ETF क्या है

प्रिय पाठक देश के अंदर पिछले पांच-छह सालों में ETF का AUM 70 फ़ीसदी CAGR की दर से ETF क्या है बढा है। पहले AUM में ईटीएफ की हिस्सेदारी केवल 2% थी वही यह 2021-22 में 12 से 14 फ़ीसदी हो गई है हालांकि ईटीएफ में ज्यादातर निवेश बड़ी बड़ी संस्था का है।
ETF Kya Hai | Top ETF India | ईटीएफ क्या होता है
नमस्कार डियर पाठक आज हम जानेंगे कि ETF Kya Hai (ईटीएफ क्या होता है) अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने इस नाम को जरूर सुना होगा तब आपके दिमाग में भी आया होगा कि यार आखिर यह क्या बला है जिस पर निवेशक इतने फिदा हो रखे हैं।
तो चलिए टेंशन लेने की कोई बात नहीं है आज के इस लेख में हम इसी के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि ईटीएफ क्या है और इंडिया के टॉप ईटीएफ कौनसे हैं, और किस प्रकार एक बेहतर ईटीएफ का चुनाव कर सकते हैं।
ETF Meaning in Hindi
ETF Meaning in Hindi – ईटीएफ का मतलब होता है, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड प्रिय पाठक आजकल ईटीएफ इन्वेस्टमेंट में काफी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसमें किसी स्टॉक की तुलना में रिस्क काफी कम होता है। और एक्सपेंस रेश्यो कम होने के कारण यह काफी किफायती इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन जाता है।
हालांकि एक सही एटीएफ का चुनाव करना थोड़ा चुनौती भरा होता है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं आज हम जानेंगे इसी बारे में।
ETF क्या होता है
ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है, की ETF किसी एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की फैसिलिटी देता है, वैसे तो यह एक प्रकार का म्यूच्यूअल फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्प और बॉन्ड बेच होता है।
लेकिन म्यूच्यूअल फंड और ETF में यह अंतर है कि ETF को सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदा और बेचा जा सकता है, देखिए यूं कहें जिस प्रकार ट्रेडर शेयर को खरीदते और बेचते हैं, तो उन्हें मार्केट को देखना पड़ता है और उस पर बैठना पड़ता है ताकि सही जगह पोजीशन ले सके लेकिन उसी प्रकार ईटीएफ में भी कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है।
ETF Meaning in Hindi
ETF Meaning in Hindi ETF क्या है – ईटीएफ का मतलब होता है, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड प्रिय पाठक आजकल ईटीएफ इन्वेस्टमेंट में काफी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसमें किसी स्टॉक की तुलना में रिस्क काफी कम होता है। और एक्सपेंस रेश्यो कम होने के कारण यह काफी किफायती इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन जाता है।
हालांकि एक सही एटीएफ का चुनाव करना थोड़ा चुनौती भरा होता है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं आज हम जानेंगे इसी बारे में।
ETF क्या होता है
ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है, की ETF किसी एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करने की फैसिलिटी देता है, वैसे तो यह एक प्रकार का म्यूच्यूअल फंड ही है, जिसमें कई तरह के डेट विकल्प और बॉन्ड बेच होता है।
लेकिन म्यूच्यूअल फंड और ETF में यह अंतर है कि ETF को सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदा और बेचा जा सकता है, देखिए यूं कहें जिस प्रकार ट्रेडर शेयर को खरीदते और बेचते हैं, ETF क्या है तो उन्हें मार्केट को देखना पड़ता है और उस पर बैठना पड़ता है ताकि सही जगह पोजीशन ले सके लेकिन उसी प्रकार ईटीएफ में भी कारोबारी घंटों के दौरान ही ट्रेडिंग हो सकती है।
ईटीएफ कैसे कार्य करता है
जैसे कि आप सबको मालूम ही है इंडिया में दो एक्सचेंज ट्रेडिंग करवाते हैं, BSE (बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज) दूसरा NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) अब इन दोनों एक्सचेंज का जैसा परफॉर्मेंस रहेगा, ईटीएफ भी उसी हिसाब से इन्वेस्टरो को रिटर्न देगा, यानी कि अगर एक्सचेंज पर गिरावट आई तो पूरे ईटीएफ पर इसका असर देखने को मिलेगा।
