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क्रिप्टो धन

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नवभारत टाइम्स 5 दिन पहले

ड्रोन और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से आतंकी फंड की डिलिवरी बनी बड़ी चुनौती, रिपोर्ट

नई दिल्ली। हथियारों और ड्रग्स की तस्करी भारत में आतंकी फंडिंग का नया जरिया बन गया है। वहीं, ड्रग्स और हथियारों की सप्लाई से लेकर आतंकियों को फंड पहुंचाने में ड्रोन और क्रिप्टो करेंसी सबसे ब़़डी चुनौती बनकर सामने आए हैं। खुफिया ब्यूरो ने देश में पूर्वोत्तर भारत, नक्सल, इस्लामिक आतंकवाद, कश्मीर और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद सभी क्षेत्रों में आतंकी फंडिंग और उसके बदलते स्वरूप पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। शुक्रवार और शनिवार को होने वाले ‘नो मनी फार टेरर’ सम्मेलन में दुनिया के 75 देशों के साथ आतंकी फंडिंग के तरीके और उससे निपटने के उपायों पर विस्तृत चर्चा होगी। आतंकी फंडिंग के बदलते तरीके पर संयुक्त राष्ट्र की आतंकरोधी समिति की मुंबई और दिल्ली में हुई बैठक में भी विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्री इस मामले को लेकर कर चुके हैं आगाह

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, आतंकी फंडिंग के स्रोतों और उसकी डिलिवरी के तरीकों का विस्तृत विश्लेषषण किया गया है। इसके अनुसार हथियारों की तस्करी कश्मीर, इस्लामिक आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर भारत के अलगाववादी गुटों सभी की फंडिंग का जरिया बन गया है। इसमें खालिस्तान समर्थक आतंकवाद की फंडिंग में इसका अन्य की तुलना में कम इस्तेमाल हो रहा है। वहीं, ड्रग्स तस्करी इस्लामिक आतंकवाद को छोड़कर अन्य सभी में आतंकी फंडिंग का जरिया बनकर सामने आई है। ध्यान देने वाली बात है कि गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरपोल की आमसभा की बैठक में आतंकी फंडिंग में ड्रग्स तस्करी की भूमिका को लेकर दुनिया के सभी देशों को आगाह किया है।

गतिविधियों पर एजेंसियां कर रही है कार्रवाई

हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के साथ-साथ सीमा पार पाकिस्तान से कश्मीर, इस्लामिक आतंकवाद और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद को आतंकी फंडिंग की जा रही है। इस्लामिक आतंकवाद, पूर्वोत्तर भारत के अलगाववादी गिरोहों और नक्सलियों के लिए जबरन वसूली भी फंडिंग का जरिया बना हुआ है। संगठित अपराधी गिरोह इस्लामिक और खालिस्तानी आतंकवाद की फंडिंग का जरिया बने हुए हैं। संगठित अपराधी गिरोहों और आतंकियों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए इस वर्ष एनआइए दो एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। इसके तहत फरवरी में डी-कंपनी के विरद्ध एफआइआर दर्ज कर महाराष्ट्र में उससे जुड़े कई आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सितंबर में खालिस्तान समर्थक आतंकियों और संगठित अपराधी गिरोहों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए एनआइए नई एफआइआर दर्ज कर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कई स्थानों पर छापे मार चुकी है।

क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन आतंकी फंडिंग का नया जरिया

आतंकी फंडिंग की डिलिवरी के तरीके को देखें तो क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन नए जरिये के रूप में सामने आए हैं। इनमें क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल इस्लामिक आतंकवादी और खालिस्तान समर्थक आतंकवादी कर रहे हैं, जबकि ड्रोन का इस्तेमाल खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों के साथ ही कश्मीर में आतंकी फंडिंग के लिए किया जा रहा है। नकदी के रूप में आतंकी फंडिंग का प्रयोग कश्मीर, इस्लामिक आतंकवाद, पूर्वोत्तर भारत, नक्सल और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद में लंबे समय से जारी है। जबकि हवाला का इस्तेमाल कश्मीर, इस्लामिक आतंकवाद और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद में किया जा रहा है।

