आरंभिक निवेश

रु.500 के साथ, मैं किस तरह के रिटर्न (लाभ) की अपेक्षा कर सकता हूँ?
निवशेक चाहे रु.500 निवेश करें या रु.5 करोड़,लाभ समान होते हैं। कोई भ्रम है?
यदि आप लाभ को प्रतिशत आधार पर देखेंगे तो कोई भ्रम नहीं होगा। उदाहरण के लिए, यदि किसी योजना में 12% प्रतिवर्ष का लाभ मिलता है तो दो वर्षों में रु.500 का निवेश बढ़ कर रु.627.20 हो जाएगा। रु.1,00,000 का निवेश उसी योजना में उसी अवधि में बढ़ कर रु.1,25,440 हो जाएगा। दोनो ही मामलों में वृद्धि की दर समान होती है केवल अंतिम राशि में अंतर आता है, क्योंकि आरंभिक राशि में अंतर आरंभिक निवेश है।
यहां पर हमें दो चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत है। किसी भी निवेशित राशि के लिए प्रतिशत आधार पर रिटर्न (लाभ) समान होता है। हालांकि, शुरुआत में बड़ी राशि का निवेश अधिक लाभ देगा।
किसी निवेशक को शुरुआत करने से इन बातों से विचलित नहीं होना चाहिए। निवेश करने में यह सबसे महत्वपूर्ण गतिविधि है।
अर्थव्यवस्था के लिए निवेश जरूरी
यह तो सर्वविदित सत्य है कि कोरोना ने हमारी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। परंतु आज ऐसा समय है जब हम अपने आसपास कोरोना पीडि़तों को देखते हैं या कोरोना से किसी अपने के देहांत की खबर सुनते हैं, तो यह सोच कर सुखद अहसास होता है कि हम अभी ठीक हैं। उस पल हमें सरकार की हर बंदिश स्वीकार होती है, क्योंकि उस समय हमें केवल अपनी जान की फिक्र होती है। परंतु इसके कुछ समय बाद ही हम फिर से सत्ता और प्रशासन की बुराई करते पाए जाते हैं, कि कब तक लॉकडाउन चलेगा, देखो आरंभिक निवेश अर्थव्यवस्था का कितना बुरा हाल हो रहा है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं, दुकाने बंद हैं, कैसे घर चलेंगे आदि-आदि। सारा मुल्क और मुल्क के बाशिंदे सभी बहुत परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। एक ओर सरकार टीकाकरण अभियान को तेज कर रही है, दूसरी ओर चंद मुनाफाखोर टीकों की कालाबाजारी कर रहे हैं।
इतनी गंभीर परिस्थिति में जहां देश के नागरिकों की जान का सवाल हो, जिससे जो बन पड़ता हो वह करने के लिए आगे आए। जहां एक ओर चिकित्सक वर्ग मरीजों की जान बचाने, उनका मनोबल बढ़ाने, उन्हें ठीक कर घर भेजने में लगे हैं, उसी तरह मरीज व चिकित्सा वर्ग के परिवारों की सहायता व उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। जहां तक अर्थव्यवस्था को चलाने का प्रश्न उठता है, उसके लिए यह कहना उचित होगा कि व्यवसायी वर्ग जल्दी से जल्दी टीकाकरण करवा कर कोरोना से प्रत्यक्ष युद्ध के लिए तैयार हो तथा सरकार व देश के धनाढ्य वर्ग को चाहिए कि किसी भी क्षेत्र, चाहे वो कृषि हो या उद्योग या सेवाएं, में आरंभिक निवेश कर अर्थव्यवस्था का टीकाकरण करें और निवेश से आय, आय से व्यय और व्यय से आय व बचत तथा बचत से पुनः निवेश की प्रक्रिया को सजीव करें। कोरोना काल के दौरान अर्थव्यवस्था का बड़ा नुकसान हुआ है। करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने तथा खोए हुए रोजगार को फिर से खड़ा आरंभिक निवेश करने की जरूरत है। जो मजदूर शहरों से गांवों को लौटे हैं, उन्हें गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराना होगा। सरकार को विभिन्न योजनाओं में खुद निवेश करना होगा ताकि आर्थिकी फिर से पटरी पर लौट आए।
उद्यमशीलता पुरस्कार के लिए आवेदन शुरू, युवा आरंभिक निवेश आंत्रप्रिन्योर होंगे सम्मानित
