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प्लेटफार्म के नुकसान

प्लेटफार्म के नुकसान

OPINION: जाकिर नाईक के बहाने कतर के इस्लामी इरादे!

जाकिर नाईक जैसे घनघोर कट्टरवादी कठमुल्ले को विशेष अतिथि के रूप में फीफा वर्ल्ड कप 2022 में बुलाकर कतर ने यह साबित कर दिया है कि उसके इरादे नेक तो कत्तई नहीं है . ज़ाकिर नाईक के ख़िलाफ़ भारत में वारंट जारी है . हमेशा टाई सूट पहनने वाले जाकिर नाईक पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने के गंभीर अभियोग हैं . भारत सरकार इस अभियोगों के आधार पर मलेशिया सरकार से ज़ाकिर नाईक को प्रत्यर्पित करने की लगातार मांग कर रही है . पर मलेशिया की सरकार धूर्त नाईक को बचाती किसी न किसी बहाने बचाती फिर रही है .

दरअसल कतर की तरफ से फीफा की मेजबानी को लेकर पूरी दुनिया में विवाद भी छिड़ा हुआ है और सभी यह मान रहे हैं कि कतर ने पैसे के दम पर मेजबानी हासिल की . लेकिन , सवाल यह है कि वह कौन सी वजह है, जिसके लिए कतर इतना बड़ा आयोजन करवाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए राजी था . अब पता चल रहा है कि वह वजह थी इस्लाम के प्रचार का तगडा प्लेटफार्म तैयार करना . कई जानकार तो ऐसा ही मानते हैं . कतर सरकार का फीफा के आयोजन के समय जाकिर नाईक को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना समझ से परे है . उसका कतर में होना ठोस संकेत है कि वह वहां पर फीफा कप के मैच देखने के लिए आए फुटबॉल प्रेमियों के बीच इस्लाम का प्रचार करने के लिये ही आया है या यूं कहें कि बुलाया गया है . जाकिर नाईक अपनी सभाओं में गैर- मुसलमानों से खुलकर कहता है कि वे इस्लाम प्लेटफार्म के नुकसान धर्म अपना लें .

दरअसल कतर फीफा विश्व कप का आयोजन करने के बहाने अपने को दुनिया का सबसे मुखर इस्लामिक देश साबित करना चाहता है . उसे पता है कि फीफा कप को दुनिया के कोने-कोने में देखा जाता है . इसलिए यह एक बेहतर मौका है , फीफा के बहाने इस्लाम के प्रवक्ता बनने का . उसने फीफा कप से पहले बीयर कंपनी बडवाइजर के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी . उसने फीफा कप के दौरान बीयर की सेल पर रोक लगा दी . इसके चलते बडवाइजर को भारी नुकसान हुआ . कतर ने अपने वादे से पलटते हुए फीफा कप की शुरुआत से पहले स्टेडियम में बीयर की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है . यह बीयर कंपनी के साथ-साथ फुटबॉल फैंस के लिए भी निराश करने वाली खबर है . कतर में शराब की सेल होती है . कतर प्लेटफार्म के नुकसान सरकार ने स्टेडियमों के भीतर बीयर की सेल पर रोक लगाकर अपने को एक बड़ा इस्लामिक देश के रूप में पेश करने की कोशिश की है .

जाकिर नाईक घनघोर हिन्दू विरोधी है . उसने कुछ समय पहले पाकिस्तान सरकार को इस्लामाबाद में हिन्दू मंदिर निर्माण की इजाजत न देने की सलाह भी दी थी . कह सकते हैं कि जाकिर नाईक ने पाकिस्तान में मंदिर न बनाने संबंधी बयान देकर पाकिस्तान के कठमुल्लों को खुश कर दिया . यानी अगर उसे मलेशिया से कभी बाहर किया गया तो उसे पाकिस्तान में सिऱ छिपाने की जगह तो मिल ही जाएगी . जाकिर नाईक के हक में हाफिज सईद और मौलाना अजहर महमूद जैसे कठमुल्ले पाकिस्तान सरकार पर दबाव डालने लगेंगे ताकि उसे पाकिस्तान में शरण मिल जाए . इसीलिए ही वह पाकिस्तान में मंदिर के निर्माण का विरोध कर रहा था . नाईक को कहीं न कहीं यह भी लगता होगा कि उसे मलेशिया के अलावा भी अपना कोई ठिकाना तलाश कर ही लेना चाहिए . क्योंकि, वहां पर उसका संरक्षक महातिर मोहम्मद तो अब सत्ता से बाहर हो चुका है . महातिर मोहम्मद भी भारत का दुश्मन है . वह कश्मीर से लेकर 370 जैसे मसलों पर भारत की निंदा करने से बाज नहीं आता था .

