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इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
1 – एक दिन पहले ही उस क्षेत्र की न्यूज पता करते हैं जिससे सम्बंधित कम्पनी के शेयर वे अगले दिन खरीदने वाले हैं और इस बात पर विशेष ध्यान देते हैं कि, सोशल मीडिया पर इस क्षेत्र से संबंधित क्या चल रहा है।

Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai

16 कंपनियों में बंद हो सकती है ट्रेडिंग, आपने भी लगाया है पैसा तो देख लीजिए लिस्ट

अचानक किसी कंपनी में ट्रेडिंग बंद होने पर निवेशकों के पैसे का क्या होगा? ऐसा ही 16 कंपनियों के निवेशक इन दिनों सोच रहे हैं.

BSE पर लिस्टेड 16 कंपनियों में जल्द ही ट्रेडिंग बंद हो सकती है. BSE ने इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया है.

शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान बाजार में रोजाना कंपनियों में लाखों लोग ट्रेडिंग करते हैं. निवेश अपना पैसा इसलिए इन्वेस्ट करते हैं क्योंकि मार्केट से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, यहां रिटर्न जितना बेहतर है उतना ही बड़ा रिस्क भी है. अचानक किसी कंपनी में ट्रेडिंग बंद होने पर निवेशकों के पैसे का क्या होगा? ऐसा ही 16 कंपनियों के निवेशक इन दिनों सोच रहे हैं. दरअसल, इन 16 कंपनियों की गलती की सजा निवेशकों को उठानी पड़ सकती है. BSE पर लिस्टेड 16 कंपनियों में जल्द ही ट्रेडिंग बंद हो सकती है. BSE ने इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया है.

शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्‍स लगता है?

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शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा.

एकेएम ग्‍लोबल में पार्टनर अमित माहेश्‍वरी कहते हैं, चूंकि पार्थ की शेयर ट्रेडिंग से इनकम है. इसलिए उन्‍हें इनकम टैक्‍स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए आईटीआर-2 का इस्‍तेमाल करना होगा.

हालांकि, पार्थ अगर इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उसे स्‍पेकुलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाएगा. उस स्थिति में उन्‍हें आईटीआर-3 में अपना रिटर्न फाइल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा. शेयर से हुए गेंस को अगर एक साल तक रखा जाता है तो उसे एसटीसीजी में वर्गीकृत किया जाता है. वहीं, अगर इसे एक साल से ज्‍यादा समय के लिए रखा जाता है तो यह एलटीसीजी में क्‍लासिफाई होता है.

शेयर बाजार से पैसा कमाने का तरीका / राकेश झुनझुनवाला अपनाते हैं ये ट्रिक…

शेयर बाजार से पैसा कमाने का तरीका होता है जो लोगों को अनुभव के साथ आता है। लेकिन जो जल्दबाजी में रहता है उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिर भी कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हे आप जितनी जल्दी सीख लेगें, उतनी जल्दी आप शेयर बाजार के खिलाड़ी बन जायेगें।

शेयर बाजार से पैसा कमाने का तरीका है कि, आप ट्रेडिंग करें। शेयर को खरीदना और बेचना एक तरह का व्यापार होता है जिससे आप एक अच्छी कमाई कर सकते हैं।

लेकिन इसमें रिस्क बहुत होता है और हमेशा नुकसान की संभावना बनी रहती है।

इस रिस्क को बहुत हद तक कम किया भी जा सकता है।

शेयर बाजार के बड़े खिलाड़ी एक निश्चित तरीका अपनाते है और उनके कुछ सीक्रेट्स भी होते हैं।

यहाँ पर मैं कुछ सीक्रेट्स आपसे साझा कर रहा हूँ जो कि बहुत रिसर्च द्व्रारा मुझे ज्ञात हुआ है।

शेयर बाजार से पैसा कमाने का तरीका

शेयर मार्केट से आप दो तरीके से रेगुलर बेस पर पैसा कमा सकते है।
1 – इंट्राडे ट्रेडिंग
2 – स्विंग ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग, एक दिन की ट्रेडिंग होती है जिसमें आपको उसी दिन खरीदकर मार्केट बंद होने से पहले बेचना पड़ता है।

