म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें

उम्र के हर पड़ाव पर इतने पैसे बचाने से बनेगा सबसे अच्छा रिटायरमेंट प्लान!
अगर एक सीधा सा सवाल पूछा जाए कि बचत के नाम पर आपके पास क्या है? तो क्या खुद को आप संतोषजनक जवाब दे पाएंगे? उम्र में हर पड़ाव में किस तरह की बचत करनी चाहिए? चलिए देखते हैं.
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बचपन से मम्मी-पापा बचत करना सिखाते हैं. एफडी, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, पेंशन योजना आदि सब उन्हें के सिखाए गए तरीके हैं. लेकिन क्या आज के समय में हम उस तरह से बचत कर पाते हैं जैसा सिखाया गया है? अगर एक सीधा सा सवाल पूछा जाए कि बचत के नाम पर आपके पास क्या है? तो क्या खुद को आप संतोषजनक जवाब दे पाएंगे? उम्र में हर पड़ाव में किस तरह की बचत करनी चाहिए? चलिए देखते हैं.
1. 20 से 30 साल तक.
अपने ट्वेंटीज में यानी 20 से 30 साल के बीच लक्ष्य ये रहना चाहिए कि अपनी सैलरी का 1X (अपनी सैलरी जितना) पैसा बचा लिया जाए.
एक इन्वेस्टमेंट फर्म Ellevest ने 1000 महिलाओं पर रिसर्च की और कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. रिपोर्ट बताती है कि 74% लोगों पर इस दौरान कोई न कोई कर्ज होता है. चाहें वो ईएमआई का हो, या फिर म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें उधार का, या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल. इनमें से 41% ऐसे होते हैं जिनका कर्ज अधिक इंट्रेस्ट वाला होता है.
इसे हल करने का सीधा सा तरीका है कि क्रेडिट कार्ड बिल को जल्दी से जल्दी पूरा खत्म करने की कोशिश करें. साथ ही अगर स्टूडेंट लोन लिया है तो उसे ऑटोपे (Autopay) पर लगा दें इससे इंट्रेस्ट रेट कम होने की गुंजाइश बढ़ जाती है.
एक इमर्जेंसी फंड बना कर रखें. अक्सर इस उम्र में लोग शहर बदलते हैं और एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए पैसे तो लगते ही हैं. इसके अलावा, कोई भी इमर्जेंसी आ सकती है. इसका सबसे अच्छा तरीका है कोई RD बना लेना जो साल भर या दो साल के इमर्जेंसी फंड की तरह काम करेगी.
2. 30 से 40 साल के बीच..
ये वो समय है जब मिड लाइफ क्राइसेस या जिसे हम जिंदगी कहते हैं वो सामने आ जाती है. बच्चे, बच्चों का खर्च, घर का खर्च, कार, ईएमआई, ऑफिस में प्रमोशन का लेट होना कुछ भी हो बहुत सारी समस्याएं इस समय होती हैं.
40 साल तक का लक्ष्य यहां ये होना चाहिए कि आप कम से कम 3X (3 गुना) अपनी सालाना सैलरी बराबर पैसा बचा लें. यानी अगर 5 लाख सैलरी है तो 10 सालों में करीब 15 लाख का निवेश या बचत किसी भी तरह से हो सकती है.
इसका सबसे अच्छा तरीका है घर खरीदना. 56% लोग इसी दौरान अपना घर खरीदते हैं. आपकी बचत कुछ इस तरह से होनी चाहिए कि डाउन पेमेंट से करीब 2 लाख ज्यादा आप खुद बचा लें.
बच्चों के लिए कोई ऐसा प्लान लें या टर्म इंश्योरेंस लें कि उनके कॉलेज जाने से पहले कम से कम फीस का आधा पैसा बचा हो. इसका सबसे अच्छा तरीका टर्म इंश्योरेंस प्लान ही है. इस एज ग्रुप के लोग अगर पीपीएफ में पैसा लगाना चाहते हैं तो उन्हें एक बार दूसरे पेंशन या इंश्योरेंस प्लान देख लेने चाहिए. म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाने से भी अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है हालांकि, इसके पहले एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. 30-40 की उम्र के बीच फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स से बात करना एक सही कदम साबित हो सकता है.
3. 40 से 50 साल की उम्र के बीच.
