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बाजार में शिवलिंग

बाजार में शिवलिंग
अराजक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस यदि रात में सही तरीके से गश्त करती तो किसी बाजार में शिवलिंग की इतनी हिम्मत नहीं होती कि वह मंदिर में स्थापित शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करता। सावन के सोमवार पर माहौल बिगाड़ने के लिए यह सब रविवार की देर रात जान-बूझकर किया गया है।

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, ‘शिवलिंग’ की नहीं होगी कार्बन डेटिंग

Gyanvapi Case

Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग को वाराणसी जिला कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इसे हिंदू पक्ष के लिए झटका माना जा रहा है। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। मुख्य प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने भी मस्जिद में स्थित कथित शिवलिंग की जांच कराने का विरोध किया था।

हिन्दू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि हमारी कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि शिवलिंग के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो, अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। हम उच्च न्यायालय में भी अपनी बात रखेंगे क्योंकि विज्ञान की कसौटी पर जीवन जिया जा सकता है।

29 सितंबर को की गई थी मांग

हिंदू पक्ष ने 29 सितंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच के साथ-साथ ‘अर्घा’ और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की मांग की थी। बता दें कि कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो किसी पुरातात्विक वस्तु या पुरातात्विक खोजों की आयु का पता लगाती है।

कार्बन डेटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लकड़ी, चारकोल, पुरातात्विक खोज, हड्डी, चमड़े, बाल और खून का अवशेष कितना पुराना है, इसका पता लगाया जा सकता है, हालांकि इससे अनुमानित उम्र ही पता चलती है। बता दें कि पत्थर और धातु की डेटिंग नहीं की जा सकती, हां अगर पत्थर में किसी प्रकार का कार्बनिक पदार्थ मिलता है तो उससे एक अनुमानित उम्र का पता किया जा सकता है।

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मध्य प्रदेश में है एक ऐसा शिवलिंग जिसका आकार हर साल रहा है बढ़, इस सावन करिये यहां के दर्शन

Published: July 18, 2022 1:52 PM IST

मध्य प्रदेश में है एक ऐसा शिवलिंग जिसका आकार हर साल रहा है बढ़, इस सावन करिये यहां के दर्शन

सावन के महीने में शिव मंदिरों के दर्शन और पूजा-पाठ को बेहद पवित्र और पुण्य माना जाता है. यही वजह है कि इस महीने श्रद्धालु अति प्राचीन शिव मंदिरों और ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए जाते हैं और वहां भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा भी शिवलिंग है, जिसका आकार लगातार बढ़ने का दावा किया जा रहा है. आइये जानते हैं कि कहां है यह शिवलिंग और क्यों बढ़ रहा है इसका आकार.

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जिस शिवलिंग के आकार का लगातार बढ़ने का दावा किया जा रहा है, वो मध्य प्रदेश के खजुराहो में स्थित है. इस प्राचीन शिव मंदिर का नाम मातंगेश्‍वर है. वैसे भी सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश स्थित खजुराहो पर्यटन के लिहाज से काफी लोकप्रिय है और इस पुरानी धरोहर को यूनेस्को ने भी विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया हुआ है. यहीं मातंगेश्वर मंदिर है, जहां के शिवलिंग की ऊंचाई 9 मीटर है. इस शिवलिंग के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. कहा जा रहा है कि यहां के इस शिवलिंग का आकार हर साल करीब एक इंच बढ़ रहा है. बाकायदा इस शिवलिंग को हर साल इंच टेप से नापा जाता है, जिससे इसके आकार के बढ़ने की पुष्टि होती है. इस शिवलिंग को लेकर यह भी दावा किया जाता है कि जितना यह शिवलिंग धरती के ऊपर है, उतना ही नीचे भी.

