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Bitcoin को करेंसी का दर्जा

Bitcoin को करेंसी का दर्जा
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बिटकॉइन को भारत में करेंसी का दर्जा मिलेगा? सरकार ने जवाब दे दिया है

क्या भारत में बिटकॉइन को बतौर करेंसी मान्यता दी जाएगी? नहीं. केंद्र सरकार ने इससे इन्कार कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 29 नवंबर को लोकसभा में बिटकॉइन को मान्यता देने से जुड़ी अटकलों को खत्म कर दिया. उन्होंने लोकसभा में ये साफ किया कि बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने की सरकार की कोई योजना नहीं है. लोकसभा का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो चुका है. इस सत्र में सरकार देश में बिटकॉइन (Bitcoin) पर लगाम कसने के लिए बिल लाने जा रही है.

क्यों बोलीं वित्त मंत्री?

वित्त मंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब देश में बतौर डिजिटिल करेंसी बिटकॉइन और बाकी सभी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) के भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक लोकसभा में दो सांसदों ने वित्त मंत्री से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सवाल पूछा. दोनों सांसद जानना चाह रहे थे कि क्या सरकार के पास बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन से जुड़ी कोई जानकारी है. इसके जवाब में सीतारमण ने कहा, 'नो सर'. वहीं क्रिप्टोकरंसी पर अगला सवाल पूछा गया कि क्या इसे देश में आधिकारिक पहचान देने के लिए सरकार कोई योजना बना रही है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार कि ऐसी कोई योजना नहीं है. इंडिया टुडे के मुताबिक सरकार ये बिल इसलिए ला रही है ताकि निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लग सके और आरबीआई द्वारा शुरू की जा रही डिजिटल मुद्रा के लिए मंच तैयार हो.

जहां एक ओर इस बिल के चलते क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े एक्सचेंजों और स्टार्टअप्स को अपना भविष्य खतरे में दिख रहा है, वहीं बैन के डर से इसकी कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की गई Bitcoin को करेंसी का दर्जा है. इस साल अक्टूबर में RBI ने भारत सरकार को आरबीआई ऐक्ट 1934 में संशोधन का प्रस्ताव भेजा था. इसमें सरकार से गुजारिश की गई थी कि 'बैंक नोट' की परिभाषा का दायरा बढ़ाया जाए और डिजिटल मुद्रा को भी इसमें शामिल किया जाए. बिटकॉइन को पहली बार 2008 में कुछ प्रोग्रामरों ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम के रूप में पेश किया था. कथित तौर पर ये पहली डी-सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसमें दो लोग आपस में बिना किसी बिचौलिये के लेन-देन कर सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा के रूप में मान्यता देने के खतरों के प्रति सरकार को चेता चुका है. हालांकि वित्तीय मामलों की स्टैंडिंग कमेटी का रुख है कि क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाने के बजाय इसे रेग्युलेट किया जाए. कमेटी का मानना है कि इस पर पूरी Bitcoin को करेंसी का दर्जा तरह बैन लगाने से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है. वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार बिटकॉइन को मुद्रा के बजाय एक फाइनेंशियल एसेट का दर्जा दे सकती है, जिससे इसमें निवेश और ट्रेडिंग जारी रहे. साथ ही इसकी निगरानी सेबी के पास भी जा सकती है. वीडियो:मोदी सरकार संसद में बिल लाकर क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने वाली है?

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उत्तर: क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जिसको एक आम भारतीय नागरिक भौतिक रूप में देख नहीं सकता है, छू नहीं Bitcoin को करेंसी का दर्जा सकता है। लेकिन इन मुद्राओं का किसी कंप्युटर या मोबाइल एप के माध्यम से प्रबंध किया जा सकता है। जिसको साधारणत: “वालेट” Wallet कहते हैं।

क्रिप्टो करेंसी का विचार सतोषी नाकामोटो द्वारा सन 2008 में एक रिसर्च पेपर (white paper) में दिया गया था।

