सिग्नल कैसे काम करते हैं?

Signal App आपके मैसेजेस का असुरक्षित बैकअप्स क्लाउड को नहीं भेजता है। जहां इसे गूगल और वॉट्सऐप समेत कोई भी पढ़ सकता है। जबकि, इन्हें आपके फोन में एनक्रिप्टेड डेटाबेस में स्टोर किया जाता है। साथ ही ये ऐप अपने सर्वर में आपके कॉन्टैक्ट्स तक नहीं रखता है और ये आपको आपके फ्रेंड्स मैच कराने के लिए दूसरी प्राइवेसी फ्रेंडली मेथड का इस्तेमाल करता है। इसकी दूसरी खासियत ये है कि Signal ऐप अपने User को Data Linked to You फीचर देता है। इस फीचर को इनेबल करने के बाद कोई भी चैटिंग के दौरान उस चैट का स्क्रीनशॉट नहीं ले सकता। यह प्रक्रिया एक मैसेज को सबसे अधिक सुरक्षित रखने की संतुष्टि देती है। पिछले दिनों जब सुशांत केस में फिल्मी हस्तियों की चैट वायरल हुई थी तो भी यह मुद्दा बड़े पैमाने पर उठा था कि आखिर कैसे सिग्नल कैसे काम करते हैं? किसी की Chat वायरल हो सकती है? तब लोगों ने सवाल उठाए थे कि क्या End to End encrypted की बात सिर्फ WhatsApp का दिखावा भर है।
Signal App क्या है ? इसे डाउनलोड व इस्तेमाल कैसे करे ?
What is Signal App Full Information in Hindi:- Signal App बहुत ही कम समय में काफी ज्यादा फेमस हुई है। आपने भी कहीं ना कहीं इस एप्लीकेशन का नाम जरूर सुना होगा। अगर आपने इसका नाम सुना है ? लेकिन आप इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं ? तो यह लेख आपके लिए ही है। क्योंकि आज इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं कि Signal App क्या है ? यह किस काम आता है ? Signal App Download कैसे करे ? सिग्नल ऐप को कैसे इस्तेमाल करें ? और इस ऐप में कौन कौन से फ़ीचर्स है ? Whatsapp और Signal App में क्या अंतर है ? आदि।
तो अगर आप इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा।
Whatsapp vs signal, what is difference between whatsapp and signal app,
Signal App Kya Hai in Hindi ? सिग्नल एप्प क्या है ?
Signal एक एंड्राइड एप्पलीकेशन है, जिसका इस्तेमाल हम ऑनलाइन एक दूसरे से कम्युनिकेशन करने के लिए कर सकते है। इस एप्प से आप अपने दोस्तों के साथ चैट सिग्नल कैसे काम करते हैं? सिग्नल कैसे काम करते हैं? सिग्नल कैसे काम करते हैं? कर सकते है, उन्हें फ़ोटो, वीडियो, ऑडियो तथा अन्य कई प्रकार की files भेज सकते है, साथ ही सिंगल व ग्रुप वॉइस व वीडियो कॉल भी कर सकते है। इस एप्प के और भी कई फ़ीचर्स सिग्नल कैसे काम करते हैं? है, जिनके बारे में हम नीचे डिटेल से बात करेंगे।
Signal एप्प को प्ले स्टोर पर 17 दिसंबर 2020 को लॉन्च किया गया था, और सिर्फ एक महीने में ही इस एप्प को 10 मिलियन से भी ज्यादा लोगो ने अपने मोबाइल में इसे इनस्टॉल भी कर लिया है। इस एप्प को यूज़ करने वाले लोगो ने प्ले स्टोर पर इसे 5 में से 4.5 star रेटिंग थी, जिससे यह पता चलता है कि लोगो ने इसे काफी पसन्द किया है।
इस एप्प को अभी लॉन्च हुए महीना भर ही हुआ है और इतने कम समय में यह बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो गया है। इसे whatsapp का alternat माना जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार तो यह व्हाट्सएप से भी काफी बेहतर एप्प माना जा रहा है।
Signal App Features in Hindi
- इस एप्प का सबसे अच्छा फीचर यही है कि इसमें हमारी चैट end-to-end encrypted होती है, इसलिए किसी भी तीसरे व्यक्ति को यह कभी भी पता नही चलता है कि हम किस से क्या क्या चैट कर रहे है।
- इस एप्प में हम अपने दोस्तों के साथ चैटिंग करने के अलावा उन्हें फोटो, वीडियो, ऑडियो, पीडीएफ तथा और भी अन्य कई प्रकार की पाइल्स सेंड कर सकते हैं।
- इस ऐप की मदद से हम अपने दोस्तों के साथ वॉइस और वीडियो कॉल भी कर सकते हैं।
- इसमें हम ग्रुप वीडियो कॉल भी कर सकते हैं।
- इस ऐप में हम ग्रुप बनाकर अपने दोस्तों के साथ तथा फैमिली मेंबर्स के साथ ग्रुप चैटिंग भी कर सकते हैं।
