है.

बता दें, सेंट्रल अमेरिका का एक छोटा सा मुल्‍क अल सल्‍वाडोर में क्रिप्‍टोकरंसी को सितंबर में लीगल टेंडर यानी आध‍िकार‍िक मुद्रा बना द‍िया था. अल सल्वाडोर ऐसा देश है जहां क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आप लेनदेन और खरीद-फरोख्त में कर सकते हैं. दरअसल अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की योजना भी बना ली है. लेकिन क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)कभी नोट वाली करेंसी नहीं बन पाएगी?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड क्या है?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)को लेकर फिलहाल कोई कानून नहीं है और ना ही कोई सिस्टम है, ऐसे में सरकार का स्टैंड भी काफी क्लियर है. खबरों के मुताबिक फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति के क्या-क्या मायने है.

– जिस तरह रुपये का इस्तेमाल होता है, वो दर्जा सरकार क्रिप्टो को देने के लिए तैयार नहीं है – आने वाले समय क्रिप्टोकरेंसी क्या है? में क्रिप्टोकरेंसी देकर लेनदेन या दूसरे ट्रांसजैक्शन कर पाना अभी मुमकिन नहीं है – फिलहाल सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को दर्जा देने का कोई इरादा नहीं है

अगर सरकार का क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने का इरादा नहीं है, तो ऐसे में आप भी बस क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाकर रिटर्न पाने की उम्मीद लगा सकते हैं, क्योंकि जबतक इसे दर्जा नहीं मिलता. इसे रुपये की तरह लेनदेन करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक ला सकती है. ऐसे में सरकार इसपर प्रतिबंध तो नहीं लगाएगी, लेकिन इसे कड़े नियमों के दायरे में लाने की जरूर कोशिशें होगी.

इस साल रजिस्टर्ड हुई 100 कंपनियां

खबर के मुताबिक, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलग-अलग सेवाएं देने वाली कंपनियों की संख्या 400 के करीब पहुंच गई है. जिसमें 100 कंपनियां इसी साल रजिस्टर्ड हुई है. बता दें, पिछले साल के मुकाबले में इस साल के शुरुआती 6 महीनों में क्रिप्टोकरेंसी में फंडिंग में 73 प्रतिशत का भारी उछाल आया है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी में औसत निवेश पिछले साल 6,000-8,000 रुपये के मुकाबले बढ़कर 10,000 के करीब पहुंच गया है.

दरअसल क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अब साइबर क्राइम में भी होने लगा है, क्योंकि इसको आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले और साइबर ठग इसे एक आसान जरिया मानते हैं. इसमें क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता, तो पता लगाना मुमकिन नहीं हैं.

cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi

cryptocurrency क्या है?

what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?

cryptocurrency क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्‍टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी

cryptocurrency का मतलब क्या है?

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते है।

किसने बनाई cryptocurrency?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।

कैसे क्रिप्टोकरेंसी क्या है? खरीदी जाती है क्रिप्टो करेंसी?

वैसे तो Cryptocurrency को खरीदने के दो प्रमुख तरीके है। लेकिन भारत सहित आज पूरे विश्व में सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। अगर हम भारत की अगर बात करें तो भारत में लोकल के साथ साथ अनेकों अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं जहाँ से आप आसानी से Cryptocurrency में निवेश कर सकते है।

कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है (what is cryptocurrency in hindi) के बाद अब दिमाग में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि डिजिटल रूप में कितने की तरह होती हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो आपको बता दें कि दुनिआ में कुल 1800 से ज्यादा क्रिप्टो मुद्राएं उपलब्ध हैं। जिनमे से कुछ प्रमुख निम्नलिखित है।

क्रिप्टो करेंसी में कैसे होता है लेनदेन?

क्रिप्टो करेंसी में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल होता है। मतलब जब भी क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है और उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है। cryptocurrency इनक्रिप्टेड यानि कोडेड होती हैं और इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में प्रत्येक लेन-देन एक डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है।

भारत के टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज!

भारत में क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। भारत में सबसे खास बात यह है कि ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज खरीदारी के लिए चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। शुरुआत में ये क्रिप्टो एक्सचेंज आपको cryptocurrency क्या है? समझने में भी हेल्प भी करते हैं। इनके जरिए क्रिप्टो करेंसी को खरीदना-बेचना काफी आसान है।

  • CoinDCX
  • Coinswitch
  • WazirX
  • Kuber
  • Coinbase
  • Binance

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत सरकार का रुख!

आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इस समय भारत में कोई कानून नहीं है। भारत में न ही cryptocurrency का कोई रेगुलेशन सिस्टम है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी है कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। इससे यही संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही इसपर कोई टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।

FAQs: cryptocurrency क्या है?

Q: क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। यह एक आभाषी करेंसी होती है जो दिखाई नहीं देती और न ही इसे आप इसे छू सकते हैं। इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं क्योकि इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।

Q: क्रिप्टोकरेंसी को कौन संचालित करता है?
Ans: क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता है। इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। इसके अनियमित होने का यही एक प्रमुख कारण है।

Q: दुनियां की सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी कौन सी है?
Ans: बिटक्वाइन(Bitcoin) वर्तमान में दुनिया की सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है।

Q: दुनियां की टॉप डिजिटल मुद्रा कौन हैं?
Ans: दुनियां की टॉप 5 डिजिटल मुद्रा में बिटक्वाइन, इथेरियम, पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

Q: क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में टेक्नोलॉजी का स्तेमाल किया जाता है?
Ans: क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे क्रिप्टोकरेंसी क्या है? करता है काम, मोदी सरकार क्यों ला रही बिल? जानें सबकुछ

Bitcoin (virtual currency) coins

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) नाम सुना हुआ लग रहा होगा. क्योंकि ये इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है कांग्रेस (Congress) का आरोप की देश का सबसे बड़ा घोटाला और मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक बिल लाने की चर्चा. इन सबके बीच आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?) कैसे काम करता है?(How it Works) मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक क्यों लाने जा रही है? भारत में इसको इस्तेमाल करने वाले कितनी बड़ी हस्तियां है? कांग्रेस क्यों लगा रही देश का सबसे बड़ा घोटाला का आरोप और किन देशों में इसे मान्यता मिली हुई है. हम इस लेख में इन सारे मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे.

खबर में खास
  • क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
  • कैसे काम करता है?
  • कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?
  • मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?
  • कांग्रेस का आरोप क्या है?
  • किन देशों में मान्य है?
  • इन देशों ने लगाया बैन?
  • आयकर कानून में बदलाव पर विचार
  • RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)

बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़. इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) है. जैसे कि भारत के पास रुपया, अमेरिका के पास डॉलर, सउदी अरब के पास रियाल, इंग्लैंड के पास यूरो है. हर देश की अपनी-अपनी करेंसी हैं यानी एक ऐसी धन-प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से जरूरी चीजें खरीद सकते हों. मतलब किसी देश की करेंसी हो जिसकी वैल्यू होती है.

कैसे काम करता है? (how it work Crypto Currency)

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के तहत मैनेज होता है. हर एक प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है. क्रिप्टोग्राफी की सहायता से क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) रिकॉर्ड स्टोर किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. क्रिप्टोकरेंसी में जब भी कोई ट्रैंजेक्शन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है. इस ब्लॉक की सिक्योरिटी और इंक्रिप्शन का काम माइनर्स का होता है. जिसके लिए वह एक क्रिप्टोग्राफिक (Cryptographic) पहेली को हल कर ब्लॉक के लिए सही Hash (एक कोड) सर्च करते हैं.

कौन बड़ी हस्तियां इस्तेमाल करती है?

क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) का इस्तेमाल भारत (India) में कई करोड़ों लोग करते हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर देश में क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. इन सबके बीच रणबीर सिंह कॉइन स्विच के लिए प्रचार कर करते हैं तो अमिताभ बच्चन कॉइन DCX के ब्रांड एंबेसडर हैं. वहीं, सलमान खान भी इस डिजिटल दुनिया के करेंसी से दूर नहीं रह पाए और उन्होंने गारी नामक क्रिप्टो टोकन लांच किया था. माना जाता है कि भारत में करीब 10 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) में निवेश किया है.

मोदी सरकार क्यों ला रही बिल?

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है. इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से संबंधित प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए. भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है.