क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टो मुद्रा का नियंत्रण किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक के हाथों में नहीं होता है। इस मुद्रा को किस व्यक्ति (इंटरनेट पर एक उपभोक्ता) से खरीदा (या बेचा) जाता है का नियंत्रण इन उपभोक्ताओं के हाथों में ही होता है।

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भारत की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को पूरी तरह से हटा दिया गया है। जिसके अनुसार कोई भी भारतीय इस क्रिप्टो मुद्रा में निवेश करने के लिए मान्य है लेकिन इसके द्वारा विनिमय वैध नहीं है।

इस मुद्रा को बनाने के लिए साधारण कंप्यूटर से कई गुना शक्तिशाली कंप्यूटरों का समूह, संबंधित सॉफ़्टवेयर, और इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

इस मुद्रा को बनाने के लिए कंप्यूटर पियर टू पियर (peer to peer) नेटवर्क से जुड़े होते हैं। ये सभी कंप्यूटर एक खास ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर को चलाते हैं जिस पर मुद्रा को बनाया जाता है और इस सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही स्वायतरूप से मुद्रा का प्रबंध किया Bitcoin को करेंसी का दर्जा जाता है। इसी प्रक्रिया को संक्षेप में mining कहा जाता है। और इस प्रक्रिया को चलाने वाले कंप्युटर उपभोक्ता को minor कहा जाता है।

उदाहरण: बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन, डॉगकॉइन, इत्यादि।

Q.2 ब्लॉकचेन या ब्लॉकचेन Bitcoin को करेंसी का दर्जा तकनीक (blockchain technology) क्या होती है? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

उत्तर: ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से हम डाटा का विकेंद्रीकरण (decentralized) तरीके से भंडारण (store) करते हैं।

यहाँ विकेंद्रीकरण का अर्थ है कि कोई भी एक संस्था किसी भी तरह के डाटा या सूचना के आदान प्रदान को नियंत्रित नहीं कर रही है।

उदाहरण: किसी स्कूल की एक ऐसी कक्षा, Bitcoin को करेंसी का दर्जा जहाँ पर विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए अध्यापक की देखरेख की आवश्यकता नहीं होती है, और वहाँ के विद्यार्थी स्वयं ही किताबों से पढ़ाई कर सकते हैं और साथ-साथ वो स्वयं ही एक-दूसरे का किया गया काम भी जाँच सकते हैं।

ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर एक प्रकार से डिजिटल बही खाता (Ledger) है। जिसको प्रत्येक कंप्यूटर द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।

इस ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर की सहायता से ही कोई कंप्यूटर जान पाता है कि किसी उपभोक्ता के पास कितनी क्रिप्टो मुद्राएँ उपलब्ध हैं, कितनी मुद्राएँ किसी दूसरे उपभोक्ता को भेजी जा रही हैं, या किसी से प्राप्त हो रही हैं।

MINING: Mining की प्रक्रिया क्या होती है?

इस प्रक्रिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं –

  • बिट कॉइन या कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन का उत्पादन करना: इसके उपभोक्ता शक्तिशाली कम्पुटरों की सहायता से कुछ गणितीय पहेलियों या सवालों को हल करते हैं, और ब्लॉक में छिपे हुए “कॉइन्स” को खोदते हैं या खोजते हैं। ये कॉइन किसी उपभोक्ता को पहेलियों को हल करने के लिए पुरुस्कार स्वरूप दिए जाते हैं।
  • लेन देन की प्रक्रिया को त्रुटि-रहित रखना, या डिजिटल बही खाता बनाना (ledger) :
    • जिसमें कई सारे computers सम्मिलित होते हैं, और जिनका काम होता किसी नए जुड़ने वाले computer या node की जानकारी की जाँच करना।
    • किसी transaction की जाँच करना कि यदि ये transaction किसी अन्य node द्वारा tamper या खराब तो नहीं की गई है,
    • किसी क्रिप्टो कॉइन की नकल तो नहीं बनाई गई है, इत्यादि।
    • इस network से जुड़ा हुआ कोई भी कंप्यूटर ये देख सकता है या इस बात की पुष्टि कर सकता है कि कौन-कौन से कंप्यूटर या node इस ब्लॉक में जुड़े हुए हैं।