- सिग्नल एप्प की मेसेजिंग सर्विस काफी फास्ट है, अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन स्लो हुआ ? तब भी आप का मैसेज सामने वाले के पास तुरंत पहुंच जाएगा।
- इस एप्प में किसी भी प्रकार की एडवरटाइजमेंट या ads आपको देखने को नहीं मिलेंगे। ना ही यह एप्प आपकी लोकेशन आदि को ट्रैक करता है।
- Signal App में Dark Mode भी अवेलेबल है। इसलिए अगर आप इसकी थीम चेंज करना चाहे, तो आप वो भी कर सकते है।
- इस ऐप में आप सभी कॉन्टेक्ट्स के लिए अलग-अलग नोटिफिकेशन ट्यून्स सिलेक्ट कर सकते हैं। साथ ही अगर आपको किसी कांटेक्ट के नोटिफिकेशन ट्यून्स को बंद करना हो ? तो आप यह भी कर सकते हैं।
आविष्कार: ट्रैफिक सिग्नल में ''एक्सट्रा ब्लू लाइट'' से थमेगा वायु प्रदूषण, जानिए कैसे
मुंबई: ट्रैफिक सिग्नल में वैसे तो तीन लाइटें लगी होती हैं. पीली, लाल और हरी. पीली लाइट लोगों सिग्नल कैसे काम करते हैं? को चेतावनी देती है, लाल रोकती है और हरी आगे जाने का इशारा करती है. लेकिन अब चौथी लाइट भी ट्रैफिक सिग्नल्स में लगी होगी. ब्लू लाइट. दावा किया जा रहा है कि ट्रैफिक सिग्नल में इनके लगने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी. कैसे? आईए जानते हैं.
महाराष्ट्र की दो बहनों से सुझाया ये रास्ता
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित घाटकोपर की रहने वाली दो बहनों ने एक नया आइडिया सुझाया है. उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल में एक ब्लू लाइट जोड़ने का रास्ता सुझाया है. इन दोनों बहनों का नाम शिवानी खोटे और ईशा खोटे हैं. इन्होंने ट्रैफिक सिग्नल का एक मॉडल भी बनाया है जिसमें एक ब्लू लाइट लगी है. इनका दावा है कि इस ब्लू लाइट से प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी.
WhatsApp Vs SignalApp: जानिए सिक्योरिटी और प्राइवेसी के मामले में कौन है बेहतर
Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 09, 2021 23:21 IST
Photo:INDIA TV
Signal App vs WhatsApp Privcay Policy know all about
नई दिल्ली। सबसे पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatApp के अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद से यूजर दूसरे अल्टरनेटिव्स की तरफ जा रहे हैं। यूजर Signal और Telegram जैसे दूसरे प्राइवेसी फोकस्ड इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप को अपना रहे हैं। Signal App की डाउनलोडिंग में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। केवल भारत में ही पिछले एक सप्ताह में सिग्नल (Signal App) की डाउनलोडिंग में 36 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। Signal ऐप अपने User को Data Linked to You फीचर देता है।
WhatsApp Pay: SBI, HDFC सहित इन चार बैंकों पर भी मिलेगी व्हाट्सएप पे की सर्विस, 2 करोड़ यूजर्स को होगा फायदा
टेलीग्राम के बाद Signal App को व्हाट्सएप के सबसे बड़े विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। Signal ऐप की चर्चा सबसे ज्यादा इसकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर है इसलिए Signal ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से समझ लीजिए। Signal एक ऐसा ऐप है जो यूजर डेटा के नाम पर केवल लोगों से कॉन्टैक्ट नंबर लेता है। इस ऐप को दुनियाभर में जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट, पॉलिटिशियन्स, लॉयर्स और सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स भी बड़ी संख्या में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में हम आपको Signal ऐप और व्हाट्सएप के बारे में बता रहे हैं।
इस पर मालिकाना हक किसी बड़े कॉर्पोरेशन का नहीं है