इसमें आपको शेयर ईशू नहीं किया जाता है, आप केवल इसकी खरीद और बिक्री में शामिल होते है।

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग आपकी एक दिन से कई हफ़्तो तक की हो सकती हैं। जब आपको वैल्यू ज्यादा मिले तो आप उसे बेच सकते हैं।

इसमें आपको वास्तविक शेयर ईशू किये जाते है।

अधिक सीखें : शेयर बाजार के फायदे और नुकसान को जान लें ! अगर इसमें निवेश की सोंच रहे हैं

शेयर बाजार से पैसा कमाने का तरीका जिसे लोग सीक्रेट रखते हैं वह यह कि, जिस दिन ट्रेडिंग करते हैं उसकी तैयारी पहले से कर लेते हैं।

Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं: Trading तीन प्रकार की होती है जिसे हम Intraday Trading, Scalping Trading, Swing Trading कहते है. शेयर मार्केट में लोग इन्ही तीनो ट्रेडिंग की मदद से शेयर बाज़ार में पैसा लगाते है और रोज हजारों रूपए कमाते है.

Types of Trading

  • Intraday Trading
  • Scalping Trading
  • Swing Trading

Intraday Trading Kya Hai

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट के खुलने से लेकर उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को Intraday Trading कहते है.

इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदता और बेचता है. जिससे उसे एक ही दिन में शेयर पर ट्रेडिंग करने पर मुनाफा मिलता है और इसी तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है.

Intraday Trading के बारे में और भी अधिक जानने के लिए आप हमारी पोस्ट पड़ सकते है जिसमे इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान जानकारी दी गई है.

Scalping Trading Kya Hai

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है: सकैलपिंग ट्रेडिंग भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में कि जाती है. लेकिन Scalping Trading में पुरे दिन ट्रेडिंग नहीं कि जाती.

यह ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ कुछ ही मिनट या घंटे के लिए कि जाती है. जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:05 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना.

Trading Kise Kahate Hain

Trading को समझना बहुत ही आसान इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान है हम नीचे एक उदहारण की मदद से ट्रेडिंग को समझेंगे.

उदहारण: मान लेते है आप शेयर बाज़ार में शेयर मार्केट में से SBI का इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान 1 share खरीदना चाहते है. मार्केट के 9:15 AM पर खुलते ही शेयर की कीमत 99 रूपए रहती है और दिन में 1 PM तक शेयर की price 100 रूपए हो जाती है.

अब ऐसे में अगर आप शेयर को सुबह खरीद लेते तो 99 रूपए का आपको 1 शेयर मिलता जिसे आप 100 रूपए में बैच सकते थे. अगर आप ऐसा करते तो आपको 1 रूपए का मुनाफा होता जिसे हम profit कहते है और इस पूरी प्रोसेस को हम ट्रेडिंग कहते है.

Trading Account Kya Hai

Trading account वह account होता है जिसकी मदद से आप शेयर मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग करते है और शेयर को ख़रीदे और बेचने का काम करते है.

बिना ट्रेडिंग account के आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते न ही आप किसी शेयर पर buy का order लगा सकते और न ही sell का.

शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्‍स लगता है?

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शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा.

एकेएम ग्‍लोबल में पार्टनर अमित माहेश्‍वरी कहते हैं, चूंकि पार्थ की शेयर ट्रेडिंग से इनकम है. इसलिए उन्‍हें इनकम टैक्‍स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए आईटीआर-2 का इस्‍तेमाल करना होगा.

हालांकि, पार्थ अगर इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उसे स्‍पेकुलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाएगा. उस स्थिति में उन्‍हें आईटीआर-3 में अपना रिटर्न फाइल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा. शेयर से हुए गेंस को अगर एक साल तक रखा जाता है तो उसे एसटीसीजी में वर्गीकृत किया जाता है. वहीं, अगर इसे एक साल से ज्‍यादा समय के लिए रखा जाता है तो यह एलटीसीजी में क्‍लासिफाई होता है.

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