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों द्वारा कर्नाटक के एक हैकर श्रीकृष्ण उर्फ ​​श्रीकी से नौ करोड़ रुपये के बिटकॉइन (Bitcoin) जब्त किए जाने के बाद प्रभावशाली नेताओं की इस घोटाले में संलिप्तता सामने आई है. हैकर पर सरकारी पोर्टलों क्रिप्टोकरेंसी क्या है? को हैक करने समेत कई अन्य आरोप भी हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला हुआ है और राज्य की बीजेपी सरकार इस पर पर्दा डाल रही है. उस वक्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया था और कहा था- बिटकॉइन घोटाला बड़ा है, लेकिन बिटकॉइन घोटाले पर पर्दा डालना इससे भी बड़ा है. क्योंकि इससे किसी के अहंकार पर पर्दा डालना है. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिटकॉइन घोटाला है. इसके तार 14-15 मुल्कों से जुड़े हैं. इस मामले में हर चीज पर पर्दा डालने के षड्यंत्रकारी प्रयास किए गए.

किन देशों में मान्य है?

अमेरिका में भी बिटकॉइन (Bitcoin) चलता है. अमेरिका की तरह ही कनाडा में बी बिटकॉइन (Bitcoin) का खूब इस्तेमाल किया जाता है. ऑस्ट्रेलिया में बिटकॉइन (Bitcoin) इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा फिनलैंड, बेल्जियम, बुल्गारिया और अल सल्वाडोर जैसे देशों में भी बिटकॉइन का इस्तेमाल होता है.

इन देशों ने लगाया बैन?

बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) पर कई देशों ने बैन लगाया हुआ है. रूस में बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन लगा है. वियतनाम में भी बिटकॉइन (Bitcoin) पर बैन है. वहीं, चीन ने भी इस पर बैन लगया हुआ है. इसके अलावा एक्वाडोर, बोलिविया, कोलंबिया जैसे देशों ने भी बैन लगाया हुआ है.

आयकर कानून में बदलाव पर विचार

सरकार क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को कर दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है. इनमें से क्रिप्टोकरेंसी क्या है? कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं. राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा, आयकर के बारे में कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) से होने वाली आय पर पूंजीगत लाभ कर का भुगतान कर रहे हैं और माल एवं सेवा कर (GST) के संबंध में भी कानून बहुत स्पष्ट है कि दर अन्य सेवाओं की तरह लागू होगी. बजाज ने बताया, हम निर्णय लेंगे. मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर कर चुका रहे हैं. अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं. लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी. हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा.

RBI के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को सनक बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व क्रिप्टोकरेंसी क्या है? गवर्नर रघुराम राजन ने 24 नवंबर दिन बुधवार 2021 को कहा, इस समय मौजूद 6,000 क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) में से कुछ ही आगे बनी रहेंगी. राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सनक की 17 वीं शताब्दी में नीदरलैंड में ट्यूलिप फूल को लेकर दीवानगी से तुलना करते हुए कहा, लोग दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी रखते हैं- एक कि यह एक संपत्ति है जिसका मूल्य बढ़ सकता है ओर मुद्रा के रूप में इसे रखा जा सकता है और दूसरा, इसका उपयोग भुगतान में किया जा सकता है.

Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ

भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

Image: Shutterstock

खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।

केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।

Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

Dash coin: डैश एक और क्रिप्टोक्यूरेंसी है जो अपने उपयोगकर्ताओं को गुमनामी प्रदान करता है। डैश सिक्का अपने व्यापारियों को लेनदेन निजी हैं या नहीं यह चुनने की अनुमति देता है। इसकी PrivateSend सुविधा उपयोगकर्ताओं को कुछ देशों के नियामक मानकों के खिलाफ सिक्कों का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने की अनुमति देता है।CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक डैश 192.56 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

Zcash (ZEC): Zcash खुद को मार्केट लीडर बिट कॉइन की तुलना में अधिक उन्नत टोकन होने का दावा करता है। अपनी बढ़ी हुई सुरक्षा और गोपनीयता सुविधाओं को रेखांकित करते हुए, ZEC दुनिया में डिजिटल मुद्रा का सबसे सुरक्षित रूप होने का दावा करता है। जीरो-नॉलेज प्रूफ क्रिप्टोग्राफिक टूल को लागू कर प्रतिभागियों को लेनदेन को ढालने का विकल्प प्रदान करता है। ZEC को सही मायने में सर्वश्रेष्ठ निजी क्रिप्टोकरेंसी में से एक माना जाता है। CoinMarketCap के अनुसार, 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Zcash USD 256.42 पर कारोबार कर रहा था।