एपल के एप स्टोर पर Signal एप के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक एप यूजर्स से मोबाइल नंबर के अलावा कोई भी जानकारी नहीं लेता है और इस मोबाइल नंबर से वह आपकी पहचान को उजागर नहीं करने का दावा करता है। Signal Messenger LLC, जो कि Mozilla जैसे एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन सिग्नल फाउंडेशन के अंडर काम करता है। इसे तब बनाया गया था जब Acton ने कंपनी छोड़ी और सिग्नल को 50 मिलियन डॉलर डोनेट किया। एनक्रिप्टेड टेक्स्टिंग के लिहाज से ये काफी अच्छा है। सिग्नल फाउंडेशन एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है और किसी मेजर टेक कंपनी से इसकी कोई साझेदारी नहीं है। इस ऐप का डेवलपमेंट Signal यूजर्स के डोनेशन सपोर्ट से होता है।
Mobile Phone कैसे काम करता है
हेलो दोस्तों। आज हम आपको बताएंगे Mobile Phone कैसे काम करता है। अगर आप एक मोबाइल फोन यूजर है तो ऐसे में आपके मन में भी यह विचार आता होगा कि आखिर मोबाइल फोन किस तरह काम करता है। कैसे हम अपने मोबाइल फोन की मदद से एक जगह पर बैठे बैठे सभी रिस्तेदारों और परिचितों से देश और दुनिया के किसी भी कोने में बात कर लेते हैं। अगर आप इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक पूरा पढ़े। इस आर्टिकल में हमने आपको बहुत ही आसान शब्दों में मोबाइल फोन कैसे काम करता है इसके बारे में समझाया है।
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Mobile Phone कैसे काम करता है |
Mobile Phone कैसे काम करता है
जब हम किसी से अपने मोबाइल फोन की मदद से बात करते हैं तो हमारी आवाज मोबाइल फोन में लगे माइक्रोफोन से होकर गुजरती हैं और माइक्रोफोन हमारी आवाज को डिजिटल सिग्नल में बदल देता है यह डिजिटल सिग्नल 0 और 1 में होते हैं जब यह डिजीटल सिग्नल मोबाइल फोन में लगे एंटीना में पहुँचते है तो इन्हें मोबाइल एंटीना विधुत चुम्बकीय तरंगों में प्रसारित करता है। हालांकि यह विधुत चुम्बकीय तरंगे लम्बी दूरी की यात्रा कर पाने में असमर्थ होती है। वे भौतिक वस्तुओं, विधुत उपकरणों और कुछ पर्यावरणीय कारको के कारण अपनी क्षमता खो देती हैं। इसलिए इन विधुत चुम्बकीय तरंगों को सोलर टावर की मदद से हाई फ्रीक्वेंसी लाइट पपल्सस में बदल कर एक जगह से दूसरे जगह पर पहुँचाया जाता हैं। MSC यानी मोबाइल स्विटचिंग सेंटर के पास सभी टेलीकॉम ऑपरेटर के कस्टमर का डाटा होता हैं जब हम कॉल के माध्यम से मोबाइल टॉवर को सिग्नल भेजते हैं MSC पता लगाता है कि जिस किसी यूजर को कॉल किया है वो किस MSC परिक्षेत्र में है तो MSC उस एरिया के MSC में सिग्नल ट्रांसफर कर देता है प्रत्येक क्षेत्र में अलग अलग MSC होते हैं जो कि एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं। इस तरह सिग्नल जिस मोबाइल फोन यूजर से कनेक्ट होती है उससे हम आसानी से बात कर पाते हैं।
आविष्कार: ट्रैफिक सिग्नल में ''एक्सट्रा ब्लू लाइट'' से थमेगा वायु प्रदूषण, जानिए कैसे
मुंबई: ट्रैफिक सिग्नल में वैसे तो तीन लाइटें लगी होती हैं. पीली, लाल और हरी. पीली लाइट लोगों को चेतावनी देती है, लाल रोकती है और हरी आगे जाने का इशारा करती है. लेकिन अब चौथी लाइट भी ट्रैफिक सिग्नल्स में लगी होगी. ब्लू लाइट. दावा किया जा रहा है कि ट्रैफिक सिग्नल में इनके लगने से सिग्नल कैसे काम करते हैं? वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी. कैसे? आईए जानते हैं.
महाराष्ट्र की दो बहनों से सुझाया ये रास्ता
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित घाटकोपर की रहने वाली दो बहनों ने एक नया आइडिया सुझाया है. उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल में एक ब्लू लाइट जोड़ने का रास्ता सुझाया है. इन दोनों बहनों का नाम शिवानी खोटे और ईशा खोटे हैं. इन्होंने ट्रैफिक सिग्नल का एक मॉडल भी बनाया है जिसमें एक ब्लू लाइट लगी है. इनका दावा है कि इस ब्लू लाइट से प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी.