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विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है

विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है

यदि भारत में नकली विदेशी मुद्रा बनाई जाए तो FIR कहां दर्ज होगी, भारत में या विदेश में / ABOUT IPC

हर देश के अपने कानून होते हैं। राज्य सरकारों के भी कुछ कानून होते हैं। कुछ गतिविधियां ऐसी होती हैं जो एक राज्य में अपराध लेकिन दूसरे राज्य में सामान्य होती है। भारत में नकली नोट छापने अपराध है परंतु प्रश्न यह है कि यदि भारत में किसी दूसरे देश की मुद्रा बनाई जाए तो क्या वह भी अपराध माना जाएगा। आइए जानते हैं भारतीय दंड संहिता में इसके बारे में क्या लिखा है:-

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 489 - क, की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति किसी भी देशी या विदेशी मुद्रा या करेंसी नोट या बैंक नोट का कूटकरण (जाली बनाएगा) करेगा किसी भी भाग को बदलेगा या सम्पादित करेगा। वह व्यक्ति धारा 489 क के अंतर्गत दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 489- क, के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है हैं।इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को होता हैं। सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- केरल राज्य बनाम मथाई वर्गिस - वाद में विनिशिचत किया गया कि पदावली, कोई भी करेंसी नोट के अंतर्गत केवल भारतीय करेंसी ही सम्मिलित नहीं है बल्कि इसमें अन्य विदेशी करेंसी जैसे- डॉलर, पाउंड आदि का कूटकरण करना भारत में धारा 489 क, के अंत एक दण्डनीय अपराध है।

बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

इंड एसएमई आरोग्यम

सी) अनुमत दवाओं (कोविड-19 के दवाओं सहित), टीका, मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन संकेंद्रक, पल्स ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर, पीपीई, सैनिटाइज़र, दस्ताने, निश्वास मास्क आदि के निर्माता और आपूर्तिकर्ता।

डी) मेडिकल बुनियादी ढांचे की स्थापना / विस्तार जैसे बिस्तर क्षमता, आईसीयू, चिकित्सा उपकरण, डायग्नोस्टिक केंद्र और पैथोलॉजी प्रयोगशालाएं आदि बनाना / जोड़ना (स्थापना / विस्तार में कंक्रीट की इमारत का निर्माण और / या जीआई शीट की छतों के साथ भवन आदि का निर्माण शामिल हैं)।

ई) नेत्र केंद्र, ईएनटी केंद्र, छोटे और मध्यम आकार के विशेष ग्राहक यथा स्किन क्लीनिक, डेंटल क्लीनिक, डायलिसिस सेंटर, एंडोस्कोपी सेंटर, आईवीएफ सेंटर, पॉली क्लीनिक, एक्स-रे लैब आदि।

एफ) हेल्थकेयर आपूर्ति में शामिल महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक फर्म यथा मेडिकल उपकरणों, कर्मियों, मरीजों आदि का परिवहन।

बी) मेडिकल उपकरणों के साथ-साथ सहायक उपकरणों की खरीद के लिए।

सी) मौजूदा अस्पतालों/ नर्सिंग होम/ क्लीनिकों के विस्तार/ नवीनीकरण/ आधुनिकीकरण के लिए।

डी) कार्यशील पूंजी विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है की आवश्यकता को पूरा करने और अचल संपत्तियों के अर्जन के लिए हेल्थकेयर उत्पादों के निर्माताओं को वित्त प्रदान करना।

ई) मेडिकल उपयोग के लिए पावर बैकअप के साथ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना।

एफ) अनुमत दवाओं (कोविड -19 दवाओं सहित), टीका, वेंटिलेटर, पीपीई, निश्वास मास्क, आईसीयू बेड आदि का उत्पादन करना।

जी) टीका और कोविड संबंधित दवाओं का आयात करना।

एच) हेल्थकेयर गतिविधियों, एम्बुलेंस वाहन, क्रायोजेनिक ट्रक आदि की खरीद में लगी लॉजिस्टिक फर्मों को वित्तपोषित करना।

आई) एबीपीएम-जेएवाई (आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों की प्राप्तियों का वित्तपोषण।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर.

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में रिकॉर्ड निवेश से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है। आइए जानते हैं मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने।

विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे

1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।

2. बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।

4. अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

5. विदेशी मुद्रा बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है। इससे सरकारी योजनाओं विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है में खर्च करने के लिए पैसा मिलता है।

विदेशी मुद्रा भंडार का घटक

देशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, बॉन्ड, बैंक जमा, सोना और वित्तीय एसेट होते हैं। भारत के मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 563.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसक साथ ही स्वर्ण भंडार बढ़कर 38.10 अरब डॉलर का हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 5.01 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। इसके चलिते विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 608.081 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

इस तरह बढ़ा मुद्रा भंडार

साल 1991 में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 1.2 अरब डॉलर था जो बीते 20 साल में बढ़कर 604.80 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार देश के 15 महीने के आयात बिल को संभालने का मद्दा रखता है। लगातार बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार देश की मजबूत होती स्थिति का इशारा कर रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आगे भी यह रफ्तार बने रहने की उम्मीद है।

foreign exchange हिन्दी में

The world market offers significant opportunity to earn foreign exchange through exports .