Verge (XVG): Verge अभी तक एक और निजी सिक्का है जो उपयोगकर्ता की पहचान छुपाता है। हालांकि, XVG उपयोगकर्ताओं की पहचान की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के बजाय द ओनियन राउटर (टीओआर) और अदृश्य इंटरनेट प्रोजेक्ट (I2P) की मौजूदा और परीक्षण की गई तकनीक का उपयोग करता है। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Verge USD 0.02464 पर कारोबार कर रहा था।

Beam: ये एक टोकन है जो मुख्य विशेषताओं के साथ सुरक्षा पर बहुत अधिक केंद्रित है जिसमें उपयोगकर्ता की गोपनीयता पर पूर्ण नियंत्रण शामिल है। बीम पर सभी लेन-देन का डिफ़ॉल्ट रूप से निजी होने का दावा किया जाता है। ब्लॉकचेन कोई पता या अन्य निजी जानकारी संग्रहीत नहीं करता है।

अधिक निजी क्रिप्टोकरेंसी

  • Grin
  • Horizen (ZEN)
  • ByteCoin (BCN)
  • Firo (FIRO)
  • Super Zero Protocol (SERO)
  • BTCX India
  • UCoin
  • Delta

बिटकॉइन जैसे बड़े सिक्के अधिकारियों द्वारा आसानी से खोजे जा सकते हैं, ऊपर बताए गए निजी सिक्के डेटा को सुरक्षित रखने का दावा करते हैं। सभी शीर्ष निजी सिक्के कई हैकिंग प्रयासों को भी रोकते हैं। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नियामकों द्वारा ऐसे सिक्कों के बड़े लेन-देन किए जाने वाले लोगों की जांच कर सकता है। बड़े लेनदेन करते समय पहचान छिपाकर रखना चिंता का विषय है। भारत सरकार अब इन सिक्कों पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई के डिजिटल पैसे को स्थापित करने पर विचार करेगी।

मैं क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हूं, मुझे क्या मिला: क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर देना होगा 30% टैक्स, इसी साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा RBI

अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए फाइनेंशियल ईयर में आपको शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी डिजिटल करेंसी, यानी डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। वहीं अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।

वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। अन्य जो भी बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी है उसे एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन पर 1% का TDS देना होगा।

सरकारी डिजिटल करेंसी से इकोनॉमी को मिलेगा बड़ा बूस्ट
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह डिजिटल करेंसी भी दुनिया भर में चल रही बिटकॉइन और अन्य तरह की क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही ब्लॉकचेन और अन्य दूसरी क्रिप्टो तकनीकों पर आधारित होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आने के बाद करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम बेहद आसान व सस्ता हो जाएगा। इससे देश की इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना है। साथ ही इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन को भी तेजी मिलेगी।

आइए जानते हैं कि यह डिजिटल रुपया करेंसी नोट से कितना अलग होगा? क्या इसमें भी बिटकॉइन की तरह निवेश किया जा सकेगा? बैंकों की क्या भूमिका रह जाएगी? हम जो डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं, उनसे यह डिजिटल रुपया किस तरह अलग होगा?

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC क्या है?
यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे। CBDC कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन या ईथर जैसी) जैसे काम करती है। इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है। रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।

यह डिजिटल रुपया, डिजिटल पेमेंट से कैसे अलग है?

  • बहुत अलग है। आपको लग रहा होगा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन तो बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट्स या कार्ड पेमेंट्स से हो ही रहे हैं, तब डिजिटल करेंसी अलग कैसे हो गई?
  • यह समझना बेहद जरूरी है कि ज्यादातर डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह काम करते हैं। आप बैंक को निर्देश देते हैं। वह आपके अकाउंट में जमा राशि से ‘वास्तविक’ रुपए का पेमेंट या ट्रांजैक्शन करता है। हर डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई संस्थाएं, लोग शामिल होते हैं, जो इस प्रोसेस को पूरा करते हैं।
  • उदाहरण के लिए अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट किया तो क्या तत्काल सामने वाले को मिल गया? नहीं। डिजिटल पेमेंट सामने वाले के अकाउंट में पहुंचने के लिए एक मिनट से 48 घंटे तक ले लेता है। यानी, पेमेंट तत्काल नहीं होता, उसकी एक प्रक्रिया है।
  • जब आप डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो आपने भुगतान किया और सामने वाले को मिल गया। यही इसकी खूबी है। अभी हो रहे डिजिटल ट्रांजैक्शन किसी बैंक के खाते में जमा रुपए का ट्रांसफर है। पर CBDC तो करेंसी नोट्स की जगह लेने वाले हैं।

यह डिजिटल रुपया बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगा?