50 साल से पहले लक्ष्य ये होना चाहिए कि आप अपनी सालाना सैलरी का कम से कम 6 गुना बचा चुके हों.
इस उम्र तक आते - आते चाइल्ड केयर में लगने वाला पैसा कम हो जाता है और वो बचा हुआ पैसा निवेश के या रिटायर्मेंट फंड के काम आ सकता है. दूसरी बात ये कि अगर 30 - 40 के समय टर्म इंश्योरेंस लिया होगा तो उसका रिटर्न काफी अच्छा मिलने लगेगा. वो एक्स्ट्रा कमाई का तरीका साबित हो सकता है. इसके अलावा, अगर अभी तक कोई रिटायरमेंट प्लान नहीं लिया है तो बेहतर होगा कि इस उम्र में रिटायरमेंट प्लान में निवेश करें. हां, रिटर्न उतना अच्छा नहीं मिलेगा क्योंकि निवेश देर से किया है, लेकिन फिर भी कम से कम रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा कमाई का जरिया तो होगा.
इसके अलावा, इस दौर में लोग न तो नौकरी बदलने के बारे में सोचते हैं और न ही घर या शहर, ऐसे समय में नौकरी भी अच्छा रिटर्न देती है ये समय बचत के लिए सबसे अच्छा है.
4. 50 से 60 की उम्र के बीच.
60 से पहले ये लक्ष्य होना चाहिए कि सालाना सैलरी का 8 गुना बचा चुके हों. क्योंकि बहुत से लोग 60 के बाद रिटायर हो जाते हैं इसलिए उनके लिए जरूरी है कि वो इतना बचा चुके हों कि आराम से खर्च चल जाए.
इस उम्र तक आते-आते नौकरी के अलावा, कोई और काम करने के बारे में भी सोच लेना चाहिए. इसे अपना रिटायरमेंट प्लान भी कहा जा सकता है. अगर अभी तक किसी से फाइनेंशियल एडवाइस नहीं ली है तो ये सही समय है उसे लेने का. ये जानना जरूरी है कि पैसा सही ट्रैक पर है या नहीं. रिटायरमेंट के लिए जो पैसा बचाया है वो काम भी करेगा या नहीं.
5. 60 के बाद.
अगर रिटायरमेंट नहीं लिया है तो ये लक्ष्य होना चाहिए कि कम से कम अगले 5 साल तक सैलरी का 10 गुना आपने बचा लिया हो. इस उम्र तक आते-आते 52% महिलाओं के पास अपनी प्रॉपर्टी होती है.
इस दौर में रिटायरमेंट प्लान आपको रिटर्न देने लगेंगे. इसके अलावा, इनकम टैक्स के झमेले से भी दूर रहेंगे.
इस पूरे दौर में अगर आप सेविंग का मतलब ये समझ रहे हैं कि बस बैंक अकाउंट में पैसा पड़ा रहे तो ये गलत है. सेविंग्स करने के लिए निवेश जरूरी है.
अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए 2020 में यहां करें निवेश, नहीं होगी पैसों की कमी
सपने देखना आसान होता है लेकिन उन्हें पूरा करना कठिन। साल 2020 में कई लोग 2019 में देखे गए अपने अधूरे सपनों को पूरा करना चाहेंगे। लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। अपने भविष्य को संवारने के लिए हम कड़ी मेहनत तो करते हैं लेकिन महंगाई के इस दौर में अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाते। एक जगह पर हम कई बार चूक जाते हैं और वो है बचत। हम अपने भविष्य के लिए सोचते तो बहुत हैं लेकिन बचत नहीं कर पाते। बचत कर भविष्य के लिए हम एक ऐसी पूंजी तैयार कर सकते हैं, जिसकी मदद से हम रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। अपना घर खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा और उनकी शादी हमारे लिए जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी है बचत। इसके लिए हमें अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।
हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप सुखद जीवन व्यतीत कर सकेंगे। खुद के लिए पूंजी तैयार करने के लिए नीचे लिखे टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं।
