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क्रिप्टो बैन

क्रिप्टो बैन
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

Cryptocurrency: रिजर्व बैंक क्रिप्टो पर बैन लगाना चाहता है लेकिन इसके लिए क्रिप्टो बैन चाहिए ग्लोबल सपोर्ट-निर्मला सीतामरण

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrencies) के बारे में सरकार का रुख साफ किया है। सोमवार (18 जुलाई) को उन्होंने संसद में इस बारे में बयान दिया। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध या सख्त नियमों के प्रभावी होने के लिए दूसरे देशों का सहयोग (Global Collaboration) जरूरी है।

RBI क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सख्त नियम बनाने और इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने के पक्ष में रहा है। सीतारमण ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, "RBI देश की मॉनेटरी और फिस्कल स्टैबिलिटी के लिए क्रिप्टोकरेंसीज को खतरा बता चुका है। उसने इस सेक्टर के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है। RBI का मानना है कि इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। "

Crypto Ki Samajh: अगर सरकार ने लगाया बैन तो आपकी खरीदी क्रिप्‍टोकरेंसी का क्‍या होगा?

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेश से खुद को डॉक्टर को बताती थीं. बिटक्वॉइन (Bitcoin) की सफलता को देखने के बाद रुजा ने वनक्वॉइन को लॉन्च किया था.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेश से खुद को डॉक्टर को बताती थीं. बिटक्वॉइन (Bitcoin) की सफलता को देखने के बाद रुजा ने वनक्वॉइन को लॉन्च किया था.

Crypto Ki Samajh- अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) में निवेश करने में रुचि रखते हैं या इसमें पैसा लगाया है तो ये खबर आपके बेहद काम की है. दरअसल, भारत सरकार जल्द ही Crypto Currency क्रिप्टो बैन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाली है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 24, 2021, 08:23 IST

नई दिल्ली. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) में निवेश करने में रुचि क्रिप्टो बैन रखते हैं या इसमें पैसा लगाया है तो ये खबर आपके बेहद काम की है. दरअसल, क्रिप्टो बैन भारत सरकार जल्द ही Crypto Currency पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाली है. 26 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में केंद्र सरकार 26 नए बिल को पेश करेगी, जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल है. मंगलवार शाम को शीतकालीन सत्र के लिए क्रिप्टो बैन जारी लेजिस्लेटिव एजेंडा से यह जानकारी मिली है.

क्रिप्टो बिल में अधिकांश डिजिटल करंसी पर बैन संभव

क्रिप्टो बिल में अधिकांश डिजिटल करंसी पर बैन संभव

सरकार क्रिप्टो करंसी के खतरे को देखते हुए अधिकांश डिजिटल करंसी पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। क्रिप्टो बिल में इसपर गंभीरता से आकलन हो रहा है। लेकिन सरकार डिजिटल मुद्राओं में संभावनाओं का लाभ उठाने से भी उपभोक्ताओं को वंचित नहीं करना चाहती है। इसको लेकर ब्लॉकचेन आधारित सीमित उपयोग वाली डिजिटल मुद्रा (एनएफटी) की अनुमति देने पर विचार कर रही है। साथ ही कुछ आभासी डिजिटल संपत्तियों (वीडीए) को वैध बनाने की योजना है।

मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि यह योजनाएं उस चीज का हिस्सा हैं, जिसे अंततः एक नए कानून में संहिताबद्ध किए जाने की संभावना है, एक बार विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा समाप्त होने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

Crypto Ki Samajh: अगर सरकार ने लगाया बैन तो आपकी खरीदी क्रिप्‍टोकरेंसी का क्‍या होगा?

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेश से खुद को डॉक्टर को बताती थीं. बिटक्वॉइन (Bitcoin) की सफलता को देखने के बाद रुजा ने वनक्वॉइन को लॉन्च किया था.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेश से खुद को डॉक्टर को बताती थीं. बिटक्वॉइन (Bitcoin) की सफलता को देखने के बाद रुजा ने वनक्वॉइन को लॉन्च किया था.

Crypto Ki Samajh- अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) में निवेश करने में रुचि रखते हैं या इसमें पैसा लगाया है तो ये खबर आपके बेहद काम की है. दरअसल, भारत सरकार जल्द ही Crypto Currency पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाली है.

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  • Last Updated : November 24, 2021, 08:23 IST

नई दिल्ली. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) में निवेश करने में रुचि रखते हैं या इसमें पैसा लगाया है तो ये खबर आपके बेहद काम की है. दरअसल, भारत सरकार जल्द ही Crypto Currency पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने वाली है. 26 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में केंद्र सरकार 26 नए बिल को पेश करेगी, जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल है. मंगलवार शाम को शीतकालीन सत्र के लिए जारी लेजिस्लेटिव एजेंडा से यह जानकारी मिली है.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve क्रिप्टो बैन Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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