जाकिर नाईक पिछले कई दशकों से भारत में शांतिपूर्ण सामाजिक वातावरण को विषाक्त करता रहा है . वह एक जहरीला किस्म का शख्स है . उसके तो खून में ही हिन्दू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा करना प्लेटफार्म के नुकसान है . ज़ाकिर नाईक लगभग पांच-छह सालों से भारत से भागकर अब मलेशिया जाकर बसा हुआ है . मलेशिया में रहकर नाईक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हिन्दू समाज की हर रोज मीनमेख ही निकालता रहता है . जाकिर नाईक ने मलेशिया के हिंदुओं को लेकर भी तमाम घटिया बातें कही हैं . एक बार उसने कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशियाई पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद मोहातिर से ज़्यादा मोदी के प्रति समर्पित हैं . अब आप समझ सकते हैं कि कितना नीच किस्म का इँसान है नाईक . मलेशिया में करोडों भारतीय मूल के लोग रहते हैं . ये अधिकतर तमिल हिन्दू हैं . कुछ भारतीय मुसलमान और सिख भी हैं . वहां के भारतवंशी भारत से भावनात्मक स्तर पर …

जाकिर नाईक पिछले कई दशकों से भारत में शांतिपूर्ण सामाजिक वातावरण को विषाक्त करता रहा है . वह एक जहरीला किस्म का शख्स है . उसके तो खून में ही हिन्दू-मुसलमानों के बीच खाई पैदा करना है . ज़ाकिर नाईक लगभग पांच-छह सालों से भारत से भागकर अब मलेशिया जाकर बसा हुआ है . मलेशिया में रहकर नाईक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हिन्दू समाज की हर रोज मीनमेख ही निकालता रहता है . जाकिर नाईक ने मलेशिया के हिंदुओं को लेकर भी तमाम घटिया बातें कही हैं . एक बार उसने कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशियाई पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद मोहातिर से ज़्यादा मोदी के प्रति समर्पित हैं . अब आप समझ सकते हैं कि कितना नीच किस्म का इँसान है नाईक . मलेशिया में करोडों भारतीय मूल के लोग रहते हैं . ये अधिकतर तमिल हिन्दू हैं . कुछ भारतीय मुसलमान और सिख भी हैं . वहां के भारतवंशी भारत से भावनात्मक स्तर पर तो जुड़े हैं, पर वे मलेशिया को ही अपना देश मानते हैं . वे वहां की संसद तक में हैं . मंत्री भी हैं . उन पर जाकिर नाईक की बेहद गैर-जिम्मेदराना और विद्वेषपूर्ण टिप्पणी कतई सही नहीं मानी जा सकती है .

इस बीच,आपने देखा होगा कि भारत का मित्र राष्ट्र होने के बाद भी कतर भारत के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार नहीं कर रहा है . नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के बाद कतर अकारण ही कुछ जरूरत से ज्यादा ही नाराज हो गया था . हालांकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी , क्योंकि भारत सरकार ने नुपुर शर्मा के बयान को खारिज कर दिया था . इसतरह , उसका रवैया कतई मित्रवत नहीं था .