सावन के महीने में यहां लगता है श्रद्धालुओं का तांता

सावन के महीने में इस मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस मंदिर को लेकर पौराणिक कथा है कि भगवान शिव के पास पन्ना रत्न था, जिसे उन्होंने युधिष्ठिर को दिया था. युधिष्ठिर से वह मणि मतंग ऋषि के पास पहुंची और उन्होंने उसे राजा हर्षवर्मन को दे दिया. राजा हर्षवर्मन ने इस मणि को जमीन में गाड़ दिया.जिससे यह शिवलिंग इस मणि के ऊपर प्रकट हुआ है. मतंग ऋषि के रत्न के कारण ही इसका नाम मातंगेश्वर महादेव पड़ा.

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वाराणसी : सावन के सोमवार पर माहौल बिगाड़ने के लिए पलहीपट्‌टी बाजार स्थित मंदिर का शिवलिंग अराजक लोगों ने क्षतिग्रस्त किया

Varanasi: In order to spoil the atmosphere on Monday of Sawan, the Shivling of the temple located at Palahipatti market was damaged by the chaotic people.

सावन के दूसरे सोमवार को पूजा-पाठ के मद्देनजर स्थानीय लोग मंदिर में साफ-सफाई करने पहुंचे तो उन्होंने देखा बाजार में शिवलिंग कि शिवलिंग क्षतिग्रस्त है। घटना की जानकारी ग्राम प्रधान हुकुम सिंह को दी गई तो वह मंदिर पहुंचे।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी। सावन के दूसरे सोमवार की सुबह वाराणसी के पलहीपट्‌टी बाजार स्थित मंदिर का शिवलिंग क्षतिग्रस्त मिला। लोगों को इसकी जानकारी मिली तो देखते-ही-देखते मंदिर के सामने भीड़ इकट्‌ठा हो गई। घटना से गुस्साए लोगों की भीड़ के चलते वाराणसी-सिंधोरा मार्ग पर कुछ देर के लिए जाम लग गया। ग्राम प्रधान और पुलिस ने लोगों को समझा कर मामला शांत कराया। तत्काल क्षतिग्रस्त शिवलिंग की मरम्मत कराई गई।

वाराणसी में अराजक तत्वों ने तोड़ा शिवलिंग, सावन में माहौल बिगाड़ने का प्रयास, ग्रामीणों और कांवड़ियों ने किया हंगामा

वाराणसी में अराजक तत्वों ने तोड़ा शिवलिंग, सावन में माहौल बिगाड़ने का प्रयास, ग्रामीणों और कांवड़ियों ने किया हंगामा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: प्रशांत कुमार सिंह

Updated on: Jul 25, 2022 | 2:08 PM

सावन का दूसरे सोमवार पर वाराणसी के पलहीपट्टी बाजार में अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की. यहां सभी शिव मंदिरों में बाबा की पूजा अभिषेक चल रही है. इसी बीच यूनियन बैंक के पास स्थित मंदिर में शिवलिंग अरघे पर लगे हुए टाइल्स जिस पर भगवान शंकर की फोटो बनी थी, किसी शरारती तत्व ने तोड़ दिया. शिव मंदिर में बाबा के अरघे को क्षतिग्रस्त किये जाने की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय लोगों की भारी भीड़ वहां इकट्ठा हो गयी. इस दौरान लोगों ने माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन के सामने जमकर विरोध दर्ज कराया.

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पारद शिवलिंग की पहचान कैसे करें?

अगर आप भी असली पारद शिवलिंग (shivling at home) की पहचान करना चाहते है तो सबसे पहले यह ध्यान रखे की जब इसे हथेली पे घिसा जाये तो किसी किस्म की कालिख नहीं आती। इसके अलावा जब असली पारद शिवलिंग को जल में रख कर धुप में रखा जाता है तो कुछ समय बाद पारद शिवलिंग पर शुद्ध स्वर्ण जैसी आभा आ जाती है।

इन सबके अलावा अगर लैब में टेस्ट करवाने पर टेस्ट रिपोर्ट में जस्ता, सिक्का और कलई ये धातुएं आ जाएं तो पारद शिवलिंग नकली और दोषयुक्त होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि रसायनशास्त्र में इन धातुओं को पारद के दोष कहा गया है।

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