म्यूचुअल फंड
पीपीएफ, फिक्स डिपॉजिट और इनके फायदों के बारे में तो सबको पता है। मौजूदा समय में इनकी ब्याज दरें लगातार घटती जा रही हैं। ऐसे में हम आपको निवेश के एक और विकल्प के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड की। आज म्यूचुअल फंड्स ने ऐसे कई रास्ते खोले हैं जिससे हम वो हर सपने पूरा कर सकते हैं जिन्हें हमने हमेशा से ही पूरा करना चाहा था। इन्हीं रास्तों में से एक है एसआईपी।
अपने सपनों को पूरा करने का सबसे आसान तरीका है दीर्घकालीन और नियमित निवेश। म्यूचुअल फंड्स द्वारा प्रस्तावित SIP या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान नियमित रूप से निवेश करने का एक सुलभ और भरोसेमंद तरीका है, जिसके तहत आप 500 रुपये प्रतिमाह से भी निवेश कर सकते हैं। मतलब अपने मासिक खर्च पर बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपने सपनों को पूरा कर सकते है। निवेश की राशि भले ही छोटी हो पर SIP लंबे समय में धीरे-धीरे धन संचयित करने की आसान व्यवस्था है।
म्यूचुअल फंड्स SIP निवेश से आप चक्रवृद्धिता का भी लाभ उठा सकते हैं, अर्थात पहले महीने का आपका मुनाफा आपके अगले महीने के मूलधन में जुड़ जाता है जिससे आपका निवेश बढ़ता जाता है और आपका फायदा भी। जितने ज्यादा समय तक आप SIP में निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा फायदा आपको मिल सकता है। इसलिए लंबे समय तक SIP के जरिये निवेश करने से आपको धन संचय करने में मदद मिलती है।
एसआईपी शुरू करने के लिए सही समय का इंतजार नहीं करना होता, जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना फायदा होने की संभावना होती है। जितने बड़े सपने उतनी अवधि का निवेश। तो बस सपने देखते रहिए और निवेश करते रहिए। यह आपके निवेश पर अधिक रिटर्न प्रदान कर सकते हैं। यहीं कारण हैं जिनकी वजह से म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है।
NBFC में करें निवेश
यदि आप कम अवधि की फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) पर अधिक ब्याज पाना चाहते हैं, तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले कंपनी डिपॉजिट में पैसा जमा करना आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। बैंक डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट से आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
बता दें कि डिपॉजिट के जरिए पैसे जुटाकर कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाती हैं। कंपनियों के लिए ये एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होता है। यानी डिफॉल्ट की स्थिति में निवेशकों को कोई गारंटी नहीं मिलती हैं।
कंपनी डिपॉजिट में एफडी की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। लेकिन ज्यादा ब्याज से ये ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हो जाता है। ये उन लोगों के लिए है जिन्हें नियमित आय चाहिए। बता दें कि एफडी और कंपनी डिपॉजिट दोनों ही 10 वर्षों तक के लिए कराई जा सकती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में कंपनी डिपॉजिट पर आपको 50 से 100 बीपीएस (ब्याज दर का एक मापक) ज्यादा मिलता है। एनबीएफसी अपने कॉपोर्रेट डिपॉजिट पर 7.7 फीसद से आठ फीसदी तक ब्याज देता है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये दर 7.95 से 8.25 फीसदी के बीच है।
क्या है जीपीएफ ?