बहरहाल, यह तो स्वीकरा करना ही होगा कि चालू फीफा कप को एक अलग रंग देने की कोशिश हो रही है . सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग कतर की इस बात के लिए भूरि-भरि प्रशंसा भी कर रहे हैं कि एक छोटे से देश ने इतना बड़ा आयोजन कैसे कर दिया . इस प्रशंसा में यह सिद्ध करना भी सांकेतिक है कि इस्लामिक देश कुछ भी कर सकते हैं . हालांकि इस क्रम में दो तथ्य नजरअंदाज कर दिए जाते हैं . पहला, कतर में उन श्रमिकों का कसकर शोषण हुआ है जो फीफा कप से जुड़े निर्माण कार्यों से जुड़े हुए थे . उनमें भारतीय, नेपाली, पाकिस्तानी और बांगलादेश के मजदूरों की संख्या ही अधिक थी . यानी मजदूरों का शोषण करते समय कतर भूल गया कि पकिस्तान और बंगलादेश भी तो इस्लामिक मुल्क ही हैं . दूसरा, फीफा कप के लिए बने स्टेडियम और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी प्रोजेक्ट को चीनी कंपनियों ने ही पूरा किया . चीन से तो मानो कतर और इस्लामिक देशों के संगठन प्लेटफार्म के नुकसान ओआईसी की जान ही निकलती है . सारी दुनिया को पता है कि चीन में मुसलमानों पर भीषण अत्याचार हो रहे हैं . चीन ने मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुसलमानों को बुरी तरह कसा हुआ है . उन्हें खान-पान के स्तर पर वह सब कुछ करना पड़ा रहा है, जो उनके धर्म में पूर्ण रूप से निषेध है . यह सब कुछ सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के इशारों पर ही हो रहा है . इस सबके बावजूद कतर और इस्लामिक देश इन अत्याचारों पर चुप है . याद नहीं आता कि कतर ने चीन में मुसलमानों पर हो रही ज्यादतियों पर एक शब्द भी विरोध का दर्ज किया हो . हालांकि नुपुर शर्मा मामले में वह भारत को बंदर भभकी दे रहा था . आर्ब्जवर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के शिनजियांग प्रांत में बने शिविरों में लाखों चीनी मुसलमानों को प्रतिदिन डराया-धमकाया जाता है . यह सब इसलिए हो रहा है ताकि चीनी मुसलमान कम्युनिस्ट विचारधारा को अपना लें . वे इस्लाम से दूर हो जाएं . इन सब तथ्यों पर कतर गौर नहीं करता . उसका तो एक अलग ही एजेंडा है .

Amazon India: अमेजन करेंगी अपना ये प्लेटफॉर्म बंद, जानें इसके पीछे की बड़ी वजह

अमेजन से जुड़े छात्रों के लिए अमेजन इंडिया ने एक बड़ी अपडेट दी है. क्योंकि कंपनी ने अपने इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को बहुत ही जल्द पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है.

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अमेजन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म है. आज के समय में ज्यादातर लोग अमेजन की किसी ना किसी सेवाओं से जुड़े हुए हैं. अगर आप भी अमेजन की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है.

दरअसल अमेजन इंडिया ने एक बहुत अहम फैसला लिया है. जिसके तहत अब कंपनी भारत में ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को बहुत ही जल्द बंद करने जा रही है. कंपनी प्लेटफार्म के नुकसान के इस फैसले से लोगों पर क्या असर पड़ेगा और इस प्लेटफॉर्म में लगे आपके पैसे का क्या होगा.

बंद होगा ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म

अमेजन कंपनी ने ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को कोरोना महामारी के बाद से देश में शुरू किया था. इस प्लेटफॉर्म के जरिए स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की सुविधा घर बैठे प्राप्त करते हैं. इसके अलावा वह इसकी मदद से कई परीक्षा व एंट्रेंस एग्जाम की भी तैयारी करते हैं. लेकिन कंपनी का कहना है कि वह अपनी इस सेवा को भारत में अगले साल अगस्त में पूरी तरह से बंद कर देंगी. कंपनी ने यह भी बताया है कि जिन भी छात्रों ने इस प्लेटफॉर्म में पढ़ाने के लिए रजिस्टर्ड फीस जमा की हैं, उन सभी को उनका पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा.

जानें क्यों बंद करना पड़ रहा यह प्लेटफॉर्म ?

अमेजन कंपनी का कहना है कि वह अपने इस ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को इसलिए बंद कर रही है क्योंकि भारत में इस बिजनेस से उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं प्राप्त हुआ है. शुरुआत से लेकर अब तक इस प्लेटफार्म से घाटा ही हुआ है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पहले से ही कई तरह के ऑनलाइन पढ़ाई के प्लेटफॉर्म मौजूद है, जिसमें लाखों की संख्या में छात्र जुड़कर अपनी पढ़ाई को कर रहे हैं.

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इस सिलसिले में कंपनी ने कहा कि इस फील्ड में कई प्लेटफॉर्म होने की वजह से अमेजन ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म में वर्तमान समय में केवल 150 छात्र शामिल हैं और जिसमें से 50 कर्मचारी भी हैं.

नहीं जाएंगी कर्मचारी की नौकरी

जब से कंपनी ने अपने ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को बंद करने का फैसला लिया है, तब से इसमें शामिल 50 कर्मचारी को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है.