ग्वालियर | कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने राष्ट्रीय उद्यमशीलता पुरस्कार के आवेदन आमंत्रित किए हैं। एग्रीकल्चर, फूड, हेल्थ, टूरिज्म, फार्मा जैसे सेक्टर में बिजनेस कर रहे सक्सेसफुल आंत्रप्रिन्योर को यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। विजेताओं को पुरस्कार के रूप में 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक की राशि प्रदान की जाएगी। आवेदन 10 सितंबर तक किए जा सकते हैं। ए-कैटेगरी में 1 लाख रुपए तक आरंभिक निवेश से बिजनेस शुरू करने वाले 13 आंत्रप्रिन्योर को पुरस्कृत किया जाएगा।
NLMC: राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम के गठन को मिली मंजूरी, रेलवे, रक्षा जैसे विभागों की अतिरिक्त जमीनें अब बेचेगी सरकार
आपको बता दें कि सीपीएसई के पास बड़ी तादाद में ऐसी जमीनें व भवन हैं, जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है या बिलकुल इस्तेमाल नहीं हो रहा है या ये बेकार पड़े हैं।
NLMC: राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम के गठन को मिली मंजूरी, रेलवे, रक्षा जैसे विभागों की अतिरिक्त जमीनें अब बेचेगी सरकार
Highlights मोनेटाइजेशन या मुद्रीकरण की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 'राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम' (NLMC) के गठन को मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें सीपीएसई के पास बड़ी तादाद में ऐसी जमीनें व भवन हैं, जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है।
NLMC: मोनेटाइजेशन या मुद्रीकरण की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 'राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम' (NLMC) के गठन को मंजूरी मिली है। आपको बता दें कि कई ऐसे नवगठित निगम बंद पड़े या बंद होने की कगार पर पहुंचे या उन्हें बेचे जा रहे है। अब सरकार इन बंद नवगठित निगमों को सार्वजनिक उद्यमों (PSUs) की अतिरिक्त भूमि का मुद्रीकरण आरंभिक निवेश करेगा। इसका मतबल यह हुआ कि सरकार अब इन संस्थानों की अतिरिक्त जमीनों को बेचकर राजस्व को जुटाएगी। गौरतलब है कि एनएलएमसी का गठन भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक कंपनी के रूप में होगा।
आरंभिक अधिकृत अंश पूंजी होगी 5 हजार करोड़ रुपए
इस 'राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम' (NLMC) की आरंभिक अधिकृत अंश पूंजी 5 हजार करोड़ रुपए होगी, जबकि चुकता अंश पूंजी 150 करोड़ रुपए तय की गई है। इस मामले में एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। यह सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों व अन्य सरकारी एजेंसियों की अतिरिक्त भूमि या भवनों के मुद्रीकरण का काम करेगा।
जानने वाली बात यह है कि इसके तहत उन बेकार पड़ी जमीनों व भवनों को बेचा जाएगा, जिनकी सरकार को जरूरत नहीं है। इनका नकदीकरण कर सरकार के खजाने को भरा जाएगा। वहीं गैर-प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण के साथ, सरकार अप्रयुक्त और कम उपयोग वाली संपत्तियों का मुद्रीकरण करके पर्याप्त राजस्व जुटाने में सक्षम होगी।
बेकार जमीनों को किया जाएगा इस्तेमाल
फिलहाल सीपीएसई के पास बड़ी तादाद में ऐसी जमीनें व भवन हैं, जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है या बिलकुल इस्तेमाल नहीं हो रहा है। या यह कह ले कि ये बेकार पड़े हैं। वहीं इनके विमुद्रीकरण से इन जमीनों व भवनों का जहां उत्पादक कार्यों में उपयोग हो सकेगा, वहीं इससे निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ेगा और नई आर्थिक गतिविधियां शुरू आरंभिक निवेश हो सकेंगी। इसके साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक व सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय संसाधन पैदा किए जा सकेंगे।