ETF में सिर्फ इक्विटी ही नहीं बल्कि डेट ऑप्शंस के भी सभी फंड सम्मिलित होते हैं। जिस प्रकार आपको पता है कि 2021 में मार्केट ने बढ़त बनाई थी तो उसी प्रकार दोनों एक्सचेंज भी बढ़त में थे। जिससे ईटीएफ में निवेश करने वाले इन्वेस्टर तगड़ा प्रॉफिट हुआ था, प्रिय पाठक आपको बता दें कि ETF में स्टॉक और ETF क्या है फंड के अलावा सोना भी सम्मिलित होता है।
अगर कोई फिजिकली रूप में गोल्ड नहीं खरीदना चाहता है तो वे यहां पर गोल्ड में इन्वेस्ट करने का भी बेनिफिट ले सकता है। ईटीएफ के लिए सबसे बढ़िया ऑप्शन है। गोल्ड लगभग पिछले समय से हर बार बढ़ ही रहा है और इसके बढ़ने का कारण यह है कि इसमें हर रिस्क बहुत कम होता है। और आपको बता दें कि ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो भी काफी कम है (0.5 से 0.6 के आसपास लगभग) जिसके कारण है बेहतर इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन बन जाता है।
क्या ETF क्या है है भारत बॉन्ड ETF? क्या इस ETF में करना चाहिए निवेश? हां, तो कैसे, जानिए सबकुछ
TV9 Bharatvarsh | Edited ETF क्या है ETF क्या है By: अंकित त्यागी
Updated on: Dec 08, 2021 | 9:45 AM
गाजियाबाद के रहने वाले अजय को पता चला ETF क्या है कि, 3 दिसंबर से भारत बॉन्ड ETF 32 निवेशकों के लिए खुल चुका है, लेकिन अजय को यह समझ नहीं आ रहा है कि, क्या उन्हें अपने पोर्टफोलियो में यह बॉन्ड रखना चाहिए या नहीं. दरअसल इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि, क्या यह बॉन्ड उनके लिए फायदेमंद रहेगा. अगर आप भी अजय के तरह ही इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि, क्या आपको इस ETF में निवेश करना चाहिए और कैसे ?
दरअसल, भारत बॉन्ड ETF सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हो चुका है और इसके तहत आप 9 दिसंबर तक इसे सब्सक्राइब भी कर सकते हैं, बता दें, यह लॉन्ग टर्म यानी की10 साल की लंबी अवधि का निवेश है, तो क्या इसे चुनना सही रहेगा, इससे जुड़े जवाब देने से पहले हम आपको बताते हैं भारत बॉन्ड ETF 2032 है क्या?
भारत बॉन्ड ETF 2032 क्या है?
भारत सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के लोन की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2019 में सबसे पहले भारत बॉन्ड ETF को पेश किया था. इसमें निवेशकों को अप्रैल 2032 में 6.87 फीसदी ब्याज सहित पूरा पैसा वापस मिल जाएगा. बता दें, भारत बॉन्ड ETF के जरिए सरकार का लक्ष्य खुदरा और संस्थागत निवेशकों से पैसा हासिल करना है. भारत बॉन्ड ETF स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला फंड है, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट है, यानी इसे कंपनियों के शेयर्स की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है.
बता दें, यह सरकारी ऋण पत्रों में निवेश करता है और फंड की एक तय परिपक्वता भी होती है, जब निवेशक को रिटर्न के साथ अपना निवेश वापस मिलेगा. फंड अवधि के दौरान, इसकी यूनिट को किसी भी समय एनएसई पर खरीद या बेच सकते हैं.
क्या आपको खरीदना चाहिए भारत बॉन्ड ETF?
भारत बॉन्ड ETF म्यूचुअल फंड, ETF और बॉन्ड का बेहतर मिश्रण है, यह देश ETF क्या है का सबसे सस्ता म्यूचुअल फंड उत्पाद है, इसकी लागत बहुत कम है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि, 2 लाख रुपये के निवेश पर इसकी लागत केवल एक रुपये है. दरअसल ETF बहुत लचीला है, इसे आप एक्सचेंज पर कारोबार अवधि के दौरान इसे आसानी से खरीद या बेच सकते हैं. इसके अलावा इसमें जोखिम भी बहुत कम है क्योंकि इसमें केवल AAA रेटिड बॉन्ड में ही निवेश किया जाता है. साथ ही टैक्स लाभ और रीइनवेस्टमेंट का ध्यान भी फंड हाउस की तरफ से रखा जाता है.
वहीं, भारत बॉन्ड ETF 1 लाख रुपये के निवेश पर 6.73 प्रतिशत तक का रिटर्न देता है. इसके अतंर्गत न्यूनतम 1000 रुपये से निवेश किया जा सकता है. बता दे, निवेशक नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से निवेश कर सकते हैं. साथ ही फंड में कोई लडक-इन पीरियड नहीं है. हालांकि फंड ऑफ फंड में अगर आप 30 दिन के अंदर अपने यूनिट का बेचते हैं, तो आपको 0.110 प्रतिशत शुल्क देना होगा जबकि 30 दिन बाद बाहर निकलने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा.