‘नो मनी फार टेरर’ में होगी चर्चा

वैसे तो बैंकिंग चैनल से आतंकी फंडिंग को रोकने में काफी हद तक सफलता मिली है, लेकिन पूर्वोत्तर भारत और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद में इसका इस्तेमाल अब भी किया जा रहा है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ पूर्वोत्तर भारत में है। विदेश और खाड़ी देशों में काम करने वालों की ओर से अपने घरवालों को भेजे जाने वाले धन की आड़ में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल इस्लामिक आतंकवाद और खालिस्तान समर्थक आतंकवाद में हो रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरी दुनिया में आतंकी, फंड जुटाने और उनकी डिलिवरी के लिए इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘नो मनी फार टेरर’ सम्मेलन में दो दिन इन सभी तरीकों पर विस्तृत चर्चा होगी और इन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए उपायों व आपसी सहयोग ब़़ढाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

Visa का सख्त फैसला, इनको नहीं मिलेगी Debit Card सर्विस, कंपनी ने रद किया समझौता

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बिज़नेस न्यूज डेस्क - वीजा ने रविवार को कहा कि वह संकटग्रस्त क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के साथ अपने वैश्विक क्रेडिट और डेबिट कार्ड समझौते को रद्द कर रहा है। दुनिया के सबसे बड़े भुगतान प्रोसेसर वीज़ा इंक ने रविवार को कहा कि वह बंद क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के साथ अपने वैश्विक क्रेडिट कार्ड समझौते को तोड़ रहा है। वीजा के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया कि एफटीएक्स के साथ स्थिति "दुर्भाग्यपूर्ण" है और हम घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हमने एफटीएक्स के साथ अपने वैश्विक समझौतों को समाप्त कर दिया है। कंपनी ने एफटीएक्स के साथ यूएस डेबिट कार्ड प्रोग्राम भी खत्म कर दिया है। एफटीएक्स और वीज़ा ने अक्टूबर की शुरुआत में एक साझेदारी की घोषणा की, जिसमें 40 देशों में खाता-लिंक्ड वीज़ा डेबिट कार्ड पेश करने की योजना शामिल है।

एफटीएक्स दिवालिएपन के कगार पर है। क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स ने रविवार को कहा कि उसके प्लेटफॉर्म पर "अनधिकृत लेनदेन" के कारण लाखों डॉलर निकाले गए हैं। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि उसने अपनी कई डिजिटल संपत्तियों को 'कोल्ड वॉलेट' में स्थानांतरित कर दिया है। कोल्ड स्टोरेज क्रिप्टो वॉलेट्स को संदर्भित करता है जिनके पास इंटरनेट से लिंक नहीं है और धन की निकासी या जमा को प्रतिबंधित करता है। आपको बता दें कि एफटीएक्स के सीईओ और संस्थापक सैम बैंकमैन फ्राइड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंकमैन फ्राइड की संपत्ति में भी काफी गिरावट आई है। दिवालिएपन की कार्यवाही के लिए आवेदन करने से पहले उनके पास $23 बिलियन का शुद्ध मूल्य था। इसमें अब बड़ी गिरावट आई है।

ट्विटर द्वारा निकाले गए Rahul Ligma को अब क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स ने किया बर्खास्त

ट्विटर द्वारा निकाले गए Rahul Ligma को अब क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स ने किया बर्खास्त

दिल्ली न्यूज डेस्क !! अपनी अदा से लोगों को हंसाने वाले राहुल लिग्मा को अब क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स ने बर्खास्त कर दिया है। इसके एक महीने पहले उन्हें ट्विटर ने निकाल दिया था। उन्हें बर्खास्त कर्मचारी के रूप में क्रिप्टो के कार्यालय के सामने देखा गया।लिग्मा ने मजाक में कहा यह वास्तव में कठिन है क्योंकि एक महीने में (ट्विटर के बाद) दूसरी बार मुझे नौकरी से निकाला गया है। आप जानते हैं कि सब कुछ इतनी जल्दी बदल गया है। बीनांस कंपनी ने गुरुवार को अपने प्रतिद्वंद्वी एफटीएक्स के अधिग्रहण पर यू-टर्न लेते हुए कहा कि कंपनी के वित्त की समीक्षा करने के बाद वह सौदे से पीछे हट रहा है। क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के संस्थापक और सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने निवेशकों को बताया कि हाल के दिनों में क्रिप्टो धन उन्हें कंपनी से की गई धन की निकासी के कारण इसे कवर करने के लिए 8 बिलियन डॉलर तक की आपातकालीन धन की आवश्यकता है। लिग्मा ने कहा कि वह वास्तव में सैम का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने वास्तव में लोगों का अधिकतम भला किया है।

Legal Crypto: क्या मुमकिन है लीगल क्रिप्टो की दुनिया? जानें क्या हैं खतरे और फायदे