लेकिन कंपनी ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि इन सभी 50 कर्मचारियों को कंपनी अपने अन्य दुसरे बिजनेस में नौकरी देंगी. इसलिए इन्हें घबराने की जरूरत नहीं है कि इस प्लेटफॉर्म के बंद होने के बाद उनका क्या होगा, कंपनी उनके साथ है.

English Summary: Amazon will shut down its platform, know the reason behind it Published on: 25 November 2022, 03:04 IST

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1212 सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक के पद पर मिली पदोन्नति

जशपुर। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1091 सहायक शिक्षक नियमित एवं 121 सहाययक शिक्षक (एल.बी.) टी एवं ई संवर्ग से सहायक शिक्षकों को प्रधानपाठक प्राथमिक शाला के पद पर पदोन्नति किया गया है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 नवम्बर 2022 को कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयानुसार 1212 सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक प्राथमिक के पद पर पदौन्नति आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए एवं पदांकन हेतु काउंसलिंग की प्रक्रिया पदोन्नति पश्चात प्राप्त अभ्यावेदनों के निराकरण उपरांत किये जाने का निर्णय लिया गया। जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा 24 नवम्बर 2022 को उक्तानुसार पदोन्नति आदेश जारी किया गया है। पदोन्नति संबंधी समस्त अभ्यादेवन कार्यालय के कक्ष क्रमांक 05 में प्राप्त किया जा सकेगा।

176 शिक्षित युवाओं को मिली नौकरी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन द्वारा संचालित ''सशक्त युवा सशक्त मुंगेली'' अभियान के अंतर्गत आज जिला कलेक्टोरेट स्थित जनदर्शन कक्ष में रोजगार मेला का आयोजन किया गया, जिसमें 08 निजी कम्पनी के नियोजककर्ता शामिल हुए। इन निजी कम्पनियों के द्वारा जिले के 176 युवाओं का रोजगार के लिए चयन किया गया। इन चयनित युवाओं को कलेक्टर श्री राहुल देव, पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रमोहन सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लेखनी सोनू चंद्राकर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री संजीत बनर्जी और मण्डी बोर्ड मुंगेली के अध्यक्ष श्री आत्मा सिंह क्षत्रिय ने नियुक्ति पत्र प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं जिला प्रशासन द्वारा नियोक्ताओं को भी प्रशंसा प्रत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कलेक्टर श्री देव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच है कि प्रत्येक युवा के हाथ में काम हो। वे आत्मनिर्भर बने। मुख्यमंत्री की इसी सोच के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा आकांक्षा प्लेटफार्म के तहत जिले के युवाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु सेतु का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न कम्पनियों के लिए चयनित युवाओं को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने कहा कि आज के समय में रोजगार बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है। जो रोजगार मिला है, उसे जरूर करें। रोजगार प्राप्त होने और रोजगार से जुड़ने से जो अनुभव प्राप्त होता है, वह आगे भी काम आता है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। किसी भी काम को करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप जिला प्रशासन मुंगेली के द्वारा ''सशक्त युवा सशक्त मुंगेली'' आकांक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से जिले के शिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ने का अभिनव कार्य किया गया है, जो सराहनीय है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बनर्जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुंगेली जिला तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि आकांक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा गया हैै। अब वे अपने माता-पिता की सपने को साकार करेंगे। कार्यक्रम को कृषि मण्डी बोर्ड मुंगेली के अध्यक्ष श्री क्षत्रिय ने विभिन्न कम्पनियों के लिए चयनित युवाओं को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आकांक्षा प्लेटफॉर्म के माध्यम से 08 निजी कम्पनियों के लिए जिले के 176 युवाओं का चयन उनके माता-पिता, समाज के साथ-साथ जिले के लिए गौरव की बात है। जिला रोजगार अधिकारी श्री व्ही. के. केडिया ने आंगतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री तीर्थराज अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर द्वय श्री नवीन भगत एवं श्रीमती मेनका प्रधान सहित आकांक्षा प्लेटफार्म के संबंधित अधिकारी और 600 से अधिक युवा उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि रोजगार मेला में रिइंडिया टेक्नोलाजी प्राईवेट लिमिटेड, बजाज एलायंस लाईफ इंश्योरेंस, सामाजिक सेवा संस्थान, नवकिसान बायोप्लांट, बजाज आटोमोबाईल, सुखकिसान बायोप्लांटेक, एलर्ट सेक्योरिटी सर्विस और क्लाइंट जोमैटो के नियोक्ता शामिल हुए।

ई-श्रम: देश में सबसे ज्यादा बनें महिलाओं के E sharm Card, ये मिलेगी सुविधाएं

ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 26 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं, चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड पाने वाले श्रमिकों की संख्या 8 करोड़ के.