जीपीएफ के सदस्य केवल सरकारी कमर्चारी होते हैं। यह ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे, रक्षा बलों की भविष्य निधि, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्ररीज के कर्मचारियों के भविष्य निधि पर लागू होगी। जीपीएफ में सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा निवेश करते हैं, जिसका रिटर्न उन्हें रिटायरमेंट के समय मिलता है।
जुलाई में केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) पर ब्याज दरों में कमी की थी। 10 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद अब जीपीएफ में जमा राशि पर 7.9 फीसदी ब्याज मिलता है।
इससे पहले सरकार ने पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए यह ब्याज दर बढ़ाई थी। तब से इनमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था।
ईटीएफ भी है लाभदायक
गोल्ड ईटीएफ परियोजनाओं की संपत्तियां चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों में बढ़कर 5,079.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। 2012 में उच्चतम स्तर छूने के बाद लंबे समय से निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में निवेश से दूरी बनाई थी। हालांकि, सोने की कीमतें म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें बढ़ने के साथ इस साल इसमें सुधार की प्रवृत्ति देखी जा रही है। ETF को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कहते हैं जो निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। लेकिन इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।
Friendship Day: जिंदगी में कभी नहीं होगी पैसों की टेंशन, अगर इन 3 से बनाए रखेंगे गहरी दोस्ती
दोस्तों की तरह ही हर फाइनेंशियल प्रोडक्ट या स्कीम एक दूसरे से अलग होते हैं ऐसे में आपको ऐसा प्रोडक्ट चाहिए जो आपके अनुसार ही हो। इसके लिए भी आपको एक दोस्त की जरूरत होगी जो आपको बताएगा कि आपके लिए किसके साथ आगे बढ़ना सही फैसला होगा।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। Friendship Day पर अगर आपसे पूछा जाए कि आपको अपने आसपास कैसे दोस्त चाहिए, तो आप में से अधिकांश कहेंगे कि दोस्त ऐसे हों जो मुसीबत या मुश्किलों में साथ दें और समय के साथ ये दोस्ती और गहरी होती चली जाए। अपनी जिंदगी में ऐसे दोस्त तो आपको खुद ही तलाशने होंगे लेकिन financial market में ऐसे दोस्त तलाशने में आपकी मदद हम कर सकते हैं। अगर आप इन फाइनेंशियल फ्रैंड्स के साथ अपनी दोस्ती को पनपने का वक्त देते हैं तो इन काबिल दोस्तों की मदद से आप न केवल कमाई बढ़ा सकेंगे , साथ ही किसी मुश्किल में ये एक सच्चे दोस्त की तरह आपकी मदद भी करेंगे।
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कैसे करें दोस्त का चुनाव?
दोस्तों की तरह ही हर फाइनेंशियल प्रोडक्ट या स्कीम एक दूसरे से अलग होते हैं, ऐसे में आपको ऐसा प्रोडक्ट चाहिए जो आपके अनुसार ही हो। इसके लिए भी आपको एक दोस्त की जरूरत होगी जो आपको बताएगा कि आपके लिए किसके साथ आगे बढ़ना सही फैसला होगा। 5paisa भी आपका एक ऐसा ही दोस्त है जिसके साथ आप अपने लिए सबसे अच्छे फैसले ले सकेंगे और मजबूत भविष्य बना सकेंगे।
म्यूचुअल फंड्स
Mutual funds ऐसे समझदार दोस्तों की तरह होते म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें हैं जिनसे आप अपनी इच्छाएं, लक्ष्य और सीमित सैलरी जैसी सभी बात कर सकते हैं और बदले में वो आपको आपकी सीमित आय में ही आपकी इच्छा या लक्ष्य पूरा करने का रास्ता बता देते हैं। म्युचुअल फंड एक अच्छे दोस्त की तरह आपकी इच्छाओं को ऊपर रखते हुए निवेश के कई विकल्प देता है जिसमें growth fund , balanced fund और debt fund जैसी स्कीम होती हैं वहीं साथ ही छोटी छोटी रकम से निवेश के लिए SIP की सुविधा भी होती है। मतलब साफ है कि म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें MF एक सच्चे दोस्त की तरह आपके सपने को पूरा करने की पूरी कोशिश करता है। इसलिए इस Friendship Day पर एक फंड से दोस्ती तो बनती है। इस दोस्त को मिलाने में आपकी मदद 5paisa कर सकता है।
इंश्योरेंस
Insurance product ऐसे दोस्त की तरह म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें होते हैं जो मुसीबत के समय आपके और आपके परिवार के लिए खड़े रहते हैं। इंश्योरेंस कई तरह के होते हैं जो आपको बिमारियों के खर्च, वाहनों के नुकसान, घरों के नुकसान यहां कि किसी के न रहने पर उसके परिवार के खर्च तक को उठाते हैं। ऐसे में इंश्योरेंस प्रोडक्ट से दोस्ती आपके लिए हमेशा फायदे का सौदा साबित होता है। कई बार ऐसा होता है कि थोड़े से प्रीमियम को बचाने के लालच में लोग इस दोस्ती को बीच में तोड़ने की गलती करते हैं या फिर इस प्रोडक्ट से दोस्ती करते ही नहीं। ऐसा कर वो मुश्किल के वक्त अकेले रहने का खतरा उठा लेते हैं।
रिटायरमेंट प्लान
Retirement plan ग्रुप में रहने वाले उन गंभीर दोस्तों की तरह होते हैं जिनको हमेशा आपके भविष्य की फिक्र लगी रहती है। उन्हें चिंता होती है कि जब आपकी उम्र बढ़ेगी तो आपके खर्चे कैसे निपटेंगे। रिटायरमेंट प्लान आपके लिए पहले से ही अनुमान लगा लेते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जरूरतें कितनी होगी। यही नहीं वो ये भी प्लान करते हैं कि आप आगे भी कैसे एक शानदार जिंदगी जी सकते हैं। अक्सर युवावस्था में लोग ऐसे गंभीर दोस्तों से दूरी बना कर रखते हैं और जब उम्र बीतने के साथ उन्हें ऐसी दोस्ती की कद्र समझ में आती है तब तक काफी वक्त बीत जाता है। अगर आपके फाइनेंशियल फ्रेंड सर्किल में रिटायरमेंट प्लान जैसा दोस्त न हो तो भले ही आपकी उम्र कुछ भी हो इस फ्रैंडशिप डे पर एक अच्छा प्लान तलाशें और उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लें।
रेग्युलर मंथली इनकम के ये शानदार 5 विकल्प, जिनसे आपको होगी नियमित आय
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और वे म्यूचुअल फंड्स, जिनसे वक्त-जरूरत पर नियम के दायरे में रहकर विदड्रॉल का ऑप्शन दिया जा रहा हो. ऐसे विकल्प हैं जो नियमित मासिक आय की जरूरतों को पूरा करते हैं.
रेग्युलर मंथली इनकम के ये शानदार पांच विकल्प आप जरूर आजमाना चाहेंगे. (प्रतीकात्मक फोटो)
रिटायरमेंट ले चुके लोगों के लिए अपने निवेश से नियमित आय प्राप्त करना उनकी टॉप प्रायोरिटी होता है. यहां तक कि जो पार्ट टाइम काम कर रहे हों, वे भी यह कोशिश करते ही हैं कि रेग्युलर इनकम का सोर्स जरूर हो ताकि आमद बनी रही. ऐसे में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पास पारंपरिक एफडी से इतर भी कई शानदार विकल्प मौजूद हैं. ये हैं- पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) और वे म्यूचुअल फंड्स, जिनसे वक्त-जरूरत पर नियम के दायरे में विदड्रॉल का ऑप्शन दिया जा रहा हो.
1 अप्रैल से वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में खोले गए बचत खातों और आवर्ती जमा खातों (रिकरिंग डिपॉज़िट या आरडी) पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल होगी. मौजूदा समय में बचत खातों से होने वाली आय पर प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीए के तहत 10000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स में छूट हासिल कर सकता है, लेकिन अब टैक्स कानूनों में धारा 80टीटीबी जोड़ने के प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपये तक की रकम पर कर में छूट हासिल होगी.
फिक्स्ड डिपॉजिट आम लोगों के बीच खासा लोकप्रिय विकल्प है जिससे नियमित मासिक आय प्राप्त की जा सकती है. कुछ बैंक 10 साल तक की मच्योरिटी का विकल्प भी प्रोवाइड करवाते हैं. कुछ दिन पहले ही एसबीआई ने मियादी जमाओं पर ब्याज की दरों में इजाफा किया है. ऐसे में हो सकता है कि अन्य बैंक भी ब्याज दरों में इजाफा करें जिससे आपको ब्याज के जरिए मिलने वाली आय में भी इजाफा हो. मगर इस बीच यह बता दें कि बैंक ब्याज से होने वाली 10 हजार या इससे अधिक की आय पर 10 फीसदी टीडीएस काटता है. यानी. ब्याज से होने वाली आय टैक्स स्लैब के मुताबिक कर योग्य होती है.