इनवेस्ट करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
रेटिंग एजेंसियों के डाउनग्रेड या डिफॉल्ट करने पर ETF की वैल्यू पर असर पड़ेगा. गौरतलब है कि, इसमें निवेश की अवधि 10 साल की है, ऐसे में इतने लॉन्ग टर्म के लिए क्या आप इनवेस्टमेंट के लिए तैयार हैं? वहीं भारत बॉन्ड ETF का नेट एसेट वैल्यू ब्याज दरों में होने वाले उतार चढ़ाव से प्रभावित भी होता है. यानी की जब ब्याज दरें बढ़ती है तब लंबी अवधि वाले फंड के एनएवी घटती है. इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी ETF क्या है है कि, मेच्यूरिटी से पहले बाहर निकलने वाले लोगों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा.
उधर इनवेस्टोग्राफी की संस्थापक श्वेता जैन के मुताबिक, शॉर्ट पीरियड में जिन्हें पैसा चाहिए या जो हाई रिटर्न हासिल करना चाहते हैं, उन्हें इस फंड से दूर रहना चाहिए.
जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान
Updated on: Jan 18, 2022 | 6:20 AM
भारत में गोल्ड और सिल्वर खरीदना काफी शुभ माना जाता है. वहीं बात अगर निवेश की हो, तो गोल्ड में निवेश करना भविष्य के मद्देनजर काफी फायदेमंद माना जाता है. दरअसल लॉन्ग टर्म में अगर निवेश किया जाए तो अच्छा रिटर्न भी मिलता है. गोल्ड के अलावा चांदी में ईटीएफ (ETF) के जरिए निवेश किया जा सकेगा. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. इसके तहत सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में 19 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. बता दें इसमें 100 रुपये से लेकर लाखों रुपये तक की चांदी खरीद सकते हैं, वहीं बेचा भी जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा यह सवाल हर किसी के मन में होगा.
सिल्वर ईटीएफ ( Silver ETF) क्या है?
दरअसल गोल्ड की तरह ही सिल्वर में निवेश किया जा सकता है. इसके तहत आपको शेयर्स की तरह चांदी में निवेश करने का मौका मिलेगा. लेकिन, ईटीएफ के जरिए निवेशकों को फिजिकल सिल्वर में निवेश का मौका नहीं मिलेगा. इसके तहत निवेशक सिल्वर ईटीएफ में पैसा लगा सकेंगे. फिलहाल ऐसा गोल्ड ईटीएफ में होता रहा है.
दरअसल इस दौरान निवेशक को देखना है कि, आने वाले फंड किस सिल्वर को ट्रैक कर रहे हैं, यानी की वह लोकल सिल्वर की कीमतें हैं या फिर इंटरनेशनल सिल्वर की कीमतों को. इस दौरान ध्यान रखे कि, ईटीसीडी में स्कीम के कॉर्पस का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है. बता दें, सिल्वर ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ की तरह ही सिल्वर ईटीएफ में भी ज्यादा फर्क नहीं होगा, यानी की अगर बात रिटर्न को लेकर की जाए तो ज्यादा फर्क नहीं रहेगा.
ETF के प्रकार – Types of ETF
वर्तमान में निवेशकों की जरूरतों एवं लक्ष्यों के हिसाब से बहुत सी ETF Schemes उपलब्ध है। आपको Index, Gold, Currency से सम्बंधित ETF मिल जायेंगे। आप उनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से ETF का चुनाव कर सकते हैं।
एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता हैं।
1. Index Fund ETF
आपने इंडेक्स फंड का नाम तो सुना ही होगा उसी का मिलता-जुलता रूप है Index Fund ETF. इंडेक्स फंड ईटीएफ एक Passively मैनेज फण्ड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करता है। जैसे NIFTY 50 भारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों से मिलकर बना है, अब यदि कोई NIFTY 50 का कोई ETF है तो वह ETF उन्हीं 50 शेयर्स के पूल से मिलकर बना होगा।
Index Fund ETF का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करना होता है जैसे सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी 50 . सरल भाषा में समझे तो यदि आप बैंक निफ़्टी का कोई ETF खरीद रहे हो तो इसका मतलब हुआ कि आप बैंक निफ़्टी के Stocks के पूल में निवेश कर रहे हैं।