  • डिजिटल करेंसी का कंसेप्ट नया नहीं है। यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से आया है, जो 2009 में लॉन्च हो गई थी। इसके बाद ईथर, डॉगेकॉइन से लेकर पचासों क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च हो चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह एक नए असेट क्लास के रूप में विकसित हुई है, जिसमें लोग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
  • प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट लोग या कंपनियां जारी करती हैं। इससे इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। गुमनाम रहकर भी लोग ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, जिससे आतंकी घटनाओं व गैरकानूनी गतिविधियों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। इन्हें किसी भी केंद्रीय बैंक का सपोर्ट नहीं है। यह करेंसी लिमिटेड है, इस वजह से सप्लाई और डिमांड के अनुसार इसकी कीमत घटती-बढ़ती है। एक बिटकॉइन की वैल्यू में ही 50% तक की गिरावट दर्ज हुई है।
  • पर जब आप प्रस्तावित डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो इसे दुनियाभर में केंद्रीय बैंक, यानी हमारे यहां रिजर्व बैंक लॉन्च कर रहा है। न तो क्वांटिटी की सीमा है और न ही फाइनेंशियल और मौद्रिक स्थिरता का मुद्दा। एक रुपए का सिक्का और डिजिटल रुपया समान ताकत रखता है। पर डिजिटल रुपए की मॉनिटरिंग हो सकेगी और किसके पास कितने पैसे हैं, यह रिजर्व बैंक को पता होगा।
  • हालांकि, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक वजीरएक्स में AVP-मार्केटिंग परीन लाठिया कहते हैं कि रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी लॉन्च करने से बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का असेट बन चुकी है, जिसका दुनियाभर में ट्रेड होता रहेगा। भारत इसमें पीछे नहीं रह सकता।

क्या अब तक किसी देश ने डिजिटल करेंसी लॉन्च की है?

  • हां। छह साल की रिसर्च के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल 2020 में दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए। लॉटरी सिस्टम से ई-युआन बांटे गए। जून 2021 तक 2.4 करोड़ लोगों और कंपनियों ने e-CNY यानी डिजिटल युआन के वॉलेट बना लिए थे।
  • चीन में 3450 करोड़ डिजिटल युआन (40 हजार करोड़ रुपए) का लेन-देन यूटिलिटी बिल्स, रेस्टोरेंट व ट्रांसपोर्ट में हो चुका है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक डिजिटल युआन की चीनी इकोनॉमी में हिस्सेदारी 9% तक हो जाएगी। अगर सफल रहा तो चीन पूरी दुनिया में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला देश बन जाएगा।
  • जनवरी 2021 में बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने बताया कि दुनियाभर के 86% केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। बहामास जैसे छोटे देश ने तो हाल ही में CBDC के तौर पर सैंड डॉलर लॉन्च भी कर दिया है।
  • कनाडा, जापान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, UK और यूनाइटेड स्टेट्स के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन भी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। इससे डिजिटल करेंसी से लेन-देन जल्द ही हकीकत बनने वाला है।

दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी में रुचि क्यों बढ़ी है?

डिजिटल करेंसी से ये 4 बड़े फायदे हैं-

1. एफिशियंसीः यह कम खर्चीली है। ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च, लेन-देन की लागत भी अधिक है।
2. फाइनेंशियल इनक्लूजनः डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है। यह ऑफलाइन भी हो सकता है।
3. भ्रष्टाचार पर रोकः डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी। डिजिटल रुपए की ट्रैकिंग हो क्रिप्टोकरेंसी क्या है? सकेगी, जो कैश के साथ संभव नहीं है।
4. मॉनेटरी पॉलिसीः रिजर्व बैंक के हाथ में होगा कि डिजिटल रुपया कितना और कब जारी करना है। मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा।

भारत में रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी पर क्या काम किया है?

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