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Newz Fast,New Delhi ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 26 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं, चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में ई-श्रमिक कार्ड पाने वाले श्रमिकों की संख्या 8 करोड़ के पार हो गई है। ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 26 करोड़ 34 लाख 8 हजार 149 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और इन्हें ई-श्रमिक कार्ड जारी हो चुके हैं।

बता दें भारत सरकार ने संपूर्ण भारत के मजदूर परिवारों के लिए ई-श्रम कार्ड योजना का शुभारंभ किया है। इसके माध्यम से यूपी में गरीब मजदूर परिवारों को एक हजार रुपया महीना भत्ता एवं दो लाख रुपया दुर्घटना बीमा मिल रहा है।

ई-श्रम कार्ड को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा भारत के गरीब मजदूर परिवारों को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।

इसके अंतर्गत निर्माण श्रमिक, प्रवासी श्रमिक और प्लेटफार्म श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू श्रमिक, कृषि श्रमिक आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का केंद्रीकृत डेटाबेस का निर्माण करना और श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार प्रदान करना मुख्य उद्देश्य है।

अगर रजिस्ट्रेशन की बात करें तो एक अन्य चुनावी राज्य पंजाब में यह महज 53 लाख से थोड़ा अधिक है। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के मामले में बिहार दूसरे और पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर पर है। चौथे स्थान पर मध्य प्रदेश है।

यूपी में रजिस्ट्रेशन संख्या 8 करोड़ पार

अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि यहां संख्या 8 करोड़ से अधिक हो गई है। अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था।

बाकी के 1000 रुपये कब आएंगे

यूपी सरकार ने 1000-1000 रुपये की जो रकम श्रमिकों के खातों में भेजी है, वह दिसंबर-मार्च की हैं। अभी यूपी में चुनाव आचार संहिता लगी है। ऐसे में अगली सरकार चाहे जिसकी बने, बाकी के 1000-1000 रुपये 10 मार्च के बाद ही आएंगे।

अगर पूरे देश में जातिगत आधार पर देखें तो ई-श्रमिक कार्ड पाने वालों में ओबीसी 45.42 फीसद, सामान्य वर्ग के कामगार 25.51 फीसद, एससी 21.12 फीसद और एसटी 7.94 फीसद हैं। महिलाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा 52.74 फीसद महिलाओं ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, पुरुषों का प्रतिशत 47.26 है।

इनमें से सबसे ज्यादा पंजीकरण कृषि से जुड़े कामगारों की है। खेती-किसानी से जुड़े 14 करोड़ लोगों को ई-श्रमिक कार्ड मिल चुका है। वहीं दूसरे नंबर पर 3 करोड़ श्रमिक घरेलू और घरेलू कामगार से आते हैं। इसके बाद 2.4 करोड़ श्रमिक निमार्ण कार्य वाले हैं।

ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन के प्रमुख फायदे

भारत सरकार की महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
ई-श्रमिक को भत्ता ।
ई-श्रम कार्ड धारक को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए लाई जाने वाली किसी भी सुविधा का सीधा लाभ मिल सकेगा।
भविष्य में पेंशन की सुविधा मिल सकती है।
स्वास्थ्य इलाज में आर्थिक सहायता मिलेगा।
गर्भवती महिलाओं को अपने बच्चों के भरण-पोषण के लिए उचित सुविधा दिया जावेगा।
मकान निर्माण में सहायता के तौर पर धनराशि प्रदान किया जावेगा।
बच्चे की पढ़ाई में आर्थिक सहायता प्रदान किया जावेगा।
केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।
कौन बनवा सकता ई-श्रमिक कार्ड

हर दुकान का नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक, पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर - नौकरानी (काम वाली बाई), खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर, बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन)

पोताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला, वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर, नरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर, फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ती बनाने वाले, मछुवारा, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेला में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर), चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी, विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।

ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन आवश्यक दस्तावेज

1. आधार कार्ड
2. पैन कार्ड
3. पासपोर्ट साइज फोटो
4. मोबाइल नंबर
5. बैंक खाता विवरण

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