    Q.3 बिटकॉइन (bitcoin) क्या होते हैं? उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: बिट कॉइन वर्तमान में उपलब्ध कई तरह की क्रिप्टो मुद्राओं में से एक मुद्रा है।

    • यह मुद्रा सर्वप्रथम सं 2009 में अवतरित हुई थी।
    • इसके निर्माता “सातोशी नाकामोतो” हैं।
    • ये विश्व भर में उपलब्ध सभी क्रिप्टो मुद्राओं में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्रिप्टो मुद्रा है।
    • इस को किसी भी केन्द्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
    • मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान में बिट कॉइन या अन्य किसी क्रिप्टो मुद्रा का प्रयोग किसी वस्तु या सेवा के विनिमय के लिए मान्य नहीं है, हालाँकि कोई भी भारतीय नागरिक अपनी सुविधा और जोखिम क्षमता-अनुसार निवेश कर सकता है।

    Q.4 क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन के संभावित लाभ व हानि के बारे में चर्चा कीजिये? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: बिट कॉइन के लाभ:

    ये प्रक्रिया लेन देन की अन्य प्रक्रियाओं से

    • ज्यादा तेज है: नैनो सेकण्ड्स में धन का हस्तांतरण संभव है
    • सुरक्षित है: जाली बिट कॉइन बनाना असंभव है।
    • किसी भी तरह की कागज़ी और कानूनी प्रक्रिया से मुक्त है।
    • प्रबंधन आसान है: वॉलेट की सहायता से बिट कॉइन खरीदना, भेजना, प्राप्त करना सुगम है।
    • निवेश: छोटी छोटी धनराशि जैसे ₹100 से निवेश करना संभव है।
    • साइबर अपराधों, टैक्स चोरी, गैर कानूनी तौर तरीकों से धन का हस्तांतरण करना (money laundering), इत्यादि गंभीर अपराधों का होना आसान बनाता है।
    • गैरकानूनी ड्रग, हथियार, इत्यादि का विनिमय आसान करता है।
    • नियमों में पारदर्शिता न होना: किसी भी तरह का भौतिक रिकॉर्ड न होना, अपराधी को ट्रेस करने में बाधा उत्पन्न करता है।
    • पर्यावरण सम्बन्धी: शक्तिशाली कंप्यूटर ज्यादा ऊर्जा का उपभोग करते हैं और CO2 का भी उत्सर्जन होता है। जिस भी स्थान पर कोई कंप्यूटर काम कर रहा है, उस कमरे में वातानुकूलन (air conditioning) की जरूरत होती है। इस तरह से माइनिंग प्रक्रिया वाला कंप्यूटर और A.C. सामान्य से कई गुना ज्यादा विधुत उपभोग करते हैं।जो कि पर्यावरणीय दृष्टि से बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।

    Q.5 किस देश ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) या क्रिप्टोकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा दिया है? UPSC IAS Essay 2022

    उत्तर: दक्षिण अमेरिका का अल साल्वाडोर ऐसा पहला देश है, जिसने क्रिप्टो मुद्रा को legal tender का रूप (2021) दिया है। हालाँकि US डॉलर अभी भी वहाँ की आधिकारिक मुद्रा है।

    Is Cryptocurrency Legal In India | सुप्रीम कोर्ट ने कहा – केंद्र सरकार करे स्पष्ट कि, क्रिप्टो करेंसी वैध है या नहीं; क्या है पूरा मामला जाने

    Is Cryptocurrency Legal In India: भारत सरकार में डिजिटल एसेट्स पर 30 कर लगाने की घोषणा। कर लगने के साथ-साथ कुछ संदेह दूर हुए हैं तो कुछ और नए संदेहों का जन्म भी हुआ है। हॉल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी पर अपना रुख साफ करे।

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    अजय भरद्वाज और अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी जिसमे उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की है।

    अजय भरद्वाज और अन्य के मामले की सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मौखित टिप्पणी में कहा, केंद्र सरकार यह बताए कि, क्या क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन में लेन – देन करना देश में क़ानूनी है या फिर गैर क़ानूनी।