विश्व बाजार निर्यात के जरिए विदेशी मुद्रा कमाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है .

Foreign Exchange

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इसी तरह के वाक्यांश

उदाहरण

There is substantial fishing activity, although this industry does not bring in much foreign exchange.

यहाँ मछली पकड़ने से जुड़ी गतिविधियां काफी होती हैं, हालांकि यह उद्योग देश में अधिक विदेशी मुद्रा नहीं ला पाता है।

इसी तरह, कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां विदेश में पूंजी जुटाने के लिए, विदेशी शेयर बाजारों में अपने शेयरों को सूचीबद्ध कराती हैं।

At the age of 18, Jennifer learned Spanish when she participated in the foreign exchange program around 1990.

१८ साल की उम्र में, जेनिफर ने १९६० के आसपास फोरन विदेशी मिनिमय में हिस्सा लिया, उसी दौरान उन्होंने स्पेनिश सीखी।

जो भारत के कुल निर्यात का 20.98 प्रतिशत है। इस प्रकार इंजीनियरिंग सामान मर्केन्टाइज सामानों में भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है।

भारत का Foreign Exchange Reserve लगभग 30 हजार करोड़ डॉलर से बढ़कर 40 हजार करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया है।

* भारत का Foreign Exchange Reserve लगभग 300 बिलियन डॉलर से बढ़कर 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है।

Our foreign exchange reserves have crossed 400 billion dollars, and we continue to attract large foreign capital flows.

हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है और हम बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी निवेश को लगातार आकर्षित कर रहे हैं।

Google will automatically refresh the foreign exchange rates that generate converted prices once per quarter.

Google अपने आप हर तिमाही में एक बार विदेशी मुद्रा बदलने की उन दरों को रीफ़्रेश करेगा, जिससे दूसरी मुद्रा में कीमतें बदली जाती हैं.विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है

GDP growth, Foreign exchange reserves, stock market valuations, and investor confidence have all increased.

वहीं, दूसरी ओर जीडीपी वृद्धि दर, विदेशी मुद्रा भण्डार, शेयरों के भाव और निवेशक भरोसा सभी में वृद्धि दर्ज की गई है।

Foreign investment, like other investment, has the potential for generation of employment opportunities and foreign exchange earnings.

विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम 2000

संसद ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 को प्रतिस्‍थापित करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 अधिनियम बनाया है । यह नियम 1 जून , 2000 से लागू हुआ है । उक्‍त अधिनियम के अन्तर्गत मामलों की जांच करने हेतु केन्‍द्र सरकार ने निदेशक और अन्‍य अधिकारियों सहित प्रवर्तन निदेशालय को चिन्‍हित किया है ।

इस अधिनियम का प्रयोजन भारत में विदेशी मुद्रा बाजार का अनुरक्षण और विधिवत रूप से विकास का उन्‍नयन और विदेशी व्यापार और भुगतान को साध्‍य बनाने के उद्देश्‍य से विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करना है ।

यह अधिनियम सम्‍पूर्ण भारत में लागू है और भारतीय निवासी द्वारा नियंत्रित या भारत से बाहर उनके स्‍वामित्‍व में एजेंसियों और सभी शाखाओं , कार्यालयों में भी लागू होगा । जहां यह नियम लागू है किसी भी व्‍यक्‍ति द्वारा भारत से बाहर किए गए उल्‍लंघन पर भी लागू होगा ।

विदेशी मुद्रा प्रबंध व्‍यापक स्‍कीम अधिनियम , 1999

धारा 3- प्राधिकृत व्‍यक्‍ति के माध्‍यम को छोड़कर विदेशी मुद्रा में लेन-देन निषेध है । यह धारा बताती है कि कोई भी व्‍यक्‍ति भारतीय रिजर्व बैंक के साधारण या विशेष अनुमति के बिना नहीं कर सकता है –

(क) प्राधिकृत व्‍यक्‍ति न होने के कारण कोई भी व्‍यक्‍ति विदेशी प्रतिभूतियां या विदेशी मुद्रा अंतरण या लेन –देन

(ख) भारत से बाहर रह रहे कोई भी व्‍यक्‍ति किसी प्रकार से क्रेडिट के लिए या भुगतान के लिए

(ग) किसी प्रकार के भारत से बाहर रह रहे किसी भी व्‍यक्‍ति की ओर से या आदेश द्वारा भुगतान, प्राधिकृत व्‍यक्‍ति के माध्‍यम से अन्‍यथा प्राप्‍त करना,

(घ) किसी भी व्‍यक्‍ति द्वारा भारत के बाहर कोई भी सम्पत्ति, अर्जन करने के लिए अधिकार का अंतरण या सृजन या अर्जन के सहयोजन में विचार के लिए भारत में किसी भी वित्‍तीय लेन-देन में प्रविष्‍टि