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post Office MIS)
डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स फिलहाल मंथली इनकम स्कीम (MIS)पर 7.3 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है. निवेश की अधिकतम लिमिट है 4.5 लाख रुपये जोकि किसी एक खाते के लिए है. जॉइंट अकाउंट के लिए 9 लाख रुपये की अधिकतम सीमा होती है. पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम यानी मासिक आय योजना के लिए मच्योरिटी पीरियड पांच साल का है.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana-PMVVY)
प्रधानमंत्री म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें वाया वंदना योजना सीनियर सिटीजन्स को ध्यान में रखकर शुरू की गई है. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना भारत सरकार द्वारा घोषित एक पेंशन योजना है जो विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है. सरकार ने इस बजट में इसके तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया है. इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव भी दिया है. पहले यह योजना 4 मई, 2017 से 3 मई, 2018 तक के लिए थी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत सुनिश्चित 8 फीसदी ब्याज दिया जाता है. एलआईसी सरकार की इस योजना को चलाती है. इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से (एलआईसी) ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है. भारतीय जीवन बीमा निगम को इस योजना का संचालन करने का विशेषाधिकार दिया गया है. योजना की खरीदारी के समय पेंशन द्वारा चुनी गई मासिक/तिमाही/अर्ध-वार्षिक/वार्षिक आवृत्ति के अनुसार 10 वर्षों की पॉलिसी अवधि के दौरान हर अवधि के अंत में पेंशन देय है. इस योजना को सेवा कर और जीएसटी से छूट दी गई है.
सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme)
सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम, 2014, उन लोगों के लिए डिपॉजिट स्कीम है जिनकी आयु 60 हो चुकी है. लेकिन वे डिफेंस पर्सनल जो 50 साल के हो चुके हैं या फिर वीआरएस लेने वाले जिन्होंने 55 साल की उम्र में यह रिटायरमेंट ली है, वे भी कुछ खास नियम शर्तों से यह खाता खोल सकते हैं. इसके तहत आप 15 लाख रुपये अधिकतम निवेश कर सकते हैं. जनवरी से मार्च वाली तिमाही में इस पर मिलने वाले ब्याज की दर है 8.3 फीसदी. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत सेक्शन 80सी के तहत यह स्कीम टैक्स फ्री है.लेकिन इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं है. टीडीएस के संबंधित नियम इस पर लागू हैं.
म्यूचुअल फंड्स से नियमित आय
म्यूचुअल फंड्स के एसडब्ल्यूपी यानी सिस्टमेटिक विदड्रॉल प्लान के जरिए भी नियमित मासिक आय का लाभ लिया जा सकता है. म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स फंड हाउस के पास एक एसडब्ल्यूपी शुरू करके आप समय के साथ अपने म्यूचुअल फंड निवेश में से पैसा निकाल सकते हैं. एसडब्ल्यूपी के तहत एक निश्चित तारीख पर एक निश्चित रकम रिडीम होती है. इन्वेस्टर को महीने में एक तारीख चुननी होती है जिस पर वह एसडब्ल्यूपी ट्रांजैक्शन चाहता है. कई म्यूचुअल फंड्स डिविडेंड का विकल्प देते हैं लेकिन याद रखें कि डिविडेंड यानी कि लाभांश कभी भी गारंटीड नहीं होता है. यह तो स्कीम के नफे में जाने पर मिलने वाले लाभ पर निर्भर करता है. और यह लाभ मार्केट लिंक्ड होता है यानी कि शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है.
VIDEO- नौजवान कैसे करें पैसा निवेश?
अब जब आपको ऐसे कई ऑप्शन्स के बारे में मोटामोटी जानकारी मिल गई जिनसे नियमित मासिक आय प्राप्त की जा सकती है म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें तो अपनी जरुरत अनुसार इसमें से किसी का चयन करें और निवेश कर लें.