    क्रिप्टो करेंसी क़ानूनी है या फिर गैर क़ानूनी यह टिप्पणी अजय भारद्वाज और अन्य के बिटकॉइन लेन – देन घोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने किया है।

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    Table of Contents

    सरकार द्वारा डिजिटल एसेट पर 30 फीसदी का कर लगाने की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद से एक बात तो स्पष्ट थी कि क्रिप्टो करेंसी को भारत में प्रतिबंधित नहीं किया जायेगा। लेकिन, सरकार ने 30 कर की घोषणा तो की मगर यह बिलकुल नहीं कहा की क्रिप्टो करेंसी को वह वैधानिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) का जमा पहना रहे हैं।

    इसका मतलब साफ है की भारत में कोई भी व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड तो कर सकता है पर उस करेंसी को देश में लीगल टेंडर नहीं मन जायेगा। सरकार के कई उच्च अधिकारीयों ने भी यह कई बार स्पष्ट की है कि, देश में करेंसी का दर्जा सिर्फ उसे ही प्रदान किया जाता है जिसे रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया गया है बाकी किसी भी करेंसी को करेंसी नहीं माना जा सकता है।

    क्या था मामला

    एक मामले की सुनवाई के दौरान जब सरकार तथा प्रवर्तन निदेशालय की और से ASG (Additional Solicitor General) ऐश्वर्य भाटी जी ने कहा की जाँच में अभियुक्त सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री सूर्यकान्त जी ने कहा की केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी पर अपना मत स्पष्ट करे की क्या क्रिप्टो करेंसी का लेन – देन देश में क़ानूनी (Is Cryptocurrency Legal In India) है या फिर गैरकानूनी। बिटकॉइन भी एक क्रिप्टो करेंसी है।

    भाटी जी ने क्या कहा

    जस्टिस श्री सूर्यकान्त जी के सवाल पर ऐश्वर्य भाटी जी ने कहा कि, क्रिप्टो करेंसी लीगल है या नहीं सरकार इस पर अपना मत स्पष्ट करेगी, मगर यह मामला बिटकॉइन की वैधनिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) का नहीं है बल्कि अभियुक्त द्वारा बिटकॉइन निवेश पर अधिक लाभ का लालच देकर ठगने का है। जिसके कारण देश में हजारों लोगों कस बिटकॉइन में पैसा डूब गया है।

    यह घोटाला किसी पोंजी स्कीम घोटाले जैसा ही है। भाटी जी ने आगे बताया की अभियुक्त के खिलाफ पुरे देश में अलग-अलग जगहों पर 47 FIR भी दर्ज हैं। यह घोटाला 87 हजार बिटकॉइन का है जिनकी कीमत लगभग 20 हजार करोड़ रुपए है।

    सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

    सुप्रीम कोर्ट की सूर्यकान्त जी की पीठ ने सुनवाई के बाद आदेश दिया की अभियुक्त को जब भी परवर्तन निदेशालय बुलाएगा उसे पेश होना पड़ेगा और अभियुक्त जाँच में सहयोग करे। सुप्रीम कोर्ट ने जाँच अधिकारी को 4 सप्ताह में नई स्टेटस की रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए। बिटकॉइन घोटाले मामले में 4 सप्ताह बाद सुनवाई होनी है।

    भारतीय डिजिटल रूपी

    रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया जल्द ही एक डिजिटल करेंसी लांच करेगा जिसकी घोषणा बजट 2022-23 में की गयी थी। वित्त मंत्री जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि, रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी की गई करेंसी के अलावा किसी भी करेंसी को करेंसी नहीं माना जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा की देश में करेंसी उसे ही माना जा सकता है जो रिज़र्व बैंक के फ्रेमवर्क में आती हैं। इससे यह साफ है की देश में क्रिप्टोकरेंसी को अभी सरकार द्वारा वैधानिकता (Is Cryptocurrency Legal In India) दर्जा नहीं दिया गया है।

    बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)

    बिटकॉइन से किसी देश की मुद्रा को कितना नुकसान?

    जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?

    इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।

    बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क

    इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।

    इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।

    मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क

    बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।

    बिटकॉइन से खरीद कितनी आसान

    जैसा हमने पहले बताया कि बिटकॉइन के लिए फ़ोन या कंप्यूटर के साथ साथ इंटरनेट भी जरुरी है और इसका इस्तेमाल करने के लिए एक हद तक शिक्षा कि भी जरुरत है। आज भी दुनिया की बहुत बड़ी आबादी तक फ़ोन और इंटरनेट कि सुविधा नहीं पहुंच पाई है, ऐसी जगहों पर बिटकॉइन या क्रिप्टो का इस्तेमाल मुश्किल है। बिटकॉइन से लेनदेन के मामले में सबसे बड़ा मुद्दा है इसकी कीमत में होने वाले उतर चढ़ाव और इसकी ट्रांजक्शन फीस। अगर किसी वस्तु कि कीमत 100 डॉलर निर्धारित कर दी जाए और बिटकॉइन से यह कीमत दी जाए तो सबसे पहले तो यह कीमत देने वाले को अगर एक डॉलर भी फीस देनी पड़े तो यह 1% महंगा हो जाएगा। इसके बाद अगर बिटकॉइन की कीमत नीचे आ जाए तो बेचने वाले को नुकसान होगा और कीमत ऊपर चली जाए तो खरीदार को लगेगा कि उसको नुकसान हो गया। जैसे 10000 बिटकॉइन से दो पिज़्ज़ा खरीदने वाला आज सोच रहा होगा। जैसे जैसे बिटकॉइन कि माइनिंग बढ़ती जाएगी वैसे वैसे कीमत के साथ साथ इसकी फीस भी बढ़ती जाएगी और बिटकॉइन से खरीदारी कम व्यावहारिक रह जाएगी।

    बिटकॉइन की ट्रांजक्शन का देर के पूरा होना भी एक बड़ी समस्या है। अगर कोई लेनदेन बिटकॉइन से किया जा रहा है तो यह तब तक पूरा नहीं होगा जब तक बिटकॉइन उस व्यक्ति के एकाउंट में नहीं आ जाता जिसने इसके बदले में कोई सुविधा दी है या कोई वस्तु दी है। आमतौर पर दुकानों, मॉल, रेलवे टिकट काऊंटर, हवाई अड्डे जैसी सार्वजनिक जगहों पर लम्बी लाइन लगी होती है और ऐसे में अगर लेनदेन जल्द पूरा न हो तो इस से बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी। इसका समाधान क्रिप्टो के कई प्रोजेक्ट निकल रहे हैं जहां पर ट्रांजक्शन बहुत तेज़ है और फीस भी बहुत ही कम है। इन बातों को देखें तो बिटकॉइन से लेनदेन थोड़ा मुश्किल ही लगता है।

    अभी बिटकॉइन और क्रिप्टो को बहुत सारी समस्याओं को खत्म करना जरुरी है फिर हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो से लेनदेन संभव हो सकता Bitcoin को करेंसी का दर्जा है। आज दुनिया के कई देश अपनी खुद की CBDC ला रहे हैं और यह लेनदेन को और आसान बनाएगी। अगर हम सभी मुद्दों को देखें तो अंत में हम यह कह सकते हैं Bitcoin को करेंसी का दर्जा कि बिटकॉइन से किसी भी देश की मुद्रा को कोई खतरा नहीं है और न ही भविष्य में कभी ऐसा हो सकता है। बिटकॉइन एक तकनीक है जो सभी नियंत्रणों से आजाद है और इसी लिए लोग यहाँ पर अपने निवेश को सुरक्षित समझते हैं। बिटकॉइन से एक हद तक कुछ सेवाओं या वस्तुओं का लेनदेन संभव है लेकिन सभी सुविधाओं के लिए बिटकॉइन और क्रिप्टो का Bitcoin को करेंसी का दर्जा इस्तेमाल कम व्यवाहरिक है।

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    अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

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