धारा -4 इस नियम में विशेष रूप से यथा उपबंधित के अतिरिक्त भारत से बाहर स्थित कोई भी अचल सम्पत्ति या विदेशी मुद्रा हस्तांतरण करने या अर्जन, धारण , स्‍वामित्‍व, कब्‍जा करने से भारत में किसी भी व्‍यक्‍ति को रोकना । “विदेशी मुद्रा ” और “ विदेशी प्रतिभूति ” के निबंधन को इस नियम की धारा 2 (ध) और 2(न) में परिभाषित है । केन्द्रीय सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू लेखा लेन-देन) अधिनियम, 2000 बनाया है ।

धारा-6 पूंजीगत लेखा लेन-देन के बारे में यह धारा पूंजीगत लेखा लेन- देन के लिए एक प्राधिकृत व्‍यक्‍ति को या विदेशी मुद्रा बेचने या निकालने के लिए एक व्यक्ति को अनुमति देती है । केन्द्रीय सरकार के परामर्श से भारतीय रिजर्व बेंक ने धारा 6 की उपधारा (2) और (3) के शर्तों के अनुसार पूंजीगत लेखा लेन- देन पर विभिन्‍न विनियम जारी किए हैं ।

धारा 7- माल एवं लेखा निर्यात के बारे में प्रत्‍येक निर्यातकों को पूर्ण निर्यात मूल्‍य के बारे में घोषणा आदि किसी अन्‍य प्राधिकरण या भारतीय रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करना अपेक्षित है ।

धारा-8 भारत में निवास व्यक्तियों पर दायित्‍व डालना जिनके पास कोई विदेशी मुद्रा देय राशि है या भारतीय रिजर्व बैंक,द्वारा विनिर्दिष्‍ट रीति और विनिर्दिष्‍ट अवधि के अन्‍दर भारत में प्रत्‍यावर्तित और उसे वसूली के लिए उनके पक्ष में प्रोदभूत किया गया है ।

धारा 10 और 12 – प्राधिकृत व्यक्तियों के शुल्‍कों और देयताओं के संबंध में । इस नियम की धारा 2(ग) में प्राधिकृत व्‍यक्‍ति को परिभाषित किया गया है जिससे अभिप्राय एक प्राधिकृत व्‍यक्‍ति डीलर, मुद्रा परिवर्तन, विदेश में स्थित आफशोर बैकिंग इकाई या अन्‍य व्‍यक्‍ति को कुछ समय के लिए विदेशी मुद्रा या विदेशी प्रतिभूतियां हैं ।

धारा 13 और 15 – इस नियम के अंतर्गत संयुक्‍त उल्लंघन के अतिरिक्‍त न्याय निर्णयन प्राधिकरण के शास्‍तियां और प्रवर्तन के अधिनियम ।

धारा 36 से 37 – इस नियम के अंतर्गत शक्‍तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए आदेश या अधिनियम, नियम, विनियम, अधिसूचनाएं , निर्देशनों के किसी भी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच कराने के लिए शक्तियां और प्रवर्तन निदेशालय के स्थापन के संबंध में है विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है । प्रवर्तन निदेशक और सहायक निदेशक श्रेणी के अन्‍य प्रवर्तन अधिकारी को जांच करने के लिए अधिकार दिए गए हैं ।

प्रवर्तन निदेशालय की भूमिका

प्रवर्तन निदेशालय मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियमों के प्रावधानों और अधिनियमों के उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए इसके तहत जारी नियम और विनियमों से संबंधित है । निदेशालय के अधिकारी न्यायनिर्णयन कार्य भी निष्‍पादित करते हैं ताकि अधिनियम के उल्लंघन के लिए व्‍यक्‍तियों पर शास्‍ति अधिरोपित की जाए ।

प्रवर्तन निदेशालय का मुख्‍यालय नई दिल्‍ली में है । इसके दस क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद , विदेशी मुद्रा अर्जन क्या है बंगलौर, चंडीगढ़ , चेन्‍नई , कोचीन, दिल्ली, हैदराबाद , लखनऊ, कोलकाता और मुम्‍बई में है । क्षेत्रीय कार्यालयों के अध्‍यक्ष उप निदेशक हैं निदेशालय के 11 उप क्षेत्रीय कार्यालय भुवनेश्‍वर, कालीकट, गुवाहाटी, इंदौर, जालन्‍धर, जयपुर, मदुरै, नागपुर, पटना, श्रीनगर और वाराणसी में है । । इसके अतिरिक्त‍ तीन विशेष प्रवर्तन निदेशक और दो अतिरिक्त प्रवर्तन निदेशक हैं ।

धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 49 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्‍तियों के प्रयोग में, धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच शीघ्र करने हेतु प्रवर्तन निदेशालय की सहायता करने के लिए, सरकार ने हाल ही में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) की धारा 36 की उप-धारा (2) के तहत प्रवर्तन निदेशालय में नियुक्‍त प्रवर्तन अधिकारी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए) 2002 के प्रयोजनों हेतु सहायक निदेशक के रूप में अधिकृत किया है ।

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