करोड़पति बनकर होंगे रिटायर, हर महीने खाते में आएंगे 50,000 रुपए
रिटायरमेंट फंड जमा करने के लिए बहुत सारे निवेश विकल्प हैं मौजूद
Update: Sunday, January 2, 2022 @ 5:34 PM
दुनिया में हर इंसान चाहता है कि उसका बुढ़ापा सुरक्षित हो और उसे बुढ़ापे में कभी पैसे की दिक्कत ना हो। हर व्यक्ति इसके लिए पहले से ही कई तरह की प्लानिंग करना शुरू कर देता है। कुछ लोग नौकरी के साथ-साथ ही रिटायरमेंट (Retirement) के लिए पैसे बचाने शुरू कर देते हैं। रिटायरमेंट फंड जमा करने के लिए ईपीएफ, एनपीएस, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स जैसे बहुत सारे निवेश विकल्प मौजूद हैं।
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गौरतलब है कि व्यक्ति जितनी जल्दी सेविंग्स करना शुरू करेगा उसको रिटायरमेंट तक उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा। न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) (New Pension System) (NPS) एक ऐसा विकल्प है जो सुरक्षित होने के साथ-साथ रिटर्न भी अच्छा देता है। एनपीएस के जरिए व्यक्ति अपने लिए 50,000 रुपए हर महीने की पेंशन का इंतजाम कर सकता है।
एनपीएस से रिटायरमेंट प्लानिंग
एनपीएस से रिटायरमेंट प्लानिंग करने पर आपका बुढ़ापा बिना किसी टेंशन के गुजरेगा और आप किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे। जैसे, अभी आपकी उम्र 30 साल है और आज अगर आप एनपीएस में हर महीने 10 हजार रुपए निवेश करते हैं तो रिटायरमेंट तक यानी 30 साल बाद जब आप 60 साल के होंगे तो आपको एकमुश्त 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिलेगी और 52 हजार रुपए हर महीने पेंशन भी आएगी।
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ऐसे करें NPS में निवेश
मान लीजिए आपकी उम्र 30 साल है और आपकी रिटायरमेंट की उम्र 60 साल तो आपको एनपीएस में हर महीने 10,000 रुपए निवेश करना होगा। इसका आपको अनुमानित रिटर्न 9 फीसदी मिलेगा, जिसका कि एन्युटी पीरियड (Annuity Period) 20 साल होगा। जबकि, एन्युटी प्लान में निवेश 40 फीसदी होगा और एन्युटी पर अनुमानित रिटर्न 6 फीसदी होगा।
रिटायर होने से पहले होंगे करोड़पति
बता दें कि एनपीएस को सरकार की तरफ से गारंटी मिलती है यानी आपको 9 से लेकर 12 फीसदी तक का सालाना रिटर्न मिलता है। दरअसल, रेगुलर पेंशन पाने के लिए मैच्योरिटी पर आपने 40 फीसदी हिस्सा किसी एन्युटी स्कीम में निवेश करना होता है, जिसका एन्युटी का रिटर्न भी 6 फीसदी के करीब होता है।
एनपीएस कैलकुलेटर के हिसाब से मिलती है इतनी रकम
एनपीएस कैलकुलेटर (Calculator) के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति की कुल वेल्थ 1.84 करोड़ रुपए होती है और एकमुश्त रकम 1.10 करोड़ रुपए होती है, जबकि हर महीने 52,857 रुपए पेंशन मिलती है। गौर रहे कि ये सब कैलकुलेशन अनुमानित हैं, आंकड़े और रिटर्न अलग हो सकते हैं।
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इन फैक्टर्स पर निर्भर है एनपीएस रिटर्न
एनपीएस में 18 साल से 65 साल तक का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति अपना मंथली पेंशन (Monthly Pension) घटाना या बढ़ाना चाहते है तो उसे एनपीएस में निवेश भी उसी हिसाब से घटाना या बढ़ाना होगा। एनपीएस से कुल वेल्थ और पेंशन कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है, जैसे उम्र और इक्विटी मार्केट (Equity Market) का परफॉर्मेंस।
ये हैं एनपीएस में टैक्स बेनेफिट
एनपीएस के जरिए कोई भी व्यक्ति सालाना 2 लाख रुपए तक का टैक्स बचा सकता है। इनकम टैक्स (Income Tax) के सेक्शन 80 सी (80C) के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक टैक्स बचा सकता है, लेकिन अगर कोई एनपीएस में निवेश करता है तो ही ये 50,000 रुपए अतिरिक्त टैक्स छूट मिलती है।
दो तरह के होते हैं एनपीएस
एनपीएस दो तरह के होते हैं, एनपीएस टियर-1 और एनपीएस टियर-2। एनपीएस टियर-1 में न्यूनतम निवेश 500 रुपए है, जबकि एनपीएस टियर-2 में न्यूनतम निवेश 1000 रुपए है। एनपीएस में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है। एनपीएस में निवेश के तीन विकल्प मिलते हैं, जिसमें निवेशक को ये चुनना होता है कि उसका पैसा कहां निवेश किया जाएगा, इक्विटी (Equity), कॉरपोरेट डेट (Corporate Date) और सरकारी बॉन्ड्स (Government Bonds) और इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर होने पर इसमें रिटर्न भी ज्यादा मिलता है।