Legal Crypto: क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है।

Ramkrishna Vajpei

Legal Crypto

Legal Crypto (PHOTO:social media )क्रिप्टो धन

Legal Crypto: क्रिप्टो की तेजी से पिघलती दुनिया के बीच, भारत सरकार ने जी 20 देशों की शिखर बैठक के दौरान इस मुद्रा के अस्थिर साधन को विनियमित करने पर निर्णय लेने की मांग की है इसकी वजह यह है कि सरकार इसके विनियमित करने के विकल्पों का आकलन कर रही है। यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों ने दी है।

क्रिप्टो पर दुनिया के सामने दो विकल्प हैं एक विकल्प साधन क्रिप्टो धन को विनियमित करने का है तो दूसरा रास्ता इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का है, जैसा कि आरबीआई द्वारा सुझाया भी गया है। लेकिन एक अंतिम प्रयास अभी बाकी है क्योंकि नियामक एजेंसियां और सरकार के विभिन्न विंग सबसे अच्छे समाधान का आकलन कर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसे विनियमित करने के संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है।

अधिकारी ने कहा, क्रिप्टो करेंसी के जोखिमों और कुछ लाभों के आधार पर विचार कर हमें विश्व स्तर पर एक उच्च नियामक मानक की आवश्यकता है, हमें सीमा पार भुगतान की लागत को कम करने के लिए कदम उठाने की भी आवश्यकता है और हम वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में बहुत सक्रिय रूप से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल और आईएमएफ जैसे बहुपक्षीय बैंकों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर इस संकट को वास्तविक रूप में संबोधित किया जा सके।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशों के इस संबंध में अलग-अलग विचार हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उनके हित में क्या है। एक अधिकारी ने तर्क दिया कि अमेरिका जैसा देश क्रिप्टो धन प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हो सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डॉलरीकरण में सहायता करेगी।

क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ

वे यह भी स्वीकार करते हैं कि प्रतिबंध सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है, यह देखते हुए कि इसे रोकने के तरीके हैं और एक फुल प्रूफ तंत्र होना असंभव है। इसके अलावा, कई अन्य का तर्क है कि क्रिप्टो जैसे उपकरण से जुड़े कई लाभ क्रिप्टो धन हैं और कोई भी देश इस तरह के उपकरण से पूरी तरह अलग नहीं हो सकता है।

आरबीआई ने इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का तर्क दिया है कि क्रिप्टो करेंसी जैसे साधन के पास इसे वापस करने के लिए कोई अंतर्निहित संपत्ति नहीं है। केंद्रीय बैंक क्रिप्टो धन ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने से मुद्रा और वित्तीय बाजारों को विनियमित करना कठिन हो जाएगा। इसके अलावा डॉलरीकरण का खतरा भी रहेगा। इसके अलावा, बैंक ने कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चिंताओं को भी रेखांकित किया है। यह कुछ ऐसा है जो इसका समर्थन करने वाले नियमों से मुकाबले को कठिन बना रहा है।

ईडी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा हाल की कार्रवाई से आरबीआई के पक्ष को बल मिलता है, जिन्होंने देश से अवैध रूप से धन निकालने के उदाहरण पाए हैं। नियमन पर, पीएम नरेंद्र मोदी और साथ ही एफएम निर्मला सीतारमण ने तर्क दिया है कि किसी एक देश के लिए एकतरफा कदम उठाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए वैश्विक प्रयास की आवश्यकता है। जिस पर सबको मिलकर विचार करना चाहिए।

''क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट पर कोई अचरज नहीं होना चाहिए''

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 5 दिन पहले

(जॉन हॉकिंस, वरिष्ठ व्याख्याता, कैनबरा स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स एंड सोसाइटी, कैनबरा यूनिवर्सिटी)

कैनबरा, 12 नवंबर (द कंवरसेशन) अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था। वर्ष 2019 में क्रिप्टो धन स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है।

सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आईं। इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किए जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं।

कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी। इससे घबराए ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है। इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है।

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है।

बचाव की राह मुश्किल

एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था। लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं।

लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा।

बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा। इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए।

ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है। एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह चार डॉलर से भी नीचे आ गया है।

सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के 'परिसंपत्तियों' में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है। कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है।

क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है। आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किए गए लाभांश पर आधारित होता है। रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है। एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है। यहां तक कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है।

लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है। वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं।

क्रिप्टो पर प्रभाव

इन घटनाओं ने क्रिप्टो धन क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है। इस नई घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का "मूल्य" तीन लाख करोड़ क्रिप्टो धन डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था। अब तो यह और भी नीचे गिर गया है।

जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेज़ॅन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों।

मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है। लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो "क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है।"

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